Xxx हिंदी भाभी पोर्न कहानी में मैंने दूर के रिश्ते की भाभी को चोदा और वे गर्भवती हो गयी. फिर उन्होंने अपनी चाची को मेरे बारे में बताया क्योंकि उन्हें भी बच्चा नहीं हो रहा था.
दोस्तो, निशा भाभी मेरी रिश्ते में लगने वाली भाभी हैं और उनका फिगर 34-30-36 का है.
भाभी के ऐसे टनाटन गोल स्तन और गांड है कि कोई भी मर्द अपने लौड़े से पानी फेंक दे.
वे कोलकाता के पास अपने सास ससुर से अलग रह कर एक दूसरे घर में रहती हैं और भैया नौकरी करते हैं.
उनकी अभी कोई संतान नहीं हुई है.
जब मुझे उनके यहां पढ़ाई के लिए रहने जाने का अवसर मिला तो मैं उनके घर चला गया.
यह Xxx हिंदी भाभी पोर्न कहानी उन्हीं भाभी की है.
जैसे ही मैं उनसे मिला तो उनको देखते ही रह गया और मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया.
वे बोलीं- कहां खो गए देवर जी?
इतना कह कर भाभी तिरछी नजर से लौड़े की फूलती पहाड़ी को देखती हुई चली गईं.
जब मुझसे रहा न गया तो मैं भाभी के बाथरूम में चला गया.
उधर उनकी ब्रा मुझे टंगी हुई काले रंग की ब्रा देख कर मेरा लंड और ज्यादा टनटनाने लगा.
मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उसी ब्रा को लौड़े से लपेट कर उसी में मुठ मार कर ब्रा को वापस टांग दिया.
इसमें भले ही मुझे भाभी की चूत की रगड़ न मिली हो, मगर चूत का अहसास जरूर हो गया था.
अब मैं रोज भाभी के बाथरूम में चला जाता और यही करता. भाभी की ब्रा या पैंटी को अपने लौड़े के रस से भिड़ा कर टांग आता.
इसमें मुझे बड़ा मजा आता.
मैं ज्यादा से ज्यादा भाभी को छूने की कोशिश भी करने लगा था.
वे बुरा भी नहीं मानती थीं.
फिर मैंने एक योजना बनायी.
उस दिन मैं सुबह जल्दी जाग गया था; मेरा लंड खड़ा था.
उसी वक्त भाभी मेरे कमरे में झाड़ू लगाने आने वाली थीं.
मैंने अपने लंड को अंडरवियर से निकाल कर खड़ा कर दिया और सोने का अभिनय करना लगा.
भाभी अन्दर आईं और उनको लगा कि मैं सो रहा हूं.
पहले तो उन्होंने मुझे ठीक से नहीं देखा वे झाड़ू लगाने के लिए अपना पल्लू कमर में खोंसने लगीं.
तभी अचानक से भाभी की नजर मेरे लौड़े पर गई और वे झाड़ू लगाना भूल कर मेरे लौड़े को देखने लगीं.
उन्होंने मुझे देखा, फिर कमरे के बाहर देखा और मेरे बिस्तर के करीब आ गईं.
मुझे गहरी नींद में सोता देख भाभी ने अपने हाथ को मेरे लौड़े की तरफ बढ़ाया और उसे हल्के हाथ से टच किया.
मैं तो बिल्कुल बेसुध सोने की जबरदस्त एक्टिंग कर रहा था.
यह देख कर भाभी की हिम्मत बढ़ गई और उन्होंने मेरे लौड़े को अपने हाथ से सही से पकड़ लिया, फिर वे उसे सहलाने लगीं.
अब मैं भी कब तक अभिनय कर सकता था; लौड़े ने मेरी हालत खराब कर रखी थी.
मैं अचानक से उठ गया और भाभी का हाथ पकड़ लिया.
वे मुझे जागा देख कर एकदम से डर गईं.
मैंने कहा- भाभी, आई लव यू.
वह मेरे मुँह से ‘आई लव यू.’ सुनकर पहले तो शॉक हुईं, फिर बोलीं- आई लव यू टू देवर जी, मुझे पता था आप सोने का नाटक कर रहे हैं. इसी लिए मैं आपके पास आई हूँ. आपके भैया ऑफिस गए हैं तो कोई टेंशन नहीं है.
