वाइफ’स पोर्न फ्रेंड चुदाई कहानी में मैं अपनी बीवी की सहेली को कार चलाना सिखा रहा था तो बार बार मेरे हाथ उसके बूब्ज़ को टच हो जाते थे. बात आगे बढ़ी और मैंने उसके घर जाकर उसे चोद दिया.
दोस्तो, मैं राज आपको अपनी बीवी सना की सहेली निकिता की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी बीवी की सेक्सी सहेली
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं निकिता के घर अपनी शर्ट लेने गया था और वह मेरे सामने एकदम हॉट माल बन कर खड़ी थी.
अब आगे वाइफ’स पोर्न फ्रेंड चुदाई कहानी:
फिर निकिता हम दोनों के लिए जूस ले आई और हम दोनों जूस पीने लगे.
उसके घर पर एक बिल्ली भी थी, जो इधर-उधर घूम रही थी.
अचानक वह आकर निकिता की गोद में बैठ गई और इसी चक्कर में निकिता का जूस उसकी टी-शर्ट पर गिर गया.
जूस की वजह से उसकी टी-शर्ट पारदर्शी हो गई और उसके बड़े-बड़े बूब्स का शेप एकदम साफ दिख रहा था.
उसके निप्पल भी नजर आ रहे थे!
निकिता बोली- अरे यह इसने क्या किया! रुको, मैं चेंज करके आती हूँ!
मैंने ऐसे ही बोल दिया- रहने दो, अच्छे लग रहे हैं!
निकिता ने कहा- क्या अच्छे लग रहे हैं? मैं तो पूरी भीग गई हूँ और तुम मजाक कर रहे हो! रुको, मैं चेंज करके आती हूँ!
वह बेडरूम में जाकर चेंज करने लगी.
मैंने भी थोड़ा झुककर देखने की कोशिश की कि शायद आज उसके बूब्स देखने को मिल जाएं!
ऊपर वाले ने मेरी सुन ली और वह बिल्ली उसके रूम में घुस गई, जिसके कारण बेडरूम का दरवाजा पूरा खुल गया.
अन्दर निकिता सिर्फ शॉर्ट्स में थी, मुझे उसके दो नारियल जैसे मम्मों का मस्त दीदार हो गया.
निकिता ने ये देख लिया और झट से दरवाजा बंद कर दिया.
मैं भी सीधे होकर बैठ गया.
तभी अन्दर से कुछ गिरने की आवाज आई.
मुझे लगा निकिता गिर गई होगी, तो मैं तुरंत देखने गया.
मैंने दरवाजा खोल दिया, तो देखा कि वह बिल्ली थी, जिसने कुछ गिराया था.
लेकिन निकिता अभी भी मेरे सामने थी, वह पूरी नंगी थी!
मैं बस उसे देखे जा रहा था.
निकिता ने झट से ढीला टॉप पहन लिया और मुझे इग्नोर करती हुई कहने लगी- यार, इस बिल्ली ने तो मुझे बहुत परेशान कर दिया है!
मैं भी अब खुद को संभाल कर बोलने लगा- हां यार, ये बिल्ली भी ना … मुझे लगा कि तुम ही गिर गई हो, इसलिए अन्दर आ गया … सॉरी!
उसने कुछ नहीं कहा.
लेकिन अब वह मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी.
मैंने मजाक मजाक में कह दिया- कितना लकी है नितिन … उसे तुम्हारे जैसी बीवी मिली है!
इस पर वह बोली- तुम्हारी बीवी भी तो सुंदर है!
मैंने जवाब दिया- हां वह तो है, पर तुम्हारी जितनी नहीं!
मैं हंसने लगा.
निकिता ने पूछा- मुझमें ऐसा क्या है?
मैंने कहा- क्या नहीं है तुममें! तुम तो एकदम हॉट लगती हो!
उसने उत्सुकता से पूछा- वह कैसे?
मैं चुप रहा.
