Xxx देसी भाभी फक स्टोरी में मेरे सामने वाले घर में एक नई भाभी आई तो पूरा मोहल्ला मदहोश हो गया. मैंने भाभी की मदद की तो वे मेरी दोस्त बन गयी. यह दोस्ती आगे कैसे बढ़ी?
मेरी उम्र करीब 22 साल की है और दिखने में मैं अच्छा-खासा गोरा-चिट्टा लड़का हूँ.
मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच के करीब है.
मैं एक फुटबॉलर भी हूँ, तो मेरी फिजिक भी अच्छी-खासी है.
Xxx देसी भाभी फक स्टोरी शुरू करने से पहले मैं आप सबको अपनी भाभी के बारे में बता देता हूँ.
उनका नाम श्वेता है (बदला हुआ नाम).
उनकी फिगर के बारे में बताऊं तो क्या ही कहूँ दोस्तो … आह किसी को भी पागल बना देने वाले उनके गोल-गोल चूचे और मखमली गांड.
सच में कयामत!
उनकी फिगर का साइज करीब 34-30-36 का रहा होगा.
भाभी का जिस्म इतना गजब कि आप देख कर ही मदहोश हो जाओ!
हमारी गली में कोई ऐसा नहीं था, जो उनके फिगर पर पागल न हो.
यह बात आज से तीन महीने पहले की है जब भाभी हमारी गली में रहने के लिए आई थीं.
वे मेरे घर के सामने वाले घर में शिफ्ट हो गई थीं.
मैंने भी एक सामान्य मित्रवत तरीके से उनकी मदद की और उनका सामान घर के अन्दर शिफ्ट करवाने में एक अच्छे पड़ोसी का फर्ज अदा किया था.
जब भाभी के घर में सामान की शिफ्टिंग पूरी तरह से हो गई तो उन्होंने खुद आकर मुझसे थैंक्यू बोला और मैं भी खुश होकर चुपचाप अपने घर आ गया.
इधर मैं उनके पति के बारे में भी बता दूँ.
वे दुबई में जॉब करते हैं और उनका एक लड़का है, जो करीब 5 साल का होगा.
अब हमारा रोज सुबह का मिलना हो गया था.
वे सुबह 8 बजे के करीब अपने बच्चे को स्कूल लेकर जाती थीं और उसी वक्त मैं दूध लेने जाया करता था.
एक ही समय पर निकलने से मुलाकात हो जाती और उसी के चलते हमारी सामान्य बातें होने लगी थीं.
एक दिन मैं कहीं बाहर से अपने घर में आ रहा था तो मैंने देखा कि भाभी मेरे घर में से निकल कर अपने घर जा रही थीं.
मैं उस वक्त जल्दी में था तो बस हैलो बोल कर अन्दर चला गया.
मैंने अन्दर मम्मी से पूछा- श्वेता भाभी यहां क्यों आई थीं?
मम्मी ने बताया कि उन्हें कुछ कपड़े लेने बाहर जाना था, तो वह मुझसे पूछने आई थी कि अच्छे कपड़े कहां मिलते हैं.
मम्मी ने उन्हें मेरा नाम लेते हुए बताया था कि ईशान को कपड़ों के बारे में ज्यादा पता है, वह मार्केट जाता रहता है.
मम्मी ने भाभी से ये भी कहा था कि जब वह शाम को घर आएगा, तब तुम उसी के साथ चली जाना.
कुछ देर में शाम हो गई थी.
भाभी अपने घर से आईं और मुझे ढूँढने लगीं.
मैं अपने रूम में बॉक्सर में लेटा हुआ था और कानों में हेडफोन लगाकर मस्ती से गाने सुन रहा था.
भाभी आवाज लगा रही थीं लेकिन मैंने उनकी आवाज नहीं सुनी क्योंकि मैं गाने सुन रहा था.
भाभी अन्दर घर में आ गईं और मेरे रूम के बाहर से देखने लगीं.
