हॉट सिस गुड सेक्स कहानी में मेरे मामा की सेक्सी माल बेटी मेरे साथ सेट होकर चुदाई के लिए तैयार थी. उसके मोटे मोटे चूतड़ मेरे लंड को बेचैन कर रहे थे.
दोस्तो, मैं आपको अपनी मामा की लड़की सिमरन दीदी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
ममेरी बहन की गांड पर दिल आ गया
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि कैसे मैंने अपनी भैन को अपनी बांहों में दबोच लिया था.
अब आगे हॉट सिस गुड सेक्स कहानी:
कुछ देर के विरोध के बाद अब दीदी भी धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगी थी.
मैं- सिमरन, अगर तुझे मेरा लंड पसंद था तो पहले क्यों नखरे कर रही थी!
सिमरन- पहले मुझे तेरे लंड की लंबाई का पता नहीं था कि मेरे वीरे का हथियार इतना बड़ा है!
मैं- चल, आजा फिर! हथियार का इस्तेमाल भी कर लेते हैं!
सिमरन- मम्मी आ जाएंगी, बाद में देखेंगे!
मैं- मम्मी सो रही हैं, वह नहीं आएंगी!
ये कहकर मैंने दीदी के होंठों में अपने होंठ डाल दिए.
अब दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
मैं दीदी के मम्मे दबाने लगा.
दीदी को मज़ा आने लगा और वह सिसकारियां लेने लगी.
उसने मेरे बालों में हाथ फेरना शुरू कर दिया.
मैंने दीदी की टी-शर्ट उतार दी.
अब सिमरन के मम्मे मेरे सामने थे.
मैंने कहा- पहले किस तरफ़ वाले मम्मे को चूसूँ?
दीदी शर्मा गई.
मेरे दोबारा पूछने पर सिमरन ने अपना बायाँ मम्मा मेरे मुँह में डाल दिया और आंखें बंद कर लीं.
मैं पूरे जोश के साथ मम्मा चूसने लगा और दूसरे हाथ से दाएं मम्मे के निप्पल को सहलाने लगा.
दीदी पूरी तरह गर्म हो रही थी.
मैंने अपना काम जारी रखा, कभी दायाँ मम्मा चूसता, तो कभी बायाँ.
मैं- सिमरन, तेरे मम्मे बहुत बड़े हैं और निप्पल भी बहुत सख्त! मज़ा आ गया यार!
सिमरन- शायद ये तेरी किस्मत में थे. ये 36 साइज़ के हैं, लेकिन तू इन्हें 38 का कर दे, चूस-चूसकर!
मैं- फिक्र मत कर, मेरी भैन ! जैसा तू कहेगी, मैं 38 के नहीं, अब इन्हें 40 के कर दूँगा!
सिमरन- नहीं, 38 के कर दे बस!
मैं- क्यों?
सिमरन हँसकर बोली- तेरी भैन रानो के भी 38 के हैं. फिर हमारी ब्रा का साइज़ एक हो जाएगा!
‘अच्छा …’ कहते हुए मैंने निप्पल को दाँतों से काटा, तो सिमरन की चीख निकल गई.
सिमरन- हाय, मर गई मैं!
मैं- चल, अब अपनी बाल वाली फुद्दी भी दिखा!
सिमरन- तुझे कैसे पता मेरी फुद्दी पर बाल हैं?
मैं- बाथरूम वाली वीडियो दिखाऊं क्या? उधर तूने अपनी फुद्दी में उंगली की थी ना!
सिमरन- तू तो पूरा भैन चोद है!
मैं- तू भी नखरे मत कर!
यह कहकर मैंने दीदी का लहंगा उतार दिया और उसे बिस्तर पर लंबी लिटा दी.
मेरा लंड भी पूरा खड़ा था.
सिमरन- जल्दी कर ले जो करना है, मम्मी ना आ जाए!
मैं- तू फिक्र मत कर, भैना! तेरी मम्मी नहीं आएगी और ये काम जल्दी-जल्दी नहीं, धीरे-धीरे करने वाला है!
सिमरन- अच्छा … और मेरे में ऐसा क्या है कि तू मेरे पीछे पड़ गया? रिश्ते का भी ध्यान नहीं रखा!
मैं- अरी भैना, तेरे चूतड़ मुझे बहुत पसंद हैं!
सिमरन हँसती हुई बोली- और मेरे मम्मों को … जिन्हें तू मुँह में डाले बैठा है!
मैं- ये तो निहायत रसभर आम हैं, मीठे-मीठे!
