देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी में मेरी मौसी की कमसिन बेटी की जवानी ज्यादा ही उफान पर थी. वह मुझे अपनी चूत में उंगली डाल कर उसकी खुशबू मुझे सुंघाती थी.
मेरा नाम दिनेश (बदला हुआ नाम) है. मैं बलिया उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.
मैं बहुत दिनों से देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी पढ़ता आ रहा हूं.
मुझे इन सेक्स कहानियों को पढ़ कर ही लगा कि मुझे भी अपनी सेक्स कहानी आपके मनोरंजन के लिए लिखना चाहिए.
ये सच्ची देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी तब की है, जब मैं 20 साल का था.
उस समय मैं अपने मामा के गांव में रहता था.
दरअसल मैं बचपन से ही वहां रहता था, कभी कभी अपने गांव जाता था.
उस समय मेरी मौसी की लड़की भी वहीं आई थी.
उसका नाम सीमा था.
एक दिन उसने अपनी बुर में उंगली की और उसी रस से सनी हुई उंगली को लेकर मेरे पास आई.
वह बोली- भईया ये देखो, कैसी महक आ रही है?
सच बताऊं तो मुझे उस समय पता नहीं था कि वह बुर की सुगंध है.
मैंने अभी तक किसी को चोदा नहीं था.
पर हां, कुछ वैसी ही सुगंध मेरे लंड से भी आती थी.
मैंने आज तक कभी उस महक को इतने ध्यान से सूंघ कर नहीं देखा था.
जब सीमा ने पूछा, तो मैं बोला- मुझे नहीं पता कि कैसी महक है. तुम बताओ?
वह बोली- मेरे पास एक क्रीम है, यह उसी की महक है.
अब उसका ये कारनामा रोज का हो गया था, पर मुझे तब भी नहीं पता चला था.
एक दिन मैंने कहा- मुझे आज तुम्हारी क्रीम को देखना है, दिखाओ.
वह बोली- अभी क्रीम खत्म हो गई है.
मुझे लगा शायद यह सच बोल रही होगी.
मुझे तो तब पता चला, जब एक दिन मैं पेशाब कर रहा था और अपने लंड को साफ कर रहा था कि अचानक से मेरा हाथ मेरी नाक पर गया.
मुझे कुछ वैसी ही सुगंध आई, तब मुझे लगा कि शायद वह अपनी बुर में उंगली करके बोलती है.
अगले दिन वह फिर से मेरे पास आई और बोली- भईया देखो, आज भी महक आ रही है.
मुझे शक तो था, पर उसे यकीन में बदलने के लिए मैंने उसे अपने पास बैठा लिया और उससे बात करने लगा.
मैं कुछ कुछ मस्ती भी करने लगा.
इसी मस्ती में मैंने अपना हाथ उसकी कच्छी में डाल दिया और उंगली उसकी बुर में डाल कर घुमा दी.
वह मेरे हाथ को हटा कर जाने लगी.
मैंने कहा- सॉरी गलती से चला गया.
वह बोली- कोई बात नहीं, मुझे नहाने जाना है.
उसके दो या तीन दिन बाद वह अपने गांव चली गई.
फिर दो साल बाद मैं भी अपने गांव गया.
एक बात बताना तो भूल ही गया, मेरा और उसका गांव एक ही जगह पर है. मेरे घर से उसका घर मात्र 500 मीटर दूर है.
जब मैं गांव गया, तो वह मुझे देख कर हंसने लगी.
कभी कभी मैं मौसी के घर चला जाता कभी कभी सीमा मेरे घर आ जाती.
एक दिन रात को वह मेरे घर पर सोने आई थी.
तो मैं और वह और मेरा भाई और मम्मी पापा सब एक साथ ही सोए थे.
पहले मैं था, मेरे बगल में वह थी. उसके बाद भाई … फिर मामी पापा.
मैंने मोबाइल में मूवी लगाई थी.
सब लोग देख रहे थे.
वह मेरे बगल में लेटी थी.
तभी मुझे वह बात याद आ गई.
मैंने अपना मोबाइल भाई को दे दिया और बोला कि मुझे तो नींद आ रही है.
और मैंने आंखें बंद कर लीं.
कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ को उसकी सलवार के ऊपर रख कर उसकी टांगों के जोड़ को टच करने लगा.
वह कुछ नहीं बोली और मूवी देखती रही और मैं अपनी उंगली उसकी बुर पर टच करता रहा.
अचानक से उसने भी कहा- मुझे नींद आ रही है.
उसने भी अपना मुँह कंबल से ढक लिया और मुझे देखने लगी.
मैंने उसे किस किया, तो वह भी करने लगी.
मैंने उसकी सलवार में हाथ डाल दिया और बुर में उंगली करने लगा.
वह मस्त होने लगी.
मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.
उसे और ज्यादा मजा आने लगा.
वह चूत से ज्यादा मजा दूध पिलाने में लेने लगी.
मैं भी उसके छोटे छोटे से निप्पलों को दांतों में दबा कर काटने लगा.
वह मुँह दबा कर अपनी आवाज को निकलने से रोके की कोशिश करने लगी.
मुझे डर भी लग रहा था, बगल में सब थे.
कोई जान जाता तो पिटाई हो जाती.
कुछ देर बाद भाई भी सो गया था.
अब मैंने उससे लंड चूसने के लिए कहा.
वह झट से मान गई और बिस्तर में ही नीचे आ गई.
अब वह मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसे 69 में कर दिया और मैं भी उसकी चूत को चाटने लगा.
हम दोनों ने उस रात में एक दूसरे को दो बार झाड़ दिया.
उसके बाद जब भी मैं अकेला रहता और वह आती, तो मैं उसकी बुर में उंगली कर देता, जीभ से चोद देता.
वह भी मेरे लंड को चूस कर वीर्य को खा लेती थी.
पर मैंने उसे कभी चोदा नहीं था क्योंकि मुझे पता था अभी इसकी बुर मेरा 8 लंबा लंड नहीं ले पाएगी.
ऐसे ही समय बीतता गया.
अब वह एक पकी हुई जवान लौंडिया हो गई थी और बार बार उंगली करने से उसकी बुर भी चोदने लायक हो गई थी.
एक दिन दोपहर को मैं मौसी के घर गया तो मौसी कहीं जा रही थीं.
किसी के घर पर पूजा थी.
मेरी मौसी के तीन लड़के और एक लड़की हैं सोनू, मोनू, समीर और सीमा.
उस दिन सभी लड़के बाहर गए थे सिर्फ मौसी और सीमा ही थे.
मौसी भी पूजा में जा रही थीं.
मैं जब गया तो मौसी ने पूछा- कोई काम है क्या बेटा?
मैंने कहा- नहीं.
वे बोलीं- ठीक है, तुम बैठो. मैं पूजा में जा रही हूँ. दो घंटे में आऊंगी.
मैंने उनसे मौसा जी और भाइयों के बारे पूछा तो वे बोलीं- वे लोग शाम को आएंगे. सीमा है अन्दर!
इतना कह कर मौसी चली गईं.
मैं घर में गया तो सीमा टीवी देख रही थी.
मैंने जाकर उसे पकड़ लिया तो वह बोली- भाई मां बाहर हैं … या चली गईं?
मैं बोला- चली गईं हैं.
बस फिर क्या था … मैंने दरवाजा बंद कर दिया.
उसने मुझे कसके पकड़ लिया.
मैं उसकी संतरे जैसी चूचियों को समीज के ऊपर से ही दबाने लगा और किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.
मैंने उसकी समीज को उतारना चाहा तो उसने मना कर दिया.
वह बोली- कोई आ गया तो क्या बोलेगा कि दरवाजा खोलने में इतनी देर क्यों लगी. आप हाथ डाल कर जो करना हो कर लीजिए.
मैंने कहा- सलवार तो उतारोगी … या उसमें भी बस हाथ ही डालना पड़ेगा?
उसने कहा- नहीं, बस नीचे सरका दूंगी.
मैंने अपना लोअर नीचे किया और अपने लंड को उसके मुँह में दे दिया.
वह मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
लगभग 15 मिनट के बाद मेरा पानी उसके मुँह में ही छूट गया.
वह सारा पानी पी गई और बोली- आज तो आपका रस बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- अब मुझे भी चूत का रस पीना है.