फिर वही थोड़ा उदास होकर बोली- नितिन तो कभी ऐसा नहीं बोलता. उल्टा कहता है कि जर्मनी में तो मुझे और भी सुंदर-सुंदर लड़कियां मिलती हैं!
वह थोड़ा उदास दिखने लगी.
उसे खुश करने के लिए मैंने कहा- वह तो पागल है! अगर मैं उसकी जगह होता, तो तुम जैसी बीवी को कभी अकेला नहीं छोड़ता!
इस पर वह बोली- रहने दो! तुम सब मर्द ऐसे ही होते हो, कुछ अलग नहीं होता!
मैंने फिर कहा- सच में निकिता, तुम बहुत सुंदर हो!
इस बार वह थोड़ा शर्मा गई और बोली- अच्छा … तो भला बताओ, मुझमें ऐसा क्या खास है? बताओ, बताओ!
मैंने हंसते हुए कहा- अगर बोलूँ, तो गुस्सा तो नहीं करोगी ना?
वह बोली- इसमें गुस्सा करने वाली क्या बात है … बताओ न!
मैंने कहा- तुम्हारा चेहरा कितना सुंदर है! लगता है जैसे ऊपर वाले ने तुम्हें फुर्सत में बनाया हो!
वह खुश हो गई और बोली- अच्छा और बताओ!
मैंने बिना झिझक कहा- तुम्हारे होंठ भी कितने रसीले लगते हैं … और तुम्हारी कमर भी कितनी मस्त लगती है और …
इतना बोलकर मैं चुप हो गया.
वह बोली- अच्छा और क्या?
मैंने कहा- और क्या बस!
वह थोड़ा नखरे करती हुई बोली- बस इतना ही … और कुछ नहीं?
मैंने कहा- नहीं और भी है, पर कैसे बोलूँ, समझ नहीं आ रहा!
वह बोली- बिंदास बोलो न यार … यहां तुम्हारे अलावा कौन है जो कुछ बोलेगा!
मैंने डायरेक्ट बोल दिया- तुम्हारे बूब्स कितने बड़े और मुलायम हैं! मानो अन्दर रुई जमा करके रखी हो … और तुम्हारा पिछवाड़ा भी एकदम मस्त लगता है जब तुम चलती हो न तो कलेजा हलक में आ जाता है!
ये बोलकर मैं चुप हो गया.
निकिता थोड़ा शर्मा गई और बोली- हां यार … वह तो है, पर कभी-कभी मैं परेशान हो जाती हूँ अपने बूब्स की वजह से … ये बहुत बड़े हो गए हैं न! नितिन तो रात भर इन्हें छोड़ता ही नहीं!
मैंने कहा- कोई पागल ही होगा जो इन्हें छोड़ेगा!
इस पर उसने अपने बूब्स पर हाथ फेरते हुए कहा- मैं तो परेशान हो जाती हूँ! इन्हें कैसे कम करूँ?
मैंने कहा- नितिन शायद ठीक से नहीं दबाता होगा इसलिए ऐसा हो गया! निकिता ने पूछा- ठीक से … इसका क्या मतलब?
मैंने कहा- अब कैसे बताऊं कि ठीक से दबाना कैसा होता है? अगर सना होती, तो बता देता, पर जाने दो!
इस पर वह जोर देकर बोली- सना नहीं तो क्या हुआ! मैं तो हूँ ना … तुम मुझे बताओ … तो मैं नितिन को भी समझा दूँगी!
मैंने कहा- लेकिन अगर मैं तुम्हें टच करूँगा तो ही …
इतना बोलकर मैं शांत हो गया.
निकिता बोली- तो क्या? आगे भी तो बोलो!
मैंने कहा- अगर मैं तुम्हें टच करूँ, तो तुम्हें बुरा लगेगा न!
निकिता ने थोड़ा सोचकर कहा- कोई बात नहीं … तुम बताओ ताकि मैं नितिन को भी बता सकूँ!
मैं निकिता के पास बैठ गया और हल्के से उसके बूब्स को टच किया.
जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छुआ, नीचे से मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया.
मैं धीरे-धीरे उसके बूब्स को सहलाने लगा.
निकिता की सांसें तेज होने लगीं.
पर वह अब भी नॉर्मल रहने की कोशिश कर रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके निप्पल को टी-शर्ट के ऊपर से ही सहलाना शुरू किया.
उसे भी मजा आने लगा और वह बस मुझे देखे जा रही थी कि मैं कैसे कर रहा हूँ.
फिर मैंने कहा- अब तुम्हें टी-शर्ट उतारनी होगी, तभी तो सही से बता पाऊंगा ना!
उसने न/शीली नजरों से मुझे देखा और झट से अपनी टी-शर्ट उतार दी.
उसने ब्रा तो पहनी ही नहीं थी, तो उसके बड़े-बड़े और दूध जैसे सफेद बूब्स मेरे सामने खुले हो गए.
मैं तो देखता ही रह गया.
सच में, जैसा मैंने सोचा था, वैसे ही उसके निप्पल एकदम पिंक थे.
मैंने भी झट से अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया.
जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत पर गया मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो मैंने किसी गर्म भट्टी को छू लिया हो, वह इतनी गर्म और गीली हो गयी थी.
उसकी चूत का एक बार तो पक्का पानी निकल गया होगा.
मैं उसके चूत के दाने को अपने एक हाथ से घिसने लगा जिस कारण से वह पागल सी हो रही थी.
मेरा लंड भी अब किसी लोहे की तरह कड़क हो गया था.
मैंने भी सही मौका देख कर उसकी चूत में धीरे से उंगली अन्दर डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
निकिता अब पागल हो रही थी.
उसका चेहरा एकदम लाल हो गया था.
मैंने भी एकदम आराम से उसकी चूत से अपनी उंगली निकाली और अपना मुँह उसकी चूत के सामने ले गया.
मैं उसकी चूत की खुशबू लेने लगा.
सच में उसकी चूत की खुशबू ने तो मुझे पागल ही कर दिया था.
एक तो उसकी गुलाबी चूत जैसी मैंने सोची थी ठीक वैसी ही थी.
उसकी चुत पर हल्के हल्के से भूरे रंग के बाल थे.
खूबसूरत चुत को देख कर ऐसा लग रहा था मानो किसी फॉरेन की लड़की की चूत सामने हो.
मैंने झट से अपनी जीभ निकाल कर उसके गुलाबी चुत के दाने को टच किया और उसे कुरेदने लगा.
निकिता भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत पर दबाने की कोशिश करने लगी.
मैं भी अब पागलों की तरह उसकी चुत को चाटने और चूसने लगा था.
मैं किसी भूखे कुत्ते की तरह उसकी चुत को चाट और चूस रहा था.
मुझे देख कर कोई भी ऐसा कह सकता था मानो मैं निकिता की चुत से टपकने वाले शहद को चाट रहा हूँ.
मैंने अपनी जीभ को उसकी चुत के अन्दर तक घुसेड़ दी और चुत के अंदरूनी हिस्सों को चाटने लगा और जीभ को अन्दर गोल गोल घुमाने लगा.
मेरी इस हरकत के कारण निकिता अब अपनी वासना के अंतिम चरण तक पहुंच गयी थी और उसका बदन अब अकड़ने लगा था.
हालांकि वह पहले भी एक बार झड़ चुकी थी और अब पुनः उसकी चुत से रस निकलने लगा था.
उसने ऊँह ऊँह करते हुए अपनी चुत को स्खलन में लगा दिया था, उसकी कमर हिचकोले लेती हुई रस छोड़ रही थी.
चुत से निकला हुआ नमकीन रस मैंने चाट लिया था.
मैं सारा रस चाट लेने के बाद भी उसकी मक्खन सी चुत को निरंतर चाटता रहा जिससे वह बड़बड़ाने लगी थी ‘आह राज … फ़क मी आह चोद दे मुझे आह बड़ी आग लगा दी है तुमने आह!’
