पति की जुदाई में मोटे लंड से जबरदस्त चुदाई- 2

वाइल्ड सेक्स विद भाभी का मजा मैंने खुद दिया अपने देवर को. मेरे पति लम्बे टूर पर गए तो मेरी चूत की आग मैंने अपने देवर के लंड से बुझवाई.

दोस्तो, मैं शीतल … आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में मजा देने के लिए पुनः हाजिर हूँ.

जैसा कि आपने पहले भाग
पति ने अपने दोस्त से मेरी वासना शांत करवाई
में पढ़ा था कि मेरे पति पीयूष के दोस्त सुनील ने चुदाई की मस्ती में मुझे चोदते हुए मेरी गांड और चूत ऊपर उठाकर जोर-जोर से पेला और अपने माल को मेरे ऊपर ही निकाल दिया.

अब आगे वाइल्ड सेक्स विद भाभी का मजा:

मैंने करीब रखा तौलिया लिया और अपने चेहरे और बूब्स पर लगे सुनील के माल को साफ किया.
फिर सुनील ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

सुनील का लंड झड़ने के बाद थोड़ा ढीला हो गया था.
वह सोफे पर मेरे बगल में लेट गया और मेरे बदन पर अपनी बॉडी रगड़ने लगा. वह मेरे शरीर को हर तरफ से चूमने लगा.

मैं भी उसके लौड़े को अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी.
कुछ देर बाद सुनील का लौड़ा फिर से तैयार हो गया.

लेकिन वह अभी भी मेरे बदन को चूमने और मेरी गांड को दबाने में मगन था.

फिर सुनील ने डॉगी स्टाइल में मेरी चूत चोदी और 20 मिनट की मस्त चुदाई में मैंने बहुत मज़ा लिया.
इसके बाद सुनील ने फिर से अपना माल मेरी पीठ पर निकाल दिया.

कुछ देर तक सुनील मेरे बूब्स दबाते हुए बताने लगा कि मेरे पति ने सुनील की वाइफ कोमल और उनकी सेक्रेटरी रीता की कई बार चुदाई की है.
यही नहीं मेरे पति पीयूष, सुनील और उनके एक और दोस्त ने मिलकर किसी और की बीवी को एक साथ चोदा है.

इन सब बातों के बीच मैं सुनील के लौड़े को अपने पति के लौड़े की तरह पकड़ कर मसल रही थी.

जब उसका लंड फिर से खड़ा हो गया तो इस बार मैंने उसके लौड़े को अलग तरह से मजा देने की सोची.

मैंने सुनील का लौड़ा अपने बड़े-बड़े चूचों के बीच दबाया और उसे बूब्स फकिंग का सुख देकर फिर से शांत किया.

कुछ देर बाद हमने अपने कपड़े पहने और मैं सुनील को दरवाजे तक छोड़ने आई.

सुनील ने कहा- कल बाहर चलने को तैयार रहना भाभी जी. पीयूष ने मुझसे कहा है कि जब तक वह वापस नहीं आता, मैं आपका ख्याल रखूँ!
यह कहकर उसने मेरे बूब्स दबाए.

मैंने जवाब दिया- ठीक है सुनील जी, मैं आपके लौड़े का इंतज़ार करूँगी!

सुनील के जाने के एक घंटे बाद मेरा देवर और मेरी ननद दोनों घर आ गए.

रात 9 बजे हम तीनों ने साथ में डिनर किया और फिर सब अपने-अपने कमरे में चले गए.

रात 11:30 बजे मैं अपने देवर विशाल के कमरे में गई.

मैंने कहा- विशाल, क्या तुम मेरी कमर की मालिश कर दोगे? प्लीज़ … थोड़ा दर्द हो रहा है.

वह मेरी तरफ देखने लगा.
शायद वह मेरी बात से अचकचा गया था और घर में सो रही अपनी बहन को लेकर असंजस में था.

मैंने उसकी दुविधा भांप ली और उसे बताया कि तुम्हारी बहन सो गई है, वर्ना मैं उससे करवा लेती.

विशाल ने कहा- ठीक है भाभी, आप अपने कमरे में जाओ … मैं 5 मिनट में आता हूँ.

मैं सरसों का तेल गर्म करके अपने कमरे में पहुंच गई.
मेरे दिमाग में विशाल को लेकर तरह-तरह के विचार आने लगे.

कुछ देर बाद विशाल आया और बोला- हां भाभी क्या हुआ आपको?
मैंने कहा- कुछ नहीं विशाल … शायद सुबह सफाई करते वक्त मेरी कमर की नस खिंच गई है.

