बरसात में काम वाली भाभी की प्यार भरी चुदाई

हॉट मेड चुदाई कहानी में मैंने अपने नाना के घर में काम वाली की चूत चोदी. वह मुझसे कई साल बड़ी थी. मैंने उसे कैसे पटाया, गर्म किया, सेक्स के लिए उकसाया, पढ़ें इस कहानी में!

दोस्तो, मैं तहे दिल से आप सभी का इस्तकबाल करता हूँ.
मेरा नाम फरहान है और मैं भोपाल के करीब के एक छोटे कस्बे का रहने वाला हूँ.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, कोई गलती हो तो माफ करें और कमेंट या मेल करके बताएं.

हॉट मेड चुदाई कहानी दो साल पहले की उस समय की है जब मैं अपने नाना जी के घर गया था.

नाना जी के घर में नाना और नानी जी रहते हैं.
मामा की सर्विस भोपाल में है.

नाना जी की दुकान है और वहां एक काम करने वाला आदमी रहता है.

उसकी बीवी नजमा घर के काम करती है.
वे दोनों नाना जी के घर से करीब ही रहते हैं.

यह सेक्स कहानी मेरी और नजमा भाभी के बीच हुई चुदाई की कहानी है.

नजमा भाभी की उम्र 32 साल है. उनका कद कुछ 5 फुट 3 इंच है, सांवला जिस्म है.

नजमा दिखने में बहुत सेक्सी और फिट माल है. मैं उसको भाभी कह कर ही बुलाता हूँ.

काम के सिलसिले में उसका नाना के घर में आना जाना लगा रहता है.
गेहूं पिसवाना, साफ सफाई जैसे काम उसी के ज़िम्मे थे.

नजमा भाभी अपने पति की शराब की आदत से परेशान थी.

मैं अपने बारे में बता दूँ कि मैं फुटबॉल का खिलाड़ी हूँ और काफी फिट हूँ. मेरा कद 5 फिट 9 इंच है.

जब भी मैं नाना के घर जाता हूँ तो वहां नजमा भाभी काम करती मिल जाती थी और मैं काम काज करने में उसकी मदद कर देता था.

मैं अपनी जवानी के चरम पर था और अपने उठते हुए काम वासना के जोश को सेक्स कहानी पढ़ कर व मुठ मार कर शांत कर लेता था.

पहले मेरे मन में नजमा भाभी को लेकर कोई गलत ख्याल नहीं आता था.
धीरे धीरे कब मैं उसकी तरफ आकर्षित होने लगा … मुझे खुद ही पता नहीं चला.

मैं उस भाभी को पटा कर चोदने का ख्याल अपने ज़ेहन में लाने लगा और उसको चोदने का प्लान बनाने लगा.

अब मैं नजमा भाभी से मजाक करने लगा.
वह भी मेरे साथ जल्द ही खुल गई.

हंसी मजाक के साथ बातों में लंड, चूत, गांड जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल करता था.
उसका वह बुरा नहीं मानती थी.

काम में मदद करते वक़्त मैं उसके साथ कुछ ज्यादा करीब रहने की कोशिश करने लगा.
मौका मिलने पर मैं भाभी को किसी न किसी बहाने से छूने भी लगा.

भाभी भी मुझे कभी कभी धौल लगा देती थी.
इस तरह से नजमा भाभी मेरे साथ अब घुल-मिल गई थी.
उसको मेरा मजाक करना काफी अच्छा लगने लगा था.

अब वक़्त था कि मैं उसको अपनी तरफ आकर्षित करके चोदने के लिए सैट कर लूँ.
मैं सेक्सुअली भी उसको अपनी ओर आकर्षित करने लगा.

जब वह सफाई करती तो मैं उसके बूब्स को देख कर अपने लंड को सहलाने लगा था.

वह भी मुझे लंड सहलाती देखती और कुछ ज्यादा ही झुक कर अपने दूध दिखाती हुई सफाई करने लगती.

उस वक्त भाभी बहुत सेक्सी लगती थी.

जब वह अपने गहरे गले से झाँकते मम्मों को हिला हिला कर हाथ चलाती हुई झाड़ू लगाती थी, उस वक्त भाभी के मम्मों को हिलता देख कर मैं अपने लंड को खड़े होने से रोक नहीं पाता.

कुछ ही समय में भाभी इस बात को अच्छे से समझ गई थी कि मेरी नज़र उसकी जवानी पर गड़ चुकी है.

उसके मन में भी मेरे जैसे गबरू जवान के लंड से चुदने की लालसा ने जन्म ले लिया था.

इसका कारण भी शायद उसके पति से उसकी नफरत ही थी.

अब मैं मौके की तलाश में रहता कि कब मुझे नजमा भाभी की खूबसूरत और सेक्सी जवानी को निहारने व भोगने का मौका मिले.

