क्रेजी गर्ल सेक्स स्टोरी में मेरे भाई की साली मुझे पसंद करने लगी थी. मैं भी उसे पसंद करता था पर रिश्तेदारी के कारण डरता था. वह मेरे पीछे ही पड़ गयी और मेरा लंड लेकर मानी.
नमस्कार दोस्तो, आप सभी कैसे हैं?
आशा करता हूं ठीक होंगे. सब लड़कों के लंड में गर्मी होगी.
सारी लड़कियों, भाभियों और आंटियों की चुत में आग लगी होगी.
सब अपनी चुत में उंगली और लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ कर सेक्स कहानी का आनन्द लीजिये.
ये क्रेजी गर्ल सेक्स स्टोरी आज से 2 साल पहले की है और ये मेरे और मेरी कजिन भैया की साली की चुदाई की कहानी है.
मेरा नाम भावेश (30 वर्ष) है. कजिन भैया की साली का नाम प्रिया (26 वर्ष) है.
प्रिया दिखने में सांवली है, पर उसका फिगर 32-30-36 का है.
मेरे कजिन भैया की शादी लॉकडाउन में हुई थी, तो शादी में ज्यादा औपचारिकताएं नहीं हुई थीं.
सामान्य तरीके से घरवालों और कुछ रिश्तेदारों की उपस्थिति में शादी हुई थी.
शादी फिक्स होने के बाद प्रिया का भाई को कॉल आया.
उस वक्त भाई नहा रहा था और बार-बार कॉल आने की वजह से मुझे चिड़चिड़ाहट हो रही थी.
मैंने भाई का मोबाइल लिया और मैसेज कर दिया.
मैं- भाई अभी नहा रहे हैं, उनको फ्री होते ही बता दूंगा.
प्रिया- आप कौन हो?
मैं- भावेश और आप?
प्रिया- बबली!
मैं- ओके आप बबली हैं. मुझे लगा कि भाई की साली प्रिया हैं.
प्रिया- क्यों, प्रिया से क्या काम है आपको?
मुझे कॉल रिंग की वजह से पहले से ही गुस्सा आया था तो मैंने उसे सीधा जवाब नहीं दिया और थोड़ी मस्ती में बोल दिया.
मैं- वह (प्रिया) रहती तो उससे सैटिंग करता.
प्रिया- मैं प्रिया ही हूँ और मेरा ही निकनेम बबली है.
मुझे थोड़ा डर लगा कि प्रिया से ही ऐसा बोल दिया फिर उससे माफ़ी मांगी- सॉरी, मुझे नहीं पता था कि आप ही का असली नाम प्रिया है … मैंने मजाक में ऐसा बोल दिया … अगेन सॉरी..!
‘कोई बात नहीं, आप अपने नंबर से मैसेज कीजिए.’
मैंने अपने मोबाइल में नंबर सेव किया और भाई के मोबाइल से सारे मैसेज डिलीट कर दिए.
फिर हमारी कैज़ुअल बातें शुरू हुईं.
मैंने कभी उसके बारे में ऐसा वैसा कुछ नहीं सोचा था.
शादी के कुछ साल बाद भाई के यहां गया था.
उस वक्त प्रिया भी आयी थी, पर हमारी अब बात बंद हो गयी थी.
जब भी मैं प्रिया के पास से गुज़रता हूं तो सर नीचे करके वहां से निकल जाता था.
वह सामने रहती तो नजरअंदाज करता और कोई बात नहीं करता.
यह सब देख कर उसने मुझे मैसेज भेजा- हाय…!
मैं- हाय?
प्रिया- जब से आये हो मुझसे बात नहीं करते … न सामने आते हो?
मैं- क्या बात करनी है बताओ?
दोस्तो, मैं किसी से बिना वजह ज्यादा बात नहीं करता और मुझे पता था कि प्रिया मुझसे आकर्षित है, इस वजह से मैं उससे और बात नहीं करना चाहता था.
पर उसने मैसेज के जरिए चैट करना शुरू कर दिया था.
प्रिया- कहां हो आजकल और क्या कर रहे हो?
मैं- रूम में हूँ और तुमसे चैट कर रहा हूँ … क्यों?
प्रिया- मिलना है.
मैं- क्यों?
प्रिया- ऐसे ही बहुत दिन हो गए हैं ठीक से बात नहीं करते इसलिए.
मैं- चैट में बात हो तो रही है, जो बात करनी है चैट से करो.
प्रिया- सामने क्यों नहीं मिल सकते?
