सफर में साथी लड़की की चुदाई

बस सेक्स का मजा नई लड़की के साथ मैंने लिया स्लीपर बस के केबिन में! वो लड़की मुझे ऐसे ही फोन काल से मिल गयी थी. हम बातें करने लगे और फिर सेक्स तक पहुँच गए.

मित्रो, आप सभी का मेरी सेक्स कहानी में स्वागत है.

हर आदमी और औरत के जीवन में कोई न कोई कहानी जरूर होती है, जिसे वह अपने सीने में दबा कर रखता है.
आज के समय में हर लड़की और लड़के के जीवन में कोई न कोई सेक्स या प्यार की कहानी जरूर है, चाहे वह किसी को बताए या न बताए.

ऐसे ही मेरे जीवन की एक सेक्स कहानी है जिसमें मैंने बस सेक्स का मजा लिया. जो मैंने बहुत दिनों से अपने अन्दर छिपा कर रखी थी.

उसे किसी को बताने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई पर आज लगा कि मुझे भी अपनी कहानी सबको बता देनी चाहिए.

इसी लिए यहां आप सबके बीच में आया हूँ.
हो सकता है आपको ठीक लगे या न लगे … पर बताइएगा जरूर.

बात जब लॉकडाउन के बाद की है.

मुझे एक नंबर से कॉल आई.
मैंने बात की तो सामने से एक लड़की थी.

उसने मुझसे मेरा नाम पूछा और काम की तलाश के बारे में बताया कि उसे काम चाहिए.

अब ऐसे किसी अपरिचित लड़की से बात होना जरा अजीब सा लगा.
मगर वो दौर ही मुसीबत वाला था … तो मैंने मान लिया कि ये भी किसी न किसी मुसीबत में है, इसलिए ही कॉल कर रही है.

मैंने उससे बात की और उसे मानसिक सांत्वना दी. उसे मेरे बात करने का रवैया अच्छा लगा.
इस तरह हमारी बात व्हाट्सैप पर रोज होने लगी.

सामान्य बात से आगे बातें होने लगीं और हम दोनों खुल कर बात करने लगे. कुछ सेक्स से सबंधित बातें भी होने लगीं.
वह खुद भी कुछ चंचल किस्म की लड़की थी और जवान थी तो मस्त बातें करने लगी थी.

इसी तरह समय गुजर गया और लॉक डाउन खुल गया. हम दोनों के बीच बातें चलना जारी थीं.

अब मैं अपना और उसका परिचय दे देता हूँ.

मैं अनिल ठाकुर लखनऊ से हूँ और मेरी उम्र 26 साल है. मेरी लम्बाई साढ़े पांच फुट है और वजन 55 किलो है. रंग साफ मेरा लंड छह इंच लम्बा और दो इंच मोटा है.

मुझे सेक्स बहुत पसंद है.
मैं अगर किसी भी माल लड़की या औरत को देखता हूँ तो मेरा मन उसे चोदने को मचल जाता है और इसी लिए मैं बिना कोई सेक्सी कहानी पढ़े या चुदाई की वीडियो देखे बिना सोता नहीं हूँ.

यहां मैं जिस लड़की की बात कर रहा हूँ. उसका नाम सीमा है. उसका रंग हल्का सांवला है और हाइट सवा पांच फिट की है.
उसकी उम्र 24 साल की है और उसका फिगर 30-28-32 का है. वह देखने में बहुत सेक्सी लगती है.

कोई भी लड़का उसे देख ले तो उसका लंड खड़ा हुए नहीं रह पाएगा.
वह कानपुर की रहने वाली है.

जब सीमा के साथ बातचीत खुल कर होने लगी थी तब हमारी बातों का मुख्य विषय सेक्स ही होता था.

दूसरी बात ये होती थी कि हमने एक दूसरे को अब तक देखा नहीं है.

वीडियो कॉल पर वह बात करने से डरती थी. उसे शायद अपनी फ़ोटो या वीडियो वायरल होने का डर था.

फिर एक दिन मैंने बाला जी जाने का प्रोग्राम बनाया तो मैंने ऐसे ही उससे कह दिया कि चलना हो तो चलो.
वह तैयार हो गई.