जब कोई सामान उठा कर उसके सर पर रखना होता तो मैं उसके आकर्षक ठोस मम्मों को अपने हाथों से छू लेता था.

उस वक्त मैंने ध्यान दिया था कि भाभी कोशिश करती थी कि वह खुद ही अपने आपको मेरे सीने से या मेरे हाथों से रगड़ दे और अपने मम्मों की गर्मी का अहसास मेरे लौड़े को करा सके.

इसी तरह कभी नजमा भाभी के भरे हुए बूब्स तो कभी उसकी सेक्सी, लंड खड़ा कर देने वाली गांड को मैं छू लेता.

जब उसके रस भरे मम्मों को अपनी छाती से रगड़ कर सुख पाता था, उस समय मुझे ऐसा लगता था मानो जैसे नजमा भाभी को भी मेरे छू लेने से कोई एतराज़ नहीं था.

एक बार तो मैंने जानबूझ कर भाभी के मम्मों पर हाथ फेर कर कहा था कि भाभी ये आपके ब्लाउज पर काला काला क्या लग गया है?
ये कहते हुए मैंने भाभी के दूध दबा दिए थे.
और भाभी ने भी अपने पल्लू को हटा कर अपनी चूचियों की खुली घाटी दिखाते हुए कहा था- क्या लगा है, मुझे तो कुछ नहीं दिख रहा है!

मैंने हंसते हुए उसका निप्पल मींज कर कह दिया था- अरे ये काला काला सा तो कुछ अन्दर से लगा है.

निप्पल मींजे जाने से भाभी की मादक आह निकल गई थी.
और उसने मेरे हाथ को अपने दूध पर दबाते हुए कह दिया- क्या कर रहे हो यार … बड़ी मीठी सी चुभन सी हुई है.
उस वक्त हम दोनों की आंखें मिल गई थीं और वासना का भाव एक दूसरे को गर्म करने लगा था.

तब मैं भाभी को दबोच कर चोदने के मूड में आ गया था कि तभी नानी की आवाज आ गई और मैं भाभी से दूर हो गया.
इस घटना ने मुझे नजमा भाभी को चोदने के लिए भड़का दिया था और अब बस उसको अपने लंड का स्वाद चखाना रह गया था.

इसके लिए मैंने एक प्लान बनाया कि नजमा भाभी को जाने अनजाने में अपने लंड के दर्शन कराए जाएं.

उसके लिए मैं बाथरूम में नग्न खड़ा होकर दरवाजा खुला रहने देता.
वह मेरे लौड़े को देख कर मस्त हो जाती.

इसके अलावा जब नजमा भाभी सफाई के लिए मेरे रूम में आती तो मैं सोने का नाटक करते हुए उसको अपना खड़ा हुआ लंड दिखा देता.
वह बरसात के मौसम का वक़्त था और मैं कुछ काम से बाहर गया था.

लौटते समय मैं बरसात में भीग़ गया.
मुझे बहुत जोर से पेशाब लग रही थी.

जब मैं घर पहुंचा तो बाथरूम में नजमा भाभी कपड़े धो रही थी.

मैं- भाभी जल्दी से निकलो, मुझे बहुत जोर से पेशाब आ रही है.
नजमा- ज़रा रूको, बस हो गया काम.
मैं- जल्दी करो नहीं तो निकल जाएगी.

नजमा भाभी शायद आज मूड में थी, वह बाहर नहीं आई और मैं अन्दर जाकर उसके सामने ही अपना लोवर नीचे सरका कर पेशाब करने लगा.

मुझे डर लग रहा था कि इस तरह से लंड दिखाने से भाभी को पता नहीं क्या लगेगा.

मगर वह हंसती हुई मुझे व मेरे लौड़े को देखती रही … और अपना काम करती रही.

नजमा- बेशर्म हो गई हो पूरे.
मैं- अरे यार भाभी, मुझसे कन्ट्रोल ही नहीं हुआ!

दोस्तो, भाभी मेरा लंड पहले भी देख चुकी थी.
पर इस बार मैंने पूरा हथियार हाथ से पकड़ कर उसके सुपारा खोल कर भाभी को दिखाया था और मैंने ध्यान दिया था कि भाभी की प्यासी नजरें मेरे लाल सुपारे पर जमी हुई थीं.

उसके बाद जब मैंने लंड झटक कर मूत के छींटे मारे तो भाभी का मुँह ऐसे खुल गया था मानो वह मेरे मोटे लौड़े को अपने मुँह में लेना चाहती हो.

अब मेरा रास्ता साफ हो रहा था.
भाभी की निगाह बार बार मेरे लंड पर पड़ रही थी.

