गर्म सिस Xxx कहानी में मेरी छोटी बहन बहुत सेक्सी है वह ममता कुलकर्णी जैसी दिखती है. मैं उसकी ब्रा पैंटी देखता रहता हूँ. वह भी जानबूझकर मेरे साथ गर्म बातें करती थी.
नमस्कार! मेरा नाम अमित है।
मैं उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का रहने वाला हूँ।
यह गर्म सिस Xxx कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है।
मेरे घर में चार सदस्य हैं: मेरी मम्मी वीना, जिनकी उम्र 45 वर्ष है; मेरे पापा रमेश, जिनकी उम्र 48 वर्ष है; मेरी छोटी बहन रिया, जिसकी उम्र 19 वर्ष है; और मैं, मेरी उम्र 21 वर्ष है।
हम एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं।
मेरे पापा एक बैंक मैनेजर हैं, मेरी मम्मी एक अध्यापिका हैं, मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ, और मेरी बहन कॉलेज में दाखिला लेने वाली है।
मेरी बहन और माँ दोनों ही बहुत सुंदर हैं।
मेरी माँ बहुत सज-धजकर स्कूल जाती हैं।
वे इतनी सुंदर और आकर्षक लगती हैं कि जब वह स्कूल के लिए निकलती हैं तो पूरी कॉलोनी उन्हें देखती रहती है।
बूढ़े से लेकर जवान तक, कोई भी उन्हें देखे बिना रह नहीं पाता!
मेरी माँ की लंबाई करीब पाँच फीट पाँच इंच होगी।
उनका फिगर लगभग 38-26-36 का है। उनका रंग बहुत गोरा है.
और उनके बूब्स काफी भारी लगते हैं क्योंकि उनका शेप D है।
वे बहुत कसी हुई ब्रा पहनती हैं।
कई बार जब वे घर में काम करती हैं, तो मुझे उनका क्लीवेज दिख जाता है।
उनके दूध जैसे सफेद क्लीवेज को देखकर मेरा दिमाग खराब हो जाता है लेकिन फिर भी मैंने उनके बारे में कभी गलत नहीं सोचा।
मेरी बहन रिया बिल्कुल मेरी माँ पर गई है।
उसकी लंबाई थोड़ी कम, करीब पाँच फीट तीन इंच है लेकिन उसके बूब्स भी मेरी माँ की तरह काफी सुडौल हैं और उनका शेप भी D है।
उसकी गांड मेरी मम्मी से थोड़ी छोटी, लगभग 36 होगी लेकिन उसके कूल्हे एकदम गोल-मटोल और बहुत मुलायम हैं।
मेरी लंबाई करीब छह फीट है और मैं शरीर से फिट हूँ।
मैं स्पोर्ट्स नहीं खेलता बल्कि पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देता हूँ।
मैं हमेशा क्लास में टॉप 5 में रहता हूँ इसलिए मेरी पूरी फैमिली मुझसे बहुत खुश रहती है, खासकर मेरी माँ।
उन्हें पढ़ने वाले बच्चे बहुत पसंद हैं।
मेरी बहन भी काफी होशियार है।
हम दोनों एक ही स्कूल से पढ़े हैं और वह मुझसे दो साल पीछे थी।
मैं और मेरी बहन बचपन से ही एक-दूसरे के बहुत करीब रहे हैं।
हम एक-दूसरे से सारी बातें शेयर करते हैं।
करीब एक साल पहले, हम दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे।
तब उसने मुझसे पूछा, “भाई, आपकी गर्लफ्रेंड कौन है?”
“मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है!” मैंने जवाब दिया।
“झूठ मत बोलो! तुम अच्छे दिखते हो, इंटेलिजेंट भी हो, फिर गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? या कोई पसंद नहीं आई?” रिया ने चुटकी लेते हुए कहा।
“यही समझ ले, कोई पसंद नहीं आई!” मैंने हल्के से जवाब दिया।
“क्यों? तुम्हें कैसी लड़की पसंद है? सेक्सी टाइप या सिंपल टाइप?” उसने उत्सुकता से पूछा।
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा।
उस वक्त वह शॉर्ट्स और टॉप पहने थी, जो वह घर में अक्सर पहनती है।
उसकी गोरी-गोरी टाँगें पूरी जाँघों तक दिख रही थीं।
जब वह चलती तो उसके दोनों नितंब बबल गम की तरह हिलते थे।
मैं उसकी पैंटी लाइंस भी देखता था जो उसके शॉर्ट्स में साफ दिखती थीं.
