मेरे घर आई मामीजान की चुदाई की

हॉट मामी सेक्सी कहानी में पढ़ें कि एक बार मेरी मामी हमारे घर आई तो मैं उन्हें देखता रह गया. मामी की हरकतें मुझे और गर्म कर रही थी. मैंने उन्हें कैसे चोदा?

दोस्तो, मेरा नाम सादिक़ है, मेरी उम्र 19 साल है.
मैं यूपी से हूँ. मैं दिखने में काफी हैंडसम और पहलवान जैसे जिस्म का लड़का हूँ.

जो सेक्स कहानी मैं आप लोगों के सामने रख रहा हूँ, वह मेरे और मेरी मामीजान की बीच हुई चुदाई की कहानी है.

मेरी मामी का नाम अफ़साना है, उनका फिगर 34-30-36 का है.
इस फिगर से ही आप लोग अंदाजा लगा लीजिए कि वो कैसी होंगी.

आज से पहले मैं बहुत बार मामी के घर जा चुका था लेकिन कभी भी मेरे मन में उनके लिए कोई गलत विचार नहीं आया था.

कुछ दिन पहले की बात की तबियत खराब हो गई जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.
अम्मी के हस्पताल में भर्ती हो जाने के बाद मैं घर पर अकेला हो गया.

घर से अब्बू और मेरी बहन अम्मी के साथ अस्पताल में चले गए थे.
तो घर में मैं अकेला रह गया था.
इसी लिए घर पर मेरे लिए खाना बनाने के वास्ते मामी को घर बुलाना पड़ा.

अगले दिन ही मामी मेरे घर आ गईं.
उन्हें देखते ही मेरे अन्दर करेंट सा दौड़ गया, इससे पहले मैंने मामी को कभी भी ऐसे नहीं देखा था.

वे गुलाबी रंग का सूट पहने थीं और वो सूट उनके बदन से एकदम चिपका हुआ था.

हाय दोस्तो, क्या बताऊं, उनको ऐसे देखते ही मेरी हालत खराब हो गई.
मैं उन्हें एकटक देखता ही रह गया.

तब तक मामूजान भी सामने आ गए, उन्होंने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो? पहले कभी मामी को देखा नहीं है क्या?
तो मैंने बहाना बनाते हुए बोल दिया- कुछ नहीं मामूजान, बस मैं अम्मी को याद कर रहा था.

अम्मी की याद की बात सुनकर मामू ने मेरे सर पर हाथ फेरा और मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर चलने को कहने लगे.

मैं मामूजान और मामी को अन्दर लाया.
मामी ने झट से रसोई में जाकर चाय बनाई और चाय नाश्ता करने के बाद मामूजान जाने लगे.

वे जाते जाते मुझसे बोल गए- तुम्हारी अम्मी जब तक ठीक नहीं हो जाती, तुम्हारी मामी तुम्हारे पास ही रहेगी.
इतना सुनते ही मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.
मैं मन ही मन खुश होने लगा.

फिर मैं मामूजान जी को उनकी गाड़ी तक छोड़ कर वापस आया.
अब मैं मामी के पास बैठ कर बात करने लगा.

तब मामी खुद मुझसे बोलीं- मुझसे बातें ही करेगा कि मुझे घर भी दिखाएगा.
मामी ने मुझसे ऐसा इसलिए बोला क्योंकि वो हमारे इस नए घर में पहली बार आई थीं.

मैं उन्हें अपना घर दिखाने लगा.
अंत में मैंने उन्हें उनका कमरा दिखाया.

तब मामी ने कहा- ओके मैं चेंज करके आती हूँ.
फिर जैसे ही मामी चेंज करके आईं तो मैं उन्हें वापस चौंक कर देखने लगा.

क्या गजब का माल लग रही थीं. वे लाल रंग की नाइटी डाल कर आई थीं, जिसमें से उनकी गांड और बूब्स साफ साफ दिख रहे थे.
जब मैंने उन्हें उस नाइटी में देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

फिर जैसे तैसे करके मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया.

उसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे.
टीवी पर एक रोमांटिक फिल्म आ रही थी.
उसी समय फिल्म में सीन कुछ ऐसा आने लगा था कि लड़की लड़के को किस कर रही थी.
वो सब देख कर मैंने अपना सिर नीचे कर लिया.

मेरा सर नीचे होते ही मामी ने मुझसे मजाक में कहा- नीचे सर करके ऐसे क्या देख रहे हो, जैसे कभी देखा ही नहीं है!
मैं मामी से बोला- मामीजान, मुझे नहीं पता है कि ये सब क्या हो रहा है?

मामी ने कहा- जब पता ही नहीं है कि ये क्या हो रहा है तो अपना सर नीचे क्यों कर रहे हो?
मैं सकपका गया कि मामी ने मेरा झूठ पकड़ लिया है. मैं चुप रहा.

मामी ने मुझसे आगे कहा- सच सच बताओ कि तुम्हें नहीं पता कि ये सब क्या कर रहे हैं?
मुझे डर लग रहा था कि मामी किसी से कुछ बोल ना दें.
तो मैंने डरते हुए कहा- जी मामी … मुझे सच में नहीं पता कि ये लोग क्या कर रहे हैं.

उसके बाद मैं वहां से उठ कर बाहर चला गया.
मुझे मामी के हंसने की आवाज आई.

मैं बाहर चला गया और एक सिगरेट पीकर मामी के बारे में सोचने लगा.
उनकी लाल रंग की नाइटी में उनके हिलते हुए दूध मुझे कामोत्तेजित करने लगे थे.

सिगरेट पीते हुए मेरा हाथ बरबस ही मेरे लंड पर आ गया और मैंने पाया कि लंड ने सर उठाना शुरू कर दिया था.
मन ही मन मुझे एक हंसी सी आ गई और साथ ही मामी का वो मेरी पीठ पीछे हँसना भी मन को गुदगुदाने लगा.

जब मैं वापस आया तो रात के 8 बज रहे थे.
मुझे वापस आया देख कर मामी ने कहा- चलो हाथ मुँह धो लो और आ जाओ, मैं खाना लगा रही हूँ.

मैं हाथ धोकर आ गया.
हम दोनों आमने सामने बैठ कर खाना खाने लगे.

तभी मुझे तीखा लगा, मैं जैसे ही पानी लेने उठा तो मेरे हाथ से गिलास लग गया और गिलास का पानी मामी के ऊपर गिर गया.
इस वजह से मामी की नाइटी उनके मम्मों के पास से गीली हो गई.

मामी एकदम से हड़बड़ा कर उठीं और अपनी नाइटी को हाथ से पकड़ कर उठाती हुई उसका पानी झटकने लगीं मगर उनकी इस हरकत से उनके बिना ब्रा के मम्मे मस्त हिलने लगे और पानी सी भीगी नाइटी के कारण उनके मम्मों का आकार बाहर से नुमाया होने लगा.

नाइटी के गहरे गले से उनकी दूध घाटी का दूधिया नजारा भी मुझे मस्त करने लगा.

तभी मामी ने मेरी तरफ देखा और मैं मामी से सॉरी बोलने लगा.
मामी ने कुछ नहीं कहा, बस वे चेंज करने की कह कर कमरे में चली गईं.

जब वे वापस आईं, तब तक मैंने खाना खा लिया था.
मामी ने काले रंग की कसी हुई नाइटी डाल रखी थी, जिसमें से उनके जिस्म का एक एक अंग साफ साफ दिख रहा था.

मैंने उनकी तरफ देखा और मैं पुन: अवाक रह गया.
मैं सोचने लगा कि साला ये सारा फैशन शो मेरे लिए ही किया जा रहा था या मामी इसी तरह के कपड़े पहनती हैं.
मेरी कुछ समझ ही नहीं आ रहा था.

मामी ने तिरछी नजर से मेरी तरफ देखा और मैंने झट से अपनी भूखे कुत्ते जैसी नजरें उनकी कमनीय काया का नेत्र चोदन करने से हटा लीं.
तभी मामी ने हल्की सी मुस्कान बिखेरी और अपना खाना खत्म करना शुरू कर दिया.

खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में जा ही रहा था कि मामी ने मुझे वहीं रुकने का कहा- तुम कहां जा रहे हो … अभी यहीं रुको. तुम मेरे साथ ही सो जाना. मुझे अकेले सोने में डर लगता है.

मामी के मुँह से इतना सुनते ही मेरे कानों पर मानो मुझे विश्वास ही न हुआ.
जिसके सपने मैं सारे दिन से देख रहा था, उसी अप्सरा के साथ सोने का अवसर मेरे हाथ में किसी कुश्ती में जीत की ट्राफी की तरह मिल गया था.

चूंकि मामी ने मुझे अपने साथ सोने को बोला था, तो मैंने एक बार मामी से कहा- अरे आपको दिक्कत होगी, मैं अपने कमरे में ही सोने जा रहा हूँ.
मामी ने मेरी तरफ गुस्से से देखते हुए कहा- मैंने बोला ना … मेरे साथ सोने जाना!

उनकी कड़क आवाज सुनकर मैं वहीं चुपचाप खड़ा हो गया और मामी का इंतजार करने लगा.
तभी मामी ने खाना खत्म किया और बर्तन समेटने लगीं.

मैंने उनकी मदद की और हम दोनों ने जल्द ही सारा काम खत्म कर लिया.

इसके बाद मामी बोलीं- अब चलो.

हम लोग उनके ही रूम में आ गए.
उसके बाद हम दोनों बिस्तर पर आ गए.

एक तरफ मैं मुँह किए लेटा था, दूसरी तरफ मामी.

तभी अचानक मामी ने कहा- सादिक़ एक बात बताओ, क्या सच में तुम्हें नहीं पता था कि मूवी में वो लोग क्या कर रहे थे?
मैं- नहीं मामी, मुझे कुछ नहीं पता.

फिर मामी मेरे करीब आ गईं और मेरे सीने पर हाथ चलाने लगीं.
मामी- अब तो बता दो, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगी!

उनकी इस हरकत से मुझे थोड़ी हिम्मत आई- मामी आप किसी से कुछ कहोगी नहीं, मेरी कसम खाओ.
मामी ने मेरी छाती के एक निप्पल पर अपनी उंगली से गुदगुदी करते हुए कहा- तुम्हारी कसम!
मैंने कहा- वो सब सेक्स जैसा हो रहा था.

मामी ने सेक्स शब्द सुना, तो बोलीं- तुम सेक्स के बारे में क्या जानते हो?
मैं- मामी, मैं कभी कभी फोन पर ब्लू फिल्म देख लेता हूँ.
मामी- अच्छा ब्लू फिल्म … उसमें क्या होता है, मुझे भी दिखाओ जरा!

मैं- नहीं मामी, वो मैं आपके सामने कैसे दिखा सकता हूँ?
मामी- क्यों … उसमें कुछ गलत होता है क्या? और जब मैंने तुम्हारी कसम खाई है कि मैं किसी से कुछ भी नहीं कहूंगी, तो तुम डर क्यों रहे हो … अब मुझे भी ब्लू-फिल्म देखना है.

यह कह कर मामी ने अपनी चूचियां मेरी पीठ पर रगड़ दीं और उनकी गर्म सांसें मुझे मेरे कान में टकराती हुई किसी वासना से तप्त यौवना की कमाग्नि सी लगने लगीं.

मामी के बार बार कहने पर और उनका कामुक स्पर्श पाकर मैं समझ गया कि आज मेरा दिन है.

अब मैंने अपने मोबाईल में एक ब्लू फिल्म को चालू कर दिया.

उसमें एक जवान कम उम्र का लड़का एक ज्यादा उम्र की औरत को जम कर चोद रहा था.
हम दोनों उस चुदाई की फिल्म को बहुत ध्यान से देखने लगे.

मेरा लंड नम होने लगा.