दोस्तो, मैंने इस सेक्स कहानी में पहले ही आपको उसके फिगर को बता दिया था कि वह ऐसी माल है कि उसको कोई भी एक बार बस देखेगा तो उसका चोदने का मन करेगा.
मैं- पहली बार मैंने मजाक में ही गलत बोल दिया था.
प्रिया- वह बात तो मैंने कभी ध्यान ही नहीं दी थी. अब मिलने आओ न!
मैं- नहीं.
प्रिया- अब क्या समस्या है?
मैं- तुम्हें देख कर किस करने का मन करता है, सामने रही है तो प्रॉब्लम हो सकती है.
प्रिया- तो क्या हुआ किस कर लेना.
उसकी ये बात सुन कर मैं आश्चर्यचकित हो गया.
पर रिश्तेदार होने की वजह से मैंने उसकी बात को इग्नोर कर दिया.
‘तुम मजाक भी अच्छा कर लेती हो!’
यह बोलकर मैं उसे गुड नाइट कह कर ऑफलाइन हो गया और सो गया.
अगले दिन सुबह जब उठा, तो देखा कि उसका गुड मॉर्निंग का संदेश आया था.
मैंने भी रिप्लाई किया- गुड मॉर्निंग.
उसने तुरंत जवाब दिया- रात में बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, सब निकल गया!
उसके इस संदेश से मुझे गुस्सा आया, पर मैंने संदेश को नजरअंदाज कर दिया.
दोपहर को मैंने उसे छत में बुलाया.
उसने मना किया.
मैंने बोला- सुबह कोई बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी, उसका जवाब देना है.
वह मना करने लगी- नहीं आऊंगी.
मैं फिर से बोला- दुबारा दम की बात मत करना … अभी छत में हूँ, मुझे दिख गया कि दम किसके पास नहीं है!
उसका रिप्लाई आया- आती हूं!
दस मिनट बाद वह छत में आई और बोली- बोलो क्या बोल रहे थे?
मैंने उसे बांहों में पकड़ लिया और किस करने लगा.
वह छूटने की कोशिश कर रही थी.
मैं फिर उससे बोला- अब दुबारा दम वाली बात नहीं करोगी!
मैं उसे थोड़ी देर बाद किस करके छोड़कर वहां से नीचे आ गया.
उसके बाद फिर उसने रात में संदेश भेजा- हाय!
मैं- हैलो, अब क्या है बोलो?
प्रिया- मिलना है.
मैं- क्यों?
प्रिया- कल मैं वापस जा रही तो लास्ट बार देखने का मन कर रहा है.
मैंने ओके बोलकर उसे छत पर बुलाया.
मैं भी चोरी छिपे छत पर पहुंच गया और उसका वेट करने लगा.
दस मिनट वेट किया, फिर मैंने मैसेज किया- कहां हो?
उसका जबाव नहीं आया.
इंतजार करते हुए मुझे आधा घंटा हो गया था, पर वह नहीं आयी.
मैं गुस्सा होकर कमरे में आ गया.
फिर उसने संदेश किया- आ रही हूँ.
मैंने गुस्से में उसे बातें सुना दीं और सो गया.
अगले दिन वह वहां से अपने घर वापस चली गयी.
फिर कुछ दिन रुकने के बाद मैं भी स्टडी के लिए आ गया.
कुछ महीने बाद मेरे एग्जाम खत्म हुए तो मैं फिर घर आया था.
जब मैं घर आया, तब भाभी की तबीयत ठीक नहीं थी, जिस वजह से भाभी ने अपनी बहन प्रिया को, अपनी और अपने बच्चे की केयर के लिए बुला लिया था.
मैं देर रात घर पहुंचा था और काफी थका हुआ था तो सीधा अपने कमरे में सोने चला गया.
अगले दिन देर से उठा. फिर तैयार होकर परिवार वालों से मिला.
भाभी से हालचाल पूछने उनके कमरे में गया.
कुछ समय उनके कमरे में बैठने के बाद कमरे से निकल ही रहा था कि उनकी बहन से टकरा गया.
वह नहाकर कमरे में आ रही थी.
जब मैं उससे टकराया, तब होश खो बैठा था.
भाभी देख कर बोलीं- दोनों देखकर नहीं चल सकते क्या?
मैं वहां से निकल कर बाहर आ गया.
रात में फिर प्रिया का मैसेज आया.
उसने मिलने का कहा, मैंने मना कर दिया.
वह बहस करने लगी ‘मिलने से डरते हो!’ ‘फट्टू हो.’ बोलकर चिढ़ाने लगी.
मैं उस पर गुस्सा हो गया और बोल दिया कि मिलने जाता हूँ तो तुम आती नहीं.