चूंकि मैं बॉक्सर में था तो मेरे लंड का उभार दिख रहा था और भाभी उसे ही देखे जा रही थीं.
अचानक से मुझे ये सब सामने लगे मिरर में दिखने लगा था तो मैं एकदम से चौंकने वाले अंदाज में जल्दी से खड़ा हो गया.
मैंने भाभी से पूछा- अरे भाभी आप यहां?
उन्होंने कहा- क्या बात है इतनी मस्ती में डूबे हो … और केवल एक बॉक्सर में फालतू लेटे पड़े हो … चलो न मेरे साथ!
मैंने मस्ती में बोल दिया- बॉक्सर में आपके साथ कहां चलूँ? मोहल्ले वाले देखेंगे तो क्या बोलेंगे!
इस पर भाभी हंस दीं और मैं भी.
उन्होंने कहा- जल्दी से कपड़े पहन लो, हम दोनों को मार्केट जाना है!
मैंने भी ओके बोल दिया और मम्मी को बाय बोलकर मैं भाभी के साथ निकल गया.
भाभी मेरे पीछे बाइक पर बैठी हुई थीं.
उन्होंने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखा हुआ था.
मुझे तो ऐसा फील हो रहा था कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को बिठाकर पूरे लाइसेंस के साथ मार्केट में घूम रहा हूँ.
खैर … हम दोनों मार्केट की तरफ निकल गए और 20 मिनट में हम दोनों मार्केट पहुंच गए.
भाभी अपने बच्चों के लिए कपड़े वगैरह खरीदने लगीं.
मैं भी उन्हें बता रहा था कि ये ड्रेस अच्छी है, ये वाली नहीं.
यहां पर मैं आप सबको एक बात बताना चाहता हूँ.
अगर आप अपनी सैटिंग को किसी भी चीज को चुनने में मदद करो, तो बस ये समझ लो कि वह तुरंत इम्प्रेस हो जाएगी.
जो भी आंटी या भाभी ये कहानी पढ़ रही होंगी, वे मेरी बात से सहमत होंगी.
मैंने ड्रेस चुनने में उनकी बहुत मदद की.
भाभी भी बहुत मजे से शॉपिंग कर रही थीं.
वे मेरी तारीफ करने लगीं- वाह … आपको तो इन सब मामलों में अच्छा-खासा ज्ञान है … मैं इम्प्रेस्ड हूँ!
यह बोलकर वे मुस्कुराने लगीं.
फिर भाभी वीमेन्स ड्रेस के सेक्शन की तरफ जाने लगीं.
मैं रुक गया और वहीं खड़ा हो गया.
भाभी आगे निकल गईं और मैं पास में रखी चीजों को उठाकर देखने लगा.
भाभी वापस पीछे चलती हुई आईं और बोलीं- आप यहां क्यों रुक गए … चलो न मेरे साथ!
मैंने कहा- नहीं भाभी, मुझे शर्म आती है!
मैं शर्माने लगा.
भाभी ने मेरा कान खींचते हुए कहा- अच्छा तुम शर्माते भी हो!
वे हंसने लगीं और बोलीं- चलो मेरे साथ … कपड़े चुनने में मेरी मदद कर देना!
मैंने धीमी आवाज में कहा- क्या ही फायदा मेरे ड्रेस चुनने का … जब मुझे वह देखने को ही नहीं मिलेंगे!
भाभी ने तुरंत जवाब दिया- क्या कहा अभी तुमने?
मेरी घबराहट शुरू हो गई.
मुझे लगा कि आज मैं गया. भाभी मेरी शिकायत मम्मी से कर देंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
भाभी ने जो कहा, उससे मुझे पहली बार ऐसा लगा कि भाभी को मैं पसंद हूँ.
भाभी बोलीं- क्या बोला तुमने! तुम्हें मेरे कपड़े देखने हैं? तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड वगैरह नहीं है क्या? उनके कपड़े देखो, मेरे देखकर क्या करोगे!