असल में हुआ यह था कि जब सुनील ने मेरी चूत ऊपर करके चोदा था, तभी से मेरी कमर में दर्द शुरू हुआ था.

विशाल ने कहा- कोई बात नहीं भाभी, मैं अभी आपकी मालिश कर देता हूँ.
मैंने विशाल के हाथ में गर्म तेल की कटोरी दी और अपना ब्लाउज़ उतार दिया ताकि तेल से खराब न हो.

फिर मैं उल्टा होकर लेट गई.

विशाल ने मेरी कमर पर तेल की कुछ बूंदें डालीं और अपने हाथों से मालिश शुरू की.

मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा.
मैंने कहा- वाह विशाल … तुम तो किसी प्रोफेशनल मसाजर की तरह मसाज कर रहे हो!

विशाल ने मेरी कमर से ऊपर मेरी पीठ पर भी हाथ फेरकर मालिश शुरू की.
उसने मेरी ब्रा के हुक तक मसाज देना शुरू कर दिया.

विशाल ने कहा- भाभी अगर बुरा न मानो तो इसे भी खोल दूँ? इससे आपकी पीठ की भी अच्छी तरह मालिश हो जाएगी!
मैंने तौलिया लिया, अपने बूब्स ढके.

फिर विशाल से कहा- जैसा तुम्हें ठीक लगे, विशाल!
अब विशाल ने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और कटोरी से मेरी नंगी पीठ पर तेल डालकर अपने दोनों हाथों से मसाज करने लगा.

मुझे काफी अच्छा महसूस होने लगा. साथ ही मैंने महसूस किया कि विशाल मेरी पीठ को मसाज करते हुए मेरे बूब्स तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है.

मैंने इस पर विशाल को नहीं टोका और विशाल भी मजे से मेरी पूरी नंगी पीठ पर अपने हाथों से मालिश करता रहा.

कुछ 15-20 मिनट तक उसकी मसाज से मुझे अच्छा लगने लगा.

मैंने अपने बूब्स पर ढकी हुई टॉवेल को पकड़ा और घूम कर चित हो गई.
तब मैंने कहा- विशाल थैंक्स यार. अब मुझे बहुत हल्का महसूस हो रहा है!

विशाल के खड़े होते ही उसके पजामे में तने हुए लंड ने मेरा ध्यान आकर्षित किया.

मैंने विशाल का हाथ पकड़ते हुए कहा- विशाल मेरी छाती की भी मालिश क्यों नहीं कर देते!

यह कहते हुए मैंने अपने बूब्स पर लगा टॉवेल हटा दिया और साथ ही ब्रा भी एक तरफ सरका दी.
विशाल ने उसे पहले ही खोल दी थी.

विशाल की आंखें मेरे बूब्स देखकर फटी की फटी रह गईं.
उसका लंड सनसना उठा- ओह भाभी … क्या हॉट आइटम हो आप … मगर ये आपके दूध किसने चूसकर लाल कर दिए?

मैंने कहा- खुद चूस रही थी, तुम्हारे भैया के साथ वीडियो कॉल पर!
मैंने उससे यह सब मुस्कुराते हुए कहा तो वह मेरे मम्मों को देखने में मगन हो गया.

तब मैंने कहा- अच्छा चल, अब देखता ही रहेगा क्या … मालिश भी कर दे!
विशाल ने मेरे दोनों बूब्स अपने तेल से सने हाथों में पकड़े और दबाने लगा.

मेरे निप्पल्स टाइट हो गए और मैं आंखें बंद कर आहें लेने लगी.
विशाल ने मेरे दोनों बूब्स पर प्रेशर देते हुए कहा- मां चुदाने गई आपकी मालिश … मैं समझ गया हूँ भाभी, आपको तेल मालिश नहीं, लंड की मालिश की जरूरत है!

यह कहते हुए उसने अपनी टी-शर्ट निकाल दी.
उसकी सेक्सी व गठीली बॉडी देखकर मुझमें भी गर्मी बढ़ गई.

मैंने विशाल को अपनी आगोश में भर लिया और उसे चूमने लगी.
उसके मजबूत कंधों को पकड़ कर मैं उसके होंठों को चूसने लगी.

विशाल मेरे बड़े-बड़े बूब्स के साथ अठखेलियां करते हुए उनसे खेलने लगा.
कभी वह मेरे बूब्स को मसलने लगता, तो कभी दोनों को आपस में चिपका कर मेरे उभरे हुए निप्पल्स को चूसने की कोशिश करने लगता.

