अपने कजिन भाई की साली को चोदा

कामाबाबा सेक्स कहानी में मैं पेपर देने आगरा जा रहा था तो वहीं मेरे चचेरे भाई की साली मिली. वह भी पेपर देने जा रही थी. मेरी और उसकी सेटिंग कैसे हुई?

फ्रेंड्स, मेरा नाम राजीव है.
मैं झाँसी जिले के चिरगांव का रहने वाला हूँ.

मेरे परिवार में मेरे भाई-बहन, मम्मी-पापा और मैं हूँ, यानि 5 लोग हैं.

यह कामाबाबा सेक्स कहानी मेरे भाई की प्यारी साली के साथ चुदाई की है.
पहले उसके बारे में मैं आपको डिटेल दे देता हूँ.

उसकी उम्र 20 साल है और उसके फिगर का साइज 34-30-36 का है.
ये सेक्स कहानी अभी दिसंबर महीने की है.

मैं महिला पाठकों को अपने लंड का साइज बताना चाहता हूँ क्योंकि मुझे मालूम है कि लड़कियों और भाभियों को सेक्स कहानी पढ़ते समय मर्द के लौड़े की लंबाई मोटाई को जानना बेहद पसंद आता है.

मेरे लंड का साइज काफी अच्छा है, यह 7.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की या भाभी को चोद कर संतुष्ट कर सकता है.

तो हुआ ये कि एक बार मुझे पेपर देने आगरा जाना पड़ा.
मैं लेट हो गया था क्योंकि मेरी ट्रेन सुबह 4 बजे की थी.
किसी वजह से मेरी ट्रेन निकल गई.
तो मैं प्लेटफॉर्म पर दूसरी ट्रेन के आने का इंतज़ार कर रहा था.

दूसरी ट्रेन एक घंटे लेट थी.
तभी वह हुआ, जिसका मैंने कभी सोचा नहीं था.

मुझे मेरे कजिन भाई के ससुर आते हुए दिखे.
उन्हें मैंने एक बार भाई की शादी में देखा था.

उन्होंने भी मुझे देख लिया तो वे सीधे मेरे पास आए और बोलने लगे- अरे … आप कहां जा रहे हो?
मैंने कहा- पेपर देने जा रहा हूँ आगरा!

तो वे बोलने लगे- पेपर तो कोमल का भी है और सचिन का भी है … उन दोनों का सेंटर भी आगरा ही है!
कोमल मेरे भाई की साली का नाम है और सचिन उसके साले का नाम है, जो कोमल से एक साल छोटा है.

मैंने अभी तक कोमल को नहीं देखा था.
जब मैंने उसे पहली बार देखा, तो उसे देखते ही मेरे होश उड़ गए!
क्या गज़ब की माल थी यार … साली के दूध देखते ही लौड़े ने आंदोलन करना शुरू कर दिया.

मैं तो क्या उसे देख कर कोई भी बिना लंड सहलाए नहीं रह सकता.
अब मैं उसे देख रहा था और मन ही मन उसे चोदने की प्लानिंग करने लगा था.

तभी हमारी ट्रेन आ गई तो हम तीनों ट्रेन में चढ़ गए.
अंकल उन्हें छोड़ कर चले गए.

ट्रेन झाँसी से चल दी.

अभी तक हम दोनों में अच्छे से बात भी नहीं हुई थी क्योंकि ट्रेन में बहुत भीड़ थी.
हम तीनों को किसी तरह से जुगाड़ करके ऊपर वाली एक सीट मिली.

सचिन बोलने लगा- भैया जी, आप और कोमल ऊपर चले जाओ! भीड़ बहुत ज़्यादा है, मैं नीचे बैठ जाता हूँ!
मुझे उसकी बात ऐसे लगी मानो उसने अपनी बहन चोदने का खुला ऑफर दे दिया हो.

हम दोनों ऊपर चले गए.

फिर ऐसे ही हम दोनों पढ़ाई की बातें करने लगे.
सर्दी का समय था तो हम दोनों को ही ठंड लग रही थी.

उसने अपने बैग से कंबल निकाला और ओढ़ लिया.
फिर उसने अपने कंबल में ही मुझे भी घुसेड़ लिया.