लेकिन आज पैंटी लाइंस नहीं दिख रही थीं।
इसका मतलब था कि उसने आज पैंटी नहीं पहनी थी।
यह देखकर मेरे पैंट में हलचल होने लगी।
मैंने संभलते हुए जवाब दिया, “मुझे सेक्सी टाइप अच्छी लगती है, जिससे सिर्फ हुकअप करना हो, लेकिन गर्लफ्रेंड के लिए दोनों का मिक्स्ड टाइप होना चाहिए!”
वह हँसकर बोली, “मेरे जैसी?”
मैं भी हँसने लगा और बोला, “हाँ, तू भी सेक्सी है और सिंपल भी!”
हमारी बातें इसी तरह आगे बढ़ीं।
“हो भैया! आपको आपकी बहन सेक्सी लगती है?” रिया ने शरारत भरे अंदाज में पूछा।
“तो क्या हुआ? तू भी तो लड़की ही है! इतनी सुंदर है, और तू घर पर छोटे-छोटे कपड़े पहनती है, तो सेक्सी तो लगेगी ही!” मैंने जवाब दिया।
“आपको मेरे कपड़े छोटे लगते हैं?” उसने आँखें मटकाते हुए पूछा।
“और क्या! देख, तेरे शॉर्ट्स में तेरी पूरी टाँगें दिखाई देती हैं। तेरा टॉप कितना हल्का है, तेरी पूरी ब्रा दिख रही है!” मैंने थोड़ा मस्ती भरे अंदाज में कहा।
“भैया, आप मेरी ब्रा भी देखते हो?” उसने हैरानी जताते हुए पूछा।
“अरे, वो तो दिख रही है, तेरे टॉप के अंदर!” मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
“अच्छा, अगर मेरे कपड़े हल्के हैं, तो मेरी ब्रा और पैंटी का रंग बता के दिखाओ!” उसने चुनौती दी।
मैंने उसे अपने और पास बिठा लिया।
अब मैं बिल्कुल पास से उसके बूब्स की तरफ देख रहा था।
मेरा मन कर रहा था कि उन्हें हाथों में भर लूँ.
लेकिन मैंने कंट्रोल किया।
मैं थोड़ी देर तक उसके बूब्स को अलग-अलग एंगल से घूरता रहा।
वह थोड़ा शरमा रही थी लेकिन मुझे पता था कि उसे यह सब मजेदार लग रहा था।
मैंने जवाब में ग्रीन रंग बता दिया।
“गलत जवाब!” उसने हँसते हुए कहा।
“दिखाओ, मैंने सही जवाब दिया है!” मैंने कहा।
“आप अपनी बहन की ब्रा देखना चाहते हो?” उसने शरारत भरी नजरों से पूछा।
“मुझे चैलेंज जीतना है बस!” मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
मैं सोच रहा था कि वह मुझे ब्रा का स्ट्रैप दिखाएगी.
लेकिन उसने जो किया, मैं दंग रह गया।
उसने अपना टॉप पूरा उठाकर गर्दन तक कर लिया।
उसके दोनों बूब्स, जो आधे-आधे ब्रा में कैद थे, मेरे सामने थे।
वे दूध जैसे सफेद थे, और ब्लू रंग की ब्रा उन्हें नीचे से बांधे हुए थी।
यह देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा होने लगा।
मैंने किसी तरह हाथ रखकर उसे छुपाया।
उसने टॉप नीचे किया और बोली, “देखा, आपने गलत जवाब दिया! मेरी ब्रा ब्लू रंग की है!”
फिर वह खड़ी हो गई और मेरी तरफ गांड करके बोली, “अब पैंटी का रंग बताओ!”
मेरी हालत पहले से ही खराब थी। जब मैंने उसकी गांड को गौर से देखा, तो हालत और बिगड़ गई।
मैं बेड पर बैठा था, और वह मेरे सामने लगभग पाँच इंच की दूरी पर खड़ी थी। उसकी गांड मेरे मुँह के ठीक सामने थी। मुझे पता था कि उसने पैंटी नहीं पहनी है, फिर भी मैंने कहा, “व्हाइट रंग है!”
“ये भी गलत! मैंने तो पैंटी पहनी ही नहीं है!” उसने शरारत भरे अंदाज में कहा।
“मैं नहीं मानता!” मैंने जवाब दिया।
उसने अपना शॉर्ट्स आधा नीचे खिसका दिया और बोली, “अब तो यकीन हो गया?”