मैंने उसका सिर पकड़कर अपने दूध पिलाने शुरू किए.
विशाल का खड़ा लौड़ा मेरी चूत में टकराने लगा और मेरी चूत उसके लौड़े को अपने अन्दर लेने को तैयार होने लगी.

विशाल ने मेरे बालों को पकड़ कर मेरे गालों और होंठों को चूमना शुरू किया और दूसरे हाथ से वह मेरे दूध को दबाता चला गया.

मैं आंखें बंद करके हल्की हल्की आहें भरती हुई विशाल के चुम्बनों, अपने दबते हुए मम्मों और उसके लौड़े से रगड़ खाती अपनी भभकती चूत को एक साथ चुदास का अनुभव करने लगी.

विशाल ने मुझे बिस्तर पर पलटाया और मेरी गर्दन से चूमना शुरू कर दिया.
वह चूमते हुए नीचे तक गया, गर्दन से मेरी कमर तक उसने 25 से 30 किस किए.

फिर उसने मेरी बिखरी हुई साड़ी मेरे तन से उतार दी और मेरे दोनों कूल्हों को अपने हाथों से थपथपाते हुए बोला- वाह भाभी, आपकी गांड तो किसी केक से कम नहीं है. भैया की तो फुल ऐश है!

यह कहकर उसने मेरे दोनों कूल्हों को चूमना और दांतों से दबाना शुरू कर दिया.

मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था, मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती.

विशाल ने अपनी उंगलियां तेल की कटोरी में डुबाईं और उससे मेरी गांड और चूत पर मलकर उनकी मालिश करने लगा.

मेरी चूत उसके गर्म तेल और उंगलियों के स्पर्श से पानी छोड़ने लगी.
विशाल बोला- भाभी, लगता है आपका कुआं काफी दिनों से भरा हुआ है. आज मैं सारा पानी खाली कर दूँगा!

मैं मुस्कुराई और सीधी होकर विशाल से बोली- चल विशाल, फिर मेरी चुत को पीना शुरू कर!
विशाल ने मेरी तेल लगी चूत पर जीभ लगाई और हुंह करके ऊपर से नीचे तक फेर दी.

उसकी खुरदुरी जीभ के अहसास से मेरे शरीर में सनसनी-सी मच गई.
मैं विशाल का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और एक हाथ से बिस्तर भींचने लगी.

मेरी चूत इतनी गर्म हो चुकी थी मानो उसका अभी लावा फटने ही वाला हो.

विशाल ने किसी एक्सपर्ट की तरह मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया.
इसी बीच उसने अपना लौड़ा निकाल कर हाथ में ले लिया था.

उसका गोरा, मोटा लौड़ा देखकर मेरी चूत से पानी निकला, जिसे विशाल ने निगल लिया और वह बिना रुके मेरी चूत चाटने में लगा रहा.
मैंने कहा- आह विशाल आजा मेरे राजा … अपना विशाल लौड़ा मेरे मुँह में डाल दे!

विशाल उठकर मेरी छाती पर बैठ गया और मेरे मुँह में लंड डालने लगा.
उसके गौर वर्ण के लौड़े पर उभरी नसें कमाल की थीं.

विशाल का लौड़ा पीयूष जितना ही था.
मैं भी उसे पीयूष का लंड ही समझ कर मस्त होकर चूसने लगी.
उसके पिंक टॉप को मैं अपनी जीभ से कुल्फी की तरह चूसने-चाटने लगी.

मैंने उससे बोली- चल अब अपनी भाभी को चोद. ऐसे चोदना, जिससे लगे कि तुझे दोबारा मेरी चूत नहीं मिलेगी!

विशाल ने मिशनरी पोज में मेरी चूत में लौड़ा डाला और मेरे कंधों को पकड़ कर चोदने लगा.
आहहहह … उसका वह पहला तेज झटका मेरी चूत को अभी भी गीला कर रहा है.

विशाल ने मेरी आंखों में देखा.
मैं भी उसकी आंखों में देखकर मुस्कुराती हुई और आहें भरती हुई कहने लगी- आह चोद विशाल … चोद साले अपनी भाभी को पेल … आज अपने भैया की कमी तू पूरी करेगा … उनके आने तक चोदता रहा मुझे!

यह सुनकर विशाल भी मस्त मजे से मेरी चूत में अपना लौड़ा अन्दर-बाहर करता रहा.

5 मिनट बाद ही उसका होने वाला था.
उसने अपना लौड़ा बाहर निकालने की कोशिश की.

मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- मेरी चूत के अन्दर ही बीज टपका दे विशाल … मैं प्रेगनेंट हो भी गई तो क्या … खून तो दोनों भाइयों का एक ही है!
यह सुनकर विशाल ने 4-5 कड़क झटकों में मेरी चूत को अपने सफेद रस से भर दिया.

इसके बाद मैं और विशाल लेटकर एक-दूसरे को बहुत देर तक चूमते रहे.
कुछ देर बाद विशाल ने मेरी चूत और कूल्हों को चाटकर मुझे दोबारा से गर्म किया और इस बार साइड पोज़ में मेरी एक टांग उठाकर मेरी चूत को चोदना चालू कर दिया.

उसी दरमियान उसका लंड एक बार मेरी गांड में घुस गया और मैं आह करके उसके लौड़े से अपनी गांड मरवाने का सुख लेने लगी.
उसने यह देखा कि उसकी भाभी के दोनों छेद चालू हैं तो उसने मेरी चुत और गांड दोनों चोद कर मुझे बेहद खुश कर दिया.

अब विशाल दोबारा मेरे ऊपर चढ़कर अपना लौड़ा मेरे मुँह में डालने लगा.
मैं भी प्यार से उसका लौड़ा चूसने लगी.

उसके लौड़े पर लगा मेरी चूत का पानी और उसके लौड़े से निकलते पानी का स्वाद बड़ा अजीब सा था लेकिन उसके लौड़े को चूसने में न जाने मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ देर में विशाल ने मेरे सिर को पकड़ा और घुटनों के बल आकर जोर-जोर से मेरे मुँह को चोदने लगा.
‘आह भाभी मेरी जान, चूस लो मेरा लंड … निगल लो इसे … प्लीज़ भाभी चूसो आह्ह्ह!’

विशाल मेरे मुँह में पूरी गहराई तक अपना लौड़ा धकेलने लगा और मैं उसकी गांड पकड़े हुए अपने मुँह को उसके लौड़े से चुदवाती रही.

अंत में उसने अपना माल मेरे चेहरे पर और कुछ मेरे मुँह के अन्दर गिराया.

मैंने कहा- वाह विशाल … मैं तो तुम्हें छोटा ही समझ रही थी, तुम्हारे लौड़े में तो बहुत दम है. बिल्कुल तुमने अपने बड़े भाई की तरह ही मुझे चोदा!
इसके बाद विशाल ने बचे हुए तेल से मेरी पूरी बॉडी की मालिश की और मैंने भी विशाल के लौड़े को तेल लगाकर मसाज दिया.

वाइल्ड सेक्स विद भाभी का मजा लेने के बाद मेरा देवर अपने रूम में चला गया और मैं अपने बाथरूम में बाथटब में नहाने लगी.
मैं सुनील और विशाल से दिन में कई बार चुद चुकी थी.
मुझे बाथटब में बैठे-बैठे ही नींद आ गई और करीब एक घंटे बाद मैं जगी.

मैं उसी वक्त नहाकर निकली और नंगी ही सो गई.

अगले दिन फिर सुनील मुझे लेने आया लेकिन विशाल की चुदाई से मैं बहुत ज्यादा खुश थी.
मैंने सुनील से कहा- आज नहीं सुनील. फिर कभी मन होगा तो आपको बुला लूँगी!

फिर उस रात मैंने अपनी चुत फिर से विशाल के लौड़े से चुदवायी.
विशाल ने अपने भाई, यानि मेरे पति पीयूष के आने तक मुझे रोजाना जमकर चोदा.

उसके बाद जब मेरे पति आए, तो हम दोनों ने सुनील, सरोज और रीता के बारे में खुलकर बात की … फिर धुआंधार चुदाई हुई.
मैं अभी भी कभी-कभी विशाल से चुदवा लेती हूँ, जब मौका मिलता है.

फ्रेंड्स बताइए कैसी लगी आपको शीतल की जिंदगी की रोमांचक स्टोरी?
मुझे तो बहुत ही ज्यादा मजा आया.
शीतल ने क्या महसूस किया होगा, मैं समझ सकती हूं.

शीतल ने स्पेशल रिक्वेस्ट की है कि मैं उसे सारे कमेंट बताऊं जो उसके लिए आएं.
तो आप सब वाइल्ड सेक्स विद भाभी का मजा कहानी पर अपने विचार और भावनाओं को लिख कर जल्दी जल्दी बताओ ताकि शीतल को भी पता लग सके.
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