वह फिर से बहस करने लगी.
मैंने बोल दिया- मुझे नहीं मिलना.
वह बोली- क्यों नहीं मिल सकते?
तो मैंने बोल दिया- मिलने गया तो गलत हो जाएगा.
उसने बोला- क्या गलत हो जाएगा?
उसने मुझे डरपोक बोलकर फिर से गुस्सा दिलाया.
वह मुझे उकसा रही थी.
मुझे नींद लग रही थी तो बिना जवाब दिए मैं सो गया.
फिर अगले दिन मैं भाभी से मिला.
भाभी और प्रिया दोनों लेटकर बातें कर रही थीं.
मैं भी प्रिया के बगल में लेट गया, तो प्रिया उठ कर बैठ गयी.
रूम में ड्रीम लाइट ऑन थी तो ज्यादातर कुछ दिख नहीं रहा था.
प्रिया मेरी कमर के पास बैठी थी और अपने पैरों को कम्बल से ओढ़े हुई थी.
प्रिया ने कम्बल के नीचे से अपना हाथ आगे करके मेरे साथ शरारत करना शुरू कर दी थी.
वह कभी मेरे हाथ में चिमटी काटती कभी कुछ और करती.
उसकी ये सब हरकत को देख कर मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी.
मैंने अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़ कर सीधा अपने लोवर में डाल दिया और अपने लंड को पकड़ा दिया.
अब वह मेरे लंड को मस्ती में मसलने लगी.
मुझे भी मजा आ रहा था तो मैं भी उसके हाथ की मसाज का मजा ले रहा था.
बात करते करते कुछ देर बाद मैं भी अपना हाथ उसके पेट के पास ले गया.
इससे वह डर गई और उसने मेरा हाथ अपने शर्ट में छिपा लिया.
फिर मैंने भी उसके पेट पर हाथ घुमाना शुरू कर दिया.
मैं उसकी सलवार और पैंटी से होते हुए उसकी चूत में उंगली कर रहा था और भाभी से बात भी कर रहा था ताकि भाभी को शक ना हो.
कुछ देर बाद मुझे मेरे हाथ में उसका प्रीकम महसूस हुआ, मैं समझ गया था कि ये डिस्चार्ज हो गई है.
फिर मैंने हाथ बाहर निकाला तो उसने मेरी उंगली को अपने सूट से साफ कर दिया.
मैंने भाभी से कहा- अब आप आराम कीजिये और मुझे भी इजाजत दीजिए, मुझे भी आराम करना है.
मैं यह बोलकर वहां से वापस आ गया.
उस रात उसने फिर से मुझे मिलने के लिए संदेश भेजा.
मैं- मिलने से क्या होगा?
प्रिया- किस करना है.
मैं- और?
प्रिया- गले लगाना है.
मैं- और?
प्रिया- फिर कुछ नहीं … मैं आकर सो जाऊंगी.
मैं- इतने से मेरा क्या होगा, वैसे भी तुम मिलने बुला कर खुद नहीं आती!
प्रिया- उस रात दी जीजू सोए नहीं थे यार, इसलिए नहीं गई. मैं खुद उनके सोने का इंतजार करते करते सो गयी थी.
उसने अपने ना आने के लिए मुझसे क्षमा मांगी.
मैं- ठीक है आता हूँ.
प्रिया- मैं देर से आऊंगी, इंतजार करना, प्लीज…
मैं ऊपर छत पर रुककर इंतजार कर रहा था.
कुछ 15 मिनट बाद उसके आने की हलचल सुनाई दी.
छत पर आते ही उसने मुझे गले से लगा लिया और किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ दे रहा था.
उसके बूब्स दबा रहा था.
वह बार बार मेरा हाथ बूब्स से हटा देती. मैं उसके होंठों को चूसते चूसते काट रहा था.
साथ ही मैं फिर से उसके बूब्स मसलने लगा था, उसके निप्पल खींच रहा था.
इससे उसे दर्द हो रहा था.
मैं कभी उसके गले को किस कर रहा था, कभी काट रहा था.
फिर धीरे से मैं उसके सूट के अन्दर हाथ डालकर ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स मसलने लगा था और पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा की हुक खोल दिया.
अब हाथ आगे लेकर उसके बूब्स को सूट अन्दर से ही नंगा मसलने लगा.
उसकी अह्ह्ह उह्ह्ह निकल रही थी.
साथ साथ मैंने उसका एक हाथ अपने लोवर में अन्दर डालकर लंड को पकड़ा दिया.
उसने लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसे मसलने लगी, जिससे लंड अपने असली अवतार में आ गया था.
