भाभी नॉनवेज स्टोरी में जवान भाभी अपने देवर के कड़ियल बदन को देख कर अपनी चुत सहलाने लगती थी क्योंकि उसका बड़ी उम्र का पति उसे पूरा मजा नहीं देता था।
यार, ये रसिका कमाल की औरत है, अगर एक बार मुझे मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए.
आज मुझे पता नहीं क्या हुआ, जब से उसे नहाते हुए देखा है, दिल-दिमाग ठिकाने पर नहीं है.
लेकिन मैं आखिर उसका देवर ही हूँ, ये सब गलत है.
अपने कमरे में लेटा रमेश यही सब सोच रहा था.
वह कर्नल राठी का छोटा भाई था.
वह कर्नल से 12 साल छोटा था लेकिन रसिका उससे बस 2-3 साल ही बड़ी थी.
रमेश एक औसत सा, लेकिन फिट 22 साल का लड़का था, जिसे कसरत का कुछ ज़्यादा ही शौक था.
उसकी ताकत के किस्से गांव की हर लड़की में मशहूर थे!
भाभी नॉनवेज स्टोरी का मजा लें।
रसिका शहर में रहने वाली बला की खूबसूरत औरत थी.
उसकी उम्र करीब 27 के आस-पास हो गई थी.
तीन बच्चों की माँ थी लेकिन उस पर लगता था कि यौवन आया तो वापस ही नहीं गया.
उसका एक-एक अंग जैसे नापकर बनाया गया था.
रसिका कर्नल राठी की दूसरी बीवी थी.
कर्नल से शादी उसने घरवालों की मर्ज़ी से की थी.
रसिका ने अपनी सारी जवानी और रस अपने पति के लिए बचा रखा था लेकिन 35 साल के कर्नल साहब उसकी जवानी का रसपान कुछ कर नहीं पाए.
कर्नल एक रूखा-सा, छोटे कद का आदमी था जिसके चेहरे पर हंसी कभी नहीं आती थी.
प्यार करना शायद उसे कोई गुनाह लगता था.
रसिका उसके तीन बच्चों को पालती, घर के सारे काम करती और फिर वह आए दिन रसिका को गालियां देता और उसके दिल को दुखाता रहता था.
अपनी रस से भरी रसिका बस तड़पती ही रह जाती थी.
उसे मर्द का वह सुख कभी मिल ही नहीं पाया जिसकी वह हकदार थी.
उसकी जवानी का अधूरापन और प्यार की कमी उसकी आंखों में दिखती थी.
रसिका की ज़िंदगी में एक ही था, जिसे वह दोस्त कह सकती थी, जिससे वह हर तरह की बातें शेयर करती थी.
रमेश भी उसकी बहुत इज़्ज़त करता था.
लेकिन तन की आग और प्यार की कमी छुपाए नहीं छुपती.
एक सुबह रसिका ने रमेश को कसरत करते देखा, उसकी प्यासी चूत वहीं गीली हो गई.
वह लालची नज़रों से रमेश के जिस्म से चिपकी एक-एक बूंद को देख रही थी.
उसने जल्द ही खुद को संभाला और वहां से भाग निकली.
लेकिन पूरा दिन रमेश का मज़बूत जिस्म और उसकी अंडरवियर पर उभरा 7 इंच का लंड उसके दिमाग में घूमता रहा.
आज दोपहर में नहाने जाते वक्त उसकी दरवाज़े की कुंडी खुली छूट गई जिससे रमेश ने उसके रसीले बदन के एक-एक अंग को अपनी आंखों से पी लिया.
लेकिन उसने आगे कुछ नहीं किया.
रमेश ने आज किसी तरह खुद को संभाल लिया लेकिन तब से वह किसी न किसी तरह उसके जिस्म को देखने लगा.
कभी सफाई करते हुए रसिका का ब्लाउज़ उसकी रस भरी चूचियों को मुश्किल से संभाल पाता था, जिससे रसिका की चूचियों के दर्शन हो जाते.
रसिका भी उसकी इन अलग तरह की भूखी आंखों को पढ़ चुकी थी.
लेकिन शायद वह भी अब यही चाहती थी.
आखिर वह रात भी आ ही गई जब घर के सारे लोग एक शादी में गए थे और रसिका की तबीयत खराब होने की वजह से वह घर पर ही रह गई थी.
असल में रसिका के पीरियड्स खत्म हुए एक ही दिन हुआ था.
उसके सिर पर सेक्स का भूत सवार था! वह आज कुछ ज़ोरदार सेक्स करना चाहती थी.
उसने आज बॉडी के हर हिस्से पर हेयर रिमूवल क्रीम के कई डिब्बे खर्च किए थे.
लेकिन उसका खड़ूस पति उससे लड़ाई करके उसे अकेला रोता छोड़कर पार्टी में चला गया था.
रात के 11 बज गए.
बारिश बहुत तेज़ शुरू हो गई थी और लाइट एकदम से चली गई.
