गे लेस्बियन मैरिज स्टोरी में मैं गांडू हूँ पर घर वाले शादी के लिए कह रहे थे. मैंने अपने लिए अपनी दोस्त की मदद से एक लेस्बियन लड़की ढूंढ कर शादी की ताकि हम दोनों अपने शौक पूरे कर सकें.
दोस्तो, मैं रतन आपको अपने एक प्रशंसक राहुल की गे सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
दो मजदूरों से गांड मरवाई
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि राहुल के दोनों नौकर सोमेश और वीरेन ने उसकी मस्ती से गांड मारना शुरू कर दी थी.
अब आगे की गे लेस्बियन मैरिज स्टोरी आप राहुल की जुबानी ही सुनें.
दोस्तो, मैं आपका दोस्त राहुल.
जब मुझे लगा कि अब मैं अपने दोनों नौकरों के साथ एक ही शाम मजे कर सकता हूँ, तो मैंने अपना प्रोग्राम बनाया.
चूंकि मुझे दोनों को खुश रखना था, हफ्ते में दो दिन जाने से काम बन जाएगा.
एक शाम मैंने सोमेश वीरेन दोनों को तैयार रहने को कहा.
बेडरूम में सोमेश ने मेरे बायीं चूची पर पर कब्ज़ा कर लिया, वीरेन ने दाहिने चूचे पर.
मेरे दोनों चूचे एक साथ चूसे जा रहे थे, इससे मुझे असीम आनन्द आया.
मैंने दोनों के लंड चूसे, दोनों ने मेरे लौड़े को चूसा.
मैं नीचे फर्श पर मजबूत व कम ऊंची टेबल पर गद्दा बिछाकर घोड़ी बन गया.
वीरेन मेरी गांड मार रहा था, सोमेश बैठकर मेरे दोनों लटकते चूचे दबा रहा था, निप्पल ऐसे मरोड़ खींच रहा था, जैसे दूध निकाल रहा हो.
मैं आनन्द से लड़कियों की तरह सिसकारी ले रहा था.
मैं अपना लंड बिना छुए झड़ गया.
वीरेन ने झड़ने के बाद थोड़ा आराम किया.
सोमेश मिसनरी पोजीशन में मेरी गांड मारने लगा.
वीरेन मेरे चूचे चूसने दबाने लगा.
मैं दूसरी बार झड़ गया.
मैंने पेट के बल लेटकर अपने कूल्हे हाथ से फैला दिए.
सोमेश ने इत्मीनान से मुझे काफी देर चोदा.
चुदाई के बाद दोनों ने कहा- मेरे शरीर के बाल ट्रिमर से छोटे कर देते हैं, तो मेरा बदन और अच्छा लगेगा.
मेरे राजी होते ही उन्होंने मेरे शरीर के बाल साफ़ कर दिए.
अगली बार आने से पहले मैंने अपने कूल्हों के बाल वीट से साफ़ किये, आइने में देखा, मेरे कूल्हे चिकने लग रहे थे.
उस शाम लंड चुसाई के बाद दोनों को चित लिटाकर बारी बारी उनके लंड की सवारी की.
फिर उन्होंने मुझे अलग अगल आसनों में चोदा.
उस दिन सोमेश, वीरेन एक साथ बोले कि यदि आप साड़ी पहन कर चुदें … तो हम दोनों को और ज्यादा मजा आएगा.
मैंने हंस कर कहा कि अगली बार पहनूंगा.
अगली बार मैंने दोनों से कहा कि आज एक सरप्राइज है. मेरे बुलाने पर बेडरूम आना.
मैंने पतली पारदर्शी साड़ी, पहनी बिना ब्रा पैंटी साया ब्लाउज के.
पारदर्शी साड़ी से मेरे चूचे दिख रहे थे.
मैंने लिपस्टिक बिंदी भी लगायी, कान के झुमके भी पहने.
फिर मैंने आइने में देखा, तो मैं सुंदर लड़की लग रही थी.
किसी के छूने से पहले ही मैं खुद को लड़की महसूस करने लगा.
मैंने दोनों को अन्दर बुलाया.
सोमेश, वीरेन अन्दर आए मुझे लड़की के रूप में देखकर देखते रह गए.
दोनों के हाथ में मंगलसूत्र थे मुझे पहनाया.
उस रात घमासान यौन क्रीड़ा हुई.
जब मैं कम ऊंची टेबल पर घोड़ी बनकर चुद रहा था, तो मैंने सामने लगे आइने में देखा कि दोनों के मंगलसूत्र मेरे फूले हुए चूचों के बीच झूल रहे थे.
