मामीजान के साथ चुदाई का पूरा मजा

हॉट सेक्स इन ड्रीम का मजा लिया मैंने अपनी छोटी मामीजान के साथ! मैं मामी की चुदाई करना चाहता था, रात दिन इसी के बारे में सोचा करता था. एक रात मैंने सपने में मामी को चोदा.

नमस्ते पाठको,
मेरा नाम जावेद है और मैं 23 साल का हूँ.
फिलहाल तो मैं एमबीए कर रहा हूँ और इस उम्र में मेरे काफ़ी दोस्तों की शादियां होती जा रही हैं.

मेरे ग्रुप की कुछ लड़कियां, जो मेरी दोस्त भी हैं, उनकी तो शादी होकर बच्चे भी हो गए हैं.

तो आप समझ सकते होंगे कि मेरी उत्तेजना कितनी बढ़ रही होगी.

कुछ साल पहले की बात है.
मेरे सबसे छोटे मामा फ़िरोज़ उर्फ़ फिज्जू की शादी मेरे छोटी मामी हाज़िका से हुई.

तब मैं नया नया जवान हुआ और मुझे सेक्स के बारे में कुछ ज़्यादा पता भी नहीं था.

फिर कुछ बरस बीते और मैं जवान हो गया, मेरी नसों में कुछ हरकत होने लगी.
तब मैं आने जाने वाली हर औरत को चुदाई की नज़र से देखा करता था.

तभी अचानक से मेरे मन में ख्याल आया कि मैं अपनी दोनों मामियों के साथ कुछ करने की कोशिश करता हूँ.
उनका ख्याल आते ही एक नंगी औरत का अक्श मेरी नजरों के सामने उभरा.

बस उसके बाद मुझे अपनी दोनों मामियों में से किसी एक के साथ भी चुदाई करने की तड़फ जाग गई.

बड़ी मामी का नाम फ़रीदा है और दूसरी का नाम हाज़िका.
मैं अक्सर फरीदा मामी के कमरे में जाया करता था.
कुछ छुपी हुई चीजों को देखने के लिए मैं उनके कमरों में छुप छुप कर देखता रहता था.

एक दिन मुझे अल्मारी के ऊपर रखा कंडोम का पैकेट मिला.
पहले पहल तो मैं उसे देख कर एकदम से दंग रह गया मगर फिर मैंने मन बना लिया और उस पैकेट को अपने पास रख लिया.

हालांकि वो बिना चूत के मेरे लिए किसी काम के नहीं थे.
मैं अब जब भी फरीदा मामी के घर जाता, तो उन्हें वासना और हवस की नज़रों से देखा करता.

फ़रीदा मामी के स्तन बड़े बड़े थे और उनके निप्पल काले रंग के.
उनकी गांड छोटी सी है.

वे जब भी अपने लड़के को दूध पिलातीं तो मैं उन्हें देखता रहता था.
उनके बड़े बड़े निप्पल देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता.

इसी तरह मेरी छोटी मामी के स्तन छोटे हैं मगर उनकी गांड एकदम ऐसी रसीली मानो जैसे कोई रसमलाई हो.
जब भी वे चलती थीं तो देखने में काफ़ी मज़ा आता.

चूंकि मैं छुट्टियां मनाने उनके घर गया था तो मैंने अपनी वही हरकतें शुरू कर दीं.
मगर इस बार फारीदा मामी के निप्पल देखे तो मुझसे रहा नहीं गया.

मैं उनके कमरे में आकर उनकी तस्वीरों को देख देख कर लंड हिलाने लगा.
कुछ ही देर में मैं झड़ गया.

अब ऐसा कई बार होने लगा.
जब दोनों मामी खाना बनातीं, तो मैं पीछे खड़े रह कर उनकी कमर देख कर आंखों को ठंडक पहुंचाता रहता था.

इसी तरह मैं हाज़िका मामी की तस्वीरों को एक एप के जरिए एडिट करके उन्हें नंगी तस्वीरों में तब्दील कर देता और उनकी तस्वीरों को देख देखकर अपना पानी झाड़ लेता.

हाज़िका मामी का मुखड़ा बड़ा ही सेक्सी था.
उनके चेहरे को किसी भी नंगी लड़की के साथ जोड़ कर देखता तो मुझे बड़ी उत्तेजना होती थी.

एक दफ़ा हुआ यूं कि मेरा मन हुआ कि मैं अपनी बड़ी गांड वाली हाज़िका मामी को चोदूं.
मैं वैसे ख्याल करता हुआ लंड हिलाने लगा. झड़ने के बाद मैं सो गया.

मैंने सपने में देखा कि एक बार मैं और मेरी हाज़िका मामी बाहर घूमने गए. वहां रिज़ॉर्ट पर पहुंच कर हमारा प्लान बना कि हम दोनों पूल में तैरने जाएंगे.

