हॉट कजिन सेक्स कहानी में मैं मौसी के घर गया तो मौसी के जेठ की बेटी मुझे लाइन देने लगी. उसने मौसी के छोटे बेटे से मुझे कहलवाया भी. बस मैंने उसे सेट कर लिया और मौक़ा मिलते ही पेल दिया.
दोस्तो, मेरा नाम वीर बघेल है और मैं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक छोटी सी तहसील में रहता हूँ.
मेरी उम्र 24 साल है और मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ.
मेरे लिंग का साइज़ औसत है.
यह लंबाई में 5.5 इंच और मोटाई में 2.5 इंच है.
हॉट कजिन सेक्स कहानी दो साल पहले की है जब मैं अपनी मौसी के घर गया था.
उनका घर मेरे घर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है.
मैं मौसी के घर के बारे में बता दूँ कि उनके घर में केवल चार लोग हैं.
मौसी, उनके दो लड़के संदीप और रोहित और उनकी लड़की रोशनी.
मौसी के पति का स्वर्गवास हो चुका है.
जैसे ही मैं मौसी के घर पहुंचा तो पता चला कि मौसी किसी काम से बाहर गई हुई थीं और भाई लोग स्कूल गए हुए थे.
वहां मौसी की लड़की रोशनी थी, जो 18 साल की थी और उनके साथ उनके ताऊ की लड़की शिवानी, जो 19 साल की थी.
उनके साथ चार-पांच और लड़कियां भी थीं.
वे सभी बैठकर कोई खेल खेल रही थीं.
मेरे पहुंचते ही रोशनी ने मुझसे नमस्ते की और वह मुझे घर में अन्दर लगे सोफ़े पर बैठने को बोली.
उसके बाद उसने मुझे पानी दिया.
मैंने पानी पिया, मुँह-हाथ धोया और बैठ गया.
तभी एक लड़की मेरे लिए चाय बना लाई.
मैंने चाय पी और अपना मोबाइल चलाने लगा.
कुछ समय बाद मैंने देखा कि ये सब लड़कियां आपस में कुछ बात कर रही थीं और हंस रही थीं.
मैंने सोचा कि होगी कोई बात, इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
शाम हुई, तो सबने खाना खाया और आराम करने लगे.
अगले दिन मैंने भाइयों और रोशनी के साथ खूब मज़े किए.
उसी समय मुझे मालूम हुआ था कि शिवानी कौन है.
रोहित मेरा पक्का यार था, वह बोला- भाई जिस लड़की ने तेरे लिए चाय बनाई थी न, वही शिवानी है. वह हमारी ताई की लड़की है.
मुझे उसकी छवि अपने दिमाग में अंकित होने लगी थी क्योंकि जिस वक्त शिवानी मुझे चाय दे रही थी, तब वह अपने खुले टॉप में से अपनी मस्त चूचियों के दीदार करवा रही थी.
उसे याद करके मैं कुछ गर्म होने लगा था.
वह दिन भी बीत गया.
अगले दिन मौसी काम पर चली गईं, संदीप स्कूल गया और रोशनी अपनी दादी के घर चली गई.
दादी का घर थोड़ी दूरी पर ही था, वह उधर घूमने चली गई.
तब मौसी का छोटा लड़का रोहित मेरे पास आया और बोला- भाई ये जो शिवानी है, हमारे ताऊ की लड़की, वह तुम्हारी काफी तारीफ कर रही थी. वह कह रही थी कि तुम्हारे भैया बहुत अच्छे लगते हैं और मुझे वह पसंद हैं … अपने भैया से मेरी बात करवा दे!
मैंने रोहित से कहा- यही मौका है … जा, उसे बुला ला!
रोहित गया और उसे बुला लाया.
मैंने शिवानी से पूछा- रोहित से क्या बोल रही थी?
वह हंस कर बोली- मैं आपको पसंद करती हूँ. आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो!
मैंने पूछा- तो तुम क्या चाहती हो?