उसके बाद से जब भी मैं उनसे बेडरूम में मिलता, तो लड़की बनकर ही मिलता.
वे दोनों गोदाम का काम अच्छे से कर रहे थे, दिन के समय वे दोनों मुझसे कर्मचारी के समान पेश आते.
मुझे साहब कहते.
खाली जमीन पर सब्जी उगाकर उन्होंने अपनी आमदनी बढ़ा ली.
जब सोमेश गांव जाता तो मैं वीरेन के साथ मजे करता.
जब वीरेन गांव जाता, तब मैं सोमेश के साथ मजे करता.
ऐसे ही दो साल बीत गए.
हम तीनों खुश थे.
उन दोनों को मैंने अपना काल्पनिक नाम बताया था.
उन्हें अपनी दुकान के बारे में भी अब तक कुछ नहीं बताया था.
घर में मेरी शादी की बात होने लगी, मुझे लड़कियों की फोटो दिखाई जाने लगी.
मैंने सबको नापसंद कर दिया.
मैं अपने सेक्स जीवन से खुश था और मुझे डर था कि यदि पत्नी को मेरे गे संबंधों के बारे में पता चला, तो मुश्किल होगी.
ऐसा नहीं था कि मुझे लड़कियां पसन्द नहीं थीं, पर मजा गांड मरवाने में ही आता था.
जब मैं बीकॉम में पढ़ रहा था, उस समय दोस्तों के साथ पिक्चर या पिकनिक जाते समय हम लोग जोड़े बना लेते थे.
मेरी जोड़ीदार स्मिता थी.
हमने एक दूसरे को चूमा, आलिंगन में लिया था.
मैंने स्मिता के चूचे भी दबाये थे.
एक बार पिकनिक में हम रात रिसॉर्ट में रुके थे.
लड़के एक कमरे में, लड़कियां दूसरे कमरे में.
मेरे बहुत कहने पर कि मुझे उसका शरीर बिना कपड़ों के देखना है, रात को स्मिता नाइटी पहनकर रिसॉर्ट के बगीचे में आयी.
उसकी यह नाइटी सामने से खुलती थी.
उसने नाइटी सामने से खोली, फिर पहन ली.
उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था.
हम उससे आगे कभी नहीं बढ़े.
स्मिता बहुत बातूनी थी, मुझसे कुछ नहीं छुपाती थी.
हम दोनों गहरे दोस्त थे.
जब मैं एमबीए पढ़ने गया, मैंने स्मिता को फ़ोन किया … पर उसका नंबर बदल गया था.
एक दिन शॉपिंग मॉल में मेरी स्मिता से मुलाक़ात हुई.
हम दोनों ने रेस्ट्रॉन्ट में बैठकर पुरानी बातें याद कीं और खूब हंसे.
मैं- स्मिता, कोई बॉयफ्रेंड बनाया?
स्मिता- बॉय फ्रेंड तो नहीं बनाया, पर एक गर्लफ्रेंड बनाई है. हम दोनों लेस्बियन सेक्स का आनन्द खेल की तरह लेते हैं, स्ट्रैप ऑन डिल्डो पहन कर हमने एक दूसरे के साथ सम्भोग किया है. तुमने गर्लफ्रेंड बनाई?
मैं- गर्लफ्रेंड नहीं है, घर वाले मेरी शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे हैं.
मैंने सोचा मैं और स्मिता अच्छे दोस्त है, एक दूसरे को पसन्द करते हैं.हम चुम्बन आलिंगन कर चुके हैं. एक बार स्मिता ने अपना शरीर नाइटी हटाकर मुझे दिखाया भी था.
चूंकि स्मिता समलैंगिक संबंधों को बुरा नहीं मानती थी, तो स्मिता से शादी की जा सकती थी. उसके साथ सब कुछ खुला होगा तो शायद दोनों का जीवन सुखद होगा.
जब उसे मेरे समलैंगिक संबंध के बारे में पता चलेगा, तो वह भी इसे बुरा नहीं मानेगी.
ये सारे विचार दिमाग में आते ही मैंने से कहा- स्मिता, तू मेरे साथ शादी कर ले. अपन दोनों में अच्छी जमती है. मुझे तेरे लेस्बियन संबंध के बारे में कोई आपत्ति नहीं है. शादी के बाद भी तू अपनी गर्लफ्रेंड से संबंध रख सकती है.