सिमरन- आम का रस तो वह था, जो तूने मेरी ब्रा पर छोड़ा था और मैंने चाट लिया था!
मैं- तुझे मेरा रस कैसा लगा?
सिमरन- वाह, क्या स्वाद था!
मैं- अब मैं तेरी फुद्दी का रस पीऊंगा!
सिमरन- नहीं, मैंने पहले ऐसा नहीं किया!
मैं- पर आज तो करना पड़ेगा!
फिर मैं फुद्दी चाटने लगा. सिमरन की फुद्दी पर बाल होने की वजह से ज्यादा स्वाद तो नहीं आ रहा था, लेकिन फुद्दी काफी गीली और कसी थी.
मैंने पूछा- फुद्दी इतनी कसी कैसे है?
सिमरन- इसका इस्तेमाल बहुत कम हुआ है और उंगली से बात नहीं बनती! पर अब तू इसका मुँह खोल दे!
अब मैं दीदी की फुद्दी को पूरे जोश के साथ चाट रहा था और हाथों से निप्पल मसल रहा था.
सिमरन- आह … आह … आह … ऊऊ … मर गई मैं!
मैं- भैन, कैसा लग रहा है?
सिमरन- वीरे, तू इससे पहले कहाँ था!
यह कहकर दीदी ने मेरा सिर दबाकर अपनी फुद्दी से लगा दिया और बोली- पहले किसी ने मेरी फुद्दी नहीं चाटी!
मैं- आज सारी इच्छाएं पूरी कर दूँ!
सिमरन- हां चल … अब अपना लंड निकाल ले!
मैं- ये काम तुझे खुद करना पड़ेगा!
फिर मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसके मुँह के पास कर दिया.
सिमरन ने लंड को बाहर निकाल लिया. फिर हाथ से आगे-पीछे करने लगी. मेरे लंड पर एक भी बाल नहीं था.
मैं- कैसा लगा हथियार?
सिमरन- भैया, ये तो मेरी फुद्दी फाड़ देगा! तेरे जीजा का तो इसका आधा था!
मैं- मेरी भैन को पसंद आया?
सिमरन मजाक में बोली- ये तो तेरी भैन रानो को भी पसंद आ जाएगा!
मैंने सिमरन को लंड मुँह में लेने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया.
शायद उसने कभी लंड मुँह में नहीं लिया था. मैंने भी जोर नहीं दिया.
‘चल, अब तैयार हो जा, हथियार का काम आ गया!’
सिमरन अपनी टांगें ऊपर उठाकर बोली- प्यार से करना!
मैं- तू फिक्र मत कर!
मुझे पता था कि दीदी की फुद्दी टाइट है इसलिए मैंने लंड पर क्रीम लगा ली और फुद्दी पर लंड का टोपा रख दिया.
फिर जोर से लंड अन्दर करने लगा.
अभी मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि दीदी की चीख निकल गई- बाहर निकाल, मर गई मैं!
मैं- कोई बात नहीं … हौसला रख!
यह कहकर मैंने और जोर से धक्का मारा, तो सिमरन की आंखों से पानी आ गया.
सिमरन- और कितना बाहर है? तेरा लंड! मेरा तो बुरा हाल हो गया!
मैं- बस कुछ तीन इंच और रह गया है!
सिमरन- बस और अन्दर मत कर, मेरी जान निकल जाएगी!
मैं- ठीक है!
यह कहकर मैं लंड धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा.
जब दीदी का दर्द थोड़ा कम हुआ, तो पूरे जोर से एक ही धक्के में सारा लंड अन्दर कर दिया!
सिमरन- मार डाला वे! आह … आह … आह … ऊऊ!
मैं धीरे-धीरे धक्के मारता रहा और दीदी का दर्द भी कम होता गया.
सिमरन मेरी बांहों में बांहें डालकर फुद्दी देती हुई बोली- आज तीन साल बाद मेरी फुद्दी को लंड नसीब हुआ, वह भी भाई का मोटा और लंबा लंड!
मैं- दीदी, तुझे लौड़े का स्वाद आ रहा है?
सिमरन- हाँ, बहुत … और जोर से कर, आज पूरा जोर लगा दे!
मैं- हाँ दीदी, मैं तेरी फुद्दी फाड़ दूँगा, तुझे पूरा मजा आएगा!
सिमरन- तेरा लंड बहुत सख्त है वीरे, तूने मेरी फुद्दी में कैसे फिट कर दिया है?
