हॉट फैमिली फक स्टोरी में मामा की शादी के बाद मेरी निगाहें सेक्सी मामी के जिस्म पर रुक गयी. मामी भी समझ गयी. वे मुझसे शरारती बातें करने लगी. बात बन गयी.
फ्रेंड्स, मेरा नाम रोहित कुमार है. मैं मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 25 साल है.
ये हॉट फैमिली फक स्टोरी मेरी और मेरी मामी व चाची की चुदाई को लेकर लिखी है.
बात तब की है जब मैंने बी.ए. पहले साल में एडमिशन लिया था.
पहले मामी की चुदाई लिख रहा हूँ. उनका नाम कविता है.
उस वक्त वे इतनी खूबसूरत थीं कि देखते ही दिल धड़कने लगे.
कविता मामी की उम्र उस वक्त करीब 26 साल रही होगी.
मेरा कॉलेज मामा के गाँव के पास था.
पहली बार जब मैं मामा के घर गया, तो मेरी नज़रें मामी पर टिक गईं.
मामा की शादी के वक्त मैं पेपर दे रहा था इसलिए मैंने उन्हें पहले नहीं देखा था.
जब पहली बार मामी को देखा, तो बस देखता ही रह गया.
वे मेरे लिए पानी लेकर आईं.
मामी की चाल में एक अदा थी और आंखों में न/शीली चमक.
फिर हम दोनों बैठे, ढेर सारी बातें हुईं.
उनकी आवाज़ में मिठास थी, जो दिल को छू गई.
उन्होंने मेरा नंबर ले लिया और मैं घर लौट आया.
इसके बाद मामी रोज़ किसी न किसी बहाने से फोन करने लगीं.
हमारी बातें खुलती गईं, दिल से दिल जुड़ता गया.
कुछ दिनों बाद होली का त्योहार आया.
होली वाले दिन मैंने थोड़ी सी शराब पी ली थी.
रात को मामी का फोन आया. उनकी आवाज़ में शरारत थी.
वे बोलीं- कैसी बीती होली?
मैंने कहा- कुछ खास नहीं.
वे बोलीं- क्यों?
‘बस ऐसे ही?’
फिर उन्होंने पूछा- किस-किस के साथ खेली होली?
मैंने कहा- किसी के साथ नहीं!
वे हंसती हुई बोलीं- माल तो घर पर ही था, उसके साथ खेल लेते!
मैंने पूछा- कौन सा माल?
वे बोलीं- तुम्हारी चाची!
मैं चौंका और बोला- आप क्या कह रही हो?
वे कुछ नहीं बोलीं.
मैंने हिम्मत करके कहा- कल मैं आपके घर आऊंगा. मेरे साथ होली खेलोगी?
वे बेधड़क बोलीं- आ जाना!
मैंने कहा- मैं दूसरी वाली होली खेलूँगा!
वे इठला कर बोलीं- कौन सी वाली?
मैंने फुसफुसा कर कह दिया- बिना कपड़ों वाली!
मामी हल्के से हंसीं और बोलीं- कल देखते हैं!
फिर फोन रख दिया.
उस रात मुझे नींद ही नहीं आई.
उनकी बातें, उनकी हंसी, उनका जिस्म. बस वही सब दिमाग में नाचता रहा.
मैं मुठ मारकर किसी तरह सोया.
सुबह जल्दी उठा, तैयार हुआ और मामा के घर पहुँच गया.
मगर वहां मूड खराब हो गया.
मामा घर पर ही थे.
मामी मुझे चिढ़ा रही थीं, उनकी आंखों में शरारत और होंठों पर हंसी थी.
उस दिन उन्होंने काली साड़ी पहनी थी, जो उनके गोरे जिस्म पर आग की तरह लग रही थी.
उनकी कमर की लचक, चूचियों की उभार और गांड की गोलाई … सब कुछ सेक्सी था.
मामा और मैं बात करते-करते 12 बज गए.
मामी ने सारा काम निपटा लिया और हमारे पास आकर बैठ गईं.
उनकी खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी.
मैंने मामा से कहा- मामा, दो बियर ले आओ!
बियर की दुकान दूर थी, मामा चले गए.
मैंने फटाक से दरवाज़ा बंद किया और मामी के पास पहुँचा.
मैं बोला- अब खेलूँ होली?
वे बोलीं- कोई आ जाएगा!
मैंने कहा- कोई नहीं आएगा.
फिर मैंने उनके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए. हम दोनों एक-दूसरे को चूमते रहे, उनकी सांसें गर्म थीं.
मामी की जवानी का नजारा देख मेरा जिस्म जल रहा था.
मामी बोलीं- जल्दी चोद लो, वरना वे आ जाएंगे!
मैंने कहा- ठीक है, छेद दिखाओ!
मामी ने अपनी साड़ी ऊपर सरकाई.
उनकी चूत मेरे सामने थी … तर गुलाबी, रसीली, हल्के बालों वाली.