उधर चलने से पहले मैंने उससे पूछा- मेरे साथ सेक्स करोगी?
वह चुप हो गई और बाद में बोली- देखा जाएगा.

हम दोनों ने जाने की बात तो ओके कर दी, पर हमने अभी तक किसी को देखा नहीं था.
इसी लिए जाने से पहले हम दोनों का एक बार एक दूसरे को देखने का मन किया.

उससे मिलने के लिए मैं ही कानपुर चला गया.
हमारी मुलाकात उसकी एक सहेली के रूम पर हुई.

पहली मुलाकात में तो हम दोनों के बीच किस ही हुआ और बातचीत करके मैं वापस आ गया.

तब मैंने सोचा कि शायद मिलना बेकार हो गया पर फिर भी उसने साथ में जाने के लिए हां कर दी थी तो उम्मीद बनी हुई थी.

हम दोनों तय दिन जाने को तैयार हो गए.
मै कानपुर पहुंचा, वहां से उसको रिसीव करके ए सी बस से निकल लिए.

बस करीब कानपुर पार कर चुकी थी और बस में लोग भी बस दस या बारह ही थे.

मुझे उसके साथ कुछ करने का मन किया तो मैंने धीरे धीरे उसको इधर उधर पकड़ना और छूना शुरू कर दिया.

मेरे किसी भी कार्य पर उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढ़ती गई.

मैं कभी उसके कमर में हाथ डालता, तो कभी सीने पर.
खैर … हम दोनों आगरा पहुंच गए.

वहां हमने खाना खाया और बाला जी के लिए बस लेने के लिए पहुंचे.

यह भी एसी बस मिली जिसमें अलग केबिन मिला.

हम दोनों उसमें बैठ गए.

अब हम बिल्कुल फ्री थे. न कोई देखने वाला और न कोई टोकने वाला

मैंने उससे कहा कि अब किस कर सकते हैं!
उसने हां कर दी.

मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया, तो उसने भी बस सेक्स का मजा लेते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया.

वह मेरे होंठों में अपने होंठ दबा कर एकदम से ढीली हो गई थी.
इसी वजह से मैं उसके होंठों को संतरे की फांकों की तरह चूस रहा था.
उसके होंठों से बड़ा ही मीठा रस मुझे नशा दे रहा था.

तभी उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में सरका दी.
आह उसकी जीभ की नर्मी और गर्मी ने मेरे लौड़े में आग सी लगा दी थी.

वह अपनी आंखें बंद करके एकदम मदहोश हुई मेरे साथ लगी पड़ी थी.
कुछ देर बाद मैंने उसे चूसना बंद कर दिया. अब उसने अपनी आंखें खोलीं. हमारे होंठ आपस में जुड़े हुए थे मगर चुसाई बंद हो गई थी.

इस बार उसने पहल शुरू की.
उसने मेरे होंठ चूसना शुरू किए.

मैंने उसके मुँह में जीभ ठेल दी.
उसने मेरी जीभ को लगभग खाना शुरू कर दी थी.

इसी तरह से हम दोनों का ये खेल चलता रहा.
काफी हवस जाग आई थी.

मैंने होंठों से किस करते हुए अपने एक हाथ को उसके सीने पर रख दिया और उसके एक दूध को दबाना शुरू कर दिया.

उसके दूध बहुत छोटे और टाइट थे. दोनों दूध को बारी बारी से दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने अपना हाथ उसकी पैंट के अन्दर डाल दिया. उधर बहुत गर्मी थी.
मैं पूरी तरह से जोश में था और वह भी पूरी खुल चुकी थी.

मैंने उसकी टी-शर्ट और पैंट निकाल दी और मैंने अपनी पैंट भी उतार दिया.

वह भी मुझे बेतहाशा यहां-वहां किस कर रही थी.
मैं भी उसकी चूत का मज़ा लेना चाह रहा था.

मैं किस करते हुए नीचे उसकी चूत पर पहुंच कर उसे किस करके चाटने लगा.
वह सिहर गई और चूत को हटाने की कोशिश करने लगी.

लेकिन मुझे चूत का स्वाद मिल चुका था और अब वह मुझसे अपनी चूत नहीं बचा सकती थी.

