मादरचोद सेXxx कहानी में मेरी चाची और दादी चुद चुकी थी. घर में बाक़ी अम्मी थी. उन दोनों ने मेरा अम्मी को भी चुदवाने का तय कर लिया था.
कहानी के दूसरे भाग
बूढ़ी दादी की भी वासना जागी
में आपने पढ़ा कि दादी ने मुझे चाची को चोदते पकड़ लिया. लेकिन दादी ने मेरा लंड देख लिया तो शायद उसकी चूत भी लंड मांगने लगी. वो भी चुद गयी.
अब आगे मादरचोद सेXxx कहानी:
हम सब खाना खाकर टीवी देख रहे थे।
अम्मी को रात को सोने से पहले गर्म दूध पीने की आदत थी।
चाची ने उनके दूध में सेक्स की गोली डाल दी, जो मैं लाया था।
अम्मी ने दूध पीया और सोने चली गईं।
कुछ देर बाद मैंने अम्मी के रूम का दरवाजा खटखटाया।
अम्मी ने दरवाजा खोला।
उन्हें पसीना आ रहा था, और वो थोड़ी गर्म हो चुकी थीं।
अम्मी बोलीं, “क्या हुआ? इतनी रात को दरवाजा क्यों खटखटा रहा है?”
मैंने कहा, “अम्मी, मेरे कमरे का पंखा नहीं चल रहा। मुझे बिना पंखे नींद नहीं आती। सोचा, आज आपके रूम में सो जाऊँ!”
अम्मी ने मुझे ऊपर से नीचे देखा।
मैंने सिर्फ लोअर और बनियान पहनी थी।
फिर उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया।
अम्मी मैक्सी पहने थीं।
हम दोनों बिस्तर पर लेट गए।
अम्मी पसीने से लथपथ थीं।
मुझे लगा, मौका अच्छा है।
अम्मी मेरी तरफ पीठ करके लेटी थीं।
मैं धीरे से उनके पास सरक गया।
अम्मी कुछ नहीं बोलीं।
मैं और नज़दीक गया।
फिर मैं पूरा उनसे चिपक गया।
मैंने एक हाथ उनके ऊपर रखा और आँखें बंद करके लेटा रहा।
अम्मी ने कोई हरकत नहीं की।
मैंने एक पैर उनके पैरों पर रखा और थोड़ा इंतज़ार किया।
जब अम्मी ने कुछ नहीं कहा तो मैंने उनके पैरों से उनकी मैक्सी को थोड़ा ऊपर सरकाया।
अम्मी अब भी चुप थीं।
मैंने मैक्सी को घुटनों से थोड़ा और ऊपर उठा दिया।
जब अम्मी ने फिर भी कुछ नहीं कहा, तो मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर टच किया।
जैसे ही मैंने ऐसा किया, अम्मी थोड़ा आगे सरक गईं।
मैंने आँखें बंद कीं और सोने का नाटक करने लगा।
थोड़ी देर बाद अम्मी ने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को महसूस किया।
मैंने मौके पर लोअर नीचे कर दिया।
मेरा लंड उनके हाथ में आ गया।
अम्मी जोर-जोर से साँसें लेने लगीं।
मैंने हिम्मत करके उनकी मैक्सी पूरी ऊपर कर दी।
अम्मी ने चड्डी पहनी थी।
जैसे ही मैंने मैक्सी ऊपर की, अम्मी ने अपनी गांड पीछे करके मेरे लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया।
मैंने उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके कानों में बोला, “इस चड्डी को मैं उतारूँ या आप उतारोगी?”