वह मेरे ऊपर चूत लगा कर बैठ गई.
मैंने उसकी चूत को जीभ से चूसना शुरू कर दिया.
वह काफी गर्म हो गई थी तो जल्दी ही झड़ गई और उसका सारा रस मेरे मुँह में आ गया.
मैंने उसकी चूत का सारा रस चाट लिया और चूत चाट कर साफ कर दी.
अब उसने मेरे लंड को वापस सहलाना चालू किया और चाटने लगी.
एक बार फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया.
बस फिर क्या था, मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसकी सलवार और कच्छी नीचे कर दी, पैर ऊपर उठा दिए.
फिर अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा कर बहन की कुंवारी बुर में लंड डालने लगा.
लेकिन अभी तक सिर्फ उंगली से मजा किया था, लंड उसकी कुंवारी बुर में जा ही नहीं रहा था, फिसल रहा था.
मैंने अपने लंड को उसकी बुर के छेद पर सैट करके एक जोर का झटका दिया, मेरे लंड का सुपारा अन्दर चला गया.
वह दर्द से कराह उठी और बोली- बहुत दर्द हो रहा है भइया … आप इसे बाहर निकाल लो. आह आप जितना चाहे उंगली कर लो, पर इसे बाहर निकालो.
पर मैं कहां मानने वाला था … मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो वह भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने एक और झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी कुंवारी बुर में चला गया.
वह फिर से दर्द से कराह उठी.
मैंने देर न करते हुए एक और झटका दे दिया और मेरा पूरा लंड उसकी बुर में चला गया.
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी और बोली- मैं मर जाऊंगी प्लीज मुझे छोड़ दो … बहुत दर्द हो रहा है.
पर मैंने उसे कस कर पकड़े रखा और किस करने लगा.
मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वह भी मेरा साथ देने लगी.
हम दोनों ने लगभग 20 मिनट तक सेक्स किया.
इस दौरान वह एक बार झड़ चुकी थी … और अब मेरा भी पानी बाहर आने वाला था.
मैंने उससे पूछा- कहां निकालूँ?
वह एकदम से बोली- बाहर बाहर … वरना कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- हां, हमने सेफ्टी भी नहीं लगाई थी.
फिर मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह पर दे मारा.
मैंने देखा कि उसकी बुर से खून निकल रहा था.
उसने भी चूत के खून निकलता देखा.
वह झट से उठ कर बाथरूम में चली गई और उधर जाकर उसने खुद को साफ कर लिया.
बिस्तर की चादर भी खून से रंग गई थी, उसने उसे भी पानी में गला दिया.
जब वह बाथरूम से बाहर आ रही थी तो सही से चल नहीं पा रही थी.
वह बोल रही थी कि अभी भी दर्द है.
इधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
मैंने उसे फिर से पकड़ लिया.
तो वह बोली- अब इधर नहीं … बाथरूम में ही चल कर करो.
मैंने कहा- तुम्हें दर्द है न?
उसने कहा- हां, पर मजा भी तो आ रहा है न!
मैं उसे उठा कर फिर बाथरूम में ले गया और उसकी बुर में लंड डाल कर फिर चोदने लगा.
इस बार मैं उसे घोड़ी बना कर पेल रहा था.
सच में देसी Xxx गर्ल को इस आसन में चुदने में बड़ा मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैं लंड बाहर निकाल कर झड़ गया और हम दोनों साफ सफाई करने लगे.
तभी बाहर के दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई हम दोनों अलग हुए और मैंने बाहर जाकर दरवाजा खोला.
सीमा की दादी आई थीं.
वे बोलीं- सीमा कहां है?
मैंने कह दिया- वह बाथरूम में है.
तभी सीमा लंगड़ाती हुई बाहर आई.
दादी ने पूछा- तुम्हें क्या हुआ?
वह बोली- मैं बाथरूम में गिर गई.
वे कुछ नहीं बोलीं.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, हम सेक्स कर लेते हैं.
अभी तक मैं उसे कई बार पेल चुका हूँ.
दोस्तो, ये मेरी सच्ची देसी Xxx गर्ल हिंदी कहानी है.
आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स करें.