देसी चाची फक कहानी में मैंने चाची के साथ पहली बार चुदायी की। मेरी चाची ने मुझे सेक्स का मजा देकर मेरी जिंदगी में खुशियां ला दी, मुझे चुदाई की दुनिया दिखा दी।
नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम आयुष है।
मेरी कद 5.7 फीट है।
मैं लंबा, गोरा और नॉर्मल फिट लड़का हूँ।
हम लोग आगरा, उत्तर प्रदेश में रहते हैं।
मेरी चाची जो किसी हिरोइन की तरह खूबसूरत दिखती हैं, उनका नाम आरती (बदला हुआ) है।
चाची के बदन का आकार 30-34-30 है जो दिखने में एक वर्जिन लड़की की तरह है।
यह देसी चाची फक कहानी 7 साल पहले की है।
दोस्तो बात तब की है जब मैं बारहवीं में था।
उस समय मैं सेक्स स्टोरी और वीडियो खूब देखता था और यही सोचता था कि कब मुझे चोदने को मिलेगा, ऐसा कब होगा।
ऐसा नहीं था कि लड़कियां मेरी दोस्त नहीं थी।
लेकिन मैं इन सब चीजों में बाकी सब के अनुसार अभी कच्चा था।
चोदने का दिल करता था लेकिन किसी लड़की को उस लेवल तक पटा ही नहीं पाता था।
सेक्स स्टोरी और वीडियो देख के खूब मुठ मारी है।
फ़िर भी बस चोदने की हवस बनी रहती।
यह सब हर लड़की और लड़के के साथ उस उम्र में होता है।
ज्यादा समय न गंवाते हुए मैं कहानी पर आता हूँ।
बात उन दिनों की है जब मैं घर में रहता था।
मेरा संयुक्त परिवार है।
मेरे घर में सब लोग मस्त रहते थे।
चाचा की नई शादी हुई थी।
चाची मेरी एकदम सुंदर, किसी हिरोइन से कम नहीं थी।
लेकिन चाची को मैं कभी भी बुरी नजर से नहीं देखा था।
मेरे चाची–चाचा बहुत ही चुदाई करते थे।
यह बात बाद में चाची ने मुझे बताई।
मैं हमेशा नोटिस करता था कि चाची इतनी सुंदर और चाचा इनके सामने कुछ भी नहीं।
चाची मुझसे खूब हँसी–मजाक करती थी।
चाची मुझसे हमेशा मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती रहती थी।
मैं बोलता– कोई नहीं है।
तो वे बोलती– चल झूठा, मुझसे झूठ बोल रहा!
ऐसी सब बातों में एक साल बीत गया।
एक दिन चाची नहा कर निकली तो वे तौलिये में थी।
मैं उन्हीं के कमरे में बैठ कर टीवी देख रहा था।
वे अंदर आई तो मैं जाने लगा।
तब वे बोलीं– तुम कहां जा रहे हो, बैठो। मुझसे ज्यादा तो तुम शर्मा रहे हो!
मैं बैठ गया।
मेरे सामने ही उन्होंने पैंटी पहनी।
फ़िर ब्रा निकाल कर पहनने लगी।
उनसे ब्रा का पीछे वाला हुक लग नहीं रहा था तो वे बोलीं– जरा इसे लगा दो।
मैंने लगा दिया।
फ़िर चाची ने तौलिया हटा दी और बाल सुखाने लगी।
मैं सोफा पर बैठा उन्हें ही देख रहा था।
वे एकदम से मुझसे पूछी– कैसी लग रही हूँ?
तो मेरे मुंह से निकल गया– चाची, एक नंबर की माल हो आप!
वे हँसी और बोलीं– अच्छा माल, वाह बेटा!
मैं बोला– अरे नहीं, मेरा मतलब अच्छी!
वे बोलीं– अब बहाना न बना तू!