स्मिता- राहुल तूने देर कर दी, मेरी शादी तय हो गयी है. तू मेरी गर्लफ्रेंड रति से शादी कर ले. वह मुझसे ज्यादा सुंदर है, तेरे समाज की भी है. उसे भी ‘जियो और जीने दो’ में विश्वास है.
स्मिता ने रति की कई फोटो मुझे दिखाईं.
मुझे रति पसन्द आ गयी.
स्मिता ने मुझसे वादा लिया कि मैं रति के लेस्बियन संबंध के बारे में किसी को नहीं बताऊंगा.
स्मिता ने रति को मेरी फोटो दिखाई, उसे मेरे बारे में बताया तो रति ने हां कह दी.
रति के परिवार वाले मेरे परिवार से मिले, मेरे साथ लड़की को देखा.
मैंने कहा कि लड़की पसन्द है, पर शादी पक्की करने से पहले मैं रति से मिलना चाहता हूँ.
सब राजी थे.
मैं और रति बगीचे में बैठकर बात करने लगे.
हम दोनों में दोस्ती हो गयी.
एक दिन रति बोली- राहुल, शादी पक्की होने से पहले मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूँ. मेरी बात सुनकर तुम यदि शादी नहीं करना चाहो तो इंकार कर सकते हो! परंतु पहले यह वादा करो कि तुम यह बात किसी से नहीं कहोगे!
मैंने वादा किया.
मुझे मालूम था कि रति क्या कहेगी.
मैं उसकी साफगोई से खुश हुआ.
रति- एक लड़की से मेरे लेस्बियन संबंध हैं. उसके साथ सेक्स करते समय मेरी योनि की झिल्ली टूट गयी है. शादी के बाद तुम्हें लगेगा कि मैं कुंवारी नहीं हूँ.
मैं- आजकल समलैंगिक संबंध हो जाता है. मैं तुम्हारी साफगोई से खुश हूँ, मैं तुमसे शादी करूँगा. तुम चाहो तो शादी के बाद भी लेस्बियन संबंध रख सकती हो.
मेरी शादी रति से हो गयी.
गे लेस्बियन मैरिज के बाद सुहागरात में जब मैंने रति से फोरप्ले के बाद उसके कपड़े उतारना शुरू किए, तो पहले तो वह शर्मायी … फिर खुल गयी.
मुझे रति के 34 बी साइज़ के चूचे दबाने चूसने में बड़ा मजा आया.
मैंने उसे मिसनरी आसन में चोदा, उसे दर्द नहीं हुआ क्योंकि उसकी चूत का उद्घाटन स्मिता स्ट्रैप ऑन डिल्डो से कर चुकी थी.
सम्भोग के समय रति ने कमर उठाकर साथ दिया.
मैंने लाल स्याही पहले से ही खरीद रखी थी.
सम्भोग के बाद मैंने लाल रंग की स्याही को पलंग पर बिछी सफ़ेद चादर पर डाल दी.
नयी चादर पलंग पर बिछा दी.
स्याही लगी चादर कपड़े धोने की बास्केट में डाल दी.
रति ने पूछा- आपने ऐसा क्यों किया?
मैं- मैंने देखा है कि किसी की सुहागरात के बाद सुबह कुछ महिलाएं चादर में खून लगा है या नहीं … यह चेक करती रही थीं. यदि खून नहीं मिला तो वे बात फैलाती हैं कि दुल्हन कुंवारी नहीं थी.
रति ने कहा- आपने मेरा दिल जीत लिया.
यह कहकर उसने मेरे होंठों पर कड़क चुम्बन दे दिया.
हम दोनों एक हफ्ते के लिए हनीमून मनाने गए.
उधर एक बार सोमेश का मिस कॉल आया, मैंने उसे फ़ोन करके कहा कि मैं शहर से बाहर हूँ … पंद्रह दिन बाद आऊंगा.
मैंने उसे शादी की बात नहीं बतायी.
मैं अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताता हूँ.
सोमेश वीरेन को मेरा नाम मेरी दुकान का नाम नहीं मालूम था.
हमने हनीमून में खूब मस्ती की.
रति पैर फैलाकर लेटी थी, मैं पहली बार चूत चूस रहा था.
रति ने अपने भगनासा पर उंगली रखकर कहा कि चूसने के साथ इसे भी उंगली से सहलाओ और हौले से मसल कर दबाओ.
मैं करने लगा.
कुछ देर सिसकारी भरने के बाद रति ने मेरा सर चूत में दबा दिया.