इसके दो दिन बाद भाभी छत पर पानी की टंकी की सफाई कर रही थी.
मैं भी उसकी मदद कर रहा था.

भाभी ने नीले रंग की कुर्ती और अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी थी.
मैं लोअर और टी-शर्ट में था.

जब भाभी झुकती तो उसके सेक्सी बूब्स लटक कर मुझे दीवाना बना रहे थे.
इतने में बारिश शुरू हो गई और हम दोनों पूरी तरह से भीग गए.

भाभी की सेक्सी जवानी ने मुझे पागल कर दिया और मेरा लंड पूरी तरह से तन गया.

मैं- भाभी आप बहुत सेक्सी हो.
नजमा- क्यों, मुझमें ऐसा क्या अलग है?

मैं- आपसे नज़र नहीं हटती, क्या आप मेरी जीएफ बनोगी?
नजमा- जीएफ में ऐसा क्या खास होता है?

मैं- जीएफ, दोस्त से ज्यादा … और बीवी से थोड़ी कम होती है.
वह हंसने लगी.

फिर जब भाभी टंकी से नीचे उतरने लगी तो वह बोली- मुझे पकड़ लेना, बारिश की वजह से कहीं फिसल ना जाऊं!
मैंने भाभी को ऐसे पकड़ा कि मेरे हाथ फिसल कर उसके मम्मों पर आ गए और मेरे हाथों ने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिए.

मैंने उसको जोर से दबा दिया.
इससे भाभी की मादक आह निकल गई और उसने खुद से बाहर निकलने की कोशिश रोक दी.

वह मेरे हाथों से अपने मम्मों को भींचे रखने की स्थिति में ही रह गई.

उस समय मेरे लौड़े ने खड़े होकर भाभी को सलामी दे दी.
मेरे खड़े लंड का अहसास भाभी को अच्छी तरह से हो रहा था.

हम दोनों भीग चुके थे और लगभग एक दूसरे से चिपके हुए थे.

मैं भाभी के पीछे से अपना लंड उसकी गांड में रगड़ रहा था और मेरे हाथों में भाभी के दूध दबे हुए थे.
मेरी गर्म सांसें भाभी की गर्दन पर चल रही थीं.

एक मिनट तक हम दोनों कामुक अहसास के साथ खड़े रहे … फिर भाभी टंकी से निकल कर छत पर बने बाथरूम में चली गई.

मुझे भी पेशाब लग आई थी.

मैंने देखा कि भाभी बाथरूम में नहाने लगी थी और उसने दरवाजा खुला छोड़ दिया था.

यह देख कर मेरे अन्दर हिम्मत आ गई थी.
मैं उस खुले बाथरूम में अन्दर चला गया और लंड निकाल कर पेशाब करने लगा.

अन्दर आने से पहले मैं अपनी टी-शर्ट उतार चुका था.
मेरा लंड पूरे जोश के साथ तना हुआ था.

भाभी भी पूरी तरह नंगी थी पर वह ऐसे बैठी थी कि मुझे उसके भरे हुए दूध और लंड को खड़ा कर देने वाली चूत दिखाई नहीं दे रही थी.

नजमा- बेशर्म, बाहर ही रुक जाता!
मैं- भाभी आपने तो मेरा लंड देख ही लिया और अपनी चूत छुपा रही हो.

नजमा- अब देख ली ना … जा यहां से!
भाभी की नज़र मेरे तने हुए लंड पर थी.
मैं- जी भर के देखने दो ना!

भाभी ने अपनी चूचियों और चूत की एक झलक दिखाई और अपनी टांगें वापस बंद कर लीं.

मैं तो एकदम से बेकाबू हो गया.
मेरे लंड को अभी ही भाभी की चूत में घुसना था; उसकी चूत की गहराई में उतर कर गर्मी को महसूस करना था.

मैं उठ कर गया और भाभी को उठा कर अपना हाथ चूत पर रख कर उसे मसलने लगा.

भाभी ने मुझे ज़रा सा गुस्सा दिखाया पर मेरी नज़र तो उसकी रसीली और कसी हुई चूत पर थी.

चूत का रस और गीलापन कुछ और ही इशारा कर रहा था.
मेरी एक उंगली चूत के अन्दर जाने की फिराक में थी.

तभी भाभी ने अपने पैरों को खोल दिया और उंगली ने चूत में घुस कर दाने को मसल दिया.

भाभी कामुक सिसकारी के साथ मेरा नाम दोहराने लगी.

नजमा- बस कर … हाय मार ही दिया बेदर्दी ने इस्स …
उसकी सांसें तेज़ हो गई थीं.