कुछ ही देर बाद उसकी चूत को मानो चटवाने का नशा चढ़ गया था.
उसकी टांगें खुल गई थीं और कमर उठाया कर वह अपनी चूत को मेरे मुँह में खुद ही देने लगी थी.

मैं भी चूत के दाने को अपने होंठों से दबा कर खींचने लगा था और जब जब मैं उसकी चूत के दाने को खींचता, उसकी आह आह निकल जाती.

कुछ देर बाद मैंने उसको अपना लंड पकड़ा दिया, तो उसने भी चूसना शुरू कर दिया.
अब मैंने 69 का पोज बना लिया और हम दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे के लंड और चूत का रस पीते रहे.

फिर मैं सीधा हुआ और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर मज़े लेने लगे.

मैं एक हाथ से उसके दूध दबा रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी बुर में उंगली डाल कर उंगली से चोद रहा था.

वह भी अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मसल रही थी और जीभ से मेरा पूरा साथ दे रही थी.

फिर उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगी, कभी होंठों पर … तो कभी माथे पर … तो कभी सीने पर.

इसी तरह वह मेरे पूरे बदन पर किस किए जा रही थी.

फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो तुरंत हो गई.
मैं पीछे गया और पीछे से उसकी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ कर चूत को जीभ से चोदने लगा.

वह सिसकारी ले रही थी- आह और जोर से करो … बहुत मज़ा आ रहा है और अन्दर तक डालो … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
यह कहकर वह मुझे अपने पैरों से दबाने लगी.

मैंने उसकी गांड को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया और अपनी उंगली पर थोड़ा सा थूक लगा कर गांड के अन्दर उंगली डालने लगा.

धीरे धीरे उंगली पूरी अन्दर डाल कर मैं उंगली से गांड की चुदाई करने लगा.

कुछ ही देर में वह पूरी तरह से गर्म हो गई थी और उसके बर्दाश्त के बाहर हो रहा था.

अब उसको भी अपनी चूत में लंड चाहिए था और मुझे भी चूत चोदनी थी तो मैंने पीछे से ही पेलने की शुरुआत की.

उसने कहा- मेरा पहली बार है … तुम सामने से मेरे ऊपर आकर मेरी लो.
मैंने उसकी बात को मान लिया और सीधे होकर अपने लंड को उसकी चूत पर लगा कर रगड़ना शुरू कर दिया.

उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं और उसने मुझे अपनी बांहों में कस कर भींच लिया.

अब मौका था चौका मारने का, तो मैंने चूत में एक जोरदार धक्का मारा.

मेरे लंड का सुपारा अन्दर घुस गया और वह चिल्लाने को हुई.
मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और उसके दूध सहलाने लगा.

उसे बेहद दर्द हो रहा था.
मैंने नीचे हाथ लगाकर देखा तो खून आ गया था.
मैं कुछ नहीं बोला और उसे सहलाने लगा.

कुछ देर बाद जब उसको थोड़ा आराम मिला तो मैंने फिर से धक्का मारा.
मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया और उसके आंखों से आंसू निकल आए.

मैं अब धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा और उसके दूध दबा रहा था.

करीब दो मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ और उसे भी अच्छा लगने लगा.

वह भी साथ देने लगी और हम दोनों ने करीब तीस मिनट तक चुदाई का मजा लिया.

बाद में हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ा और हम एक दूसरे से लिपट कर लेट गए.

सीमा कहने लगी- मैंने अपना सब कुछ तुम्हें सौंप दिया है.
मैंने उससे इस बात का अर्थ समझना चाहा तो वह चुप हो गई.

तो मैंने समझ लिया कि ये मुझे अपना पति मान चुकी है.
इससे मैं सोच विचार में पड़ गया कि क्या कहूँ.

मैं तो सिर्फ सेक्स का मजा लेने की सोच रहा था लेकिन ये तो कुछ और ही मामला बनने लगा है.

ऐसे ही लेटे लेटे हम दोनों सो गए.

कुछ देर बाद नींद खुली तो हम बाला जी पहुंचने वाले हो गए थे.

हम दोनों ने जल्दी जल्दी कपड़े पहने और बस से उतर कर एक होटल में चले गए.

आपको बस सेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल पर जरूर बताएं.
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