मैं चुप हो गया।
फ़िर चाची ने साड़ी पहन ली और रसोई में जाकर खाना बनाने लगी।
मैं टीवी बंद करके बाथरूम गया और चाची के जिस्म याद करके मुठ मारी।
फ़िर नहा कर बाहर आया और कपड़े पहन कर खाना खाया।
उसके बाद अपने कमरे में चला गया।
ऐसा ही चाची के साथ मैं दिन–प्रतिदिन खुलता गया।
कभी वे मेरे गाल को पकड़ के बोलती– तू मेरा हीरो!
तो कभी बोलती- जान!
एक दिन तो हद हो गई, मम्मी के सामने वे बोलीं– तू मुझे पहले दिखता तो तुझी से शादी कर लेती।
मैं मम्मी के सामने एकदम चुप रहा, मुझे लगा मजाक कर रही हैं।
एक दिन मैं मोबाइल में सेक्स वीडियो देख रहा था।
तभी मम्मी ने बुलाया और मैं जल्दी में मोबाइल वैसे ही कमरे में खुला रख कर चला गया।
चाची वहां आ गयी और मेरा मोबाइल देख लिया.
और वे उसी तरह मोबाइल रख कर किचन में चली गई।
अगले दिन मैं और चाची घर में अकेले थे।
मैं चाची के कमरे में गया तो वे सीरियल देख रही थी।
मेरे आते ही वे बोलीं– आओ बैठो!
कुछ देर बाद वे बोलीं– आजकल तेरा पढ़ने में मन नहीं लग रहा न?
मैं बोला– ऐसा नहीं है चाची!
तो वे बोलीं– मुझसे झूठ न बोल, तू मुझे तो सच बता सकता न?
मैं बोला– अरे आप क्या बोल रही, आपसे मैंने क्या छिपाया? आप पूछो मुझसे जो पूछना है!
तो चाची बोलीं– तुम मुझसे झूठ क्यों बोले कि कोई जीएफ नहीं है?
मैं बोला– आपकी कसम नहीं है, अब कैसे यकीन दिलाऊं?
तो वे बोलीं– अच्छा ठीक है, फ़िर तू सेक्स वीडियो क्यूं देखता है?
मैं एकदम चुप हो गया।
तब वे बोलीं– मैं तेरा फोन देख चुकी हूँ। यह अच्छा हुआ कि मैंने देखा किसी और ने नहीं।
मैं बोला– चाची, वह गलती से खुल गया था।
वे बोलीं– अच्छा बेटा, 10 वीडियो गलती से खुल गए थे। अच्छा बता तुझे किस तरह के सेक्स पसंद है?
मैं कुछ नहीं बोल रहा था।
फ़िर चाची बोलीं– अरे बता तो सही, मुझसे क्या शर्मा रहा है? मुझे अपनी जीएफ समझ के बोल सकता है।
मेरे मुंह से निकला– मेरी किस्मत कहां इतनी अच्छी कि आप के इतनी सुन्दर जीएफ हो!
वे हँस दी और बोलीं– इतनी भी सुंदर नहीं हूँ, मस्का न लगा इतना!
फ़िर अचानक वे बोलीं– मैं तेरी जीएफ होती तो किस तरह का सेक्स करता मेरे साथ?
मैं बोला– रोमांटिक वाला!
चाची खूब हँसी फ़िर बोलीं– हार्ड वाला नहीं?
मैं बोला– आप इतनी सुंदर हो तो रोमांटिक ही करूंगा!
तब चाची बोलीं– अच्छा मेन डोर लॉक करके आ!
मैं गया और लॉक कर दिया।
फ़िर चाची मेरा हाथ पकड़ के अपने चूची को छुआने लगी।
मेरे शरीर में जैसे करंट आ गया।
मैं बोला– बहुत मुलायम है!
तो वे बोलीं– अच्छे से छू, समझ तेरी जीएफ हूँ!
लेकिन मुझे डर सा लग रहा था।
फ़िर चाची बोलीं– किसी को चूमा है कभी?
मैं बोला- नहीं!
तो वे बोलीं– रुक!
चाची ने कपड़े से अपनी लिपस्टिक साफ की।
फ़िर उन्होंने जोर से मेरे होंठों को चूम लिया।
तभी मम्मी आ गई।
मैंने दरवाज़ा जा कर खोला और चाची काम में लग गई।
शाम में चाची बोलीं– किसी से ये सारी बात बताना नहीं।
मैं बोला– ओके डार्लिंग!
