मैं मादरचोद बन गया. एक दिन मैं मूतने के लिए बाथरूम में जल्दी से घुस गया. मूतने के बाद देखा कि मेरी मॉम वहां नंगी नहा रही थी. इसके बाद क्या हुआ?
सभी लंड वालों और चूत वालियों को नमस्ते. मैंने अपनी मॉम को उन्हीं के बिस्तर में कैसे चोदा, इस सेक्स कहानी में आपको पढ़ने मिलेगा. मैंने मादरचोद बन कर अपनी मॉम की चुदाई की.
जो पाठक मां बेटे की चुदाई की कहानी से परहेज करते हैं, वो पहले ही समझ लें और इस कहानी को छोड़ कर कोई दूसरी कहानी पढ़ लें.
मैं अपनी छोटी बहन को भी चोद चुका हूँ, उसकी चुदायी की कहानी आपको बाद में बताऊंगा, लेकिन अभी तो मॉम की चुदाई की कहानी पर फोकस करते हैं.
दोस्तो, मेरा नाम यश कुमार है, मेरी उम्र 20 साल से कुछ माह ज्यादा है. मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले से हूँ. मेरे घर में पांच लोग हैं. पापा मॉम भाई बहन और मैं.
मेरे पापा C.A. हैं और मेरा भाई का साड़ियों का व्यापार है. मैं भी अपने भाई के साथ व्यापार में व्यस्त रहता हूं.
अब मैं अपनी मॉम के बारे में बताता हूं.
मेरी मॉम का नाम सरिता (बदला हुआ नाम) है.
उनकी उम्र 43 साल है, लेकिन दिखने में वो 30-32 से ज्यादा की नहीं लगती हैं.
मेरी मॉम का साइज 34-28-38 का है.
मॉम का ये फिगर कामुक साइज किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए बहुत है.
जब वो बाहर निकलती हैं, तो मोहल्ले के सभी लंड उनकी मादक जवानी को सलामी देते हैं.
ये बात 2 महीने पहले उस समय की है, जब लॉकडॉउन खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
मेरे पापा काम के सिलसिले में अक्सर बाहर ही रहते हैं और भाई सुबह 9 बजे ही दुकान चला जाता है. मैं 11 बजे तक जाता हूं.
हम दोनों भाइयों की रोज की यही दिनचर्या थी. पापा सुबह 9.30 बजे ऑफिस चले जाते थे.
एक दिन की बात है, मुझे बुखार हो गया था. उस दिन मैं दुकान नहीं गया था.
मॉम ने मुझे दवा खिलाई और अपने काम में लग गईं.
मेरी मॉम सुबह ही नहा लेती हैं लेकिन उस दिन किसी काम की वजह से उनको नहाने में दोपहर हो गई थी.
मेरी बहन खाना बना रही थी. मैं दवा लेकर आराम करने लगा था.
मॉम ने सोचा कि मैं सो गया हूं, तो वो नहाने चली गईं. बाथरूम का दरवाजा उन्होंने लॉक नहीं किया था.
मुझे बहुत जोर की पेशाब लगी … तो मैं पेशाब करने बाथरूम में जाने लगा.
मैं जल्दी से अन्दर घुस गया और अपना लौड़ा निकाल कर मूतने लगा.
जब मुझे सुकून मिला, तब मेरी नजर मेरी मॉम पर पड़ी जो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थीं.
उनको नंगी देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया … जिसे मॉम ने नोटिस कर लिया था.
मॉम को नंगी देख कर मेरा मन कर रहा था कि मम्मी को वहीं पटक कर चोद दूं … लेकिन मेरी उन के साथ कुछ भी की हिम्मत नहीं हो रही थी.
और मॉम मेरे खड़े लौड़े को बार बार खा जाने वाली नजर से देखे जा रही थीं.
मैंने एक पल मॉम की आंखों को ताड़ा और अपने रूम में आकर आराम करने लगा.
मेरी आंखों के सामने मेरी मॉम की नंगी जवानी ही घूम रही थी. मम्मी की तनी हुई चूचियां और उठी हुई गांड मुझे बार बार गर्म कर रही थी.
और मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था. मैं बिस्तर में पड़े पड़े ही अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया और मुठ मार के ठंडा पड़ गया.
मैंने ठान लिया था कि मैं मॉम की चुदायी करके ही रहूंगा.
अब मैं मौका तलाशने लगा कि कब मेरी मॉम की चुत चोदने के लिए हासिल हो जाए.
वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर है … अंधेर नहीं.
आखिरकार वो दिन आ ही गया. पापा को अपने ऑफिस के काम से भोपाल जाना था.
मॉम ने ये बात मुझे बताई, तो मैं सोच में पड़ गया कि मॉम ये मुझे क्यों बता रही हैं. आजतक इससे पहले मॉम ने मुझे पापा के बाहर जाने को लेकर कभी नहीं कहा था.
