बारिश में भीगी चुदासी मम्मी की खेत में चुदाई- 2

मॅाम ऐस्स फक स्टोरी में खेतों में बारिश में मेरी माँ मेरे सामने पूरी नंगी हो गयी और उन्होंने मुझे भी गीले कपड़े उतारने को कहा. नंगी माँ को देख मेरा लंड खड़ा हो गया.

दोस्तो, मैं आपको पंजाब के एक गांव में घटी मॉम सन सेक्स कहानी पर आधारित एक सच्ची घटना को लिख रहा था.
कहानी के पहले भाग
बारिश में भीगी चुदासी मम्मी बेटे के सामने नंगी
में अब तक आपने पढ़ा था कि किस तरह से मूसलाधार बारिश के पानी में भीग जाने से रानो और उसका जवान लड़का रवि नंगे हो गए थे. रानो अपनी भूख मिटाने के लिए रात के अंधेरे में बरसते पानी में संतरे और अमरूद तोड़ने के लिए एकदम नंगी आगे आगे चल रही थी और उसके पीछे उसका नंगा पुत्र रवि अपना कड़क लंड उठाए हुए चल रहा था.
उसकी वासना भरी नजरें अपनी मां की थिरकती गांड को खा जाने वाली हो रही थीं.

अब आगे मॅाम ऐस्स फक स्टोरी:

नंगी रानो आगे आगे चल रही थी और रवि पीछे उसकी ऊपर-नीचे होती गांड को देखते हुए चल रहा था.
बारिश की बूंदें रानो के चिकने बदन पर हीरे की चमक सी पैदा कर रही थीं, यह देख कर रवि का लंड नब्बे डिग्री पर खड़ा होकर रानो की गांड को ताक रहा था.

रवि का लंड पूरे जोश में था और फुफकार मार रहा था.

रानो को भी पता था कि उसका बेटा उसकी गांड देख रहा है.
वह भी अब मूड में आ गई थी और अपने जवान बेटे के सामने अपनी गांड को जबरदस्त मटकाती हुई चल रही थी.

थोड़ी देर में दोनों बाग में पहुंच गए और कुछ संतरे तोड़ लिए.
रवि की नज़र अब लगातार अपनी मां की गांड और चूचियों पर थी.

वे दोनों संतरे लेने के बाद अमरूद के पेड़ के पास पहुंच गए.

रवि- मम्मी, ये तो ऊंचे लगे हैं … कैसे तोड़ेंगे?
रानो- बेटा, मैं तुम्हें उठा लेती हूँ. तुम हाथ बढ़ा कर तोड़ लेना.

रवि- अच्छा मम्मी, तुम मुझे उठा लोगी?
रानो- तुम्हें क्या लगता है, तेरी मम्मी इतनी कमज़ोर है?

रवि- नहीं उठा पाओगी.
रानो- चलो, मैं उठाती हूँ … तुम तोड़ लेना.

इतना कहकर रानो ने रवि को नीचे से पकड़ कर उठाया, तो रवि का 8 इंच का लंड रानो के बूब्स में सैट हो गया.

रवि ने अमरूद तोड़ने के लिए जब हाथ उठाया, तो वह बोला- मम्मी, थोड़ा और ऊपर करो न!

रानो ने जैसे ही थोड़ा और ऊपर किया, रवि का लंड, जो पहले से लोहे की रॉड बना हुआ था, रानो की ठोड़ी पर जोर से लगा.
इससे रानो का बैलेंस बिगड़ गया और वह नीचे गिर गई.

रवि अपनी मां के ऊपर गिर गया.
उस वक्त रवि का लंड रानो को अपनी नाभि पर महसूस हो रहा था.

दोनों के मुँह एक-दूसरे के पास थे और उनकी सांसें गर्म हो चुकी थीं.

एक बार तो रानो का दिल किया कि वह रवि का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट कर ले, पर फिर उसे याद आया कि वह अपने बेटे के नीचे है.

रानो- उठो मेरे ऊपर से रवि …

रवि- मम्मी, मैंने बोला था तुम मुझे नहीं उठा सकती. चलो, अब मैं तुमको उठाता हूँ, तुम तोड़ लेना!
रानो- ठीक है.

अब रवि ने रानो को पीछे से पकड़ कर उठाया.
रवि का लंड रानो की गांड में रगड़ खा रहा था.

रानो ने एक-दो अमरूद तोड़ लिए.
रानो- रवि, थोड़ा और उठाओ!
रवि- ठीक है मां.

रानो पर अब हवस सवार हो चुकी थी- रवि, तेरा सांप मुझे चुभ रहा है.
रवि- मम्मी, काटेगा नहीं … ये तो अपना बिल ढूँढ रहा है. अगर मिल गया, तो ये अन्दर चला जाएगा, किसी को कुछ नहीं कहेगा.

रानो- बेटा, मुझे इससे डर लग रहा है.
रवि- डरो मत मम्मी इसे बिल तो दो दिख रहे हैं, पर ये भी डरता है कि कहीं बिल का मालिक इसे मारे नहीं.

