माँ बेटे की चुदाई कहानी में मेरी मम्मी मस्त माल थी. उनके गदराये चूचे और चूतड़ देख मेरा मन उनको चोदने का हो जाता था. एक दिन मैं मम्मी के साथ सोया था.
दोस्तो, मैं एक सीधा-साधा लड़का था।
मैं पढ़ाई करने के लिए घर से दूर रहता था।
वहाँ मैं अकेले रहता था इसलिए थोड़ा-ज्यादा ही पोर्न देखता था और मास्टरबेट करता था।
ऐसे करते-करते मुझे अपनी माँ के साथ सेक्स करने का मन होने लगा।
मैं अपनी माँ को सोचकर मास्टरबेट करने लगा, उनकी गांड के बारे में सोचकर, उनकी चूची के बारे में सोचकर खूब हिलाता था।
फिर कुछ दिनों बाद मुझे घर जाना था.
तो मैंने प्लान करना शुरू किया कि इस बार माँ को चोदना ही है एकदम मस्त तरीके से!
मैंने कई तरह के प्लान बनाए।
दोस्तो, माँ बेटे की चुदाई कहानी बनने का वो समय आ गया।
मैं घर गया और माँ से मिला।
वाह भाई, क्या गदराई गांड और चूची थी!
मैं तो पागल हो गया।
मन तो कर रहा था कि अभी पेल दूँ, लेकिन कर नहीं सकता था।
फिर माँ आईं और खाना-पानी दिया।
उनकी गांड एकदम तरबूज जैसी फूली हुई थी।
मैं तो बस उसमें अपना लंड डालना चाहता था।
फिर एक दिन की बात है, पापा को किसी काम से दूसरी जगह जाना था, 5 दिनों के लिए।
तो मम्मी को अकेले दूसरे घर में सोना था।
मैंने मम्मी से पूछा, “मम्मी, मैं आपके साथ सोने चलूँ?”
उन्होंने कहा, “चलो!”
अब मेरा तो दिल खुश हो गया!
मैं सोने गया।
हमने खाना खाया और बेड पर गए।
पास में मम्मी सोई थीं।
मैं तो उनकी गांड पर अपनी नजर गड़ाए हुए था।
मम्मी कई दिनों से अपनी भोसड़ा नहीं मरवाए थीं, तो वो भी सेक्स के लिए तड़प रही थीं।
मैंने उनकी गांड पर धीरे-धीरे हाथ घुमाया तो उन्हें कुछ महसूस हुआ।
उन्होंने कुछ नहीं बोला।
मैं अब उनकी चूची को दबाने लगा।
उन्होंने रोका और बोला, “बेटा, तू क्या कर रहा है! मैं तुम्हारी माँ हूँ!”
मैं बोला, “क्या करूँ माँ, मैं अकेले रहता हूँ, मुझे सेक्स करना है! बताओ, किससे करूँ?”
उन्होंने कहा, “पर मैं तो तुम्हारी माँ हूँ!”
मैं बोला, “तुम अपने बेटे के लिए इतना भी कर सकती हो!”
फिर मम्मी के अंदर भी सेक्स की भावना जागने लगी।
उन्होंने बोला, “ठीक है, फिर चल, करते हैं!”
उन्होंने अपनी साड़ी उतारी।
ओह, क्या बताऊँ, उनकी गांड, चूची, चूत—सब एकदम लंड के पास थी।
मैंने पूछा, “मम्मी, कितनों से चुदवाया है?”
उन्होंने बताया, “तुम्हारे पापा से, चाचा से, और अब तुमसे!”
मैंने अपना लंड निकाला, तेल लगाया और पूछा, “कहाँ डालूँ?”
मम्मी बोली, “डाल दे जहाँ छेद हो!”
मैंने तेल लगाया और चूत में डाल दिया, तेज से!
मम्मी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, “आह! आह! उह! आह! उह!”