मैंने लंड सैट किया और धक्के मारने शुरू कर दिए.
मामी की चूत गीली और गर्म थी, शायद पहले भी खूब चुदी थी.
ये बात उन्होंने बाद में बताई.
मेरे धक्कों की रफ्तार बढ़ी, तो उनकी सिसकारियां कमरे में गूँजने लगीं.
उस दिन बस एक बार चुदाई हुई, मगर जल्दी-जल्दी में भी मज़ा आ गया.
मामा के आने से पहले सब निपट गया.
उस दिन मामी की चुदाई के बाद मैं अपने घर लौट आया था.
इसके बाद मैंने उनकी रसीली चूत को कई बार भोगा, हर बार उनकी मादक सिसकारियां मेरे कानों में गूँजती थीं.
इसके बाद तो मैंने उन्हें कई बार चोदा. कभी उनके घर, कभी मौका मिलते ही अपने घर में.
मैं अब भी उन्हें चोदता हूँ, जब भी उनकी चूत की आग बुलाती है.
एक दिन मैंने मामी से पूछा- तुमने अब तक कितने लंड लिए हैं?
वे हंसती हुई बोलीं- पाँच का मज़ा ले चुकी हूँ.
उनकी चूत सचमुच खूब चुदी हुई थी, गर्म और गीली.
फिर एक दिन मामी अपने बच्चों के साथ कहीं बाहर चली गईं.
अब उनसे मिलना मुश्किल हो गया, बस फोन पर ही बातें होती थीं.
उसके बाद मैंने अपनी चाची को कैसे चोदा, वह हॉट फैमिली फक स्टोरी सुनिए.
मुझे चुदाई किए हुए अब आठ महीने बीत चुके थे और कहीं चूत का जुगाड़ नहीं हो रहा था.
मेरा लंड तड़प रहा था.
तभी एक दिन मामी का फोन आया.
मैंने कहा- यार, तुम कब आओगी? चुदाई का बहुत मन कर रहा है.
वे बोलीं- किसी और की मार लो!
मैंने पूछा- किसकी मारूँ?
वे बोलीं- अपनी चाची की चूत चख लो!
बस, फिर क्या था.
मैं हर रात चाची के नाम की मुठ मारने लगा.
उनका गोरा जिस्म, उनकी कसी हुई गांड मेरे दिमाग में नाचने लगी.
मैं चाची को चोदने की नई-नई तरकीबें सोचने लगा.
चाची के बारे में बता दूँ, उनका नाम मोनिका है. उनकी शादी को आठ साल हो चुके हैं, दो बच्चे भी हैं.
चाची की उम्र 28 साल की रही होगी, मगर लगती हैं 23 साल की पटाखा.
उनका फिगर 30-28-32 का होगा. पतली कमर, उभरी चूचियां और गोल गांड.
रंग दूध सा गोरा, जिस्म ऐसा कि देखते ही लंड सलामी दे.
अंकल दिल्ली में नौकरी करते हैं, वे हर शनिवार को घर आते हैं.
मैं अब चाची को रोज़ किसी न किसी बहाने से छूने की कोशिश करता.
वे भी मेरे साथ मार्केट जातीं.
जब वे चलतीं, तो उनकी गांड की लचक देखकर मन करता कि यहीं पटक कर चोद दूँ.
मगर डर था कि वे कहीं किसी से कह न दें.
एक दिन रिश्तेदारी में शादी थी.
अंकल का फोन आया कि चाची को बैंक ले जा, आधार लिंक कराना है.
घर वाले शादी में चले गए, बच्चों को भी ले गए.
शादी दिन की थी, तो मैं और चाची अकेले रह गए.
मैं चाची को लेकर बैंक चल दिया. उस दिन चाची ने काला सूट-सलवार पहना था. उनकी चूचियां ब्लाउज़ में कसी हुई, गांड सलवार में उभरी हुई थी.
कसम से चाची कयामत लग रही थीं.
मैंने मज़ाक में कहा- चाची, आज तो आप मस्त माल जैसी लग रही हो.
वे मुस्कराईं और बोलीं- अब चल जल्दी!
बैंक घर से 8 किमी दूर था, रास्ता खराब.
मैं बार-बार ब्रेक लगाता और मेरा पिछवाड़ा उनकी गांड से टकराता, तो लंड फनफना उठता.
मुझे मज़ा आ रहा था.
बैंक में गया तो बहुत भीड़ थी, लाइन का तो सवाल ही नहीं था.
पुरुष ज़्यादा थे. मैं चाची के पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड उनकी गांड में चुभ रहा था.
वे मुस्कराती रहीं, मुझे जोश चढ़ रहा था.
करीब 40 मिनट में काम निपटा और हम दोनों घर लौट आए.
रास्ते में चाची बार-बार मुस्करातीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, इतनी खुश क्यों हो?
वे बोलीं- अपने ऊपर कंट्रोल रखा करो.