प्लान के मुताबिक मामी ने हां में हामी भरी और मामी झट से बाथरूम में जाकर कपड़े बदलकर आ गईं.
वे जैसे ही बाहर आईं, मेरी नज़र उन पर गई तो मैं अवाक रह गया.

मामी एकदम टाइट स्विमसूट में मेरे सामने हॉट लुक देती हुई खड़ी थीं.
मैं भौंचक्का होकर उन्हें देखता ही रह गया.

मामी ने कहा- ऐसे क्या देख रहे हो जावेद? क्या पहली बार किसी औरत को देखा है. मुझे पता है तुम मुझे किस नज़र से देखते हो!
मेरे मुँह से अल्फ़ाज़ ही नहीं निकल रहे थे.

मेरा लंड भी अचानक से खड़ा हो गया था, जिसे मामी ने भी जान लिया.
फिर मामी अपने आशिक़ाना अंदाज़ में कमर लचकाती हुई मेरे पास धीरे धीरे आईं और मेरे बाज़ू में आकर लेट गईं.

उन्होंने कहा- जावेद कर लो, जो भी करना है. यही वो एक मौका है.

बस फिर क्या था … मैंने मामी के शहद से रसीले होंठों को अपने होंठों से मिलाया और इस तरह से चुम्बन किया कि वो वहीं पर पिघल गईं.
मैं आगे बढ़ता गया. उनके गले पर, हाथों पर, नाभि पर, पैरों पर, कमर पर, हर जगह चुंबन किए.

वे भी मेरे साथ चुंबन में साथ देने लगीं.
उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड़ दी.
मैंने उनकी जीभ को अपने मुँह में ले कर चूसना चालू कर दिया.

मामी की लार मेरे मुँह में मेरी लार से मिलकर नशा दे रही थी.
मैं भी उनके दूध दबाते हुए उनकी जीभ को चूसता जा रहा था.

कुछ दस मिनट की चुसाई के बाद मैंने मामी को खड़ा किया और उनके स्विम सूट की ब्रा उतारी.
आह … मेरे सामने दो मदमाते दूध मुझे ललचा रहे थे कि आओ जावेद चूस लो इन रसीले आमों को.

मामी के सफेद मम्मों पर गहरे स्याह रंग के निप्पल एकदम कड़क थे.
मैंने एक को अपने मुँह में भर लिया और खींच कर चूसने लगा.

मामी के दुधारू मम्मे से उनका दूध मेरे मुँह में आने लगा था.
वे मेरे निप्पल को चूसने की शिद्दत से एकदम से कामुक सिसकारियां लेने लगीं.

दूसरी तरफ मेरा दूसरा हाथ उनकी गांड दबाते हुए उनके नर्म नर्म चूतड़ों का आनन्द ले रहा था.
वे मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थीं.

कुछ देर यही करते हुए फिर मैंने मामी को अपने घुटनों पर बैठा दिया और झट से अपनी पैंट का ज़िप खोल कर उनके मुँह पर मेरा लंड रख दिया.

मेरे लंड के कसे हुए और टाइट नसें देख कर मामी चौंक गईं और कहने लगीं- तुम्हारे मामा के पास ऐसा है ही नहीं … और मैंने कभी भी ऐसा लंड नहीं देखा है.

मैंने कहा- तो आज देख लो मामी … मस्त चुदाई होगी आपकी बस आप जरा प्यार से चूस दो.
मामी- अरे इतना मोटा लंड मेरे मुँह में कैसे जाएगा?

मैंने उनकी एक नहीं सुनी और उनके होंठों से लंड लगा दिया.
मामी अपना मुँह नहीं खोल रही थीं और मैंने मन में ठान लिया था कि आज लौड़ा चुसवाना ही है.

जब मामी ने मुँह नहीं खोला तो मैंने अपने एक हाथ से लंड को उनके मुँह के बाहर लगा कर रखा और दूसरे हाथ से उनके एक दूध को जोर से मसल दिया.
उनकी आह निकली और मुँह खुल गया.

जैसे ही उनका मुँह खुला, मैंने अपना लंड उनके मुँह में भर दिया.
वे गों गों करने लगीं और मैंने उनके मुँह में अन्दर तक लंड ठांस कर रखा.

कुछ ही देर में मामी को लौड़े का स्वाद मजा देने लगा.
अब मामी मेरा लौड़ा चूसने और चाटने लगीं, साथ ही वो मेरी गोटियों से खेलने लगीं.

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ.
मैंने कहा- मामी, इतना मस्त लौड़ा चूसती हो … फिर नखरे क्यों दिखा रही थीं?

मामी हंस कर आंख दबाने लगीं.
मैं समझ गया कि मामी ने इसलिए लंड चूसने में नखरे दिखाए थे ताकि मुझे ये न लगे कि मामी पक्की रांड हैं.