रानो- बेटा, ये बिल तो चूहे के हैं. इसमें तेरा इतना मोटा सांप नहीं जाएगा.
रवि- मम्मी, चला तो जाएगा बस आप आज्ञा दो.

रानो- बेटा, इन बिलों में कोई सांप पिछले दो सालों से नहीं गया. ये बिल तो सांप को लेने के तरस रहे हैं. बस ध्यान रखना, कहीं बिल फट न जाए.
रवि- ठीक है मम्मी.

रानो ने रवि को नीचे उतारा और वहीं घोड़ी बनकर खड़ी हो गई.

रवि उसकी गांड के छेद और चूत को सहलाने लगा.

तभी बिजली चमकी तो रवि को गांड का गुलाबी छोटा सा छेद दिखा.
रवि पागल हो गया और पागलों की तरह गांड को चाटने लगा.

रानो अब भूल गई थी कि जो जीभ उसकी गांड को चाट रही है, वह उसके बेटे की है.

उसने सारी शर्म-हया त्याग दी और अपने बेटे के सामने अपने चूतड़ों को पूरा चौड़ा करके घोड़ी बनी खड़ी थी.

रवि- मम्मी, आपकी गांड मस्त है. पापा मारते हैं क्या?
रानो- बेटा, मेरी गांड के तो तेरे पापा दीवाने हैं. उन्होंने तो सुहागरात पर ही मेरी गांड मार दी थी. बस उनका सांप नहीं … चूहा था वह भी सिर्फ 4 इंच का!

रवि- ठीक है मम्मी, अब तैयार हो जाओ 8 इंच का सांप आपकी गांड फाड़ने को तैयार खड़ा है. आपकी गांड के मुँह पर फन पटक रहा है.

रानो- बेटा, पिछले दो सालों से तरस रही थी … आज इसकी प्यास बुझा दो. इस बारिश में मेरी सुलगती हुई जवानी की प्यास को बुझा दे मेरे लाल.

रवि- जो हुकुम मेरी मां.

रवि ने अपने 8 इंच के लंड का 3 इंच मोटा टोपा अपनी मां की छोटी मोरी पर सैट किया और धक्का दे मारा.
लंड का टोपा पूरा चला अन्दर गया और रानो की आंखें बाहर आ गईं.

रानो- ओये होये बेटा, मर गई तेरी मां!

रवि ने थोड़ा सा पीछे खींचा और एक जोरदार धक्का मारा.
उसका पूरा 8 इंच का लंड रानो की चूत में समा गया.

रानो का मुँह नीचे ज़मीन में जा लगा और एक चीख निकली, जिसे बादलों की गर्जना ने दबा लिया.

रानो- बेटा धीरे चोद … मां हूँ तेरी, कोई रंडी नहीं … लगता है फट गई है मेरी!
रानो का मुँह कीचड़ से भर गया था.

रवि- ऐसी मस्त बड़ी गोल गांड मैंने आज तक नहीं देखी मम्मी.

अब रवि अपनी मां की गांड में लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
बारिश भी जोरदार चल रही थी और रानो की गांड की प्यास भी आज बुझ रही थी.

रानो का दर्द अब जा चुका था और वह बोल रही थी.

रानो- बेटा और जोर से मार अपनी मां की गांड!

रवि भी अपनी मां की गांड पर पूरी तरह सवार हो चुका था.
रानो भी अपनी गांड आसमान की तरफ उठाकर पूरा स्वाद ले रही थी.

तभी जोरदार ओले गिरने शुरू हो गए.
रवि ने एक झटके से गांड से लंड निकाला और देखा कि जो गांड कुछ समय पहले छोटी सी मोरी की मालकिन थी, अब उसका मुँह 3 इंच के पाइप जैसा हो गया था.

रवि ने एक जोरदार थप्पड़ मारा और बोला- भागो मां.

रानो भी बिना समय गंवाए भागी और रवि ने भी खुशी-खुशी संतरे और अमरूद उठा कर मां के पीछे दौड़ पड़ा.

रानो की गांड बुरी तरह ऊपर-नीचे हो रही थी और रवि का लंड भी झूल रहा था.

थोड़ी देर में दोनों उस कमरे में आ गए.
दोनों की सांसें फूल गई थीं.

रानो- बेटा, मेरे चूचे और गांड तो ओलों की मार से फट ही गए!
रवि- लाओ मम्मी, मसाज कर दूँ!

अब रवि ने फिर अपनी मां को वहीं नीचे लिटा लिया और दोनों टांगें उठाकर अपने कंधों पर रख लीं.

उसने एक झटके में पूरा लंड मां की चूत में उतार दिया और धक्के मारने लगा.
रानो की चूत में पूरे दो साल बाद कोई लंड गया था, वह भी इतना बड़ा.

रानो भी अपने बेटे के मोटे लौड़े का पूरा स्वाद ले रही थी.

दस मिनट बाद रानो ने पोजीशन बदलने को कहा और वह फिर से घोड़ी बन गई.
रवि घोड़ी की सवारी करने लगा.

रवि- मम्मी, तेरी गांड और चूत बहुत ही मस्त हैं.

