बैड X फॅमिली स्टोरी में मैं और मेरे पति, मेरे मम्मी पापा हम चारों मिलकर ग्रुप सेक्स करने लगे थे. दामाद अपनी सास को, पापा अपनी बेटी की चुदाई का मजा लेते थे.
मैंने अपनी पिछले दो कहानियों
मॉम डैड और बेटी दामाद की चुत चुदाई
में बताया था कि कैसे मैं, मेरे पति और मेरे मां-पापा … हम चारों जब भी मिले, खूब मजे किए.
अब हम अपने इस मजे को और बढ़ाना चाहते थे.
हम चाहते थे कि यह सब तब भी जारी रहे, जब मैं अपनी ससुराल में रहूँ.
इसके लिए हमें राज के मां-पापा को भी इसमें शामिल करना था.
यह सब कैसे हुआ, इस बैड X फॅमिली स्टोरी का मजा लें.
उसी बात को लेकर हम चारों सोच रहे थे कि राज के मां-पापा को हमारे साथ मजे करने के लिए कैसे तैयार करें.
तभी मेरी मां बोलीं- देखो, राज के पापा को मनाना कोई बड़ी बात नहीं है. असली मुद्दा है राज की मम्मी! किसी भी परिपक्व पुरुष को ऐसा करने के लिए आसानी से मना सकते हैं. पहले हम राज के पापा रमेश जी को अपने प्लान में सैट करते हैं. फिर राज की मम्मी मंजुला का सोचेंगे!
हम सबने मां की बात में हामी भरते हुए उनका प्लान पूछा.
मां ने बताया- अगले हफ्ते से मैं और सोनल के पापा तुम्हारे घर पर रहने आएंगे. मैं सोनल के साथ मिलकर राज के पापा को अपनी अदाओं से अपने प्लान में शामिल करूँगी. जैसे ही राज के पापा हमारे बस में आ जाएंगे, उसके बाद राज की मम्मी का सोचेंगे.
हम तीनों मां की बात को स्वीकार करते हुए खुशी-खुशी सेक्स करने लगे.
फिर मैं राज के अपनी ससुराल वापस आ गई.
दस दिन बाद मेरे मां-पापा भी हमारे यहां रहने आ गए.
अब प्लानिंग के हिसाब से हमने राज के पापा को अपनी तरफ खींचने का काम शुरू किया.
राज के पापा रमेश एक अच्छी-खासी हाइट और बॉडी वाले 62 साल के मर्द थे और उनकी मां 57 साल की थीं.
लेकिन वे दोनों अपनी उम्र से दस साल छोटे लगते थे क्योंकि वह हमेशा व्यायाम करते रहते थे.
एक दिन सुबह राज के पापा बाहर गार्डन में बैठे योग कर रहे थे. तभी मेरी मां वहां टाइट स्पोर्ट्सवेयर बॉटम और खुली टी-शर्ट पहन कर गार्डन में चली गईं और उनके बगल में योगा मैट लगाकर योग करने का नाटक करने लगीं.
मेरे ससुर जी ने मां को देखा और अपना योग करने लगे, लेकिन बीच-बीच में वे मेरी मां को ताड़ रहे थे.
मां ने यह देख लिया था तो उन्होंने जानबूझ कर योग थोड़ा गलत करना शुरू किया.
यह देख कर मेरे ससुर जी तुरंत बोले- अरे संध्या जी, आप गलत कर रही हैं!
मेरी मां इतरा कर बोलीं- आप थोड़ी मदद कर दो, तो अच्छा होगा!
ससुर जी खड़े होकर मां के पास गए और उन्हें योग पोज़ ठीक करने लगे.
असल में मां कोई आसन लगाने का प्रयास कर रही थीं.
उन्होंने ससुर जी से कहा- आप मुझे कमर से पकड़ कर थोड़ा ऊपर की तरफ आसन लगाने में मदद करें!
ससुर जी ने उनके सिर की तरफ आकर वैसा ही किया.
ऐसा करने से मां का चेहरा पापा के दोनों पैरों के बीच में आ गया और मां के बूब्स पापा के सामने थे.
मां की चूत स्पोर्ट्स बॉटम को चीरती हुई पूरी तरह टाइट दिख रही थी.
इसे देखकर पापा का लंड टाइट हो रहा था जो मां को दिख रहा था.
थोड़ी देर बाद पापा ने कहा- मेरा ऑफिस जाने का समय हो गया, मैं नहाने जाता हूँ!
यह कहकर वे अन्दर चले गए.
मैंने देखा कि ससुर जी अपने लंड को हाथ से मसलते हुए बाथरूम में गए.
इसका मतलब था कि प्लान काम कर रहा है.
अब मुझे भी अपना जलवा दिखाना था.
