Xxx देसी भाभी को चोदा अपने घर में मैंने जब घर में कोई नहीं था. मैं भाभी को अक्सर देखकर मुठ मारता था. एक दिन मैं अकेला था और भाभी का नाम लेकर मुठ मार रहा था. भाभी ने देख लिया.
दोस्तो, मेरा नाम डेविल है और मैं गुजरात के वलसाड जिले में रहता हूँ.
मेरी ये सेक्स कहानी उस समय की है जब मैं कॉलेज के फाइनल ईयर में था.
ये Xxx देसी भाभी स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसन भाभी की है कि कैसे मैंने भाभी को पटाया और उन्हें अपने सूने घर में हचक कर Xxx देसी भाभी को चोदा.
मेरी पड़ोसन भाभी दिखने में ठीक-ठाक हैं, लेकिन उनका फिगर क्या बताऊं आपको, मेरा लंड तो उनकी चूचियों और गांड को देखकर ही खड़ा हो जाता है!
भाभी का नाम अर्पिता है.
मैं हर रोज सुबह और रात को उन्हें देखा करता था.
कई बार तो भाभी ने मुझे पकड़ लिया कि कैसे मैं उन्हें घूरता हूँ.
लेकिन कमाल की बात यह थी कि भाभी ने एक बार भी मुझे ना ही डांटा और न ही कुछ और कहा.
यह सब सोच कर मैं सोचने लगता था कि इसका अर्थ क्या समझा जाए कि भाभी लंड की तलाश में हैं!
भाभी की उम्र 36 के आस-पास है और उनका फिगर साइज 36-32-38 का है.
यह बात उस समय की है जब मेरे मम्मी पापा दोनों किसी काम की वजह से बाहर गए थे और मैं घर में अकेला था.
मैंने सोचा कि आज घर के सूनेपन का क्यों ना भाभी के नाम की मुठ मारी जाए.
उस समय दोपहर का वक्त था और मैंने अपने लंड को निकाल कर भाभी के नाम की मुठ मारना शुरू कर दिया.
जल्दबाजी में मैं घर का दरवाजा लॉक करना भूल गया था.
तभी हुआ यूँ कि भाभी मेरे घर में आ गईं और उन्होंने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया!
देखा तो देखा, लेकिन साथ में मेरा उनका नाम लेते हुए सुन भी लिया!
उसके बाद वे फिर से बाहर चली गईं और मेरी मम्मी को आवाज लगाने लगीं.
जब मैंने उनकी आवाज सुनी, तो पहले तो मैं डर गया.
लेकिन बाद में मैंने अपने लंड से उनके नाम की मुठ मारी और बाहर आ गया.
मैंने उन्हें बताया कि मम्मी और पापा कहीं गए हुए हैं, शाम को आएंगे.
वे मुझे घूरती हुई देख कर बोलीं- ठीक है!
मैंने पूछा- कोई काम था क्या?
वे बोलीं- कुछ नहीं, बस ऐसे ही आ गई हूँ. घर पर बोर हो रही थी.
मैंने भी बोल दिया- मैं भी बोर हो रहा हूँ! आप आ जाओ, मेरे घर बैठकर चाय पीते हैं!
भाभी मान गईं और अन्दर आ गईं.
मैंने उन्हें बिठाया और चाय बनाने चला गया.
हम दोनों के लिए चाय बनाई और फिर मैंने उन्हें चाय दे दी.
थोड़ी देर इधर-उधर की बात करने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा- जब मैं तुम्हारे घर में आई थी, तब तुम क्या कर रहे थे?
मैंने कहा- कुछ भी नहीं!
वे आंखों को नचाती हुई बोलीं- मैंने देख लिया था! तुम मेरा नाम लेकर मुठ मार रहे थे!
यह सुनते ही मेरी तो गांड फट गई … मैंने उनसे सॉरी बोला.
फिर उन्होंने मुझसे कहा- तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है क्या!
मैंने जवाब दिया- नहीं! आपके जैसी मिली ही नहीं ना, इसलिए!
तब उन्होंने पूछा- मुझमें ऐसा क्या है, जो तुझे मेरे जैसी चाहिए!
मैंने कहा- आपके पास सब कुछ है!
वे बोलीं- क्या क्या है, साफ साफ बोलो!
मुझे समझ आ गया कि भाभी को सेक्स चाहिए!
मैंने हिम्मत करके उनके होंठों को अपनी उंगली से छुआ और बोला- ऐसे होंठ, जिन्हें पीने का मन हो!
भाभी उत्तेजित हो रही थीं.
उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं.
इसके बाद मैंने उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और बोला- ऐसे बूब्स!
भाभी धीरे-धीरे गर्म हो रही थीं.
मैंने भी जारी रखा- ऐसे पैर और फिर ऐसी मलाईदार जांघें!
मैंने देखा कि भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं.
मैंने सोचा कि मौका हाथ से ना निकल जाए … अभी ही दबोच लेता हूँ.