वो दृश्य देखकर मेरे मुँह से आवाज़ नहीं निकली।
उसके दोनों नितंब आधे-आधे आज़ाद थे।
मेरी भारी-भारी साँसें उनसे टकरा रही थीं।
मुझे लग रहा था कि वो अपने आप मेरे मुँह के पास आ रहे हैं।
मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।
इस बार रिया ने भी मेरे पैंट की तरफ देखा और समझ गई।
“ठीक है, भैया! काफी लेट हो गया, अब मैं सोने जा रही हूँ!” उसने कहा।
“ठीक है, जा!” मैंने जवाब दिया।
उसके जाने के बाद मैं तुरंत वॉशरूम में गया और मुठ मारने लगा।
मैंने आँखें बंद कीं और मेरी बहन के ब्रा में कैद बूब्स और नितंब मुझे दिखने लगे।
थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया, बहुत सारा वीर्य निकला।
मेरे लंड से पिचकारियाँ छूटती रहीं।
मैंने जिंदगी में पहली बार इतना वीर्य निकाला था, और वो भी अपनी बहन को याद करके।
बिस्तर पर लेटकर मैं सोचने लगा।
मुझे पता चल गया था कि मेरी बहन मुझसे चुदवाने को तैयार है।
बस मुझे पहल करनी थी।
मैंने सोचा कि हर रात हम ऐसा ही कोई खेल खेलेंगे और बात को आगे बढ़ाएँगे।
अगले दिन सब कुछ सामान्य रहा।
रिया सुबह तैयार होकर स्कूल गई।
वह उस वक्त 11वीं के एग्जाम दे रही थी, और मैं कॉलेज की छुट्टियों में घर आया हुआ था।
जब वह लौटी, तब घर पर कोई नहीं था।
मैंने उससे एग्जाम के बारे में पूछा।
उसने बताया कि उसका एग्जाम बहुत अच्छा हुआ था।
वह पढ़ाई में हमेशा अच्छी रही है।
वह उस वक्त स्कूल यूनिफॉर्म में थी—शर्ट और स्कर्ट।
वह पेट के बल लेटकर मुझे जवाब दे रही थी।
उसकी स्कर्ट थोड़ी ऊपर हो गई थी, जिससे उसकी पैंटी नीचे से दिख रही थी।
मैंने मजाक में कहा, “आज तो तूने पैंटी पहनी हुई है!”
“आपको मेरी पैंटी दिख रही है क्या?” उसने पूछा।
“हाँ, दिख रही है!” मैंने जवाब दिया।
“स्कूल में तो पहनकर जाऊँगी ना, भैया! आप क्या चाहते हो कि स्कूल में भी बिना पैंटी जाऊँ?” उसने हँसते हुए कहा।
“तो घर पर क्यों नहीं पहनती?” मैंने पूछा।
“कभी-कभी मेरा मन बिल्कुल नंगी रहने को करता है लेकिन फिर भी मैं शॉर्ट्स पहन लेती हूँ। बताओ, आपको मैं कैसे अच्छी लगती हूँ … पैंटी पहने हुए या बिना पैंटी के?” उसने शरारत भरे अंदाज में पूछा।
“मैंने तो तुझे सिर्फ शॉर्ट्स में देखा है। उसके अंदर पैंटी हो या न हो, क्या फर्क पड़ता है!” मैंने जवाब दिया।
उसने अपनी स्कर्ट पीछे से और ऊपर कर दी।
उसकी पूरी पैंटी दिखने लगी।
वह बहुत छोटी पैंटी थी जिसमें उसके आधे कूल्हे ही ढके थे।
मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा।
“ये पैंटी काफी कंफर्टेबल है ना?” मैंने पूछा।
“हाँ, बहुत कंफर्टेबल है!” उसने जवाब दिया।
मैंने अपना हाथ उसके कूल्हों पर रख दिया और कहा, “हाँ, कपड़ा बहुत मुलायम है!”
वह चुप रही। मेरा हाथ उसकी पैंटी के साथ-साथ उसके आधे नितंबों पर भी था।
मेरा मन कर रहा था कि मैं थोड़ा दबा दूँ, लेकिन मैंने कंट्रोल किया।
“अब बिना पैंटी के दिखाओ!” मैंने कहा।
वह उठकर बैठ गई और बोली, “वो कभी बाद में दिखाऊँगी!”
तभी मैंने गौर किया कि उसकी पैंटी आगे से हल्की-हल्की गीली हो गई थी।
शायद इसलिए वह जाने लगी।
मैंने उसे रोकते हुए कहा, “आज रात मेरे रूम में आना। हम कल की तरह कुछ खेलेंगे!”