और उनके होंठों पर से इशारे से चुम्मा दिया।
चाची ने स्माइल की और हम दोनों अपने काम में लग गए।
ऐसा कई दिनों तक चलता रहा।
मेरे अंदर एक आग सी लग चुकी थी कि कब मौका मिले कि चाची को चोद सकूं।
लेकिन संयुक्त परिवार में इतना आसान भी नहीं होता यह सब!
चाची को क्या … वे चाचा से रोज चुदाती रहती।
उनको टेंशन नहीं था पर मेरा तो दिन–रात चाची के इर्दगिर्द घूमने में ही चला जाता था।
आखिर मौका आ ही गया।
एक बार चाचा बाहर गए थे बिजनेस के काम से 5 दिन के लिए।
तो चाची मम्मी से बोलीं– आयुष कहाँ है?
मम्मी बोलीं– पढ़ रहा है कमरे में!
चाची बोलीं– उसके चाचा नहीं है और मुझे अकेले डर लगता है सोने में! कोई दिक्कत ना हो तो मैं उसको अपने कमरे सुला लूँ?
मम्मी बोलीं– अभी पढ़ रहा है, तुम भी काम कर लो और जब सोने जाना हो तो बुला लेना।
मैं सब सुन रहा था, मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा।
तब से मेरा पढ़ने में एकदम मन नहीं लग रहा था।
मन ही मन मुझे चाची के ऊपर गुस्सा आ रहा था कि जल्दी से काम कर के क्यों नहीं चल रही।
10 बजे गए थे तब चाची बोलीं– आयुष, अब कल पढ़ाई करना। चलो तुमको मेरे कमरे में सोना है।
हम दोनों कमरे में आ गए।
चाची मेरे लिए दूध गिलास में लाई थी।
वे बोलीं– पी लो!
मैं मुस्कुराया और बोला– आप पी लीजिए।
वे बोलीं– तुमको जरूरत है तुम पियो।
मैं बोला– नहीं आप भी थोड़ा पियो, नहीं तो नहीं पीना मुझे!
वे बोलीं– पी लो, मैं तुम्हारी बीवी नहीं हूँ जो झूठा मेरा पीओगे।
मेरे दिमाग में अभी तक यह आया ही नहीं था।
फ़िर वे बोलीं– पी लो, गिलास में थोड़ा सा छोड़ देना, पी लूंगी।
मैं बोला– मेरा झूठा पी लोगी, मैं आपका पति हूँ क्या?
चाची सिर हिला के ‘हाँ’ बोलीं और मुस्कुरा के बोलीं– नटखट!
फ़िर मैं बोला– खुद ही पिला दीजिए!
तब वे गिलास लेकर मुझे पिलाने लगी जैसे अपने पति को पिला रही हो।
मैंने आधा पिया और गिलास अपने हाथ में लेकर उनको पिलाने लगा।
वे मुस्कुरा दी और पीने के बाद चाची बोलीं– मुझे कपड़े में नींद नहीं आती!
और उन्होंने साड़ी पेटीकोट उतार दी।
अब सिर्फ़ वे ब्रा और पैंटी में आ गई।
हम दोनों लोग लेट कर बात करने लगे।
तभी मैंने चाची को चूम लिया।
चाची बोलीं– आज तेरे इरादे कुछ ठीक नहीं है!
तभी मैंने बोला– आप जैसी अप्सरा किसी के साथ लेटी हो तो इरादे खराब हो ही जाएंगे।
चाची मेरी तरफ करवट ली तभी मैं कस कर पकड़ के उनको चूमने लगा।
लग रहा था सालों भूखा शेर मेमनी को खा रहा है।
5 मिनट तक चूमने के बाद चाची बोलीं– तेरे पास ही हूँ जी भर के खा लेना। मेरे हीरो, आराम से जिससे सफल हो जाए।
मैं समझा नहीं वे क्या बोल रही थी।
चाची और मैं फ़िर से एक–दूसरे चूमने लगे।
मैं उनके चूची को दबाने लगा।
अब चाची को भी अच्छा लगने लगा।
वे मेरा साथ देना शुरू कर चुकी थी।
चूचियों को देर तक दबाने के बाद भी चाची मेरा हाथ पकड़ के चूचियों को जोर से दबवाने लगी।
मैं पहली बार यह सब कर रहा था तो इतना अनुभव नहीं था।
बस दोनों चूची को खूब मसल रहा था और कभी–कभी चूम रहा था।
कभी–कभी मैं उनकी गरदन को भी चाटता।
अब चाची एकदम से पलंग पर निढाल होकर लेट गई।
मैं उनके ऊपर आकर उनके चूची को चूसने लगा बारी–बारी से!