उस वक्त दोपहर का 1 बज गया, घर पर सिर्फ़ हम दोनों थे.
चाची की मुस्कान अब शरारत में बदल गई थी.
वे हंसतीं, मैं पूछता तो वे और ज़ोर से हंसने लगतीं.
मैंने सोचा कि यही सही मौका है चाची को चोदने का.
मैंने बाहर का दरवाज़ा बंद किया और मन में ठान लिया कि आज चाची की चूत का उद्घाटन करके रहूँगा.
फिर मैं चाची के कमरे में चला गया.
चाची उस समय अपने कमरे में कुछ काम कर रही थीं.
मैंने जाकर उन्हें पीछे से कसकर पकड़ लिया.
अचानक से हुए इस हमले से चाची बहुत तेज आवाज में चीखीं और बोलीं- रोहित तुम ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारे चाचा से बोल दूंगी. मुझे छोड़ दो.
मैं बोला- चाची, मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं एक बार कर लेने दो!
चाची बोलीं- नहीं, छोड़ मुझे … मैं तेरी चाची हूँ.
मगर मैंने उनकी सलवार में अपना हाथ डाल दिया.
चाची छूटने की कोशिश कर रही थीं.
मैंने अपनी दो उंगलियां चाची की चुत में डाल दीं और अन्दर-बाहर करने लगा, जिससे चाची मचलने लगीं.
फिर उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
कुछ पल बाद चाची मेरा साथ देने लगीं.
बस फिर क्या था. मैंने उन्हें उनके बैड पर लिटा दिया और उनकी सलवार निकाल दी.
कसम से पहली बार इतनी गोरी चुत को देखा था. उनकी चुत एकदम गुलाबी थी और बहुत प्यारी सी थी.
मैंने उन्हें अपना लंड हाथ में पकड़ा दिया.
वे मेरा लंड देखकर बोलीं- तुम्हारा तो अपने चाचा से काफी बड़ा और मोटा भी है.
मेरा नौ इंच का लम्बा पहले से ही तनकर खड़ा था.
मैंने कहा- बड़ा है तो जल्दी से चुत में ले लो न!
वे हंस दीं और उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.
मैंने चुत पर लंड घिसा और एक झटके से अपना लंड चाची की चुत में पेल दिया.
मगर जल्दबाजी में चाची की चुत से लंड फिसल गया और उनकी गांड की चुम्मी लेने लगा.
चाची ने झुँझलाते हुए कहा- हाथ भर का लंड लटकाए हो और चुत में पेलना नहीं आता.
अब उन्होंने खुद ही अपने हाथ से लंड पकड़ा और अपनी चुत पर लगा कर फिर से धक्का मारने को कहा.
मैंने शॉट मारा तो मेरा लंड लगभग आधा उनकी चुत को फाड़ता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
अब मोटा लंड अन्दर घुसा तो चाची की चीख निकल गई.
वे कराह कर बोलीं- आह रोहित मर गई … आह जल्दी से बाहर निकाल इसे … नहीं तो मैं मर जाऊंगी!
मैंने कहा- चाची, दो बच्चे निकाल चुकी हो इस चुत से … ऐसे कैसे मर जाओगी! थोड़ी देर के लिए सहन कर लो यार.
चाची बोलीं- साले मेरे दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए हैं … मेरी चुत अभी टाइट ही है!
मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और वापस से एक तेज धक्का दे दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड चाची की चुत में चला गया.
वे दर्द से तड़प रही थीं और उनकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
फिर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
साथ में मैं उनके दूध मसलने लगा.
कुछ ही देर बाद चाची को मजा आने लगा और वे अपनी गांड उठा उठा कर लंड चुत में लेने लगीं.
बस फिर क्या था … मैंने सही से टांगें उठाईं और अपनी चाची को बहुत जोर जोर से चोदना चालू कर दिया.
मैंने काफी देर तक चुदाई की और चाची ने भी मेरा बहुत साथ दिया.
हमारी उस दिन आधा घंटा तक ताबड़तोड़ चुदाई चली. चाची को तीन बार झड़ने पर मजबूर कर दिया.
उसके बाद चाची लस्त हो गईं और मुझसे अलग होकर हांफने लगीं.
बाद में मैंने चाची से पूछा- मेरा लंड कैसा लगा?
चाची हंस कर बोलीं- बहुत मज़ा आया तुम्हारे साथ!
उसके बाद मैंने चाची को बहुत बार चोदा और आज भी चोदता हूं.
एक बात जरूर कहूँगा दोस्तो, कि गांव में औरतें मुँह में लंड नहीं लेती हैं.
मैंने चाची से बहुत कहा कि एक बार मुँह में लेकर चूस दो मगर उन्होंने नहीं चूसा … और ना ही कभी उन्होंने गांड मारने दी.
दोस्तो, आपको मेरी हॉट फैमिली फक स्टोरी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें.
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