मैंने भाभी के एक दूध को मुँह में ले लिया और उसके निप्पल को जोर से खींचते हुए चूसने लगा.
‘आह आह मर गई अम्मी रे …’

कुछ देर के बाद उधर किसी के आ जाने के डर से भाभी ने मुझे रोका और बाद में मिलने को कहा.

नजमा- कोई आ ना जाए. हट, जाने दे मुझे!
मैं- मैं ऊपर वाले कमरे में जा रहा हूँ और उधर ही आपका इंतजार कर रहा हूँ.

भाभी को चूम कर मैं उससे अलग हुआ और ऊपर वाले कमरे में आकर भाभी का इंतजार करने लगा.
मुझसे सब्र नहीं हो रहा था.

कुछ मिनट के इंतजार के बाद भाभी के आने की आहट हुई तो लगा कि मेरी लॉटरी लग गई है.

कमरे के अन्दर आते ही मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उसे किस करने लगा.
वह भी मुझसे किसी नागिन की तरह लिपट गई थी.

मैंने धीरे धीरे उसके सारे कपड़े निकाल दिए और उसको चूसने चूमने लगा.
वह भी मजा लेने लगी थी.

यूं ही हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे को किस करने में लगे रहे.

कभी मैं भाभी के लबों को चूस रहा था तो कभी उसकी रसभरी जीभ को!

मेरी ज़ुबान भाभी की ज़ुबान से मिल एक दूसरे का स्वाद ले रही थी.
वहीं मेरा एक हाथ भाभी के दूध को दबा रहा था तो दूसरा हाथ उसकी कमर पर था.

उस हाथ से मैं भाभी को अपनी ओर खींच रहा था.
मेरा सख्त लंड भाभी की चूत से रगड़ खा रहा था और चूत के मादक रस में लिप्त हो गया था.

एक पल की देर थी पर मैं भाभी के मुँह से सुनना चाहता था कि वह कहे और मैं लंड अन्दर पेल दूँ.
भाभी कामुक नजरों से मुझसे मूक भाव से चुदाई के लिए कह रही थी और अपनी टांगों से मेरे लंड को मसल रही थी.

मैं- भाभी, जब तक आप नहीं कहोगी, तब तक मैं लंड अन्दर नहीं डालूंगा.

यह कहकर मैं भाभी की रसीली चूत को मसलने लगा और चूत के दाने को चाटते हुए हाथ से रगड़ने लगा.
भाभी अपने दोनों पैरों को खोल हाथ से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.

नजमा- मत तड़पा अब मुझे!
मैं- तो बताओ क्या करूं?

नजमा- डाल दे अन्दर … बेचैनी हो रही है.
मैं- क्या कहां डाल दूँ?

नजमा- अपना लंड डाल दे … मेरी चूत में!
भाभी की तड़प बढ़ रही थी और वह उछल कर अपनी चूत को सख्त लंड से रगड़ रही थी.

मैंने पोजीशन में आकर लंड को चूत पर सैट किया और एक हाथ भाभी की कमर पर रख एक ही झटके में लंड अन्दर डाल दिया.
मेरा सात इंच का मोटा लंड भाभी की रसीली चूत में समा गया.

मुझे बहुत गर्म महसूस हो रहा था.
मैंने भाभी को छेड़ने के लिए अपना लंड बाहर निकाल लिया.

नजमा- क्या हुआ, डाल ना … चोद मुझे!
मैं- कुछ ऐसा बोलो मेरी जान कि मैं जोश में आ जाऊं!

नजमा- चोद दे मेरे राजा … चूत में अपना मोटा लंड डाल कर अपनी भाभी की प्यास बुझा दे!
मैंने लंड को ताकत के साथ एक ही झटके में बिजली की रफ्तार से पूरा अन्दर डाल दिया.

भाभी इस जोर के झटके की सिसकारी निकाल ही रही थी कि दोबारा लंड को बाहर निकालकर उसी तेज़ी के साथ डाल दिया.

ऐसे ही हॉट मेड चुदाई का सिलसिला चलने लगा.
भाभी कमर को उछाल कर चुदाई का मजा लेने लगी.

उसकी आवाज़ बारिश में सुनाई नहीं दे रही थी.
दोनों तरफ से उछल उछल कर कुछ देर तक मस्त चुदाई चली.

बाद में मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर भाभी के मम्मों पर गिर गया.
भाभी भी चरमसुख़ के साथ थक गई थी.

कुछ देर बाद उसने उठ कर मुझे एक बहुत प्यार के साथ चुम्बन किया और अपनी अतुल्य ख़ुशी का इज़हार करते हुए अपने गीले कपड़े ही पहन कर नीचे चली गई.
फिर ऐसे ही हमारी चुदाई सिलसिला चलता रहा.

दोस्तो, हॉट मेड चुदाई कहानी के लिए आपके फीडबेक का इंतजार है.
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धन्यवाद.
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