मैं बोला, “रंडी, गांड आई! तुम्हारा भोसड़ा बना दूँगा!”
वो बोली, “ऊ! आह! उह! चोद बेटा, जोर से चोद! आज मेरा भोसड़ा फाड़ दे! तेरा लंड कितना बड़ा है! चोद! चोद! जोर से चोद ना, मादरचोद! अपनी रंडी माँ का आज चूत का नाश कर दे! मैं कितनी तड़पी हूँ एक बड़े लंड के लिए!”
माँ बेटे की चुदाई शुरू हो चुकी थी, मैं चोदे जा रहा था।
मैं बोला, “मम्मी, मुँह में लो ना!”
मम्मी बोली, “नहीं बेटा, मैं मुँह में नहीं लूँगी!”
मैं बोला, “कैसे भी लेगी, री रंडी!”
मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया और सारा वीर्य उनके मुँह में डाल दिया।
एक राउंड खत्म हो गया।
मम्मी को पेलकर काफी मजा आया।
मैं बोला, “मम्मी, अब कब पेलूँ?”
वो बोली, “अभी कुछ देर बाद पेल लेना!”
मैं थोड़ी देर सो गया।
फिर उठा कुछ देर बाद तो देखा मम्मी चुदवाने के लिए तड़प रही थीं।
वो बोली, “बेटा, जल्दी चोद मुझे!”
मैं उठा और अपना बड़ा लंड उनकी चूत में डाल दिया।
वो रोने लगीं और बोलीं, “तू तेरे पापा से तो अच्छा पेलता है! अब तू ही मेरी हवस पूरी करेगा!”
और फिर क्या था, मैं हमेशा अपनी माँ को चोदता हूँ।
मैं बोला, “मम्मी, मैं तुम्हें चोदूँगा! एकदम भोसड़ा फाड़ दूँगा!”
कई दिनों बाद मैं माँ के साथ किचन में था।
माँ अकेली थीं, घर पर कोई नहीं था।
मम्मी खाना बना रही थीं।
मैं उनकी गांड को देखे जा रहा था।
माँ ने जान लिया कि मैं उनकी गांड को देख रहा हूँ।
मैं उठा और उनके पीछे से जाकर पकड़ लिया।
जोर से मैं उनकी चूची को दबाने लगा और गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा।
वो उतावली होने लगीं।
मैं उन्हें बगल के वॉशरूम में ले गया और सारे कपड़े उतार दिए।
वो सिसकारियाँ भर रही थीं।
मैं उनके सारे बदन को चाट रहा था, उनकी चूची को दबा रहा था और गांड पर लंड रगड़ रहा था।
मम्मी ने बोला, “अब लंड भी घुसा दे!”
मैंने लंड को एक झटके में चूत में डाल दिया और जोर-जोर से पेलने लगा।
माँ जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, “उह! आह! उह! आह! पेलो! चोदो! जोर से पेल बेटा! जोर से! और जोर से! चूत फाड़ दे!”
मैं बोला, “मम्मी, उह! क्या चूत है आपकी! आह! उह! क्या मस्त कोमल है! मम्मी, थोड़ा घोड़ी बनो ना!”
मम्मी बोली, “ठीक है, बनती हूँ!”
फिर मैंने गांड में लंड डालना शुरू किया।
कुछ देर बाद मैंने मम्मी से लंड चूसने को कहा।
उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और ब्लोजॉब देने लगीं।
मैं तो अब तक गया था चोदकर।
मैं बोला, “मम्मी, और चुदवाओगी क्या?”
वो बोली, “हाँ बेटा, अभी क्या हुआ!”
मैं बोला, “थोड़ा रुको, मैं थक गया हूँ!”
उन्होंने बोला, “नहीं, थोड़ा और चोद ले!”
मैं चोदने लगा, “उह! आह! आह! उह!”