उसका बदन काँप उठा और वह धनुष सी टेड़ी हो गई.
उसकी चूत से निकले कामरस से मेरा चेहरा भीग गया.
थोड़ी देर बाद हमने 69 पोजीशन में एक दूसरे के लंड चूत चूसे, रति ने वीर्य पी लिया.
हमने हर रोज अलग अलग आसनों में जमकर कई कई बार सम्भोग किया.
हनीमून की आखरी रात हमने एक दूसरे की मालिश करना तय किया.
मैं अपने कूल्हे के बाल वीट से साफ़ करता हूँ, उस पर क्रीम लगाता रहता हूँ.
मैं पेट के बल लेटा था, रति ने मेरे कूल्हों की मालिश करते समय कहा कि राहुल तुम्हारे कूल्हे बाल रहित चिकने सुडौल और सुन्दर हैं. तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड होता तो खुश हो जाता!
मेरे मुँह से निकल गया- मेरे बॉयफ्रेंड को मेरे चिकने कूल्हे अच्छे लगते हैं.
उसके बाद मैंने रति की मालिश की.
फिर जमकर सम्भोग किया.
सम्भोग के बाद रति ने पूछा- तुमने कहा कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड है क्या … सच में है या मजाक कर रहे हो?
मैंने सोचा कि यही सही मौका है.
मैंने बता दिया कि मेरे भी समलैंगिक संबंध हैं.
किसके साथ हैं, यह नहीं बताया.
मैंने कभी भी रति से उसकी गर्लफ्रेंड का नाम नहीं पूछा.
मुझे मालूम था रति की गर्लफ्रेंड स्मिता है, पर मैंने रति को यह बात नहीं बतायी.
रति ने भी मेरे बॉयफ्रेंड का नाम नहीं पूछा.
फिर हमने तय किया कि रति अपनी गर्लफ्रेंड के साथ हमारे बेडरूम में मजा करेगी.
मैं अपने बॉयफ्रेंड से मिलने जाऊंगा इससे सेक्स में नीरसता नहीं आएगी. हम लोग डिनर परिवार के साथ लेंगे.
हम घर वापस आए.
शाम मैं वीरेन, सोमेश के साथ बिताने लगा.
रति स्मिता के साथ.
रति के पास काफी सेक्स टॉयज थे.
एक रात सम्भोग से पहले रति दो आस प्लग दिखाकर बोली कि उसे पीछे लगाकर सम्भोग करने से मजा आता है, करके देखो.
हमने अपनी अपनी गांड में आस प्लग डालकर सम्भोग किया.
सच में बड़ा मजा आया.
रति ने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड ने स्ट्रैप ऑन डिल्डो उसकी गांड में नहीं डाला है.
उसने पूछा कि क्या गांड मरवाने में बहुत मजा आता है?
मैंने कहा- मरवा कर देखो!
रति गांड मरवाने के लिए राजी हो गयी.
मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर रति की गांड इत्मीनान से मारी.
पहले उसे थोड़ा दर्द हुआ, फिर मजा आया.
तब से मैं रति की चूत गांड दोनों मारने लगा.
मैं सिर्फ इतना ख्याल रखता कि गांड मारने के बाद लंड बिना धोये चूत में नहीं डालता.
ऐसा इन्फेक्शन से बचने के लिए करता हूँ और सभी को करना भी चाहिए.
किसी की गांड मारने के बाद अपना लंड साबुन से धोना चाहिए.
हम दोनों ने तय किया था कि हम दोनों 3 साल तक मजे करेंगे, फिर ब/च्चे के बारे में तय करेंगे.
रति परिवार नियोजन की पिल्स लेने लगी थी.
हमारी शादी के दो साल हो गए हैं.
हम दोनों अपने अपने समलैंगिक साथी के साथ हफ्ते में दो तीन बार मजे करते हैं.
स्मिता की शादी इसी शहर में हुई है, वह हमारी पारिवारिक मित्र हो गयी है.
जब वह रति के साथ बेडरूम में जाती है, तो घर वालों को कुछ भी गलत नहीं लगता है.
जब स्मिता के पति टूर पर रहते हैं, उस वक्त रति उसके घर जाती है. हम सभी खुश हैं.
आपको यह गे लेस्बियन मैरिज स्टोरी कैसी लगी, जरूर बताएं.
ईमेल में कहानी का नाम अवश्य लिखें, मैंने बहुत सी कहानियां लिखी हैं.
आपका रतन दत्त
[email protected]