अम्मी ने चड्डी थोड़ी नीचे की।
मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और थोड़ा उनकी चूत पर।
उनकी चूत पर बहुत बाल थे, और वो पहले से गीली थी।
मैंने पीछे से लंड उनकी चूत पर लगाया और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा।
अम्मी सिसकारने लगीं।
मैंने उनके मुँह पर हाथ रखा और पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया।
उनकी चूत गर्म भट्टी की तरह भभक रही थी।
उनकी साँसें भी गर्म थीं।
थोड़ी देर मैंने ऐसे ही चोदा।
फिर मैंने लंड उनकी चूत से निकाला, उन्हें सीधा लिटाया और उनकी चड्डी उतारकर बिस्तर से नीचे फेंक दी।
अम्मी आँखें बंद करके गर्म साँसें छोड़ रही थीं।
मैंने उनकी दोनों टाँगें चौड़ी कीं और लंड उनकी बालों वाली चूत पर फेरने लगा।
अम्मी बोलीं, “अपनी अम्मी को इतना मत तड़पा! इसे अंदर डाल दे!”
मैंने एक जोरदार धक्का दिया और पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया।
अम्मी “आआह्ह ऊउझ हम्म्म” करने लगीं।
उनकी चूत बहुत गर्म और टाइट थी।
मैं ज़्यादा देर टिक न सका और उनकी चूत में ढेर हो गया।
मैं उनके ऊपर लेट गया।
अम्मी अभी भी आँखें बंद करके लेटी थीं।
कुछ देर बाद उन्होंने मेरे कानों में कहा, “बस इतना ही दम है क्या मेरे बेटे में?”
मैं उनके कानों में बोला, “अभी पूरी रात बाकी है! आपकी सारी गर्मी निकाल दूँगा!”
मैंने उनके ऊपर से हटकर अपनी और अम्मी के सारे कपड़े उतार दिए।
अम्मी ने आँखें खोल दीं।
मेरे सामने उनके बड़े-बड़े बूब्स और बालों से भरी काली चूत थी।
उस रात मैंने चुदाई शुरू की और सुबह 4 बजे तक चोदता रहा।
मैं चार बार पानी छोड़ चुका था।
मादरचोद सेXxx करके फिर हम नंगे सो गए।
सुबह 8 बजे दादी ने दरवाजा खटखटाया।
अम्मी हड़बड़ाकर उठीं और कपड़े ढूँढने लगीं।
उन्होंने जल्दी से मैक्सी पहनी और दरवाजा खोला।
दादी बोलीं, “क्या हुआ आयशा? आज काम पर नहीं जाना? इतना लेट उठ रही हो!”
अम्मी बोलीं, “जाना है अम्मी! मैं तैयार होकर आती हूँ!”
दादी ने मुझे देखकर स्माइल दी और चली गईं।
अम्मी ने दरवाजा बंद किया।
वो बोलीं, “शोएब, तूने मेरी ब्रा और चड्डी रात में कहाँ फेंक दी? ढूँढ दे!”
मैं नंगा उठा।
मेरा खड़ा लंड उनके सामने आ गया।
अम्मी बोलीं, “रात में मैंने इतना बड़ा और मोटा लंड कैसे ले लिया?”
मैंने कहा, “अभी फिर ले लो, पता चल जाएगा!”
मैंने उनकी ब्रा और चड्डी ढूँढकर दी और नंगा उनके रूम से बाहर जाने लगा।
अम्मी बोलीं, “ये क्या कर रहा है? नंगा बाहर जाएगा? बाहर तेरी दादी और चाची हैं!”
मैंने कहा, “मुझे मूतना है, बाथरूम जा रहा हूँ! वैसे, दादी और चाची के साथ मैं ये सब कर चुका हूँ, जो आपके साथ किया! अब उनसे कैसा शर्माना?”
ये बोलकर मैंने दरवाजा खोला और बाथरूम में मूतने चला गया।
चाची और दादी दरवाजे के सामने खड़ी थीं।
मैंने उन्हें लिप किस किया और चला गया।
फिर वो दोनों अम्मी के रूम में गईं और सब बता दिया — कैसे मैंने चाची को चोदा, उन्हें पेट से कर दिया, और कैसे दादी ने मुझे अपनी चूत चोदने का मौका दिया।
अम्मी सब समझ चुकी थीं।
कुछ दिनों बाद अम्मी ने चाची के अम्मी-अब्बू को घर बुलाया।
अम्मी और दादी ने उनसे बात की, बताया कि चाची अभी जवान हैं और उनका दूसरा निकाह करवाना चाहते हैं।
चाची के अम्मी-अब्बू ने हाँ कर दी।
जब उन्होंने पूछा- दूल्हा कौन है?