अब हम दोनों बिल्कुल एक-दूसरे से चिपक कर बैठे थे.
ऐसे ही बात करते-करते हम लोग आगरा पहुंच गए.

मेरा और सचिन का पेपर आज ही था तो मैं और सचिन पेपर देने चले गए.

फिर शाम को हम तीनों स्टेशन दोबारा मिले.
हम सबने खाना खाया.

सचिन बोलने लगा- भैया जी, मेरा पेपर तो हो गया, लेकिन कोमल का कल है. मुझे कॉलेज से फोन आ गया है, मुझे कल कॉलेज जाना पड़ेगा. आप कोमल के साथ रुक जाओ, कल पेपर के बाद आ जाना!
मैंने अपनी खुशी दबाते हुए उससे हां बोला.

वह 7 बजे की ट्रेन पकड़ कर वापिस झाँसी आ गया.
अब सिर्फ हम दोनों अकेले थे और स्टेशन पर बहुत भीड़ थी.

मैंने कोमल से बोला- कोमल, तुम सो जाओ … कल पेपर है तुम्हारा!
वह बोलने लगी- हां, लेकिन यहां इतनी भीड़ है … यहां नींद कैसे आएगी?

मैंने उससे कहा कि एक काम करते हैं, अगर तुम्हें बुरा ना लगे तो हम किसी होटल में रात रुक जाते हैं!
पहले तो वह मना करने लगी.
लेकिन फिर बोली- ठीक है!

हम दोनों स्टेशन के बाहर आ गए और मैंने एक टैक्सी पकड़ ली.
अब हम दोनों एक अच्छे से होटल में पहुंच गए.

चूंकि शहर में पेपर होने की वजह से हमें एक ही रूम मिल सका था, वह भी सिंगल बेड का.
मैंने कमरे में आकर कोमल से कहा- तुम बेड पर सो जाओ, मैं नीचे सो जाता हूँ.

वह बोलने लगी- नहीं जी, आप भी यहीं सो जाओ न!
उसके बाद उसने बाथरूम में जाकर चेंज किया.

जब वह चेंज करके वापिस आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.
कसम से … एकदम रंडी लग रही थी.
कुतिया ने एक छोटा सा नाइट गाउन पहना हुआ था जिसमें से उसकी चूचियां साफ दिख रही थीं.

उसकी मस्त जवानी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने अपने लंड को छुपाने के लिए अपनी गोद में पिलो रख लिया.

वह मेरे पास आकर बोलने लगी- ऐसे क्या देख रहे हो?

मैंने सुना नहीं, तो उसने दोबारा ज़ोर से आवाज़ दी, तब मुझे ध्यान आया और मेरी गांड फट गई.
मैं बोला- कुछ नहीं!

उसके बाद वह मेरी तरफ मुँह करके ही सो गई, पर मुझे नींद कहां आ रही थी.

मैंने उसे आवाज़ दी लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया.
अब मैंने धीरे-धीरे से उसके ऊपर से रजाई हटाई.

जब मैंने उसे देखा तो मेरे मुँह में पानी आ गया और मैं खुद को रोक नहीं पाया.

मैंने उसके गाउन को थोड़ा सा ऊपर कर दिया तो मुझे उसकी गोरी गोरी टांगें दिखने लगीं.
मैं धीरे-धीरे उसकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा.

उसके बाद मैंने उसके गाउन के ऊपर के बटन खोल दिए.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी. मैं अपने सामने उसकी चूचियां देख रहा था.

आज पहली बार किसी लड़की की सामने से चूचियां देख रहा था.

तो मुझसे रुका नहीं गया.
मैंने उसकी एक चूची मुँह में भर ली और धीरे-धीरे चूसने व दबाने लगा.

उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

कुछ पल के बाद मैंने उसका गाउन निकाल दिया और मज़े से उसके निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.
उससे भी वासना सही न गई तो उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.

मैं समझ गया कि यह भी मस्त हो रही है और चुदवाने के लिए राजी है.
मैं बिंदास उसके दूध दबाने और चूसने लगा.

दोनों चूचियों को मस्ती से चूमते चाटते मैं नीचे को सरकने लगा और जल्दी ही उसकी चुत पर आ पहुंचा.