मैंने प्रिया के कान में धीरे स्वर में लंड चूसने कहा.
वह मना करने लगी, पर मेरे जोर देने पर मान गयी.
फिर नीचे बैठकर लोवर से लंड निकाल कर मुँह में भरकर चूसने लगी.
कुछ मिनट चूसने के बाद उसने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया.
शायद उसे अच्छा नहीं लगा तो मैंने भी जबरदस्ती करना सही नहीं समझा.
अब मैं उसकी चूत में उंगली करते किस कर रहा था तो उसे थोड़ा दर्द हो रहा था.
जब मुझे मेरे हाथ गीला लगा तो मैंने अपनी जेब से एक कंडोम निकाला और उसके हाथ में कंडोम देकर लंड में लगाने बोला.
वह मना करने लगी.
फिर मैंने खुद अपने हाथ से अपने लंड में कंडोम लगाना शुरू किया.
वह बोली- करना है तो सीधे करो, ये सब नहीं.
मैंने उसे समझाया कि सेफ्टी जरूरी है.
पर वह नहीं मानी.
मुझे उसके नखरे देख कर गुस्सा आ रहा था.
फिर मैंने उसका सलवार सूट, पैंटी, ब्रा सब निकाल दिया और लेटा दिया.
फिर खुद नंगा उसके ऊपर चढ़ गया.
वह मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी.
मैं उसकी चूत में लंड रगड़ रहा था, उसे चुम्बन किए जा रहा था.
एक बूब्स चूसता और दूसरे को दबा रहा था.
उसकी आह निकल रही थी.
फिर उसने कहा- डाल दो, सहन नहीं हो रही है.
उसने मुझे गुस्सा दिलायी थी इसलिए मैं उसे सता रहा था.
बीच बीच में उसके दूध, गले में बाइट भी कर रहा था.
जब उससे सहन नहीं हुआ तो वह बोली- अपना वाला मेरे अन्दर डाल दो!
मैंने उससे पूछा- अपना क्या और कहां डाल दूं?
तो उसने बोला- मुझे नहीं पता क्या बोलते हैं!
उसकी आह सुन कर और उसका मचलना देख कर मैं भी आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था.
वह बार-बार आह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह मुआह करती हुई चुम्बन कर रही थी और लंड डालने की रिक्वेस्ट कर रही थी.
मैं उसके कान में बोला- जो मैं बोल रहा हूँ उसे दोहराना!
उसने वही किया.
मैं बोलता गया, तब उसने भी दोहराया.
‘भावेश अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी चुत चोद दो!’
उसने अपना चेहरा शर्म से मेरे सीने से छुपा लिया.
उसकी आवाज सुन कर मुझे भी जोश आ गया.
मैंने उसकी चूत में लंड सैट किया और एक झटके में लंड उसकी चुत में पेल दिया.
उसको थोड़ा दर्द हुआ, पर वह सहन कर गई.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था.
उसने मुझे जोर से गले लगा लिया.
अब मैं उसके दोनों पैरों को ऊपर उठा कर चुत में हल्का हल्का धक्का दे रहा था.
थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा.
उसने भी कमर उठा कर अन्दर डालने की कोशिश की.
मैं समझ गया कि इसका दर्द कम हो गया है. अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में मैंने डाल दिया.
उसकी ‘आह्ह्ह्ह …’ निकल गयी.
वह रो रही थी, मुझसे चिपके चिपके धक्का दे रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद जब वह कुछ शांत हुई तो खूब मजे से चुदने लगी.
दस मिनट चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गए.
क्रेजी गर्ल सेक्स के बाद थोड़ी देर एक दूसरे की बांहों में लेटे लेटे आराम करते रहे.
फिर रात में उसे चोदने के बाद उसे कमरे के पास छोड़ दिया और अपने कमरे में आकर सो गया.
सुबह मैंने मेडिकल स्टोर से दवाइयां लाकर उसे खिला दीं.
फिर जब तक वह घर में रही, मैं उसके साथ छेड़खानी करता रहता था और मौका मिला तो चुदाई भी कर लेता था.
कुछ दिन बाद वह अपने घर चली गई.
ये थी मेरी और मेरी कजिन की साली की चुदाई की कहानी.
पढ़ने के लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद.
आशा है कि आपको सेक्स कहानी पसंद आयी होगी.
अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे उसने मुझे अपने हॉस्टल में बुला कर चुदवाया.
क्रेजी गर्ल सेक्स स्टोरी पर आप अपनी राय मुझे मेल कर सकते हैं.
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