मैं- दीदी यह तो फुद्दी लचीली होती है न … सबके लंड ले लेती है … चल अब घोड़ी बनकर मजा करवा!
सिमरन जल्दी से घोड़ी बन गई और उसने अपनी पूरी बुंड ऊपर कर ली.
अब मुझे फुद्दी पूरी अच्छे से दिख रही थी क्योंकि दीदी ने पोर्न स्टार जैसी पोजीशन ले ली थी.
मैंने लंड को फुद्दी पर सैट करके अन्दर किया.
इस बार सिमरन को दर्द नहीं हुआ, बल्कि उसे लंड लेने में मजा आ रहा था.
मैंने उसके चूतड़ ठोक कर पूछा तो दीदी ने बताया कि उसे घोड़ी बनकर फुद्दी देने में बहुत मजा आता है.
अब सिमरन खुद अपनी बुंड हिला-हिलाकर लंड अन्दर-बाहर ले रही थी.
सिमरन- आह … आह … ऊऊ… आह … आह … आह क्या मस्त चोद रहा है साले भैन के लंड आह कितने अन्दर तक पेल रहा है साला, अपनी रानों की भी ऐसे ही लेता है क्या?
मैं हंस दिया.
पंद्रह मिनट बाद सिमरन ठंडी हो गई. मैं समझ गया कि उसका काम हो चुका है.
सिमरन- तूने अपने लंड का माल मेरी ब्रा पर क्यों डाला था?
मैं- कोई और जगह नहीं मिली!
सिमरन- अब तेरे पास बहुत जगह है! अब ब्रा पर नहीं, तू मेरे मम्मों पर अपने माल की बरसात कर दिया कर!
मैं- ठीक है दीदी, मेरा काम होने वाला है … आह … आह जल्दी बोल किधर लेगी?
सिमरन झट से सीधी हुई और अपने मम्मे मेरे लंड के पास ले आई.
मैंने सारा माल दीदी के गोरे मम्मों पर डाल दिया.
फिर सिमरन ने लंड के पानी को जीभ से चाटा और अपने मम्मे साफ करके बोली- तेरा माल बहुत ज्यादा निकला है! ब्रा पर तो कम था!
मैंने कहा- मैंने ब्रा पर आधा डाला था, आधा फर्श पर!
सिमरन बोली- आज से माल खराब नहीं करना, क्योंकि अब मैं इसका स्वाद लूँगी!
मैंने कहा- ठीक है, मेरी भैना!
हम दोनों नंगे बिस्तर पर पड़े रहे.
थोड़ी देर बाद बाहर से उसकी मम्मी की आवाज़ आई.
सिमरन ने जल्दी-जल्दी कपड़े पहने और बाहर जाने लगी.
जाते-जाते बोली- पिक्चर अभी बाकी है!
मैं अभी भी बिस्तर पर पड़ा उसकी ब्रा से खेल रहा था.
सिमरन बाहर जा चुकी थी और मेरी आंख लग गई.
सुबह दस बजे मामी के लड़के की आवाज़ कानों में पड़ी और मेरी नींद खुल गई.
मैं कमरे से बाहर आया और दीपक से मिला.
दीपक ने कहा- तुझे मेरे साथ मार्केट चलना है.
मैं तैयार हो गया. खाना खाकर हम दोनों मार्केट चले गए.
दीपक ने कुछ सामान लिया और हम तीन बजे वापस आ गए.
फिर दीपक ने घर पर कहा- मैं आज ही वापस जाऊंगा.
उसकी मम्मी ने मुझे एक दिन और रुकने को कहा लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि मेरी सहेली शालू भी मेरा इंतज़ार कर रही थी.
लेकिन जब सिमरन ने मुझे रुकने को कहा, तो मैं मना न कर सका.
चाय पीकर मैं दीपक को बस स्टैंड छोड़ आया.
वापसी में सिमरन के बच्चे के लिए एक केक और अपने लिए वोदका की बोतल ले आया.
घर आकर मैंने बोतल को पर्दे के पीछे अपने बैग में रख दिया.
मैंने सिमरन से कहा- मैं रात को पैग लगाऊंगा!
उसने कहा- नो प्रॉब्लम!
मम्मी को दवाई देने के बाद सिमरन ने उन्हें सुला दिया.
सिमरन के कहने पर मम्मी ने सिमरन के बेटे को अपने साथ सुला लिया.
बच्चे ने केक खाने से मना कर दिया और अपनी नानी के साथ सो गया.
अब सिमरन मेरे पास कमरे में आ गई.
मैंने उससे पैग के लिए गिलास लाने को कहा.