मैंने कहा- नहीं है भाभी, गर्लफ्रेंड वगैरह कोई नहीं है.
भाभी ने पूछा- क्यों? दिखने में तो काफी अच्छे हो! फिर एक भी बंदी क्यों नहीं है?
मैंने कहा- अरे भाभी, आप तो आजकल की लड़कियों को जानती ही हो! अपने पीछे घुमाएंगी, खर्चा करवाएंगी और जब देने की बारी आएगी …
इतना बोलकर मैं चुप हो गया.
फिर भाभी ने कहा- पूरा बोलो, पूरा! क्या बोल रहे थे! क्या देने की बात कर रहे थे?
मैं इधर-उधर देखने लगा.
वे मेरे चेहरे को देखने लगीं, फिर हंसने लगीं.
मैंने उनके लिए कुछ अंडरगारमेंट्स सिलेक्ट किए और उन्होंने वे ही अंडरगारमेंट्स ले लिए.
इसके बाद हम लोग घर वापस आने लगे.
रास्ते में हम दोनों गोलगप्पे खाने रुक गए.
जब गोलगप्पे खा रहे थे, तब बगल में एक न्यूली मैरिड कपल एक-दूसरे को गोलगप्पे खिला रहा था.
मैंने देखा कि भाभी उन्हें देखकर थोड़ा उदास हो गईं.
मैंने वहां कुछ नहीं कहा और हम दोनों बाइक पर बैठकर घर वापस आने लगे.
मैंने हिम्मत करके रास्ते में भाभी से पूछा- भाभी आपको क्या हो गया था? आप उन दोनों को देखकर उदास क्यों हो गई थीं?
भाभी ने बताया- यार अब मुझे ऐसा प्यार नहीं मिलता. तुम्हें तो पता ही है कि मेरे हसबैंड ज्यादातर बाहर ही रहते हैं और मैं घर में अकेली पड़ जाती हूँ. मुझे कोई प्यार करने वाला है ही नहीं!
ये कहकर भाभी और उदास होने लगीं.
मैंने मजाक-मजाक में कह दिया- अरे भाभी, आप उदास क्यों होती हो … मैं हूँ ना! मेरे रहते आपको कोई परेशानी नहीं होगी! आप चाहेंगी तो हम दोनों अच्छे दोस्त बनेंगे.
भाभी चुप हो गईं.
फिर हम घर आ गए और भाभी भी अपने घर चली गईं.
थोड़ी देर बाद भाभी का मेरे फोन पर एक मैसेज आया- आज का खाना तुम्हारा मेरे साथ होगा.
मैंने भी ‘ओके.’ बोल दिया और घर में भी बता दिया.
अब मैं रात का इंतज़ार करने लगा.
करीब 9 बजे फिर से मैसेज आया- आ जाओ … खाना खा लो!
मैं जैसे ही अन्दर गया और जो मैंने देखा, उसे देख कर मेरे होश उड़ गए!
मैंने देखा कि भाभी वही नाइटी पहन कर खड़ी थीं, जो आज मैंने पसंद की थी.
मैंने उनके तने हुए दूध देखते हुए कहा- क्या बात है भाभी … आपने तो मेरी पसंद की हुई नाइटी ही पहनी है!
उनका कोई जवाब नहीं आया.
लेकिन मैंने उनके चेहरे पर आज एक अलग सा एक्सप्रेशन देखा!
फिर भाभी ने हमारे लिए खाना लगाया.
उनका बेटा खा-पीकर सो चुका था.
हम दोनों खाना खाते-खाते बातें करने लगे.
तभी अचानक मुझे बहुत खाँसी होने लगी.
भाभी उठकर आईं और मेरे बगल में खड़ी होकर मुझे पानी पिलाने लगीं.
मेरा ध्यान उनके बूब्स की तरफ चला गया.
उनकी नाइटी के ऊपर से साफ दिखाई पड़ रहा था … वही ब्रा दिख रही थी जो मैंने उनके लिए पसंद की थी.