क्या मॉम मुझे अपने साथ चुदाई करने के लिए आए इस मौके के बारे में रास्ता दिखा रही हैं कि लंड घुसेड़ने का मौका है.
उस दिन मैं मॉम की इस बात को कई बार सोचा और अंदाजा लगा लिया कि कुछ न कुछ तो मॉम के दिमाग में भी चल रहा है या उनकी चुत में कीड़ा काट रहा है.
ये विचार मन में आते ही मुझे बेचैनी होने लगी.
जैसे तैसे मैंने समय काटना शुरू कर दिया.
मैं नहा धोकर नाश्ता करने गया तो मैंने मॉम से जानबूझ पूछा- पापा भोपाल से कब तक वापस आएंगे?
उन्होंने बड़े उत्साह से मुझे बताया कि वो 2-3 दिन से पहले नहीं आने वाले हैं.
ये बताते समय मॉम मेरी तरफ ही देख रही थीं कि मेरा क्या रुझान है.
मुझे भी ये जानते हुए बड़ी खुशी होने लगी थी कि इस बार शायद मॉम की चुत चुदाई का मौक़ा मिल गया है.
बस इसी विषय को सोचते हुए मेरी आंखें वासना से भर गईं, जिसे मेरी मॉम ने भी नोटिस कर लिया था.
मैंने सोच लिया कि इस 3 दिन के अन्दर मॉम को चोदकर रहूंगा.
उसी दिन रात को मॉम ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे सहलाते हुए मुझसे कहा- मुझे अकेले डर लगता है, तू मेरे साथ सो जाएगा क्या?
मैंने उनकी आंखों में झांकते हुए हां कर दिया.
जब सोने का समय हुआ तो मैं मॉम के कमरे में चला गया.
मेरी बहन मुझसे सवा एक साल छोटी है. वो भी आज मॉम के साथ ही उनके कमरे में सोने आई थी.
हालांकि मैं अपनी बहन को चोद चुका हूं इसलिए ये देख कर मुझे थोड़ी सी निराशा हुई मगर सोचा कि देखता हूँ, हो सकता है आज मुझे मॉम और बहन दोनों की एक साथ चुदाई का अवसर मिल जाए.
बिस्तर में पहले मॉम फिर मैं और लास्ट में मेरी बहन लेट गई थी.
भाई और मेरा अलग रूम है, तो भाई अपने रूम में सो रहा था.
मैंने रात को अपनी बहन की पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा जिससे उसको भी मज़ा आने लगा और वो मादक सिसकारियां निकालने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके अपना हाथ मॉम के दूध के ऊपर रख दिया.
तभी मॉम ने मेरा हाथ पकड़ लिया और वो मेरे हाथ को अपने दूध के ऊपर दबाने लगीं.
मैंने समझ लिया कि इनकी चुत में आग लगी है और आज मॉम पक्के में मेरे लंड को अपनी चुत में लेकर ही मानेंगी.
मैंने देर ना करते हुए अपना दूसरा हाथ उनकी चूत पर रख दिया और चुत को सहला दिया.
इससे उनकी आह निकल गई.
तभी मैंने अपनी मॉम की तरफ़ देखा, तो मैं हैरान हो गया. मेरी मॉम ने पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है इनका कांड करने का!
अब मैंने अपने होंठ मॉम के होंठों पर रख कर उन्हें किस करने लगा. जिसमें वो भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.
करीब 5 मिनट तक हम दोनों ने किस क़िया, फिर मैं नीचे उनके मम्मों पर आ गया.
कसम से मॉम के चूचे किसी खरबूजे से कम नहीं थे. अपने दोनों हाथों से मैं मॉम के मम्मों को दबाने और चूसने लगा.
तभी उन्होंने बोला- जल्दी क्या है … आराम से कर बेटा. मैं भागी थोड़े ना जा रही हूँ.
मॉम के बूब्स चूसने के बाद मैंने उनकी नाभि पर किस किया, जिससे वो सिहर गईं.
फिर मैंने मॉम की चूत पर मुँह रख दिया. मॉम की चुत भट्ठी की तरह गर्म थी.
मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया … जिससे वो ‘आह आह ..’ की आवाज निकालने लगीं.
दस मिनट तक मॉम की चुत चाटने के बाद उनकी चूत का रस निकलने लगा जिसे मैं किसी कुत्ते की तरह चाटते हुए पूरा पी गया.
उनकी चूत का रस बहन के रस से भी ज्यादा स्वादिष्ट था.
मैंने उनसे अपना लौड़ा चूसने को बोला तो वो झट से नीचे आ गईं और हाथ में लंड लेते ही सकपका गईं.
मैंने पूछा- क्या हुआ मॉम?
तो वो बोलीं- तेरा लंड तो तेरे बाप से भी बड़ा है.
ये कह कर मॉम ने फिर झट से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और किसी मस्त रांड की तरह लंड चूसने लगीं.