यह सुनते ही मैंने भाभी को बिस्तर पर खींच लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ लगा कर उन्हें चूमने लगा और उनके कपड़े उतारने लगा.
भाभी भी मेरी बांहों में सिमट गईं और मेरे मुँह में अपनी जीभ देती हुई चुंबन का मजा लेने लगीं.
जल्दी ही हम दोनों नग्न हो गए और 69 की स्थिति में आ गए.
दोस्तो, मुझे महिलाओं की चूत को चाटना बड़ा पसंद है.
मैंने भाभी की चूत चाटी तो वे एकदम पागल होने लगी थीं क्योंकि भैया ने कभी भी भाभी की चूत चाटी ही नहीं थी.
भाभी का रस मेरे मुँह में डिस्चार्ज हो गया.
मैंने भाभी की चूत का सारा रस खा लिया.
उधर भाभी ने मेरा लंड चूसना जारी रखा.
वे चुदाई में काफी अनुभवी खिलाड़िन थीं, तो मुझे उनसे लंड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था.
भाभी कभी मेरे लौड़े के टोपे को चाटतीं तो कभी मेरे टट्टों को चूसतीं.
उनके इस अद्भुत कौशल ने मेरे लौड़े को जन्नत की हूर का सा अहसास करवा दिया था.
उसी समय मुझे भी लगा कि मैं फिर से भाभी की चूत को चूस कर उन्हें गर्म करूं ताकि चुदाई की प्रक्रिया आरंभ की जा सके.
मैं फिर से भाभी की चूत को चाटने लगा.
कभी उनकी चूत के दाने को होंठों से पकड़ कर खींच देता.
इससे वे गर्म हो उठी थीं और एकदम पागल हो रही थीं.
भाभी बोलीं- अब पेल भी दे कुत्ते … क्यों चूत की मां चोदने पर तुला है.
उनकी भाषा में परिवर्तन आया देख कर मैंने भी उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें गरियाना शुरू कर दिया- साली, बोल तू आज से मेरी रांड है!
वे बोलीं- हां में तेरी रांड हूँ. अब डाल भी दे हरामी!
मैंने एक ही झटके में लौड़े को अन्दर पेल दिया और चोदना शुरू कर दिया.
भाभी की आह निकल गई और वे तड़फ उठीं- आह साले … मादरचोद ने फाड़ दी भैन के लंड ने … आह जरा धीमे कर भोसड़ी वाले … फ्री की चूत क्या मिली, तू तो पिल ही पड़ा!
मैंने उनकी चिल्लपौं पर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया और बेरहमी से लौड़े को चूत में अन्दर बाहर करता गया.
कुछ देर बाद भाभी भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड से लोहा लेने लगीं और हम दोनों के बीच भीषण चुदाई का मंजर चलने लगा.
कोई भी किसी से कम नहीं पड़ रहा था.
लंबी लंबी सांसें और कामुक आवाजों से कमरे को मादक संगीत से भर दिया था.
फिर कुछ मिनट बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल कर सेक्स करने लगा.
सब मिलाकर करीब 15 मिनट तक धाँय धाँय फायरिंग हुई.
उसके बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया.
हम दोनों बेहद थक चुके थे.
कुछ देर तक यूं ही लेटे रहे और अपनी उखड़ी हुई सांसों पर काबू पाते रहे.
उसके बाद मैंने दूसरा दौर शुरू किया.
कुछ देर बाद बार मैंने भाभी की एक टांग को बेड पर रखा और एक टांग नीचे जमीन पर टिका दी.
इस तरह से भाभी की चूत पूरी तरह से खुल गई थी.
मैंने साइड से लंड चूत के अन्दर पेला और भाभी की चूत मारना शुरू कर दी.
ऐसे में चूत की रगड़ कर काफी मजा आ रहा था और भाभी को भी बिना मेरे वजन का भार सहे, लौड़े का आनन्द मिल रहा था.
मैं सहारे के लिए भाभी के दोनों दूध पकड़े हुए था जिससे भाभी के मस्त और रसीले चूचे मसलने का मजा भी मिल रहा था.