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुत को सूंघा और नाक लगा कर रगड़ कर चूम लिया.
वह अपने पैरों को फैला कर मुझे चुत चूसने देने लगी. उसकी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

मैं चुत चूमने लगा और चुत के रस को चाटते ही मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया.
मैंने झट से उसकी पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उसे नीचे सरका कर निकाल दी.

चुत नंगी हुई तो मैंने उसकी चूत पर मुँह लगा दिया, इस कारण से वह भी उत्तेजना को सहन नहीं कर पाई.
उसने कुछ ही देर में अपना काम रस निकाल दिया.

अब उसने अपनी आंखें खोल दीं.
वह मुझे घूर कर देखने लगी.

उसकी गुस्सैल नजरों से मेरी तो गांड फट गई.

लेकिन अब वह गर्म हो चुकी थी.
उसने एकदम से उठकर मुझे गले लगा लिया और होंठों को किस किया.

वह बोली- लव यू जानू!
मैं भी उससे ‘लव यू टू’ बोला.

वह बोलने लगी- मैंने जब आपको पहली बार देखा था न … तभी से आप मुझे पसंद आ गए थे. मैं आपके कहने पर एक बार में ही होटल के कमरे में आ गई, वर्ना मैं यहां क्यों आती आपके साथ?
मैंने उसके दूध दबाए और कहा- जब मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी … चलो अब कबड्डी खेलते हैं.

वह हंस पड़ी और हम दोनों के बीच फिर से चूमाचाटी शुरू हो गई.
जल्द ही मैं उसकी टांगों को फैला कर चुत चाटने की तैयारी करने लगा.

वह भी टांगें फैला कर किसी रंडी की तरह चित लेट गई.
मैं उसकी चूत में अपनी जीभ अन्दर तक डालकर उसे जीभ से चोदने लगा.

वह कराहती हुई बोलने लगी- आह प्लीज जानू, ऐसा मत करो … मैं सह नहीं पा रही!
मगर मैं नहीं रुका.

वह कुछ ही देर में फिर से कांपने लगी और मेरे मुँह में ही एक बार फिर से झड़ गई.
कुछ देर के बाद उसने मुझे खड़ा किया और बोलने लगी- आपने तो मेरा सब कुछ देख लिया और अपना कुछ दिखाया ही नहीं!
मैंने कहा- खुद निकाल लो न!

उसने मेरी पैंट के ऊपर से ही लौड़े पर हाथ फेरा तो बोली- इतना बड़ा?
मैंने कहा- ऐसे कैसे मालूम होगा कि कितना बड़ा … इसे बाहर निकाल कर देखो!

उसने एक-एक करके मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.

जब उसने मेरा खड़ा लंड देखा, तो वह डर गई और मना करने लगी.
वह बोलने लगी- नहीं … इतना बड़ा मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?

मैंने उसे समझाया, तो वह मान गई.
मैंने उससे बोला- अब इसे मुँह में लेकर आइसक्रीम की तरह चूसो!

पहले तो वह मना करने लगी.
मैं गुस्सा हो गया तो वह मान गई और लौड़े को चूसने लगी.

लेकिन उसका पहली बार था तो वह सही से चूसना नहीं जानती थी.
हालांकि मेरा भी पहली बार था … लेकिन मैंने ब्लू-फिल्मों में चुत चाटना देखा था, तो मैं मस्ती से उसकी चुत की चुसाई कर चुका था.

थोड़ी देर बाद उसने सही से लंड को चूसना शुरू किया और मेरे लौड़े को जीभ से चाट कर मुझे मजा देने लगी.
कुछ पल बाद तो उसने इतनी मस्ती से मेरे लौड़े को चूसा कि 5 मिनट में ही मैं उसके मुँह में झड़ गया.

उसने लंड रस पी लिया.
उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए और चूमाचाटी करने लगे.

कुछ मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उससे कहा- इसे एक बार फिर से चूस कर गीला कर दो, अब चुदाई करूंगा!
उसने अच्छे से 2 मिनट तक लंड चूसा और अब मैंने उसे सीधा लेटा दिया.

मैंने उसके दोनों पैर हवा में उठा दिए.
वह डर कर बोलने लगी- प्लीज जानू, आराम से करना … मेरा पहला बार है!

मैंने उसे एक किस किया और बोला- हां जानू, पर थोड़ा सा दर्द तो होगा ना?
तो वह बोलने लगी- जब दर्द होगा तो थोड़ा रुक जाना!