रसिका को अकेले डर लग रहा था तो वह रमेश के कमरे में चली गई.
रमेश अपने फोन में पॉर्न फिल्म देख रहा था जिसकी आवाज़ें बाहर तक आ रही थीं.
रमेश ने रसिका को अपने दरवाज़े पर देखा, तो घबराकर फोन बंद कर दिया.
रसिका- ये क्या देख रहे थे? बहुत जवानी फूट रही थी क्या?
रमेश- अरे भाभी, वह गलती से लग गई थी … किसी को बताना मत प्लीज!
रसिका- चल, नहीं बताऊंगी, लेकिन एक शर्त है … मुझे भी देखनी है ये!
रमेश- क्या बात कर रही हो भाभी?
रसिका- हां, सच कहूँ तो तेरे भैया बहुत बोरिंग हैं! उन्हें सिर्फ एक तरीके से करना आता है. उनके लिए ये सब एक ज़रूरी काम जैसा है, जिसे बस किसी तरह ख़त्म किया जाए. मैंने उनसे कई बार कहा कि इन वीडियो में प्यार करने के कई तरीके दिखाए जाते हैं, लेकिन ना उन्होंने खुद कभी देखी, ना मुझे देखने दी!
रमेश- हां भाभी, लेकिन मेरे साथ इसे देखने … ऐसे में …
रसिका- अरे क्यों डरता है? किसी को पता नहीं चलेगा!
रसिका और रमेश एक ही कंबल में लेट गए.
रसिका रमेश की तरफ पीठ करके लेट गई.
रमेश की गर्म सांसें रसिका की गर्दन से टकरा रही थीं.
दोनों ने वीडियो देखना शुरू किया.
जैसे-जैसे वीडियो आगे बढ़ता गया, दोनों की सांसें तेज़ होने लगीं.
रसिका अपनी गांड पर रमेश के लंड के बढ़ते हुए साइज़ को महसूस कर पा रही थी.
रसिका के जिस्म की गर्मी और मदहोश करने वाली खुशबू रमेश को मस्त कर रही थी.
रमेश ने धीरे से अपने हाथ रसिका की कमर पर रखे.
रसिका के जिस्म को इस तरह पहली बार किसी मर्द ने छुआ था.
उसके दिल की धड़कनें बहुत बढ़ गई थीं.
धीरे-धीरे रमेश के हाथ रसिका की रसीली चूचियों पर आ गए.
उसने पहले धीरे-धीरे, फिर ज़ोर ज़ोर से उन्हें निचोड़ना शुरू कर दिया.
किसी मर्द के मज़बूत हाथों ने पहली बार उसका रस निचोड़ा था.
रसिका को हल्का दर्द और उससे कहीं ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
रमेश के होंठ अब रसिका की गर्दन को भिगो रहे थे.
रसिका अब किसी दूसरी दुनिया में थी.
फिर रमेश ने रसिका को अपनी तरफ घुमाया.
उसकी आंखें बंद थीं.
रमेश ने उसके रसीले नर्म होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया.
रसिका ने रमेश के बालों को ज़ोर से पकड़ा हुआ था और उसका पूरा साथ दे रही थी.
ना जाने कब रमेश ने रसिका की रसीली चूचियों को ब्लाउज़ की कैद से आज़ाद कर दिया.
अब वह मस्त रसीली चूचियों को चूस रहा था.
रसिका के भूरे निप्पलों को वह हल्के-हल्के काट रहा था.
रमेश के मज़बूत हाथ उसकी दूसरी चूची को बुरी तरह निचोड़ रहे थे.
रसिका बारी-बारी से अपनी चूचियां रमेश के मुँह में दे रही थी.
अब रमेश के होंठ धीरे-धीरे उसके पेट से होते हुए नीचे की तरफ बढ़े.
उसने एक झटके में रसिका और अपने बाकी कपड़ों को उतार फेंका!
रसिका अपनी टांगें मज़बूती से जोड़े हुए थी.
रमेश ने उसे प्यार से देखा और उसके एक पैर को उठाकर उसकी उंगलियों को चूसने लगा.
अब रसिका खुद को और नहीं रोक सकती थी!
उसने रमेश के लिए स्वर्ग का दरवाज़ा खोल दिया.
रसिका की चिकनी रसीली चूत को देखकर रमेश पागल हो गया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा.
रसिका बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी.
उसकी आहें पूरे कमरे में गूँज रही थीं.
इतने सालों में उसके पति से उसे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला था.
रमेश की जीभ रसिका की चूत की नई-नई गहराइयां खोज रही थी.
वह उसकी चूत के दाने को हल्के-हल्के काट रहा था.
रसिका अब अपने होश में नहीं थी!
रमेश बेड से उतर कर खड़ा हो गया!
उसका 7 इंच का मोटा लंड हवा में झूल रहा था.
इतना लंबा और मोटा लंड रसिका ने कभी नहीं देखा था.