भाभी पलट कर मुझे चूम रही थीं और हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीते हुए चुदाई का रस ले रहे थे.
सच में इस तरह से चुदाई का भरपूर मजा लिया जा रहा था.
मैंने भाभी से पूछा- भाभी कैसा लग रहा है?
भाभी- कुछ मत कहो देवर जी … बस अन्दर बाहर करते रहो. इतना मजा आ रहा है कि क्या बताऊं. मैंने तो जिंदगी में सोचा ही नहीं था कि चुदाई में ऐसा मजा भी आ सकता है. आह बस यूं ही धीरे धीरे पेलते रहो, बहुत मजा आ रहा है. मेरी चूत की खुजली मिट रही है.
मैंने कहा- हां भाभी, सच में आज तो जन्नत का मजा मिल रहा है.
करीब आधा घंटा तक इसी पोज में लंड चूत की रगड़ाई हुई, फिर हम दोनों झड़ गए और निढाल होकर बिस्तर पर गिर गए.
इतनी ज्यादा थकान हुई थी कि होश ही न रहा कि कब हम दोनों सो गए.
शाम को मेरी नींद खुली तो जिस्म में ताजगी भर गई थी.
भाभी की आंखें भी खुल गई थीं और वे भी मेरे तरफ वासना से देख रही थीं.
हम दोनों फिर से चूमाचाटी में लग अए और जल्द ही फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए.
इस बार मैंने भाभी की गांड के नीचे दो तकिया लगा दिए और चूत में लंड पेल कर घचाघच चूत चोदी. इस पोजीशन में मेरा लंड भाभी की चूत में जड़ तक जा रहा था.
भाभी की टांगें भी किसी कुतिया की तरह फैली थीं. मैं उनके ऊपर चढ़ कर चूत में लंड पेल कर डिप्स जैसी लगा रहा था और जब मैं नीचे आता, तो भाभी मुझे अपने हाथ से अपना एक दूध चुसवा रही थीं.
दोस्तो, मेरा अपना अनुभव यह रहा कि जल्दी जल्दी लंड पेल कर झड़ जाने से ज्यादा मजा धीरे धीरे लौड़े को चूत में अन्दर बाहर करते हुए चुदाई करने मे आता है.
उस दिन हम दोनों ने ऐसे हमने सारे दिन सेक्स किया.
भाभी मुझसे चुदवा कर काफी खुश थी और बाद में जब उनकी माहवारी नहीं आई, तब पता चला कि वे गर्भवती हो गई थीं.
उन्होंने मुझे बताया कि मैं तेरे भाई से तो कब से चुद रही हूँ मगर आज तक कभी भी मेरी एमसी नहीं रुकी थी. आज पहली बार में ही तुमसे चुदवा कर मेरी माहवारी बंद हो गई है. इसका मतलब साफ है कि मेरे पेट में तुम्हारा बीज ही फलने लगा है.
उनके मुँह से ये सब सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई.
फिर कुछ समय बाद भाभी का पेट फूल गया था तो उन्होंने चूत देने से मना कर दिया.
मुझे बड़ा बुरा लगा और मैं उदास रहने लगा.
एक दिन भाभी मुझे उदास देख कर बोलीं- तेरी उदासी का मेरे पास इलाज है. मेरी एक परिचित की चाची हैं, उन्हें बच्चा नहीं है. बोल क्या तू उनकी चूत मारेगा? यदि उनको बच्चा हुआ तो चूत और पैसे दोनों मिलेंगे.
मैंने हां बोल दिया.
भाभी ने मेरा नंबर अपनी चाची को दे दिया.
उसी शाम को भाभी की चाची ने मुझे फोन किया.
हमारी बात शुरू हुई.
उन्होंने बताया कि उनका नाम शाजिया खान है और उनके शौहर समलैंगिक(गांडू) हैं. वह उनके साथ सेक्स में इंट्रेस्ट नहीं लेता है. जबकि अब वे एक बच्चा पैदा करना चाहती हैं.
मैंने कहा- ओके मैं तैयार हूं.
वे बोलीं- तुमसे एकदम से सेक्स करने में मजा नहीं आएगा. पहले हम दोनों को आपस खुलना जरूरी है.
मैंने उनसे कहा- हां ये सही रहेगा. पहले हम दोनों एक दूसरे के बारे में जान लेते हैं.