तो मुझे समझ आ गया कि आज कुछ न कुछ तो होगा!
देखो, अगर तुम चूतिये नहीं हो तो तुम्हें समझ आ जाएगा कि लड़की खुद तुम्हें भाव दे रही है कि नहीं … और यहां भी एकदम साफ दिख रहा था कि भाभी ने मेरी पसंद की नाइटी और ब्रा पहन रखी थी.
इससे ज्यादा भला क्या ही ग्रीन सिग्नल मिलेगा!
भाभी ने भी देख लिया था कि मैं कहां देख रहा हूँ.
उन्होंने अनजान बनने का नाटक किया और वापस जाकर अपनी सीट पर बैठ गईं.
भाभी के चेहरे पर अलग ही भाव दिख रहे थे, जैसे कि आज ये मुझे खा जाएंगी!
एक नॉटीपन सा भी दिख रहा था.
फिर मैंने सोचा कि अच्छा मौका है, आज थोड़ा ट्राई मार कर देखता हूँ. क्या पता बात बन जाए!
मैंने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया.
मैंने पूछा- भाभी आपको अपने हसबैंड की याद नहीं आती है?
वे फिर से उदास हो गईं और मेरे पास आकर बैठ गईं.
भाभी बोलीं- क्या करूँ, याद आती तो बहुत है मगर कोई चारा भी तो नहीं है … उन्हें यहां बुलाने का कैसे जुगाड़ कर सकती हूँ? मैं तो अपनी जवानी यहीं बेकार किए जा रही हूँ. मुझे वह प्यार मिल ही नहीं रहा है, जिसकी मुझे अभी जरूरत है!
मैं भाभी की बात पूरी तरह समझ रहा था कि वह चुदने की बात कर रही हैं.
मैंने भाभी से कहा- भाभी क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?
भाभी ने मेरी तरफ देखा और अगले ही पल वह मुझ पर भूखी शेरनी की तरह चढ़ गईं और मेरे होंठों को चूसने लगीं!
मुझे तो समझ ही नहीं आया कि ये अचानक क्या हो गया!
मैंने उन्हें अलग किया और बोला- ये क्या है भाभी?
उन्होंने कहा- मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो! तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और नेचर में भी अच्छे हो. मुझे पूरी तरह यकीन है कि तुम ये बात भी कहीं पता नहीं चलने दोगे!
मैंने उनकी तरफ देखा और उन्हें अपने आगोश में ले लिया, उनके बालों को पीछे से पकड़ कर उनके चेहरे पर किस करने लगा और उनके लिप्स को खाने लगा.
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस भाभी को पूरा मोहल्ला चोदना चाहता है, वे मेरे लौड़े के नीचे आने वाली हैं.
मुझे बहुत खुशी हो रही थी.
वे मुझे भूखी शेरनी की तरह किस कर रही थीं.
उनके किस करने के स्टाइल से मुझे समझ आ गया कि उन्हें रफ सेक्स करना बहुत पसंद है.
फिर मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया.
अपनी बेल्ट खोलकर उनके दोनों हाथों को एक-एक करके बेड से बांध दिया और उनके मुँह में उनकी चुन्नी फँसा दी.
फिर धीरे-धीरे उन्हें किस करने लगा.
मैं उन्हें सेक्स का सुख दे रहा था और धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ता जा रहा था.
पहले मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से ही उनकी चूचियों पर अपने हाथों से सहलाना शुरू किया और साथ ही उनके कान के पीछे किस करने लगा.
इससे उन्हें एक अलग सा आराम मिल रहा था.
मैंने धीरे-धीरे उनकी नाइटी को हटा दिया.
उन्हें पता भी नहीं चला क्योंकि वह अलग ही सुख में खोई हुई थीं.
उनकी चूचियां अब पूरी तरह टाइट हो चुकी थीं.
मैं बड़े प्यार से उन्हें चूस रहा था और एक हाथ से सहला रहा था.
फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल फेंकी और नीचे जाकर उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर मुँह लगाने लगा.