जिस तरह से वो लौड़ा चूस रही थीं उससे साफ लग रहा था कि आज हम दोनों की सारी तड़प को संतुष्टि प्राप्त हो जाएगी.

मामी ने मेरा लंड खूब चूसा और उसके बदले में मैंने अपनी जीभ और उंगलियों का प्रयोग करते हुए उनकी चूत को चाटा, उसमें उंगलियां डालीं और अन्दर बाहर करने लगा.

मामी कहने लगीं- जावेद, अब बस अपने लंड पर मुझे बिठाओ और सातवें आसमान पर पहुंचा दो.

बस फिर क्या था … मैं बिस्तर पर लेट गया और मामी को अपने लौड़े के ऊपर बिठा कर अपना लंड अन्दर पेल दिया.
मामी की आह निकली और वो मजे से लौड़े की सवारी करने लगीं.

मैंने उनके दूध दबाते हुए कहा कि अब तेज गति से घुड़सवारी करने का वक़्त हो गया है.

मामी ने धीरे धीरे से शुरूआत की और रफ़्तार बढ़ाने लगीं.
कुछ देर के बाद मैं भी नीचे से उन्हें धक्के देने लगा.

हम दोनों ने लगभग दस मिनट तक इस आसन में चुदाई का मजा लेने के बाद अपना आसन बदला.

मैंने उन्हें दीवार की तरफ मुँह करते हुए खड़ा कर दिया.
फिर पीछे से खड़े खड़े में मैंने उनकी चूत में अपना लंड पेल दिया और उन्हें झटके देने लगा.

मामी कहने लगीं- जावेद, तुम पहली दफ़ा में ही इतने तरीकों से ना चोदो … मैं तुम्हारी दीवानी हो जाऊंगी.
मैं हँसते हुए उन्हें और ज़ोर ज़ोर से तेज़ी से झटके देने लगा साथ में उनके दूध मसलने लगा.

कुछ देर के बाद मैंने फिर से अपना आसन बदला.
इस बार मैंने बिना लंड चूत से निकाले मामी को कुतिया बना दिया.
मामी झुक गईं तो मुझे अपना लंड उनकी चूत में जाता हुआ साफ दिखाई दे रहा था.

मैंने लंड को सुपारे तक बाहर निकाल कर उनकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा दिया.
फिर एक ही झटके में अचानक से अपना लंड पूरा घुसा दिया.

मामी एकदम से इस हमले से अचकचा गईं और गिरने को हुईं मगर मैंने उनकी कमर को थाम लिया.
अब मैं मामी की चूत में से कभी पूरा बाहर निकाल देता, तो कभी पूरा घुसा देता.

वह मजे से कराहने लगीं और कुछ ही झटकों में कहने लगीं कि दर्द हो रहा है.

मैंने फिर से आसान बदला.
इस बार मैंने मामी को नीचे लिटाते हुए उनके ऊपर आ गया.

मामी कहने लगीं- बस रहने दो … कुछ मिनट और पेल लो मुझे, अब मैं झड़ना चाहती हूँ.
मैंने वक़्त बर्बाद ना करते हुए उन्हें शिद्दत से चोदना शुरू किया.

कुछ ही झटकों के बाद मामी झड़ने लगीं.
मैंने मामी से कहा- अब मेरी बारी है.

मामी ने आसन बदलने को कहा- मुझे कुछ इस तरह से चोदो कि मुझे झड़े वक्त तुम्हारा लस्सी की तरह गाढ़ा और ताकतवर पानी पीने मिल जाए.
मैंने कहा- ओके.

तब मैंने मामी को बिस्तर के किनारे गांड के बाल टिकाते हुए चोदना शुरू किया और जैसे ही झड़ने को हुआ, मैंने फट से अपना लौड़ा उनके मुँह में दे दिया.

मामी मेरा लंड अपने मुँह में डालकर चूसने लगीं.
मैं मामी को गालियां देता हुआ अपना रस पिलाने लगा- ले रंडी, लस्सी पीना था भैन की लौड़ी तुझे … पी हराम की जनी छिनाल लंड की लस्सी पी भोसड़ी की … आह चूस मादरचोदी!

मामी लंड चूसने लगीं और मैं भी अपने लौड़े को उनके मुँह में झटका देता हुआ झड़ने लगा.
अगले कुछ ही पलों में मेरे लंड का सारा पानी उनके हलक में उतरता चला गया था.

तभी अचानक से मेरी नींद खुल गई.
मैंने देखा कि सपने में मेरे लंड से पानी निकल गया था.
मेरी पैंट गीली हो गई थी.

मैं दौड़ते हुए बाथरूम में भागा और खुद को साफ किया.

यही थी मेरी सेक्स कहानी … हॉट सेक्स इन ड्रीम … अपनी हाज़िका मामी के साथ चुदाई में झड़ गया था.
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