रमेश ने रसिका से मुँह खोलने को कहा!
रसिका ने कभी अपने पति का लंड नहीं चूसा था.
ये उसके लिए बिल्कुल नया था.
लेकिन उसने मुँह खोला और वह रमेश के लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
धीरे-धीरे रमेश का लंड उसके हलक तक जा रहा था.
शायद वह भी उस लंड को पूरा खा जाना चाहती थी.
रमेश को लंड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
उसने रसिका के बाल पकड़ रखे थे और रसिका के मुँह में वह अपने लंड को आगे-पीछे कर रहा था.
आखिर में उसकी सांस रुक गई और उसे पीछे हटना पड़ा.
रमेश ने रसिका को खींचा और उसे बेड के सिरे तक ले आया.
उसने उसकी गांड के नीचे एक मोटा तकिया लगाया, उसकी गीली चूत को थूक से और गीला किया.
रसिका ने बेडशीट को ज़ोर से अपनी मुट्ठी में पकड़ कर खुद को दर्द के लिए तैयार किया.
रमेश ने अपना मोटा लंड रसिका की चिकनी चूत पर सैट किया और एक ज़ोरदार शॉट मारा.
उसका पूरा लंड रसिका की चूत को चीरता हुआ उसमें समा गया.
‘आह्ह्ह … मर गईई!’ रसिका की चीख शायद पूरे घर में गूँज उठी थी.
रसिका चिल्लाई- उफ्फ आह्ह्ह हाय ज़ालिम, एक बार में ही चूत फाड़ दी तूने आह्ह्ह उफ्फ्फ!
रमेश थोड़ा रुका.
जब रसिका का दर्द थोड़ा कम हुआ, तब उसने अपनी गांड हिलाना शुरू कर दिया!
रमेश ने रसिका के पैर अपने कंधों पर रखे और धीरे-धीरे शॉट मारना शुरू कर दिया.
हर शॉट के साथ रसिका का दर्द अब मज़े में बदल रहा था.
उसकी चीखें अब मदभरी सिसकारियों में बदल रही थीं ‘आह्ह स्स्सी … स्स्सी … आह्ह और तेज़ आह तेज़ तेज़ आह्ह!’
रसिका अब स्वर्ग में थी.
रमेश ने धक्कों की स्पीड और पावर दोनों बढ़ा दी.
रसिका की पायल की आवाज़ हर धक्के के साथ छन-छन कर रही थी.
वह खुद अपनी चूचियों को बुरी तरह नोंच रही थी.
‘छट-छट … छन-छन … आह्ह आह्ह!’
ये सारी आवाज़ें रमेश के जोश को और बढ़ा रही थीं.
रमेश कुछ देर के लिए रुका.
उसने रसिका को उठाया और खिड़की के पास ले जाकर झुका दिया.
रसिका पूरी तरह आगे की तरफ झुक गई.
उसने खिड़की को ज़ोर से पकड़ा और अपने पैर फैलाकर खड़ी हो गई.
उसकी रसीली चूचियां हवा में झूल रही थीं.
रमेश ने पीछे से रसिका की चूत में वह सख्त लंड डाल दिया!
‘आह्ह्ह उफ्फ येस्स्स येस्स्स!’
उसका लंड अब और भी गहराई तक जा रहा था.
बारिश की बूंदें रसिका के चेहरे को भिगो रही थीं और रसिका हर धक्के में मज़ा ले रही थी!
रमेश ने रसिका के रेशमी लंबे बालों को घोड़ी की लगाम की तरह पकड़ा और उसकी गोरी गांड पर ज़ोरदार चांटे लगाने लगा.
हर एक चांटे में रसिका की जान निकल रही थी.
लेकिन ये दर्द उसके मज़े को कई गुणा बढ़ा रहा था.
वह मदहोशी में चिल्ला रही थी- आह्ह आह्ह … और तेज़ तेज़ … हाय राजा कब से प्यासी थी ये चूत … इसी दर्द के लिए … आह्ह!
रसिका की ये बातें रमेश को और जोश दिला रही थीं.
वह और ज़ोरदार और तेज़ धक्के लगा रहा था.
रसिका की गोरी गांड अब लाल हो चुकी थी.
अचानक रमेश के धक्के बहुत ही तेज़ हो गए और रमेश और रसिका दोनों का लावा एक साथ रसिका की चूत से होता हुआ फर्श पर टपकने लगा.
जोशीली चुदाई करने के बाद वे दोनों वहीं फर्श पर ढेर हो गए.
कुछ देर बाद दोनों साथ नहाए और एक-दूसरे की बांहों में सो गए.
उसके बाद से ना कभी रमेश को किसी चुत की … और ना रसिका को किसी जोशीले मर्द की कमी महसूस हुई.
दोस्तो, आप अपने कमेंट्स मेरी इस भाभी नॉनवेज स्टोरी पर जरूर दें.
लेखक के आग्रह पर ईमेल आइडी नहीं दिया जा रहा है।