सिमरन गई और दो काँच के गिलास ले आई.
मैंने पूछा- दो गिलास क्यों?
वह बोली- मैं भी पैग लगाऊंगी यार! बहुत दिन हो गए!
ये सुनकर मैं हैरान था, लेकिन मैं क्या कर सकता था!
मैंने बैग से बोतल निकाली और दो पैग बनाए.
जल्दी ही हमने तीन-तीन पैग चढ़ा लिए.
सिमरन को शराब का नशा चढ़ने लगा और वह मेरे पास आ गई.
मुझे उसके इरादे पता थे.
सिमरन उठी और कमरे की कुंडी लगा दी.
फिर उसने धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार दिए.
अब वह सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.
उसने मुझे उन्हें उतारने को कहा.
मैंने फटाफट उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी.
मैंने देखा कि दीदी ने अपनी चूत अच्छे से शेव की थी.
मैं उसके मम्मे दबाने लगा और धीरे-धीरे उसकी चूत सहलाने लगा.
दीदी गर्म होने लगी.
मैं उसके मम्मे चूस रहा था.
सिमरन ने मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और चूत चटवाने का इशारा किया.
मैं दीदी की चूत पर टूट पड़ा.
कल की तुलना में आज उसकी चूत से खुशबू आ रही थी.
मैंने उसका लाल दाना अपने होंठों में दबा लिया.
दीदी अपनी बुंड और ऊपर उठाने लगी.
आज दीदी पूरा मज़ा ले रही थी.
चूत चाटते-चाटते मुझे याद आया कि दीदी के बच्चे ने केक नहीं खाया.
सोचा, क्यों न केक चूत पर रखकर खाया जाए!
मैंने सिमरन से फ्रिज से केक लाने को कहा.
वह बोली- तू ही ले आ!
मैं नंगा ही किचन से केक लेने चला गया.
सिमरन की मम्मी सो रही थीं लेकिन मुझे लगा जैसे उन्होंने मुझे नंगे देख लिया.
फिर भी मैं बिना परवाह किए कमरे में वापस आ गया.
दीदी टांगें उठाकर बिस्तर पर लेटी थी.
मैंने उसकी चूत पर केक लगाया और मज़े से चाटने लगा.
दस मिनट चूत चाटने के बाद मैं अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया.
लंड पर केक लगाकर मैंने सिमरन से कहा- केक खा!
सिमरन ने बिना कुछ कहे मेरा लंड मुँह में ले लिया.
लेकिन वह सिर्फ़ तीन इंच ही मुँह में ले पा रही थी.
मेरे कहने पर उसने कोशिश की, तो मुश्किल से पाँच इंच ले पाई.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
अब दीदी चूत मरवाने को तैयार थी.
उसने कहा- आज मैं तेरे लंड पर बैठकर चूत दूँगी!
मुझे नीचे लिटाकर दीदी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया.
आज वह पूरे जोश में मेरा लंड अपनी फुद्दी में ले रही थी.
पंद्रह मिनट बाद दीदी का काम हो गया, लेकिन मैं अभी बाकी था.
फिर सिमरन नीचे लेट गई और मैं ऊपर आकर उसकी चूत में लंड पेलने लगा.
दस मिनट बाद मेरा काम होने वाला था.
हॉट सिस गुड सेक्स करने के बाद मैंने सिमरन से पूछा- माल कहाँ डालूँ?
उसने कहा- मुँह में डाल दे!
मैंने लंड भैन दी फुद्दी से निकाला और सिमरन के मुँह में डाल दिया.
लंड हिलाकर मैंने उसका मुँह माल से भर दिया.
सिमरन ने सारा माल पी लिया और मेरे लंड को मुँह से निकालकर अच्छे से साफ कर दिया.
उस रात हमने चार बार सेक्स किया.
बाकी की कहानी बाद में बताऊंगा कि कैसे मैंने सिमरन की मम्मी की फुद्दी और बुंड मारी.
उसके बाद कैसे सिमरन ने मेरे लौड़े के लिए मेरे घर में ही मेरी भैन रानो की चूत का इंतज़ाम किया.
साथ ही यह भी बताऊंगा कि कैसे सिमरन ने पहली बार अपनी बुंड मारने दी.
मेरी दीदी की हॉट सिस गुड सेक्स कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएं.
यह कहानी पंजाबी गुरमुखी में पढ़ें – ਮਾਮੇ ਦੀ ਕੁੜੀ ਦੀ ਫੁਦੀ- 2