उसने जबाव में मुझे एक कंटीली मुस्कान देते हुए अपने होंठों पर जीभ फेर कर एक अश्लील सा इशारा किया.
हालांकि मैंने अपने मन में सोचा कि यह तो खुद ही लंड के नीचे आने की कह रही है, साली नेकी और पूछ-पूछ!
यही सोच कर मैंने भी उससे आंख के इशारे से बाद में आने के लिए हां कह दिया.
इसके बाद वह वहां से चली गई.
उस वक्त कुछ लोग मुझसे मिलने आ गए थे.
कुछ देर बाद मैंने रोहित को उसे फिर से बुलाने भेजा.
क्योंकि तब घर में कोई नहीं था.
वह आई तो, लेकिन अन्दर आने से डर रही थी.
मैंने उससे कहा- आ जा न!
कुछ देर सकुचाने के बाद वह अन्दर आ गई.
मैंने उसे पलंग पर बिठाया और धीरे से उसके गाल पर हाथ रखा.
वह मुस्कुराने लगी.
फिर मैंने उसके गाल पर किस कर दिया.
उसने भी मेरे गाल पर किस किया और वहां से भाग गई!
इसके बाद मुझे अपने घर वापस आना था, इसलिए मैंने बाइक उठाई और छोटे भाई को बाय बोलकर वहां से आ गया.
अब शिवानी से कॉल और एसएमएस पर बात होने लगी.
कुछ दिनों बाद मौसी के यहां कोई फंक्शन था तो मुझे उनके घर जाना था.
वहां मेरा शिवानी से मिलन होना बाकी रह गया था.
मैं कार्यक्रम के दिन वहां पहुंचा, तो घर में शिवानी भी थी.
मैंने उससे इशारा देते हुए कहा- आज मन कर रहा है!
उसने इठला कर पूछा- कैसा मन कर रहा है?
मैंने उंगली को दूसरे से बने छेद में आगे पीछे करते हुए उससे कहा- ये करने का!
वह एकदम से बोली- नहीं नहीं … वह सब अभी नहीं!
फिर क्या, मैं गुस्सा हो गया और दिन भर उससे बात ही नहीं की.
शाम को कार्यक्रम के बाद सभी लोग खाना खा रहे थे.
मैं बाहर बैठा हुआ था.
शिवानी ने रोहित को भेजा मुझे बुलाने.
मैं गया, तो उसने धीरे से कहा- माफ कर दो … गलती हो गई मुझसे! खाना खा लो, मैं उस काम के लिए कुछ इंतज़ाम करती हूँ!
फिर उसने खाना लगाया और मैंने खाना खाया.
इसके बाद मैं छत पर जाकर शर्ट और पैंट उतार कर सो गया.
रात को 12:30 बजे उसका कॉल आया.
मैंने कॉल उठाया.
वह बोली- कहां हो?
मैंने कहा- छत पर हूँ, सो रहा हूँ.
वह बोली- जैसे हो, वैसे ही जल्दी से नीचे मेरे घर में आ जाओ.
उसका घर मौसी के घर के ठीक बगल में था.
मैं उतरा और वहां चला गया.
उसने पीछे का कमरा खोल रखा था.
घर के सभी लोग ऊपर छत पर सो रहे थे और वह कमरे में अकेली अन्दर थी.
जैसे ही मैं वहां पहुंचा, उसने धीरे से दरवाजा खोला और मुझे जल्दी से अन्दर खींच लिया.
फिर वह मुझे अन्दर ले गई.
कमरे में जाते ही हम दोनों ऐसे लिपट गए जैसे दो नहीं, एक ही हों.
दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लिपटे रहे, चूमना-चाटना चलता रहा.
फिर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किया.
वह भी बहुत गर्म हो चुकी थी, तो उसने खुद जल्दी-जल्दी कपड़े उतरवाने शुरू कर दिए.
उसने मेरे कपड़े उतार दिए.
ये सब इतनी जल्दी हुआ कि हमें पता ही नहीं चला.
इसके बाद मैं उसे लिप-किस करने लगा.