तो दादी बोलीं, “मेरा पोता आपकी बेटी से निकाह करेगा!”
पहले चाची के अम्मी-अब्बू नहीं माने क्योंकि चाची मुझसे उम्र में बड़ी थीं।
लेकिन चाची ने कबूल किया कि वो मुझसे निकाह करना चाहती हैं।
फिर उन्हें मानना पड़ा।
जल्द ही हमारा निकाह हो गया।
सुहागरात वाले दिन मैंने आलिया को नहीं चोदा क्योंकि वो पेट से थीं।
लेकिन घर में दो चूत और मौजूद थीं।
सुहागरात में मैंने दादी की गांड की सील तोड़ी।
फिर हनीमून पर अम्मी की सील पैक गांड को पेला।
जब तक आलिया की डिलीवरी नहीं हुई, अम्मी और दादी रोज मुझसे चुदती रहीं।
आलिया ने मेरी बेटी को जन्म दिया।
फिर आलिया ने बच्चे न होने का ऑपरेशन कर लिया।
इसके बाद मैंने उनकी सील पैक गांड भी फाड़ दी।
ऐसे ही 3 साल बीत गए।
अब दादी की चूत की गर्मी खत्म हो गई।
आलिया और अम्मी अभी भी चुदाई करती थीं, लेकिन उनके बूब्स लटक गए, गांड और चूत का भोसड़ा बन गया।
मैंने घर में दूसरा निकाह करने की बात की।
दादी को कोई परेशानी नहीं थी लेकिन अम्मी और आलिया समझ गईं कि उनके भोसड़ों में मुझे मज़ा नहीं आ रहा।
मैंने उन्हें मनाया कि हफ्ते में एक बार उनकी चुदाई कर दूँगा।
वो मान गईं और मेरे लिए लड़की देखने लगीं।
अम्मी और आलिया ने मेरी अम्मी की बुआ की बेटी को पसंद किया जो मुझसे 3 साल बड़ी थी।
उसका निकाह नहीं हो पा रहा था, क्योंकि वो काली थी लेकिन उसका फिगर अच्छा था।
अम्मी ने उससे मेरे दूसरे निकाह की बात चलाई।
कोई लड़का न मिलने की वजह से उसके घरवाले मान गए।
हमारा निकाह हो गया।
सुहागरात में मुझे एक सील पैक चूत चोदने को मिली।
मैंने इतनी जोरदार चुदाई की कि उसकी आवाज़ें कमरे से बाहर तक निकलने लगीं।
सुबह अम्मी और आलिया ने उसकी सूजी हुई चूत पर क्रीम लगाई।
फिर हम हनीमून के लिए मनाली गए।
वहाँ मैंने उसकी सील पैक गांड को भी जमकर बजाया।
कुछ महीनों में मैंने उसके बदन को भरा हुआ बना दिया, उसके 28 के बूब्स को 34 कर दिया और उसकी पतली गांड को चोद-चोदकर बड़ा और उभारा हुआ कर दिया।
हमने 4 साल तक निकाह के मज़े लिए बिना बच्चे की प्लानिंग किए।
फिर जब हमें लगा कि चुदाई बहुत हो गई तो उसके कहने पर हमने बच्चा प्लान किया।
उसने जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया।
इस बीच मेरी सास से नज़दीकियाँ बढ़ गईं।
हम हमबिस्तर हो गए।
मैंने आलिया और अम्मी को बताया।
उनकी समझाइश पर मैंने सास से रिश्ता लंबा नहीं चलाया।
हम सिर्फ 4 महीने तक साथ सोए, क्योंकि मेरे ससुर का इंतकाल हो गया था और मेरी बीवी पेट से थी।
मैं सास को संभालने उनके घर रुका था।
फिर हमें समझ आया कि ये सही नहीं है।
हमने चुदाई का खेल खत्म कर दिया।
तो ये थी मेरी जिंदगी की चुदाई की कहानी।
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