उस शाम, जब ससुर जी और पापा हॉल में टीवी देख रहे थे, मैं उनके लिए चाय बनाकर ले गई.
मैंने ढीली शॉर्ट टी-शर्ट पहनी थी जिसमें मेरी कमर पूरी दिखे और अन्दर ब्रा नहीं थी.
नीचे मैंने बिना पैंटी के टाइट लेगिंग्स पहनी थी, जिसकी वजह से मेरी गांड और चूत का उभार साफ दिख रहा था.
मैं अन्दर गई और चाय रखने के बहाने नीचे झुकी.
मेरे पापा बोले- बेटा, चाय भी निकाल कर दे दो!
मेरे पापा को प्लान के बारे में सब पता था.
मैंने और झुककर चाय निकाली जिससे मेरे मम्मे ससुर जी को पूरी तरह दिखे.
मेरे पापा ने और जोड़ा- बेटी, आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो!
ऐसा कहकर उन्होंने ससुर जी से पूछा कि आपका क्या ख्याल है!
इस पर वे भी हां बोले.
चाय निकालते समय मैंने नोट किया कि ससुर जी मेरे मम्मों को एकटक देख रहे थे.
फिर मैं चाय देकर जाने लगी और अपनी गांड मटकाती हुई रसोई में चली गई.
मेरे पापा ने ससुर जी की सारी हरकतें नोट कीं, जिससे पता चल गया था कि उनका खड़ा हो रहा है!
ऐसा दो-तीन दिन चला.
फिर एक दिन राज अपनी सासू मां को उनके भाई के घर ले जा रहे थे.
मेरे पापा ने भी काम का बहाना बनाकर उनके साथ जाने का नाटक किया.
ससुर जी को ऑफिस में काम था, तो वे नहीं गए.
मैं और मेरी मां ने भी बहाना बना दिया और रुक गए, क्योंकि आज पिछले कुछ दिनों की मेहनत की परीक्षा थी.
प्लानिंग के हिसाब से सब लोग चले गए और घर पर सिर्फ मैं, मां और ससुर जी थे.
ससुर जी को दोपहर में मीटिंग में जाना था.
हमारे पास सुबह 8 बजे से दोपहर 4 बजे तक का समय था, जिसमें हमें ससुर जी को पटाना था.
मां अन्दर थीं, ससुर जी अखबार पढ़ रहे थे.
मैंने ससुर जी से कहा- मैं थोड़ा मार्केट जा रही हूँ, फिर सहेली के घर जाऊंगी. लंच पर वापस आऊंगी. आप मम्मी को खाना खा लेने की कह देना.
यह कहकर मैं बाहर चली गई और पीछे के बगीचे में छुप गई.
अब मां का समय शुरू हुआ था.
मां नहाने गईं और पूरी नंगी होकर अपने शरीर पर साबुन मल लिया.
फिर उन्होंने मुझे आवाज़ दी तो मैंने पानी की लाइन बंद कर दी.
मां ने जोर से पुकारा- कोई है जो पानी चालू कर दे!
तभी ससुर जी बाथरूम के पास आए और मां से बात की.
पता चला कि पानी बंद हो गया है और मां अन्दर साबुन लगाकर बैठी हैं.
ससुर जी ने कोशिश की, पर पानी चालू नहीं हुआ.
मां ने कहा- आप किचन में जाइए, वहां एक बाल्टी भरी होगी बर्तन मांजने के लिए … वही ले आइए, मैं उसी से नहा लूँगी!
ससुर जी गए और दरवाजे के पास बाल्टी रख दी.
फिर वे मां से बोले- आप ले लो!
मां ने जवाब दिया- मैं नहीं उठा पाऊंगी, आप अन्दर रख दीजिए!
यह सुनकर ससुर जी थोड़ा चौंक गए, पर कौन-सा मर्द ऐसा मौका छोड़ सकता है!
वे अन्दर गए, बाल्टी रखी और वापस नीचे चले गए.
मेरी मां को नंगी देखकर उनकी आंखों की चमक बढ़ गई थी.
नहाने के बाद मां ने फिर से आवाज़ लगाई- तौलिया लाओ!
ससुर जी दौड़कर आए और तौलिया दिया.
मां ने जानबूझ कर दरवाजा खोल दिया और मेरे ससुर जी को अपना नंगा बदन दिखाया.
फिर तौलिया लपेट कर वे बाहर आईं और अपने कमरे में चली गईं.
उन्होंने दरवाजा खुला रखा, क्योंकि उन्हें पता था कि ससुर जी देख रहे हैं.
मां ने पलट कर तौलिया नीचे गिरा दिया और झुककर मेरी दी हुई स्ट्रिंग वाली पैंटी पहनने लगीं.
जब वे झुकीं, तो पीछे से ससुर जी उनकी गांड और चिकनी चूत के दर्शन कर रहे थे और अपना लंड पकड़ कर मसल रहे थे.