“ओके!” उसने कहा और चली गई।
हमारे घर में कुल चार कमरे हैं।
दो नीचे और दो ऊपर।
नीचे वाले कमरों में एक मम्मी-पापा का है और दूसरा गेस्ट रूम।
ऊपर वाले कमरे मेरे और रिया के हैं।
रात में मैं अपने कमरे में रिया का इंतज़ार करने लगा।
मैं सोच रहा था कि आज पक्का कुछ कर लूँगा क्योंकि मुझे पता था कि रिया भी यही चाहती है।
तभी उसने धीरे से दरवाज़ा खटखटाया।
“गेट खुला है, आ जा!” मैंने कहा।
वह अंदर आई और गेट बंद करके मेरे बेड पर आ गई।
वह वही शॉर्ट्स और टॉप पहने थी।
“भैया, क्या खेलने का प्लान है?” उसने आते ही पूछा।
“तू बता!” मैंने कहा।
“आपने बुलाया, आप बताओ!” उसने जवाब दिया।
“मैं तो बस अपनी सेक्सी बहन के साथ टाइम बिताना चाहता था!” मैंने मस्ती भरे अंदाज में कहा।
“ओहो, सेक्सी बहन! आप भी तो बहुत सेक्सी हो, भैया!” उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा।
“चलो, ट्रुथ और डेयर खेलते हैं!” उसने सुझाव दिया।
“ठीक है!” मैंने सहमति जताई।
हमने ट्रुथ और डेयर शुरू किया।
“पहले आपकी बारी! ट्रुथ या डेयर?” रिया ने पूछा।
“ट्रुथ!” मैंने कहा।
“क्या मैं आपको सच में सेक्सी लगती हूँ, या आप मजाक में बोल रहे थे?” उसने पूछा।
“सच में सेक्सी लगती है, और सुंदर भी!” मैंने जवाब दिया।
वह सुनकर बहुत खुश हुई, उसके होठों पर स्माइल आ गई।
“ओके, अब तेरी बारी! ट्रुथ या डेयर?” मैंने पूछा।
“डेयर!” उसने उत्साह से कहा।
“तूने मुझे कल अपनी ब्रा दिखाई थी। तेरा डेयर है कि तू पूरा गेम सिर्फ अपनी ब्रा में खेलेगी!” मैंने कहा।
वह पहले तो शॉक्ड हुई, फिर उसने अपना टॉप उतारकर एक तरफ रख दिया और अपनी ब्रा एडजस्ट की।
उसने काली ब्रा पहनी थी।
वह बहुत सेक्सी लग रही थी।
वह शर्म से मेरी नजरें चुरा रही थी।
“ओके, अब आपकी बारी! ट्रुथ या डेयर?” उसने पूछा।
“इस बार डेयर!” मैंने कहा।
“आप बार-बार मुझे सेक्सी बोल रहे हो। आपका डेयर है कि आप मुझे ब्रा के ऊपर से टच करो!” उसने शरारत भरे अंदाज में कहा।
यह सुनकर मैं शॉक्ड हो गया, लेकिन मन ही मन खुश भी हुआ।
मुझे पता था कि अब रुकने का कोई फायदा नहीं।
हम दोनों ही चाहते थे कि चीज़ें आगे बढ़ें।
मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया।
उसका आधा बूब और ब्रा टच हो रही थी।
ब्रा के ऊपर से ही मुझे उसका निप्पल फील हुआ।
मैंने उसे रगड़ा, तो वह सिसकारी लेने लगी।
फिर मैंने हाथ दबा दिया।
उसने आँखें बंद कर लीं।
मैंने दोनों हाथों से उसकी ब्रा और बूब्स दबाने शुरू किए।
मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था, और मेरे लोअर में तंबू बन गया था।
“अब हम सिर्फ डेयर करेंगे?” मैंने पूछा।
“ओके, भैया!” उसने जवाब दिया।
“तेरा डेयर है कि तू अपनी ब्रा उतार दे और मुझे अपने बूब्स दिखा!” मैंने हिम्मत जुटाकर कहा।
रिया ने एक पल के लिए मेरी तरफ देखा, फिर बिना कुछ कहे उसने अपनी ब्रा के हुक खोल दिए।
उसकी ब्रा नीचे गिरी और उसके गोरे, सुडौल बूब्स मेरे सामने थे।
उनके गुलाबी निपल्स सख्त हो चुके थे।
मैंने अपने आप को रोक नहीं पाया और धीरे से उसके एक बूब को छुआ।
वह हल्के से सिहर उठी।
“भैया, ये गलत है ना?” उसने धीमी आवाज़ में कहा लेकिन उसकी आँखों में शरारत थी।
“अगर तुझे अच्छा लग रहा है, तो गलत कैसा?” मैंने जवाब दिया।
मैंने उसके दोनों बूब्स को अपने हाथों में लिया और धीरे-धीरे दबाने लगा।
वह सिसकारियाँ ले रही थी।