कुछ देर तक मैंने उसे किस किया, फिर उसे नीचे लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को फैलाया.
मैंने अपने साढ़े पांच इंच के हथियार को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया.
मेरा लंड उसकी चूत में नहीं घुस सका, जोर देने पर वह फिसल गया.
मैंने फिर दूसरी बार कोशिश की, इस बार थूक लगाया और धक्का मारा, तो मेरा लंड 2 इंच तक अन्दर चला गया.
वह दर्द से तड़प उठी और मुझे भी कुछ दर्द-सा हुआ.
मैंने कुछ देर तक लौड़े को वैसे ही पड़ा रहने दिया, फिर धीरे-धीरे धक्का लगाने लगा.
अभी भी मेरा पूरा लंड अन्दर नहीं गया था.
दूसरी तरफ उसे भी बहुत दर्द हो रहा था.
मैंने एक बार पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार झटका मारा.
इस बार पूरा का पूरा लंड सरसराते हुए अन्दर चला गया.
वह छटपटा उठी और बेहोश-सी हो गई.
मैंने उसके सिर को हिलाया, लेकिन वह कुछ रिएक्ट नहीं कर रही थी.
मैं बहुत डर गया कि साली कहीं मर तो नहीं गई!
फिर मैंने उसे देर तक चूमा-चाटा.
जब वह होश में आई, तो हंसने लगी और बोली- बहुत ज़ालिम हो तुम! पूरा घुसा दिया, बिल्कुल रहम नहीं है तुम्हारे दिल में!
अब मैंने झटके लगाना शुरू किए.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.
लगभग 10 मिनट बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा.
मैंने कहा- शिवानी, मैं आ रहा हूँ.
वह बोली- मैं भी आने वाली हूँ.
फिर 10-15 झटकों के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, जिससे सब गीला-गीला हो गया.
मैंने भी स्पीड बढ़ाई और जल्दी-जल्दी धक्के मारने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड झटके से बाहर निकाला और उसके पेट पर वीर्य गिरा दिया.
झड़ने के बाद मैं उसके बगल में लेट गया.
उसने अपने पेट से मेरे माल को साफ किया और मुझसे चिपक गई.
उसने मेरे सिर में हाथ फेरना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने कहा- हां!
वह बोली- अब नहीं.
लेकिन मैं कहां सुनने वाला था!
मैंने उसकी टांग पकड़ी, साइड किया और पूरा लौड़ा अन्दर घुसेड़ दिया.
अब वह धीरे-धीरे आवाज़ें निकालने लगी.
मैं कभी तेज़ धक्के लगाता, तो कभी आराम से.
वह कहने लगी- आह … ऐसा लग रहा है आज तो जान ही निकाल दोगे!
मैंने कहा- जान नहीं, जानेमन! तुम्हें ज़िंदगी का असली सुख मिलेगा.
कुछ समय बाद मुझे सुरसुरी हुई और झड़ने का समय आ गया.
मैंने जल्दी-जल्दी धक्के लगाए और 10-15 झटकों के बाद मैं झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया.
हॉट कजिन सेक्स के कुछ समय बाद हम दोनों उठे, कपड़े पहन कर खड़े हो गए.
हम दोनों का एक-दूसरे को छोड़ने का मन नहीं कर रहा था.
वह फिर से मेरी बांहों में आ गई और हम दोनों एक-दूसरे से लिपट गए.
मैंने उसे अपने साथ चिपका कर मोबाइल से दो सेल्फ़ी फोटो लिए और उसे किस किया.
फिर मैंने कहा- घर के लोग जाग न जाएं, मैं चलता हूँ.
उसने कहा- फिर कब आओगे?
मैंने कहा- जब तुम बुलाओगी, मैं आ जाऊंगा.
उसने मुस्कुरा कर मुझे विदा कर दिया.
तो दोस्तो, ये थी मेरी रियल सेक्स स्टोरी चुदाई का सुख लेने की.
ये मेरी पहली कहानी है. हॉट कजिन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, अपनी राय ज़रूर दें!
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