क्या मस्त तरीके से चूस रही थीं मॉम … एकदम बाजारू रंडी की तरह लंड गपागप चूस रही थीं.
कुछ मिनट बाद जब मेरा काम तमाम होने को आया, तो मैंने उन्हें बिना बताए ही अपना वीर्य उनके मुँह में निकाल दिया, जिसे वो पूरा पी गईं.
फिर मॉम लंड की गोटियां चाटते हुए बोलीं- तेरा वीर्य बड़ा स्वादिष्ट है.
मैं आज बहुत खुश था.
मेरी बहन कनखियों से मुझे अपने लंड को चटवाते हुए देख रही थी.
अब हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था, तो उन्होंने बोला- अब जल्दी से अन्दर डाल से मेरे राजा … फाड़ दे मेरी चूत को … आह अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
मैंने अपने लौड़े को पकड़ा और मॉम की चूत की फांकों में रगड़ने लगा.
मॉम किसी रंडी की तरह गांड उठाते हुए बोलीं- अब डाल भी दे ना मादरचोद … रगड़ क्या रहा है.
मैंने अपना लौड़ा मॉम की चूत की फांकों में फंसाया और एक झटका दे मारा.
इस झटके से आधा लौड़ा चुत के अन्दर चला गया.
एकदम से आधा लंड चुत में घुसा तो मॉम की आह निकल गई.
वो दर्द से कराहते हुए बोलीं- आराम से डाल ना भोसड़ी के … मार डालेगा क्या!
मैंने एक ओर झटका मारा, तो पूरा का पूरा लौड़ा चुत के अन्दर घुस गया और मैं जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.
मेरी मॉम मेरा लंड लेकर मादक सिसकारियां लेने लगीं- आह … सिस्स … मादरचोद फॅक मी … ओर जोर से चोद माँ के लौड़े … आह और जोर से चोद दे.
मॉम की चुत चुदते देख कर मेरी बहन अपनी चुत में उंगली करते हुए मेरी तरफ देखने लगी थी.
मैंने उसे आंख मारते हुए कुछ न बोलने का इशारा कर दिया.
करीब 20 मिनट तक मॉम की चुत में लंड के शॉट मारते हुए मैंने कहा- मेरा होने वाला है … कहां निकालूं!
वो बोलीं- मादरचोद, अन्दर ही डाल दे.
मैंने 6-7 धक्के बाद लंड का माल चुत के अन्दर ही डाल दिया.
चुदाई के बाद हम दोनों बहुत थक गए थे. इसलिए मैं मॉम के ऊपर ही लेट गया और अपनी बहन की चूचियां मसलने लगा.
वो भी मस्त हो रही थी.
कुछ देर बाद मैंने मॉम के बाजू में लेटते हुए उनकी गांड देखी, तो वो बड़ी टाइट लग रही थी.
मैंने गांड मारने का प्लान भी बना लिया.
मैं उठा और वैसलीन की डिब्बी ले आया. थोड़ी सी वैसलीन मैंने अपने लंड पर लगाई और ज्यादा सी वैसलीन उनकी गांड के छेद में उंगली डालकर लगा दी.
मॉम हंस दीं और बोलीं- तेरा मन नहीं भरा क्या?
मैंने कहा- मॉम, इतनी लवली चुत मारने के बाद कौन ऐसी रसमलाई सी गांड को छोड़ेगा.
मॉम ने कुछ नहीं कहा.
मैंने उन्हें पोजीशन में लिया और अपना लंड गांड पर सैट कर दिया.
पहले झटके में लंड फिसल गया.
फिर मॉम ने लौड़े को पकड़कर अपनी गांड में सैट किया और कहा- अब पेलो.
मैंने जोर का झटका मारा तो मेरा लौड़ा मॉम की गांड को चीरते हुए अन्दर घुस गया.
मॉम ने कराहते हुए कहा- आह फाड़ दिया रे … मादरचोद ने गांड फाड़ दी.
मैं रुक रुक कर मॉम की गांड मारने लगा और धक्के लगाने लगा.
जिससे कुछ ही देर बाद उनको भी मज़ा आने लगा.
अब मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी. बीस मिनट तक मॉम की गांड मारने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
उस रात मैंने मॉम को 5 बार चोदा.
जब मॉम थक कर सो गईं तब बहन ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली- भैन के लंड … मादरचोद … अब मेरी आग भी बुझा दे.
मैंने अपनी बहन को अपने लौड़े पर बिठा कर बहन की चुत चोद दी.
इसके बाद जब भी मुझे अपनी मॉम को चोदने का मौका मिलता, तो हम मॉम बेटे चुदायी कर लिया करते.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपको अपनी बहन और मॉम की एक साथ हुई चुदाई की कहानी लिखूंगा.
दोस्तो, आपको मेरी मादरचोद सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट करके बताएं.
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