यह सुनकर मुझे मजा आ गया कि आधा काम तो हो गया, लेकिन अभी मेरा आधा काम बाकी था.
मैं सीधा उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उसके मुँह के सामने ले जाकर उससे चूसने के लिए कहा.
वह झट से मान गयी और मेरा लंड अपने गुलाबी होंठों में दबा कर चूसने लगी.
उसकी इस हरकत से मुझे बेहद सनसनी होने लगी थी.
उस वक्त ऐसा लग रहा था मानो मैं भी अब जन्नत में पहुंच गया होऊं.
एक तो उसके नर्म गर्म होंठ मुझे बड़े ही कोमल लग रहे थे.
ऐसा लग रहा था मानो मेरे लौड़े की मालिश की जा जा रही हो.
दूसरी बात यह कि वह मेरा आधे से ज्यादा लंड अपने मुँह में लेकर उसे ऐसे चूस रही थी, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रहा हो.
मेरा मन हो रहा था कि निकिता के मुँह में ही अपना माल निकाल दूं … पर मैंने ऐसा नहीं किया.
थोड़ी देर मेरे लंड को चूसने के बाद वह मेरे लंड को अच्छी तरह से चाट भी रही थी और मेरे गोटों को भी बीच बीच में अपने मुँह में ले रही थी.
इस कारण मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसके बाल पकड़ कर उसे बेड पर उल्टा लिटा दिया.
औंधे लेटने से उसकी बड़ी, मुलायम और गोरी गोरी गांड मेरे सामने आ गयी.
मैं बिना देर किए उसकी गांड के छेद को चाटने लगा.
उसने दोबारा से कहा- आह राज, प्लीज अब बस करो. तुम पहले अपना लंड मेरी चुत में जल्दी से डालो और चोदो मुझे … प्लीज फ़क मी.
वह चुदाई की कहने लगी, तो मैंने अपना लंड उसकी चुत के ऊपर लगा दिया और रगड़ने लगा.
तभी मुझे याद आया कि कंडोम तो है ही नहीं!
मैंने निकिता से पूछा तो उसने तुरंत बेड साइड दराज से एक कंडोम का पैकेट निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया.
मैंने उसमें से एक कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया.
मैंने अब दोबारा से अपना लंड उसकी चुत पर लगाया और धीरे धीरे अपना लंड उसकी चुत में घुसेड़ने लगा.
जैसे ही मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुसा, निकिता खुद ही थोड़ा चौड़ी होकर और कमर को पीछे करके मेरा पूरा लंड अपनी चुत में घुसवाने लगी.
मेरा लंड भी उसकी गुलाबी चुत को चीरता हुआ उसकी चुत की जड़ में चला गया.
मुझे तो ऐसा लग रहा था, जैसे उसकी चुत में कुछ गर्म पानी रखा हो और मेरे लंड को एकदम से मसाज मिलना शुरू हो गई हो.
अब मैं भी अपना लंड आगे पीछे करके उसे अन्दर तक घुसेड़ घुसेड़ कर मजा लेने लगा और निकिता भी अपनी गांड को हिला हिला कर चुदाई का मजा लेने लगी.
कुछ मिनट तक में उसे उसी पोजीशन में चोदता रहा.
फिर मैंने उसे सीधा किया और अपना लंड उसकी चुत में दोबारा एक झटके से पेल दिया.
इससे उसे और भी ज्यादा जोश आने लगा.
उसने अपने पैर मेरी कमर के पीछे से लेकर मुझे जकड़ लिया.
वह मुझे अपनी चुत पर दबाने लगी ताकि मैं उसे और अन्दर तक चोद सकूँ.
मैंने उसके मम्मों पर अपने दोनों हाथ रख और उसके बूब्स दबा दबा कर उसे चोदने लगा.
वह भी एक गैर मर्द के लंड से चुदने का मजा लेने लगी.
फिर मैंने अपने हाथ उसके बूब्स से हटाकर उसकी जांघों को और फैलाया ताकि उसे और अन्दर तक चोद सकूँ.