मैंने अपना मुँह पास ले जाकर उसके एक निप्पल को चूमा।
उसने मेरे बाल पकड़ लिए और मुझे और पास खींच लिया।
मैंने उसके निपल्स को चूसना शुरू किया।
उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं।
“भैया, और डेयर दो!” उसने साँसों के बीच कहा।
“तेरा डेयर है कि तू अपने शॉर्ट्स उतार दे!” मैंने कहा।
उसने तुरंत अपने शॉर्ट्स उतार दिए।
जैसा मुझे शक था, उसने नीचे कुछ नहीं पहना था।
उसकी चिकनी, गोरी चूत मेरे सामने थी।
मैंने अपना हाथ वहाँ ले जाकर धीरे से छुआ।
वह गीली हो चुकी थी।
“भैया, अब आपकी बारी!” उसने कहा।
“बता, मेरा डेयर क्या है?” मैंने पूछा।
“आप अपना लोअर उतारो और मुझे दिखाओ!” उसने शरारत भरे अंदाज में कहा।
मैंने तुरंत अपना लोअर और अंडरवियर उतार दिया।
मेरा खड़ा लंड उसके सामने था।
उसने उसे देखा और शरमाते हुए मुस्कुराई।
“ये तो बहुत बड़ा है, भैया!” उसने हँसते हुए कहा।
“अब तेरा डेयर है कि तू इसे छू!” मैंने कहा।
उसने हिचकिचाते हुए मेरा लंड अपने हाथ में लिया।
उसका मुलायम हाथ मेरे लंड पर था और मैं सातवें आसमान पर था।
उसने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया।
मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे और तेज़ करने को कहा।
“भैया, ये गेम बहुत आगे जा रहा है!” उसने कहा.
लेकिन उसकी आवाज़ में मज़ा साफ झलक रहा था।
“तो रुक जाएँ?” मैंने पूछा।
“नहीं, अब तो पूरा खेल खेलेंगे!” उसने हँसते हुए जवाब दिया।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर आ गया।
मैंने उसके होंठों को चूमा।
वह भी मुझे जोश के साथ चूमने लगी।
मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था।
मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा।
गर्म सिस Xxx सिसकारियाँ ले रही थी।
“भैया, डाल दो ना!” उसने धीमी आवाज़ में कहा।
मैंने और इंतज़ार नहीं किया।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत में धीरे-धीरे डाला।
मुझे लगा कि मेरी बहन पहली बार चुद रही है.
उसे दर्द हुआ तो वह थोड़ा चीखी, लेकिन फिर उसने मुझे कसकर पकड़ लिया।
मैं धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी सिसकारियाँ तेज़ हो गईं।
कुछ ही मिनटों में हम दोनों का जोश चरम पर था।
मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी।
“भैया, और तेज़!” उसने कहा।
मैंने पूरी ताकत से धक्के मारने शुरू किए।
कुछ ही देर में वह झड़ गई।
उसकी चूत से गर्म रस के साथ थोड़ा खू.न भी निकल रहा था।
मैं भी अब झड़ने वाला था।
“रिया, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैंने कहा।
“अंदर ही छोड़ दो, भैया!” उसने जवाब दिया।
मैंने अपने वीर्य की पिचकारियाँ उसकी चूत में छोड़ दीं।
हम दोनों हाँफ रहे थे।
मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और एक-दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराए।
“भैया, ये हमारा सीक्रेट रहेगा ना?” उसने पूछा।
“बिल्कुल, मेरी सेक्सी बहन!” मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और वह अपने कमरे में चली गई।
उस रात के बाद हमारा रिश्ता और करीब हो गया।
हम दोनों अब भी कभी-कभी ऐसे गेम खेलते हैं, लेकिन हमेशा सावधानी बरतते हैं कि किसी को पता न चले।
यह हमारा छोटा सा सीक्रेट है, जो हमें और करीब लाता है।
कैसी लगी मेरी गर्म सिस Xxx कहानी?
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