अब धीरे धीरे हम दोनों सामान्य चैट से नॉनवेज चुटकुले पर आए और कुछ ही दिन बाद में चाची ने मुझसे वीडियो कॉल पर बात की.
वे बेहद सेक्सी माल लग रही थीं.
कहीं से ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये चाची हैं.
दरअसल वे भाभी के रिश्ते में चाची लगती थीं जबकि वे भाभी से दो साल ही बड़ी थीं.
चाची से मेरे विडियो सेक्स चैट शुरू हुई.
उनके बेडरूम का नजारा देख कर साफ लग रहा था कि वे पैसे वाली थीं.
उनका फिगर 40-38-42 का था और जवानी भी भरपूर चढ़ी हुई थी.
वीडियो चैट में मैंने चाची को अपना हथियार हिलाकर दिखाया.
तो चाची बेकाबू हो गईं और जिद करने लगीं कि मैं अभी ही उनके घर आ जाऊं.
वे कोलकाता से थीं तो उस वक्त जाना संभव नहीं था.
हम दोनों ने अगले दिन कोलकाता में मिलने का प्लान बनाया.
उन्होंने एक होटल 3 दिन के लिए बुक कर दिया.
उन्होंने अपने शौहर से मायके जाने के लिए कहा और मुझे उनके अब्बू के एक सामान्य कर्मचारी की तरह बताया.
मैं उनके बंगले पर गया और एक साधारण कर्मचारी की तरह ही बंगले के अन्य कर्मचारियों के साथ खुद को मिलवा कर चाची को कार में बिठा कर रेलवे स्टेशन तक आया.
रेलवे स्टेशन से चाची के ससुराल की कार वापस लौट गई और हम दोनों होटल आ गए.
चाची ने कहा- अब तुम मुझे जल्दी से चोद कर माँ बना दो.
मैंने कहा- आपके शौहर को शक नहीं होगा कि पेट में हमल कैसे ठहर गया?
वे मुस्कुरा कर बोलीं- मैंने तुम्हारे साथ आने से पहले अपने शौहर से सेक्स किया था ताकि उसे बच्चे पर शक ना हो. मैंने उससे यही कहा है कि मैं अपने मायके में अपनी एक सहेली की शादी में जा रही हूँ और तीन दिन बाद खुद ही आ जाऊंगी.
मैंने चाची की हरजाई खोपड़ी की दाद दी और उनके साथ कमरे में उनकी चुदाई के लिए तैयार हो गया.
तभी मैंने चाची को बिस्तर पर धक्का दे दिया और उनके ऊपर चढ़ कर टूट पड़ा.
वे बोलीं- जानू, मैं कहीं भागी थोड़ी ही जा रही हूं. आराम आराम से करो. तुमने अपनी भाभी को भी बड़े आराम आराम से चोद कर मजा दिया था, यही सुना है मैंने उसके मुँह से!
मैंने कहा- पर बेबी तुम आइटम ही ऐसी हो कि देख कर लार टपकने लगी है.
हम दोनों ने काफी देर तक चूमाचाटी की.
फिर चाची ने कहा- पहले रात का खाना खा लेते हैं. बीच में किसी की दखलअंदाजी मजा खराब कर देगी.
उनकी बात से मैं सहमत था.
हमने डिनर मंगाया और रात के खाने के बाद वह कपड़े बदल कर पलंग पर आईं तो गजब माल लग रही थीं.
मैंने उनके कान पर किस करना शुरू किया, फिर आंखों पर, फिर होंठ पर और आखिरी में एक लंबा लिपलॉक किस हुआ … उसमें तो मजा ही आ गया यार.
फिर मैंने चाची की नाइटी उतारी … तो उनके खरबूजे मेरे हाथ में आ गए.
क्या बूब्स थे, एकदम सॉफ्ट सॉफ्ट और गजब के बड़े बड़े रसभरे दूध थे.
मैंने बारी बारी से उन्हें शुरू चूसना किया, फिर नीचे आकर नाभि में चाटा.
चाची की चूत से पानी आ रहा था. तो मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाटना शुरू कर दिया.
जल्द ही मैंने चाची की पैंटी को उतार दिया और दोबारा से चूत को चाटा.