वहां मैंने देखा कि उनकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी और एक मादक करने वाली खुशबू आ रही थी.
मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगा.
भाभी मुझे दूर को करने लगीं.
मैंने उन्हें कसकर पकड़ा और फिर से चूत चाटने लगा.
वे इतने जोश में आ चुकी थीं कि बार-बार स्क्वर्ट कर चुकी थी, मेरे मुँह पर ही अपनी पेशाब की धार मार रही थीं.
मैंने उनकी पैंटी से अपने मुँह को साफ किया और फिर मैं ऊपर की तरफ चला गया.
मैंने उनके मुँह से चुन्नी निकाल दी.
भाभी ने पहले तो एक भारी सांस ली और कहा- तू तो यार … बहुत ही पहुंचा हुआ खिलाड़ी है!
मैंने भाभी के सम्बोधन को बदलते हुए जवाब दिया- तूने अभी तक देखा ही क्या है!
वे न/शीले अंदाज में बोलीं- तो दिखा दे न साले!
‘चल अब उल्टी हो जा … और मेरे लंड को चूस!’
वे झट से राजी हो गईं.
हम दोनों अब 69 की पोजीशन में आ चुके थे और भाभी मेरे लंड को चूस रही थीं.
उन्हें मेरे लंड को चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था.
वे चूसती हुई कह रही थीं- आज तो इस गन्ने से चुदने में बहुत ही मज़ा आएगा … तेरा तो मेरे पति से भी बड़ा है!
वे मस्ती से मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं उनकी चूत में उंगली करके सनसनी पैदा कर रहा था ताकि उन्हें अच्छा लगे.
साथ ही मैं उनकी चुत के दाने को भी अपनी जीभ से कुरेद रहा था.
इससे वे पागल होती जा रही थीं.
एक बार तो जैसे ही मैंने क्लिटोरिस पर किस किया, वे लपक कर मेरे मुँह पर ही टांगें फंसा कर बैठ गईं और मुझे अपनी चूत में डुबाने लगीं.
मेरी सांस फूलने लगी और मैंने किसी तरह से भाभी को हटाया.
वे मेरी तरफ देखकर कातिलाना अंदाज़ में बोलीं- साले, इतना आसान भी नहीं है मेरी चूत को पाना!
मैंने कहा- ओह अच्छा! रुक कुतिया तुझे अभी बताता हूँ!
भाभी कुतिया सुनकर भौं भौं बोलती हुई बोलीं- काट लेगी ये कुतिया!
मैंने हंस कर कहा- अभी दिखाता हूँ इस कुतिया को कि कैसे काबू किया जाता है.
अब मैंने भाभी को बांध दिया और इस बार मैंने उन्हें इतना उत्तेजित करना शुरू किया कि उन्होंने खुद कह दिया- आह मेरे कुत्ते अब तेरी कुतिया राजी हो गई … अब जल्दी से अन्दर डाल दे हरामी … ऐसे ही मार देगा क्या!
इस तरह से उस दिन हमारा फोरप्ले करीब एक घंटे से ऊपर चला.
अब बारी थी भाभी की चूत में लंड डालने की.
मैंने पहले तो भाभी की गांड के नीचे तकिया लगाया ताकि उन्हें कोई तकलीफ न हो.
थोड़ा सा टिल्ट भी किया ताकि मेरा लंड उनकी चूत में बिना रुकावट के घुसता चला जाए और चूत की दीवारों से मजे से रगड़ कर टकराए.
इससे क्या होता है कि लड़कियों को बहुत अच्छा महसूस होता है और वे जल्दी झड़ भी जाती हैं.
मैं अपने लंड को भाभी की चूत में डालने की कोशिश कर रहा था.
मगर इतने दिनों से न चुदी होने की वजह से भाभी की चूत टाइट हो चुकी थी.
भाभी ने कहा- इस पर पहले थोड़ा और थूक लगाओ, तब जाएगा!