मैंने ओके बोला और लंड को चूत पर सैट कर दिया.
उसने भी गांड हिला कर लौड़े को चुत के छेद पर सैट करने में मदद की.

जैसे ही छेद से लौड़े का मुँह लगा, मैंने एक जोर से धक्का दे मारा.

चुत एकदम कसी हुई थी तो पहली बार में लंड फिसल गया.
मैंने उससे कहा- अपने बैग में से क्रीम निकालो!

उसने झट से मुझे क्रीम दे दी, जिसे मैंने अच्छी तरह से उसकी चूत और अपने लंड पर मल लिया.

फिर से चुदाई की पोजीशन बनाकर मैंने एक करारा धक्का दिया.
तो मेरा टोपा अन्दर घुस गया.

वह चिलाने लगी- आह मार डाला मम्मी रे!
मैंने उसे चुप कराया और उसके लिप्स को किस करने लगा, उसके बूब्स चूसने लगा.

इस सब से उसे सुकून मिला.
फिर जब वह शांत हो गई तो मैंने उसके मुँह को एक हाथ से बंद करके फिर से एक जोरदार धक्का दे दिया.

इस बार जरा ज्यादा ही जोर का धक्का लग गया था तो वह सहन नहीं कर पाई.
हालांकि उसका मुँह मेरे हाथ से बंद था तो वह चिल्ला ही नहीं पाई.

उस तेज झटके में मेरा पूरा लंड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.
वह इतना जोर से चिल्लाने को हुई पर मुँह बंद होने से चिल्ला ना सकी.

वह बेहोश सी हो गई और उसकी चूत से खून निकलने लगा था.
मैं कुछ देर के लिए रुक गया.

जब वह सामान्य हुई तो मैंने उसे नहीं बताया कि खून निकला है, वर्ना वह और ज्यादा डर जाती.

फिर वह बोलने लगी- आह दर्द हो रहा है जानू … आप आराम-आराम से करो!
मैं भी आराम-आराम से अन्दर-बाहर कर रहा था और वह मीठे दर्द से कराह रही थी.

अब वह मस्त होने लगी थी तो मुझे गालियां भी देने लगी थी ‘साले भोसड़ी वाले, तूने मेरी माँ चोद दी!’
मैं भी उसे गाली देते हुए बोल रहा था- बहन की लौड़ी … तेरी मां अभी चुदी कहां है … अभी तो तेरी चुत फटी है. अब तू देखना मेरे लौड़े का असली कमाल! तुझे मजा न आ जाए तो कहना!

यह कह कर मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा.
उसे भी अब मजा आने लगा था और वह भी गांड उठाती हुई बोलने लगी- जानू और तेज … इतना मजा तो आज तक नहीं आया!
वह आह-आह की आवाजें निकाल रही थी.

इसी तरह हमें चुदाई करते हुए 45 मिनट हो गए थे और अब तक वह 3 बार झड़ चुकी थी.
पर मेरा अब तक नहीं हुआ था.

वह बोलने लगी- जानू प्लीज अब छोड़ दो! अब और नहीं सह पाऊंगी!
पर मेरा अभी नहीं हुआ था, तो मैं कैसे छोड़ देता?

मैंने उसे और तेज-तेज चोदना चालू कर दिया जिस वजह से अगले 5 मिनट में मेरा माल निकलने को हो गया.
मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है, कहां निकालूँ?

तो वह बोलने लगी- अन्दर मत निकालना! मैं मुँह से लेना चाहती हूँ!

मैंने लंड बाहर निकाला और उसे घुटने के बल बिठा कर मुँह चोदने लगा.
कुछ 15-20 धक्कों के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और लौड़े को चाट कर साफ कर दिया.
अब हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए.

मैंने उसे पूछा- जानू मजा आया?
तो वह बोली- बहुत ज्यादा! आज के बाद तुम जब चाहो जैसा चाहो मुझे चोद सकते हो. आज से मैं तुम्हारी हूँ!

हम दोनों ऐसे नंगे ही सो गए.

दोस्तो, मेरी यह सच्ची सेक्स कहानी थी.
अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि मैंने उसकी गांड कैसे और कब मारी!
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