रानो भी लंड की तारीफ करने लगी.

रवि ने गांड पर थप्पड़ मारते हुए कहा- मम्मी, एक बात पूछूँ?
रानो घोड़ी बनी धक्कों का स्वाद लेती हुई बोली- हां पूछ बेटा!
रवि- आपकी पापा के अलावा किसी और ने चूत या गांड मारी है क्या?

रानो- नहीं बेटा, बस तू दूसरा ही है जो इस घोड़ी की सवारी कर रहा है वर्ना तेरी मम्मी ने आज तक किसी को अपने पास फटकने तक नहीं दिया.

रवि लगातार रानो की चूत मार रहा था और गांड पर थप्पड़ मार रहा था.

रानो पिछले 40 मिनट से चुद रही थी.
इतनी देर उसके पति ने कभी नहीं चोदा था.
वह आज निहाल हो गई थी.

रवि- मम्मी … मेरा होने वाला है, कहां खाली करूँ?
रानो- बेटा, मेरी गांड में रस भर दे.

रवि ने चूत से लंड निकाला तो चूत का नक्शा ही बिगाड़ दिया था.
उसने अब एक झटके में पूरा लंड गांड में डाल दिया और अपनी मां के बालों से पकड़ लिया.
वह पूरी स्पीड से मॅाम ऐस्स फक का मजा लेने लगा.

रानो के बूब्स हवा में उसी स्पीड से झूल रहे थे.
रवि ने अब रानो की गांड में एक जोरदार झटका मारा जिससे रानो ज़मीन पर लंबी पड़ गई.

रवि ने सारा माल रानो की गांड में खाली कर दिया और उसी के ऊपर ढह गया.
कुछ देर वे ऐसे ही पड़े रहे.

रवि- मम्मी मज़ा आया आपको?
रानो- बेटा, कई सालों बाद आज बादल इस सूखी ज़मीन पर बरसे हैं.

रवि- मम्मी, अब तो जब आपका मन करे, तब आप बरसात करवा सकती हो.

अब उन दोनों ने संतरे और अमरूद खा कर अपनी क्षुधा मिटाई.
कुछ देर बाद रवि खड़ा हुआ और उसने बाहर देखा तो बारिश रुक चुकी थी.

रवि- मम्मी, चलो बारिश रुक चुकी है, घर चलते हैं.
रानो- चलो … फिर कपड़े पहन लें.

रवि ने कपड़े पहन लिए, जो अभी भी गीले थे.
रानो भी खड़ी हुई और देखा कि रवि का माल अभी भी उसकी गांड से टपक रहा था.
उसने अपने कपड़े पहनने के लिए देखे, पर ये क्या?

रानो- बेटा, मेरे कपड़े कहां गए?
रवि- मम्मी, कहीं होंगे.
रानो- बेटा, नहीं हैं मेरे कपड़े!

रवि भी घबरा गया और कपड़े ढूँढने लगा, पर कपड़े कहीं नहीं मिले.
अब दोनों घबरा गए.

रानो- बेटा, कोई आया था क्या यहां पर?
रवि- नहीं मम्मी.

रानो- फिर मेरे कपड़े कौन ले गया? रवि मेरा जी घबरा रहा है. कहीं किसी ने हमें देख तो नहीं लिया होगा?

रवि- नहीं-नहीं मां, कौन आ सकता है यहां? आपके कपड़े लगता है तेज़ हवा आई थी, तब उड़ गए होंगे.
रानो- फिर अब मैं घर कैसे जाऊंगी?
रवि- मम्मी, अब तो आपको नंगे ही मेरे पीछे बैठना पड़ेगा.

रानो- चलो, फिर ध्यान से चलो. कोई देख न ले हमें!
रवि- तुम मेरी टी-शर्ट पहन लो, नीचे कौन देखेगा.
रानो- ठीक है, ला दे.

रानो ने टी-शर्ट पहन ली और रवि के पीछे स्कूटी पर दोनों तरफ टांगें करके बैठ गई.

रानो की चूत पूरी तरह खुलकर अब रवि को छू रही थी.

दस मिनट में दोनों घर पहुंच गए.
रानो ने नीचे उतरकर गेट खोला और दोनों घर में चले गए.

रानो सीधे बाथरूम में चली गई और रवि अपने कमरे में कपड़े बदलने लगा.

थोड़ी देर में दोनों सूखे कपड़े पहनकर सोने को तैयार थे.

रानो- बेटा, सुबह जल्दी मेरे कपड़े ढूँढकर ले आना.
रवि- ठीक है मां.

दोनों सो गए. पर कोई था जो अभी भी खेत में उसी कमरे में आग सेंक रहा था और रानो के कपड़ों को बार-बार सूँघ रहा था.

वह मन में बोल रहा था, क्या माल है तू रानो, अब तो तुझे मेरे आगे घोड़ी बनना ही पड़ेगा.

आपको मेरी यह मॅाम ऐस्स फक स्टोरी पसंद आई होगी.
प्लीज जरूर लिखना ताकि मैं आगे रानो की अगली चुदाई को लिख सकूँ.
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