मैंने अपना लंड भाभी के मुँह में ही डाल दिया और कहा- लगा दे मेरी कुतिया अपना थूक इस पर!
उन्होंने मेरे लंड को चूसकर काफी गीला कर दिया.
इस बार मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट किया और एक हल्का-सा झटका दे दिया.
मेरा लंड का सुपारा भाभी की चूत में जैसे ही गया, उनकी चीख निकल गई.
मैंने जल्दी से अपने होंठ उनके होंठों से मिला दिए ताकि आवाज़ बाहर न जाए.
बहुत दिनों से चुदाई नहीं हुई थी उनकी, तो उन्हें दर्द हो रहा था.
फिर एक धमाकेदार दूसरा झटका मारा और मेरा आधा लंड भाभी की चूत की गुफा में प्रवेश कर चुका था.
भाभी की आंखें बाहर आने को हो गईं.
मैं एक मिनट तक वैसे ही अपना लंड उनकी चूत में डाले हुए रुका रहा.
अगले ही मिनट में एक और झटका मारा.
अब मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में जगह बना चुका था.
वे चिल्लाना चाह रही थीं, मगर मैंने उन्हें चिल्लाने नहीं दिया.
फिर जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ, तो वे नीचे से गांड उठाने लगीं.
मैं समझ गया कि अब चुदाई तगड़े तरीके से की जा सकती है.
फिर मैं कहां रुकने वाला था!
मैंने जमकर झटके मारने शुरू कर दिए.
करीब दस मिनट तक मैंने उन्हें मिशनरी पोजीशन में चोदा.
भाभी एक बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैंने उनके मुँह में लंड डाला और चूसने को कहा.
लंड फिर से मस्त हो गया और चुदाई में ब्रेक आ जाने से लंड का माइलेज भी बढ़ गया.
मैंने उन्हें अब फिर से डॉगी बनाया और पीछे से जाकर पूरा लंड एक बार उसकी चूत में डालने लगा.
जैसे ही लौड़े ने चुत में सरक कर भाभी की बच्चेदानी को चुम्मी ली, भाभी की मीठी कराह निकलने लगी.
मैंने फिर से लौड़े को निकालना और डालना चालू कर दिया.
ऐसा मैंने 3-4 मिनट तक किया, जिससे भाभी की बार-बार ‘आह … उह …’ की मीठी आवाज़ सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
मैंने भाभी की पीठ पर वजन रख कर उनकी सही में कुतिया स्टाइल में चुदाई शुरू कर दी.
मेरे दोनों हाथ उनके दोनों मम्मों पर जमे हुए थे और मैं उनके दूध दबाता हुआ उनकी धकापेल चुदाई कर रहा था.
वे ‘आह … उह … यस … बेबी … आह …’ करती हुई चुद रही थीं.
फिर करीब 5 मिनट बाद मेरा लंड झड़ने वाला था.
मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
उन्होंने कहा- अन्दर ही निकाल दो! मुझे महसूस करना है तेरे शरीर की गर्मी!
मैंने जोरदार 5-6 झटके मारे और भाभी की चूत में ही झड़ गया.
अब हम दोनों काफी थक चुके थे लेकिन मेरा मन नहीं भरा था.
मुझे अभी और चुदाई करनी थी … मगर भाभी की हालत देखकर मुझे तरस आ गया.
वे बुरी तरह से हांफ रही थीं.
आधा घंटा बाद जब वे ठीक हुईं तो हमने फिर से एक राउंड खेला.
इस बार मेरा दूसरा टाइम था तो मैं ज्यादा देर तक चला.
अब भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश रहने लगीं.
क्योंकि औरत तभी खुश रह सकती है, जब उसे समय-समय पर लंड मिलता रहे.
आप में से भी कई भाभियां ऐसी होंगी, जिन्हें अपने पति से पूरी तरह से प्यार नहीं मिल पाता है.
आपको यह Xxx देसी भाभी फक स्टोरी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं.
Ishaan@[email protected]