इसी सोच के बाद मैं भाभी के पास गया और उन्हें हल्के से किस कर दिया.
मैंने देखा कि भाभी ने कुछ भी नहीं कहा!
फिर क्या था मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें किस करने लगा.
पहले तो भाभी मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थीं लेकिन बाद में वे भी मेरा साथ देने लगीं.
मैं भाभी को किस कर रहा था और साथ में उनके बूब्स भी दबा रहा था.
भाभी बहुत गर्म हो चुकी थीं.
वे कामुक आवाजें निकाल रही थीं- आह … ऊह … ऊ … आह …
मैं भी अब गर्म हो चुका था, मेरा लंड बाहर आने के लिए मचल रहा था.
दस मिनट तक किस करने के बाद मैंने भाभी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
वे भी मेरे कपड़े उतारने लगीं.
जल्द ही हम दोनों अपने-अपने अंडरवियर में थे.
मैंने उनकी चड्डी पर हाथ रखा तो पाया कि उनकी चड्डी गीली थी.
मतलब, भाभी झड़ चुकी थीं!
मैंने उनकी चड्डी भी उतार दी और उनकी चूत देखकर पागल हो गया.
क्या चूत थी दोस्तो, बता नहीं सकता!
मैंने भाभी से पूछा- क्या आपका पति आपको खुश नहीं करता?
वे बोलीं- मेरा पति मुझे चोदता तो है, लेकिन उसका बहुत जल्दी निकल जाता है और मैं ऐसी ही प्यासी रह जाती हूँ!
मैंने भाभी से पूछा- क्या आपको पता था कि आज आप मुझसे चुदेंगी!
वे बोलीं- जब मैं तेरे घर में आई थी, तब तुम मेरा नाम लेकर अपना पप्पू हिला रहे थे! तब मैंने सोचा, क्यों ना इसी से काम चला लिया जाए! इसलिए मैं बाहर चली गई. मुझे पता था कि तेरे घर में कोई नहीं है!
मैं मुस्कुराने लगा.
फिर वे बोलीं- अब और देर मत कर! जल्दी से मुझे चोद कर खुश कर दे!
मैं भी देर न करते हुए उनके ऊपर टूट पड़ा.
पहले तो मैंने उनके बूब्स को चूस-चूसकर लाल कर दिया.
फिर मैंने उनकी चूत चाटना शुरू किया.
जैसे-जैसे मैं चाट रहा था, वैसे-वैसे भाभी कामुक आवाजें निकाल रही थीं- आह … आए … आह … येस!
थोड़ी देर चाटने के बाद वे दोबारा झड़ गईं.
मैं उठा और उनसे बोला- मेरा लंड चूसो!
वे मेरा लंड चूसने लगीं.
हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.
थोड़ी देर की चुसाई के बाद मैंने कहा- अब और नहीं भाभी जी! अब मुझे आपको चोदना है!
वे बोलीं- हां … मुझे भी अब तुझसे चुदवाना है!
फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनकी दोनों टांगें चौड़ी करके अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया.
मैंने जोर का धक्का लगायाजिससे मेरा 6 इंच लंबा लंड उनकी चूत में चला गया.
भाभी इस अचानक हुए हमले के लिए तैयार नहीं थीं इसलिए वे जोर से चिल्लाने लगीं.
लेकिन उनकी आवाज बाहर न जाए, इसलिए मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद वे नॉर्मल हुईं.
फिर मैंने अपने लंड से धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.
पहले तो मैंने अपनी रफ्तार कम रखी लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने रफ्तार बढ़ाई और भाभी को जोर-जोर से चोदने लगा.
भाभी को भी मजा आ रहा था और वे चिल्ला रही थीं- आह … आह … ऊह … ऊह … ऊ… आह!
ऐसी आवाजें सुनकर मैं और उत्तेजित हो रहा था और भाभी को और जोर से चोद रहा था.
इसी तरह मैंने भाभी को बहुत देर तक चोदा.
इस बीच भाभी तीन बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैं भी भाभी के अन्दर ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेटा रहा.
जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वह मेरे और भाभी के रस से पूरी तरह भीगा हुआ था.
मैंने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया.
भाभी ने भी लंड को अच्छी तरह से चूस कर साफ कर दिया.
मैंने भाभी से पूछा- मजा आया या नहीं?
वे बोलीं- ऐसा मजा तो मेरा पति भी नहीं दे पाया, जैसा लंड का मजा तूने मुझे दिया!
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से भाभी को चोदा.
थोड़े टाइम बाद हम दोनों झड़ गए और अलग होकर प्यार भरी बातें करने लगे.
उसके बाद भाभी कपड़े पहन कर अपने घर चली गईं.
वे मुझसे फिर से मिलने को बोल कर चली गई थीं.
दोस्तो, मेरी Xxx देसी भाभी को चोदने की कहानी आपको पसंद आई होगी … प्लीज कमेंट्स जरूर करें.
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