मैं चुपके से यह सब देख रही थी.
फिर मां ने सीधी होकर ब्रा पहनी और नाटक करने लगीं, जैसे उन्होंने ससुर जी को देखा ही नहीं.
अपने खुले मम्मों को दिखाती हुई उन्होंने ब्रा पहन ली.
अचानक मेरी नजर ससुर जी से मिली तो वे घबरा गए और जाने लगे.
मां ने उन्हें पुकारा- क्या हुआ, क्यों जा रहे हो? क्या मेरा शरीर अच्छा नहीं लगा? क्या मैं बूढ़ी दिख रही हूँ?
ससुर जी बोले- ऐसा नहीं है, लेकिन ये सब गलत है!
मां ने तपाक से जवाब दिया- तो फिर देख क्यों रहे थे आप!
थोड़ी देर बात करते-करते मां ने ससुर जी को कसकर गले लगा लिया और उनके खड़े लंड पर हाथ फेरने लगीं.
फिर वे ससुर जी के होंठों को चूमने लगीं.
ससुर जी पहले ना-नुकुर करते रहे, फिर साथ देने लगे.
थोड़ी देर बाद ससुर जी ने सारी शर्म छोड़ दी और मां की ब्रा खोलकर उनके मम्मों को हाथों से दबाने और चूसने लगे.
मां ने भी उनके कपड़े एक-एक करके उतारे और उन्हें बिस्तर की ओर ले गईं.
दोनों पूरी तरह नंगे हो गए.
मां ने ससुर जी का लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
ससुर जी भी उनके मम्मों और शरीर को मसल रहे थे.
थोड़ी देर बाद मां ने सीधा लेटकर पैर फैला दिए और ससुर जी को उनकी चूत चाटने का मौका दे दिया.
ससुर जी कुत्ते की तरह चूत चाटने लगे, फिर बिना देर किए अपना लंड अन्दर पेल दिया.
मेरी मां मजे से सिसकारियां भरने लगीं- आह्ह्ह आह्ह्ह … बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसे ही जोर से चोदो!
थोड़ी देर बाद मां ने ससुर जी को सीधा बिठाया और खुद उनके ऊपर चढ़ गईं.
लंड को चुत में अन्दर डालकर कूदने लगीं और अपने मस्त बूब्स ससुर जी के मुँह में डालकर चुसवाने लगीं.
मैं अब बेकाबू हो रही थी.
मां उनकी गोद में चढ़ी थीं, इसलिए मैं ससुर जी को दिखाई नहीं दे रही थी.
मैंने मौके का फायदा उठाया और उनके कमरे में चली गई.
मां के ठीक पीछे छुपकर मैं ससुर जी का लंड मां की चूत में अन्दर-बाहर होते देख रही थी.
थोड़ी देर बाद मैं दरवाजे के पास गई और जोर से चिल्लाई- ये क्या हो रहा है मां … और ससुर जी!
मुझे आया देखकर ससुर जी हक्के-बक्के हो गए, उन्हें पसीना आ गया.
लेकिन मां को सब पता था वे रिलैक्स थीं और उन्होंने लौड़े पर कूदना जारी रखा.
ससुर जी मां को हटाने की कोशिश कर रहे थे पर मां ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.
मैं उनके करीब गई और जोर से बोलने लगी.
मां लंड से नीचे उतरीं और ससुर जी अपना लंड छुपाने लगे.
मां हंसती हुई बोलीं- क्या बेटा, अच्छा-खासा मूड बना था … आपने आकर सब खराब कर दिया!
मैंने कहा- क्या मूड? ये सब मेरे ससुर जी के साथ करते शर्म नहीं आई?
मां बोलीं- बेटा देख ना … इतना गदराया मर्द और उसमें भी इतना जोशीला और हट्टा-कट्टा! कोई भी औरत इनके साथ सेक्स करने से खुद को रोक नहीं पाएगी!
यह कहते हुए मां ने ससुर जी को कपड़े पहनने से रोका और उन्हें वापस बिस्तर पर लिटा दिया.
फिर उनके डरे हुए लंड को चूसना शुरू कर दिया.
ससुर जी समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है.
मैं उनके करीब गई और मां का मुँह ससुर जी के लंड से हटाकर मना करने लगी.
मां ने कहा- देख, अगर तुझे ये बड़ा लंड लेना है तो रुक … वर्ना इधर से चली जा!
यह कहकर मां ने ससुर जी का लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
ससुर जी कांप गए.
दोस्तो, आपको इस पारवारिक सेक्स कहानी में कितना मजा आ रहा है प्लीज जरूर बताएं.
बैड X फॅमिली स्टोरी पर आपके मेल का मुझे इंतजार रहेगा.
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