वो बोली, “पेल बेटा! चोद बेटा! अपनी माँ को चोद बेटा!”
मैं चोद ही रहा था कि अचानक मेरे पापा आ गए।
उन्होंने हमें चुदाई करते देख लिया।
वे मम्मी को घूरने लगे।
उन्हें ये अच्छा नहीं लगा।
उन्होंने माँ से बोला, “रंडी, अपने बेटे से चुद रही है! मैं क्या कम चोदता हूँ क्या!”
फिर उन्होंने कहा, “रुक, मैं भी आता हूँ!”
वो भी ज्वाइन हो गए और मेरे साथ मम्मी को चोदने लगे।
मम्मी काफी चुद चुकी थीं तब भी पापा से भी चुदवाने लगीं।
पापा जोर-जोर से चोदने लगे।
मैं देख रहा था।
मम्मी बोली, “बेटा, तू भी चोद ना!”
मैं बोला, “मम्मी, कहाँ से चोदूँ? पापा चोद रहे हैं ना!”
मम्मी बोली, “एक छेद खाली है, उसमें अपना लंड डाल जल्दी!”
फिर क्या था, मैं भी चोदने लगा।
मम्मी काफी जोर-जोर से चिल्ला रही थीं, “उह! आह! उह! आह! पेल बेटा! पेल! आज मेरा भोसड़ा फाड़ दो! दोनों बाप-बेटे मिलकर!”
पापा गांड में लंड डाल रहे थे और मैं चूत में।
मैंने देखा पापा काफी गुस्से में थे और सारा गुस्सा माँ की गांड में लंड डालकर निकाल रहे थे।
माँ चिल्ला रही थीं, “उह! आह! उह! आह! चोदो बेटा! और चोदो! चोद!”
उनकी काफी चुदाई हो चुकी थी।
हम बाप-बेटे थक गए थे तो थोड़ा रुक गए।
पापा ने बताया, “ये तुम्हारे चाचा से भी चुदवाती है!”
मैं बोला, “सच में क्या, मम्मी!”
मम्मी बोली, “हाँ बेटा, मैं उनसे भी चुदवाती हूँ!”
हम बाप-बेटे फिर चोदना शुरू किया।
कुछ देर बाद चाचा पानी पीने आए और उन्होंने हमें देख लिया।
उन्होंने कहा, “ये क्या कर रहे हो तुम सब!”
मम्मी बोली, “कुछ नहीं, बस वैसे ही!”
चाचा बोले, “मैं भी ज्वाइन करूँ क्या?”
मम्मी बोली, “नहीं, मैं थक गई हूँ अब!”
पर पापा बोले, “आ भाई, आज इसकी हवस पूरी निकाल देते हैं!”
चाचा भी आ गए, उन्होंने अपना लंड निकाला।
मैं तो देखकर शॉक्ड हो गया … इतना बड़ा लंड!
मुझे लगा मम्मी झेल भी पाएँगी या नहीं।
मैं मम्मी से बोला, “मम्मी, चाचा का लंड बहुत बड़ा है!”
मम्मी बोली, “मुझे पता है, चोदने दे!”
उन्होंने तेल लगाया और चूत में लंड डाला।
मम्मी बहुत जोर से चिल्लाईं, “आह! मैं मर गई बेटा!”
अब क्या था, तीनों मिलकर तीनों छेद में 3 लंड डाल रहे थे।
मम्मी दर्द के मारे रो रही थीं पर उन्हें मजा भी आ रहा था।
उनकी हालत खराब हो गई।
एक एक करके हम तीनों स्खलित हो गए.
चाचा मम्मी को किस करके चले गए.
मम्मी थकी हुई बेजान सी लेटी हुई थी.
पापा भी चले गए.
मैं नंगा ही नंगी मम्मी से चिपक कर सो गया.
तो मेरे प्यारे पाठको, कैसी लगी यह माँ बेटे की चुदाई कहानी?
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