अचानक से मुझे मेरे लंड पर कुछ अहसास हुआ.
मैंने देखा तो वो मामी का हाथ था, जो धीरे धीरे करके मेरे बरमूडा के ऊपर से मेरे लंड को सहला रहा था.

उन्हें लंड सहलाता देख कर मेरे अन्दर भी हिम्मत आ गई और मैं भी उनके बूब्स दबाने लगा.

धीरे धीरे मैंने मामी के सारे कपड़े निकाल दिए.
और मामी ने मेरे कपड़े निकाल कर मुझे नंगा कर दिया.

हम दोनों फिल्म देखना छोड़ कर अपनी फिल्म की शूटिंग करने लगे.
हमारे होंठ आपस में जुड़ गए और जुबान एक दूसरे के मुँह का जायजा लेने लगीं.

जल्द ही हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मामी मेरा लंड और मैं उनकी चूत को चाटने लगा.

हमारे मुँह बंद थे, आपस में किसी भी तरह की कोई गुफ्तगू नहीं हो रही थी.

कुछ मिनट के बाद जब मामी से रहा नहीं गया तो वो मुझसे कहने लगीं- प्लीज … अब और ना तड़फाओ. अपना औजार मेरे अन्दर डाल दो. मुझसे नहीं रहा जा रहा है. मैं बहुत दिन से प्यासी हूँ. मेरी चूत लंड लंड कर रही है.

इतनी देर बाद मामी के मुँह से आवाज निकली थी और उसमें सिर्फ लंड की डिमांड थी.
तो मुझसे भी रहा न गया, मैं उठा और चुदाई की पोजीशन में आ गया.

मैंने अपने लंड और चूत दोनों पर थूक लगाया और लंड को निशाने पर लगा दिया. मैंने सुपारा चूत की फाँकों में सैट किया और तुरंत एक धक्का दे मारा.
मामी की कसी हुई चूत में मेरा लंड 2 इंच अन्दर घुस गया.

लंड लेते ही मामी चिल्लाने लगीं- आह मर गई … आह आह!

अभी वो संभल पातीं कि मैंने दोबारा एक और जोरदार धक्का दे मारा.
इससे मेरा लंड चूत को चीरता हुआ सीधा अन्दर चला गया.

मामी की कसमसाहट एकदम से तेज हो गई थी और वो लंड चूत से निकालने की कोशिश करने लगी थीं.
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और हाथ को उनके मम्मों की मालिश करने पर लगा दिया.

उधर नीचे मेरा लंड चूत में अपनी जगह बनाने लगा था.
एक मिनट तक की जद्दोजहद के बाद मामी ने चूत में लंड को समायोजित कर लिया था.
वे ऊँह ऊँह करती हुई लंड से खेलने लगीं और हम दोनों के बीच चुदाई का घमासान शुरू हो गया.

आप विश्वास मानिए कि मैंने उस दिन अपने जीवन की सबसे लंबी चुदाई की थी.
बहुत देर तक लगातार मामी की चुदाई हुई. पूरी चुदाई में कभी वो मेरे ऊपर, कभी मैं उनके ऊपर.

लगातार चुदाई के दौरान मामी 2 बार झड़ चुकी थीं और अब मैं भी झड़ने वाला था.
मैंने मामी से बोला- मैं झड़ने वाला हूँ … रस कहां डालूँ?

मामी ने कहा- आह … बहुत देर बाद झड़ने को आया है तू … अन्दर ही डाल दे.

फिर 3-4 करारे झटकों के बाद मैं मामी के अन्दर ही झड़ गया.

चुदाई के बाद काफी थकान हो गई थी.
हम दोनों में ही उठने की ताकत नहीं बची थी तो हम दोनों नंगे ही सो गए.

आधी रात में मामी ने मुझे हिलाया और फिर घमासान होने लगा.

दरअसल मामूजान जी मामी की चुदाई नहीं करते थे, उसका कारण उनका नामर्द होना था.

तो दोस्तो, मेरी ये सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताना.
मैंने मामीजान की गांड कैसे मारी, आप लोगों के सामने वो सेक्स कहानी भी जल्द ही लाऊँगा.
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