वे मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगीं और बोलीं- आह चूस ले मेरे राजा … ओह मेरे कुत्ते … चाट इसे … कितना मस्त चाट रहा है.
मैं उनकी चूत को चाटता रहा और चाची जल्द ही डिस्चार्ज हो गईं.
उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ गया.
फिर चाची ने मेरे लौड़े को चूसा तो मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा.
अब चुदाई के चाची तड़फ उठी थीं.
तो मैंने सबसे पहले चाची को घोड़ी बनाया और उनके चूतड़ों पर थप्पड़ लगाए.
वे मस्त हो गईं.
मैंने लौड़े को चूत में सैट किया और धक्का देकर लंड को चाची की गुफा में पेल दिया.
चाची की आह निकल गई.
मैंने उनकी आह को नजरअंदाज किया और उनकी चूत को धकापेल चोदना शुरू कर दिया.
उनकी मोटी से गांड से मेरी राने टकरा रही थीं, तो मस्त पट पट की आवाज आ रही थी.
आंटी बोलीं- आह और तेज मार मेरी चूत को मेरे राजा … आह मैं आज तुम्हारी कुतिया हूँ और तुम मेरे कुत्ते हो.
मैं- आह मेरी प्यारी चाची … मैं तुम्हारा गुलाम हूँ आह!
चाची- आह मुझे खूब चोदो बेबी.
कुछ देर बाद मैंने लंड निकाल कर चाची को सीधा लिटा दिया और उनके पैरों के तलवों को चाटने लगा.
वे तो ऐसे करने से पागल हुई जा रही थीं.
जब सामने से मैंने चाची की चूत को देखा तो मैं उनकी संकरी सी चूत का दीवाना हो गया.
सच में बंगालन महिलाओं की चुची और चूत की बात ही अलग है. उनकी चूत का नजारा ही अलग था.
मैंने चाची की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
चाची की चूत का पानी ऐसा खट्टा और नमकीन सा था, बड़ा टेस्टी लग रहा था.
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अन्दर तक डालकर चुसाई की और उनके झड़ते ही मैं सारा पानी पी गया.
चाची बस आह आह कर रही थीं और मैं जीभ से उनकी चूत को चाट कर छके जा रहा था.
मैं चूत चाटते हुए कहने लगा- ओह डार्लिंग, तुम बहुत सेक्सी हो. सच में तुम बहुत कमाल की माल हो. तुम्हारे पास दुनिया की सबसे अच्छी चूत है.
चाची भी मेरे सर पर हाथ फेर कर कहने लगीं- हां बेबी, मैं तुम्हारी ही हूँ. ले लो मेरी जवानी का रस … आह चूस लो मुझे!
कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मैं तुम्हें चोदूंगा प्रिय … हर रोज चोदूंगा और हर समय पेलूँगा … ओह मेरी रानी. मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ.
फिर मैंने चाची की टांगें फैलाईं और दो तकिए उनकी गांड के नीचे लगा दिए जिससे चाची की चूत फूलकर सामने आ गई.
मैंने उनकी चूत चुदाई शुरू कर दी.
मेरा लौड़ा चाची की चूत की गहराई तक जा रहा था.
मैं भाभी के जैसे चाची की चूत को डिप्स लगाता हुआ चोद रहा था.
वे भी मुझे अपने दूध पिला रही थीं.
आधा घंटा में चाची दो बार झड़ गई थीं. फिर मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.
इस तरह हम दोनों ने तीन दिन तक बदल बदल कर काफी आसनों में चुदाई की.
उसके बाद मैं उन्हें उनके बंगले पर छोड़ आया.
फिर चाची का 20 दिन बाद फोन आया कि उन्हें पीरियड नहीं आया है और वह प्रेग्नेंट हो गई हैं.
उन्होंने मुझको कोलकाता बुलाया और एक बार होटल में मिल कर चुदाई का मजा लिया.
चाची ने अपने वादे के मुताबिक मुझे काफी रुपए भी दिए और आगे भी देते रहने का कहा.
मैं अपने घर वापस आ गया.
तो यह थी मेरी Xxx हिंदी भाभी पोर्न कहानी. आप ईमेल पर बताएं कि कैसी लगी?
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