गरम सिस सेक्स कहानी में मैंने अपनी दो छोटी बहनों को चोदा. वे दोनों खुद ही मुझसे सेक्स का मजा लेना चाहती थी. एक बार हम तीनों घर में अकेले थे तो पहली बार में ही मुझे 3सम का मजा मिला.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम विक्की साहू है और मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एक दूर-दराज के गांव में रहता हूँ.
रोजी-रोटी की तलाश में मैं गोरखपुर के तारामंडल में रहता हूँ और एक मॉल में सेल्समैन का काम करता हूँ.
ये गरम सिस सेक्स कहानी मेरी और मेरी छोटी बहनों के बीच हुए सेक्स की है.
मेरे परिवार में मम्मी-पापा, बड़ा भाई-भाभी, मैं और मुझसे दो छोटी बहनें हैं, जो मुझसे 3 साल और 5 साल छोटी हैं.
पापा काम के सिलसिले में अक्सर मुंबई रहते हैं और बड़े भाई, भाभी के दिल्ली में रहते हैं और वे एक MNC कंपनी में काम करते हैं.
वैसे मेरा बड़ा भाई बहुत ही कमीना है, जब से उसकी शादी हुई, वह भाभी की गांड के पीछे पड़ा रहता है और घर में एक रुपये का खर्च नहीं देता.
खैर … आप लोगों को ज्यादा बोर न करते हुए मैं सीधे कहानी पर आता हूँ.
मेरी बड़ी बहन लतिका, जो मुझसे 3 साल छोटी है, अब 22 साल की हो गई है और एकदम माल बन गई है, उसका साइज 34-28-36 है.
जब वह चलती है, तो उसकी गांड कहर ढाती है, जब भी वह झाड़ू लगाती है, मुझे उसकी जवानी के उभार दिखाई देते हैं.
मैं अक्सर उसे सोचकर मुठ मारता हूँ.
उसकी शादी की बात चल रही है लेकिन कहीं बात नहीं बन रही.
मेरी छोटी बहन वर्षा भी कम कहर नहीं ढहाती, घर में छोटी होने के कारण उससे अक्सर मेरी बात-बात में लड़ाई हो जाती है.
एक बार लड़ते समय गलती से उसकी चूची मेरे हाथ में आ गई और मैं दबाने लगा.
वह भी आंखें बंद करके मजे लेने लगी.
लेकिन जब उसे होश आया तो खुद को मुझसे छुड़ाकर जीभ दिखाकर भाग गई.
उस दिन के बाद मैंने ठान लिया कि अब इसे चोदना ही है, चाहे जैसे हो.
पर कैसे, ये समझ नहीं आ रहा था!
उस दिन के बाद जब भी मैं उसके पास जाता, वह मुझसे दूर भाग जाती थी.
मैं अक्सर मुठ मारकर रह जाता था.
एक दिन पापा ने मुंबई से फोन किया कि उनकी तबीयत खराब है और उन्होंने मम्मी को कुछ दिनों के लिए वहां बुला लिया.
मम्मी ने जाने से पहले मुझे गांव जाकर घर संभालने की हिदायत दी.
वे बोलीं- घर से ही जाकर काम कर लिया कर!
वैसे मुझे भी गोरखपुर में मन नहीं लग रहा था.
अब मुझे मौका था घर रहने का, तो मैंने तुरंत हां में सर हिला दिया.
मम्मी को ट्रेन में बिठाकर जब मैं घर आया, तो थकान के कारण नींद आने लगी थी.
बाहर तेज बारिश हो रही थी और बिजली भी तेज-तेज कड़क रही थी.
तभी मेरी दोनों बहनें मेरे पास आईं और बोलीं- भैया, हमें डर लग रहा है, क्या आप हमें अपने पास सुला लेंगे?
मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने तुरंत हां कह दिया.
तभी बहुत तेज बिजली चमकी और दोनों बहनों ने मुझे जोर से पकड़ लिया.
उस वक्त मैं सिर्फ हाफ चड्ढा पहने था. उनकी चूचियां मुझे अपने सीने पर महसूस हो रही थीं.
मैंने मौका देखकर वर्षा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
इससे वह भी गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी.
मैं जल्दी-जल्दी उसकी चूचियां दबाने लगा और एक हाथ की उंगलियों से उसकी बुर टटोलने लगा.
वह सेक्सी आवाजें निकालने लगी.
तभी लतिका बोली- भैया, मुझे तो आप भूल गए, क्या मैं सेक्सी नहीं हूँ?
मैं अपनी किस्मत पर हैरान था, गरम सिस सेक्स मांग रही थी. मैंने लतिका को किस करना शुरू किया.
वह वर्षा से भी ज्यादा गर्म लग रही थी.
मैं उसकी चूचियां मसलने लगा.
वह सेक्सी आवाज में बोली- भैया, मैं आपको बहुत प्यार करती हूँ, जब भी आपको देखती हूँ, मेरी बुर से पानी टपकने लगता है. प्लीज, आज मेरी बुर को आप पेल-पेलकर फाड़ दो!
मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए, तो वह बोली- मेरे कपड़े फाड़ दो भैया, जल्दी से अपना हथियार पेल दो, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है!
मैंने उसका टॉप उतारा और ब्रा फाड़ दी. उसके दोनों आम हवा में झूलने लगे.
मैंने अपनी बहन की एक चूची को मुँह में भर लिया और चूसते हुए पीने लगा.
वह मस्त हो गई और उसने मेरे दूसरे हाथ को अपनी दूसरी चूची पर रख दिया तो मैं उसको मसलने लगा.
दूसरी तरफ वर्षा अपने घुटनों पर आ गई और वह मेरे लंड को चूसने लगी.
मुझे लंड चुसवाने से जन्नत की हूर जैसा जैसा अनुभव हो रहा था कि कोई हूर मेरा लौड़ा चूस रही है.
तभी मेरी दोनों बहनों ने मिलकर मुझे बिस्तर पर धकेल दिया.
मैं जैसे ही बिस्तर पर गिरा, वे दोनों मेरे ऊपर चढ़ गईं.
लतिका ने अपनी बुर मेरे मुँह पर रख दी और मजे से चुत चुसवाने लगी.
जबकि वर्षा मेरे लंड को अपनी बुर में लेने लगी.
अपनी चुत मेरे लंड पर रगड़ कर अन्दर लेकर गरम सिस सेक्स का मजा लेने की कोशिश कर रही थी.
फिर जैसे ही मेरा 3 इंच मोटा और 7 इंच लंबा लंड उसकी बुर में गया, उसकी आंखें उलट गईं और वह बेहोश हो गई.
लतिका ने उस पर पानी डाला, तो उसे होश आया.
अब उसकी बुर से खू/न बहने लगा था. उसकी सील टूट चुकी थी.
असहनीय दर्द के कारण वह मेरे लंड को दोबारा डालने नहीं दे रही थी.
तब लतिका ने सरसों के तेल से मेरे लंड की मालिश की और वर्षा की बुर पर भी तेल लगाया.
फिर वह मेरे लंड को पकड़कर वर्षा की बुर में डालने लगी.
कुछ देर के दर्द के बाद वर्षा को लंड से राहत मिल गई और वह मजे से अपनी चुत की चुदाई का आनन्द लेने लगी.
उधर लतिका मेरे सामने अपनी बुर में उंगली करने लगी और बोली- भैया, मेरी बुर फाड़ दो … आपको नहीं पता, मैं आपको सोच-सोचकर कितनी बार उंगली करती थी … आपकी चड्डी को अपनी बुर में डाला करती थी. मेरा सपना था आपसे चुदवाने का, जो आज पूरा हुआ … प्लीज भैया, मुझे खूब पेलिए!
अब मैंने वर्षा को छोड़कर लतिका की बुर में अपना लंड डाला.
अभी 3 इंच ही गया होगा कि लतिका जोर-जोर से रोने लगी.
वह बोली- या तो मेरी बुर फाड़ दो, या लंड निकाल लो!
अब मैंने और तेजी से लंड डाला, तो वह बेहोश हो गई, पर मैं नहीं रुका.
उसकी बुर से खू/न आने लगा, जो मेरे लंड पर लग गया.
वर्षा उसे होश में लाने लगी और मैं उसे पेलता रहा.
थोड़ी देर बाद लतिका को होश आया, तो वह उछल उछल कर चुदवाने लगी.
अब वर्षा मेरे मुँह पर अपनी बुर रगड़ रही थी.
उस रात मैंने दोनों को 2-2 राउंड चोदा और थककर नंगे ही सो गया. वे दोनों भी सो गईं.
सुबह जब जगा, तो देखा कि लतिका अपनी नंगी बुर फैलाकर सो रही थी.
बहन की नंगी चूत पहला नजारा उत्तेजक था.
वर्षा उठकर मेरे लंड के साथ खेल रही थी.
वह कभी लंड को मुँह में ले रही थी, तो कभी बुर में लेने की कोशिश कर रही थी.
मैंने ध्यान दिया तो पाया कि वह मेरे लंड से अपनी गांड को भी कभी कभी रगड़ रही थी.
मैंने पूछा- इरादा क्या है?
वर्षा बोली- भैया, आज गांड भी मारो न!
मैंने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड के छेद पर भी थोड़ा तेल लगा दिया.
जैसे ही लंड उसकी गांड में डाला, वह जोर से चिल्लाई- आह … गांड में नहीं भैया … ऊई बहुत दर्द हो रहा है … आह कसम से, मर जाऊंगी!
उसकी तेज आवाज से लतिका जग गई. मैंने दोनों को जमकर चोदा.
बाथरूम में नहाते समय भी चोदा.
अब तो हालत ये है कि जब भी हम तीनों घर में अकेले रहते हैं, नंगे ही रहते हैं और जब मन करता है, खूब चुदाई करते हैं.
गरम सिस सेक्स कहानी पर आप चाहें तो मुझे ईमेल कर सकते हैं.
धन्यवाद.
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