अब मेरी भी स्पीड बढ़ गई थी, जिस कारण उसके बूब्स अब और तेज तेज ऊपर नीचे हो रहे थे.
मुझे तो अभी भी ऐसे ही लग रहा था कि मैं किसी रशियन लौंडिया को चोद रहा हूँ.
उसके बड़े बड़े और गोरे दूध ऊपर नीचे हो रहे थे तो उसने अपने दोनों हाथों से अपने मम्मों को पकड़ कर रखा था.
मैंने उसकी टांगों को हवा में पकड़ रखा था और ताबड़तोड़ उसकी चुत चोद रहा था.
कुछ पांच मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में खूब मजे से चोदा और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया.
अब मेरा काम होने वाला था यानि मेरा पानी निकलने वाला था.
निकिता का पानी पहले ही निकल गया था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और निकिता को दोबारा से अपना लंड मुँह में लेने को कहा.
वह समझ गयी कि मेरा पानी अब आने वाला है, तो उसने तुरंत मेरे लंड से कंडोम निकाला और लौड़े को अपने मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.
कुछ ही पलों में मेरा पूरा पानी उसके मुँह में गिरने लगा तो उसने भी बिना लंड को बाहर निकाले मेरा पूरा रस अपने गले में उतार लिया और मेरे लंड को पकड़ कर निचोड़ने लगी.
उसने मेरे लौड़े की एक एक बूंद को को निचोड़ कर खा लिया था और लौड़े को चाटने लगी थी.
इस सब में हम दोनों बहुत थक गए थे तो मैं भी गिर गया और उसी की बाजू में पड़ा रहा.
हम दोनों भी लम्बी लम्बी सांसें ले रहे थे.
निकिता के चेहरे पर एक संतुष्ट भाव साफ दिख रहा था और मेरा भी यही हाल था.
थोड़ी देर पड़े रहने के बाद मैंने निकिता से पूछा- कैसा लगा ये सेशन?
तो उसने अपनी आंखें बंद करके कहा- यार बहुत मजा आया. आज तक ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया, तुमने तो मेरा पूरा बदन ही तोड़ कर रख दिया!
मैंने भी हंस कर कहा- तो तुम सीख गयी न कि कैसे करना होता है!
इतना बोल कर मैंने अपना एक हाथ दोबारा उसके बूब्स पर रखा और उसके नर्म गर्म बूब्स को सहलाने लगा.
तो वाइफ’स पोर्न फ्रेंड बोली- हां सही मैं मैं पूरी तरह से सीख गयी हूँ कि कैसे चुदाई का मजा लिया जाता है. मैं नितिन को भी सिखा दूंगी.
इतना कह कर हम दोनों हंसने लगे.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर बेडरूम से बाहर आ गए.
जब मैं अपने घर जाने लगा तो मैंने दोबारा निकिता को अपनी बांहों में भरा और उसके होंठों पर एक फ्रेंच किस किया.
उसने भी अच्छी तरह से मुझे किस किया.
मैंने कहा- एक और बात सीखनी है, जो आज तक नहीं सीखी तुम!
निकिता थोड़ा संकोच में आयी और बोली कि अब और क्या सीखना बाकी है?
मैंने कहा कि वह अगली ड्राइविंग क्लास में सिखाऊंगा!
इतना कहकर मैंने उसे बाय कहा और वहां से निकल कर अपने घर आ गया.
अगली बार की ड्राइविंग क्लास में मैंने निकिता की गांड का सीलबंद छेद भी कैसे खोला, उससे गांड चुदवाने के लिए क्या क्या तैयारी करवाई, ये आपको जल्द ही लिख कर बताऊंगा.
मैंने निकिता को क्या नया सिखाया ये जल्द ही आपको पता चलेगा.
मेरी वाइफ’स पोर्न फ्रेंड चुदाई कहानी को समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद.
ये सेक्स कहानी आपको कैसी लगी जरूर लिखना.
[email protected]