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मेरा लौड़ा एकदम से रॉड की तरह खड़ा हो चुका था।
मैं चाची के ऊपर बैठ कर उनकी चूची चूसने लगा और दबाने भी लगा।
चाची ने मुझे साइड में लेटा कर मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।
तभी मैंने एक हाथ चाची की पैंटी के ऊपर रख दिया और ऊपर से ही मसलने लगा।
चाची मेरा लंड ऊपर नीचे करने लगी।
मेरी हालत खराब होने लगी थी।
मैंने अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर जैसे ही चूत छुआ, ऐसा लगा मानो मक्खन में हाथ आ गया हो।
उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
चाची की चूत में पानी आ गया था।
मैं चूत को अच्छे से सहलाने लगा धीरे से एक उंगली चूत के अंदर डाल दी।
ऐसा लगा मानो किसी गर्म चीज में डाल दिया हो।
फ़िर मैं चूत में उंगली करने लगा।
थोड़ी देर बाद चाची के हाथ में ही मेरा पानी निकल गया।
तब चाची बोलीं– पहली बार है इसीलिए तुम जल्दी छूट गए!
और पानी को अपनी ब्रा से साफ कर दी।
मैं वैसे ही बगल में चाची को पकड़ के लेटा रहा।
मैं कभी चाची को चूमता कभी बाल सहलाता।
चाची मेरा पूरा साथ दे रही थी।
फ़िर वे बोलीं– जल्दी से चार्ज हो जा, मुझे गर्म करके न छोड़ देना। अभी पूरी रात बाकी है मेरे हीरो!
मैं बोला– चाची, आप टेंशन न लो! चाचा से अच्छा मजा देगा आपका हीरो!
चाची मुस्कुरा के मेरे माथे को चूम ली और बोलीं– पूरी रात मैं तुम्हारी हूँ मेरे हीरो!
फ़िर मुझे खुद से चिपका कर चूमने लगी।
थोड़ी देर बाद मुझे पहले जैसे आग महसूस होने लगी।
अब मैं चाची को पहले से ज्यादा हवस से चूमने लगा और उनके चूची को दबाने लगा।
तब चाची सिसकरियां लेने लगी– हाँ ऐसे ही मेरे हीरो, आह … आह और तेज करो आह … आह!
चाची का कमरा ऊपर था तो कोई टेंशन भी नहीं था आवाज की।
फ़िर मैं उठा और चाची से बोला– चाची, वीडियो में चूत को चाटते है न मुझे भी वैसे ही चाटना है!
चाची उठी और अपनी पैंटी निकलते हुए बोलीं– नेकी और पूछ–पूछ!
और वे पैंटी निकाल के लेट गई।
फ़िर बोलीं– खा ले इसे आज … जितना मन करे तेरा!
मैं बता दूं मेरा यह पहली बार था।
जैसे ही मैंने जीभ रखा मानो जन्नत मिल गई हो।
अभी चोदा नहीं फ़िर भी चाटने में बहुत मजा आ रहा था।
आप कभी चाटना अपनी जीएफ या किसी की बहुत मजा आता है।
चाची आवाज निकलने लगी– आह … आह!
वे सिसकारियां भरने लगी– उई माँ … उफ्फ … आह, और चाटो आयुष … और तेज!
मेरा सर पकड़ कर चूत में दबाने लगी।
ऐसा लग रहा था कि वे अंदर घुसा लेगी सर!
जैसे ही मैं चूत का दाना अपने जीभ और दांत से पकड़ता चाची तड़प उठती।
‘उहं … आह … उफ्फ … आह’ करती हुई चाची बोलीं– तेरे चाचा ने कभी ऐसा प्यार नहीं किया। तू मुझे अपना बना ले आज, ऐसे प्यार के लिए मैं तड़प रही थी वीडियो देख कर के! मेरी सहेलियों के पति ऐसा करते थे पर मेरा पति साला कभी नहीं करता था।
आगे वे बोलीं– लेकिन तूने आज मुझे वह सुख दिया है मेरे हीरो, आह … आह, आह … आह!
कुछ मिनट चूत चाटने के बाद आखिर चाची का पानी निकल ही गया।
मेरा सर तेज दबा कर चाची ने अपना पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया।
मैंने भी सोचा पानी टेस्ट करता हूँ।
उनकी चूत का रस नमकीन सा था।
मैं जानता था कि हम चूत का पानी पी सकते हैं, बुरा नहीं है।
मैंने चाची की चूत चाट कर साफ कर दिया।
मैं भी कमीना था, मुंह में थोड़ा सा पानी बचा के चाची को जब चूमने लगा तब उनको पिला दिया।
चाची बोलीं– तू बहुत चालाक है।
चाची मुझे लेटने के लिए बोलीं और अलमारी से कॉण्डम का पैकेट निकाल कर पलंग पर रख दिया।
फ़िर चाची ने मेरा लंड पकड़ के चूसना शुरू किया और बोलीं– इसे रॉड की तरह कर दूं? पर इस बार पानी न निकालना, अभी तेरी चाची बहुत गर्म है।
वे अब और तेजी से लंड को ऊपर नीचे करते हुए मुंह में लेकर चूसने लगी.
और 5 मिनट करने के बाद वे बोलीं– राजा, एकदम उफान में है! अब चल जल्दी से अपनी चाची को अपना बना ले!
और मुझे चूम कर लेट गई।
मैं लंड को चूत में रगड़ने लगा पर अंदर नहीं डाल रहा था।
चाची गुस्से में बोलीं– कुत्ता है क्या तू? मेरी जान जा रही है और तू तड़पा रहा, जल्दी से डाल ना!
मेरे मुंह से निकला– रुक जा कुतिया!
और लंड को चूत पर सेट किया और एक जोर का धक्का दिया।
एक झटके में ही पूरा लंड अंदर चला गया।
चाची थोड़ा सा चीखीं पर जल्द ही नॉर्मल हो गई।
क्योंकि पहले से वे चाचा से चुदवा रही थी इसीलिए ज्यादा दर्द नहीं हुआ।
चाची अपने हाथ मेरे कमर पर रख कर तेजी से ऊपर नीचे करने लगी।
मैं रफ़्तार से उन्हें चोदता जा रहा था और चूची दबाता जा रहा था।
चाची की चूत से फच–फच की आवाज आ रही थी।
यह आवाज बहुत कामुक होती है ऊपर से चाची ‘आह … आह … फक मी जान … फक मी हार्ड … फास्ट’ ये सब से और जोश भर जा रही थी।
मैं रफ़्तार से उन्हें चोदे जा रहा था।
तभी चाची ने मुझे रोक दिया और उठी.
फिर कोई स्प्रे निकाल कर मेरे लंड पर छिड़क दिया।
मुझे उससे थोड़ी जलन सी हुई।
फ़िर वे कॉण्डम पहना के बोलीं– अब देर तक तू मुझे चोदेगा।
जैसे ही चाची लेटी, मैं कुत्ते की तरह उन पर टूट पड़ा और चोदना शुरू कर दिया।
चाची कभी मेरे बाल पकड़ती, कभी सर पकड़ कर चूमती और कभी पैरों से कमर लॉक कर लेती और नीचे से जोर लगाती।
मैंने रफ़्तार कम की तो चाची मुझे लेटने को बोलीं और खुद ऊपर आकर मेरे लंड को चूत में ले लिया।
वे पूरे रफ्तार से चुदने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
कुछ ही देर में चाची को परम सुख मिल गया, उनकी चूत में पानी आ गया और वे आह … आह करती हुई झड़ गई।
वे मुझे कस के पकड़ कर चूमे जा रही थी।
मैंने उनको नीचे लिटाया और लंड चूत में डाल दिया।
स्प्रे की वजह से मैं इतनी देर तक टिका रह गया.
फ़िर मैं और तेजी से चाची की चुदाई करने लगा।
चाची फ़िर से गर्म होने लगी और सिसकारियां भरने लगी, बोलीं– तू मुझे जिंदगी में कभी मत छोड़ के जाना प्लीज, मैं तेरी बन के रहना चाहती हूँ!
आगे वे बोलीं– प्लीज आयुष, तेरे चाचा किसी और लड़की से बात करते हैं मुझसे छुप कर! वे मुझे अब प्यार भी नहीं करते जितना तूने किया है। वे मेरे हिस्से का प्यार उस रण्डी मादरचोद को देते हैं. तू मुझे अपनी बीवी को तरह रख, मैं तेरी रहना चाहती हूँ। घर की इज्जत बाहर भी नहीं जाएगी, आयुष प्लीज!
तब मुझे पता चला यह सब माजरा है.
अन्यथा ऐसे चाची इतनी आसानी से कैसे मुझसे चूत मरवा लेती।
मैं तो मन ही मन खुश था, जो होता है, अच्छे के लिए होता है।
फ़िर मैंने उन्हें प्रॉमिस किया– चाची, मैं आपको हमेशा खुश रखूंगा।
उनको चूमते हुए मैंने झटका मारा और बोला– आप सिर्फ मेरी हो आज से!
और मैं रफ्तार में उन्हें चोदने लगा।
फ़िर मैं चाची से बोला– आरती, घोड़ी बन जाओ!
चाची जल्दी से घोड़ी बन गई।
मैंने उनको तेज तेज चोदना शुरू किया।
15 से 20 झटके के बाद मेरा पानी आ गया और मैंने उनकी चूत के अंदर ही पानी छोड़ दिया।
क्योंकि मैं कॉण्डम पहना हुआ था तो कोई चिंता थी नहीं।
मैं चाची के ऊपर ही निढाल होकर पड़ा रहा।
चाची मुझे बहुत चूम और चाट रही थी और खुद से मुझे चिपका के रखी थी।
मुझे भी अच्छा लग रहा था, दो नंगे जिस्म आपस में सटे हुए थे।
हमें कब नींद आ गई पता ही नहीं चला और दोनों लोग वैसे ही सो गए थे।
रात में उठ के 3 बार और चुदाई की हमने!
देसी चाची फक करके हम दोनों बहुत खुश थे।
सुबह मेरी जब नींद खुली तो देखा चाची नहीं थी।
जब वे उठी थी तो मुझे अंडरवियर पहना दिया और सोने दिया।
मम्मी ने पूछा– इतना देर तक सोया रहा आयुष?
चाची बोलीं– सोने दीजिए देर रात तक टीवी देख रहा था।
जब मैं उठा तो चाची मेरे लिए चाय लेकर आई और आते ही रूम में मुझे चूम लिया ।
फ़िर माथे पर चूम कर गुड मॉर्निंग बोलीं।
हमने साथ में चाय पी।
मैं बोला– अभी तक आप ने नहीं पी थी?
तो वे बोलीं– अपने हमसफर के बिना नहीं पी सकती थी।
मैं मुस्कुराया और चाची को गले लगा लिया।
फ़िर ‘आई लव यू’ बोलकर उनको चूम लिया।
मैं फ़िर उठ के बाहर चला आया।
इसके बाद से चाची मेरा ख्याल अपने पति की तरह रखने लगी।
दोस्तो, अगली कहानी में आपको बताऊंगा कि कैसे हम चाची भतीजा ने आगे कैसे कैसे सेक्स ले मजे किए।
अब चाची मेरे बच्चे की माँ भी है।
मैं उस बच्चे का बाप और भाई दोनों हूँ।
कैसी लगी मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी?
देसी चाची फक कहानी पर प्लीज़ कमेंट करके जरूर बताइएगा!
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