पड़ोसन भाभी के साथ चुदाई का मजा- 2

सहेली के साथ लेस्बीयन सेक्स कैसे किया था मेरी मकान मालकिन भाभी ने … ये सब खुल कर विस्तार से मुझे बताया. फिर एक दिन भाभी ने उस सहेली को बुलाया.

हैलो फ्रेंड्स, मैं राजू, आपको अपनी मकान मालकिन भाभी और उनकी सहेली पिंकी भाभी की चुदाई की कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ.
पिछले भाग
भाभी की चूत चुदाई वाइब्रेटर के संग
में अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी ने अपनी गांड में वाइब्रेटर लेकर मुझसे चुदवाया था.

अब आगे सहेली के साथ लेस्बीयन सेक्स:

मैंने भाभी से पूछा- मजा आया भाभी?
भाभी बोलीं- अरे यार आज तो बस ये समझो कि चूत की मां चुद गई.

अब तक वाइब्रेटर की बैटरी भी खत्म होने वाली थी, तो उसे बंद करके गांड के अन्दर ही रहने दिया.

कुछ देर बाद भाभी उठीं, लेकिन जैसे ही भाभी उठीं और मैंने अपना बदन दूध से गीला पाया, मैं भाभी के चूचों पर टूट पड़ा.
इस वक्त हम दोनों ही बहुत थक चुके थे, तो भाभी मेरे बगल में लेट गईं और बोलीं- अब पी लो.

मैंने भी पूरे मन से भाभी का दूध चूसना चालू कर दिया और जल्द ही दोनों को खाली कर दिया.
आज बहुत थक जाने के कारण … और नींद भी पूरी नहीं थी, तो मैं वैसे ही सोने लगा.

भाभी भी थोड़ी देर ऐसे ही पड़ी रहीं और मेरे लंड को हाथ से सहलाने लगीं.

अभी सुबह के करीब 10 बज चुके थे, मैं वहीं सो गया.
भाभी भी थोड़ा आराम कर के उठ गईं.
उन्होंने सारा कुछ सही किया, फिर कपड़े चेंज करके अपने बेटे के पास चली गईं.

मैं वहीं सोया रहा.
करीब 12 बजे मेरे मोबाईल में अलार्म बजा, तो भाभी ने जगाया.

भाभी बोलीं- उठ गए, तेरे मोबाइल का अलार्म या घंटी, पता नहीं क्या बज रहा है. जाकर देख ले.
मैं तुरंत उठा और जल्दी से अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में जाकर मोबाइल देखा.

उसमें 3 मिस्ड काल थीं. तीनों कॉल मेरी कम्पनी ऑफिस से थीं.

मुझे याद आया कि आज तो 12:30 पर मीटिंग थी.
मैं जल्दी से सही करके मीटिंग अटेंड करने पहुंचा और उधर से बहाना मार कर जल्दी ही बाहर हो गया.

फिर मैं भाभी के रूम में आया तो भाभी मुझे देख कर मुस्करा कर बोलीं- थैंक्यू … आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया. और आज तो तूने मुन्ना के लिए भी दूध नहीं छोड़ा, उसे पैकेट का दूध पिलाना पड़ा.
मैंने बोला- भाभी कौन सा वाला मुन्ना? इस पर भाभी हंसने लगीं.

मैं भाभी के बगल में बैठ गया और उन्हें किस किया.
फिर कुछ बातें हुईं.

मैंने पूछा- भाभी, क्या हुआ था, आपके और पिंकी भाभी के बीच में, जो आप बता रही थीं.

भाभी ने मुझे अपनी सारा राज बताया:
पिंकी का बच्चा जब लगभग 2 महीने का रहा होगा तब पिंकी के बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था और डॉक्टर ने बच्चे को कुछ दिन दूध पीने के लिए मना किया था क्योंकि दवा खाने से उसको दूध नुकसान कर सकता था.
फिर करीब 10 दिन बाद, जब उसने अपने बच्चे को दूध पिलाना शुरू किया, तो बच्चा सही से दूध नहीं पी पा रहा था. इसलिए वो अपने बेबी को ज्यादातर बकरी का दूध पिलाने लगी थी.
करीब एक महीने तक ऐसे ही चलता रहा लेकिन अभी उसका दूध पूरा बन रहा था और वो निकल नहीं रहा था तो डॉक्टर ने उसे सक करके निकलने को बोला.
फिर पिंकी ने मुझे ये सब बताया तो मैं उसकी मदद करने के लिए राजी हो गई.
एक दिन जब उसकी सास कहीं गई हुई थी, तो मैं उसके घर गई और उसका सारा दूध अपने मुँह से चूसकर निकाला.
उसका स्वाद नमकीन पानी जैसा लग रहा था. फिर करीब 5 से 6 बार और निकाला होगा.
तब मेरा 7 वां महीना चल रहा था तो मैंने ये सब छोड़ दिया. फिर जब मेरा मुन्ना हुआ, तब मेरा दूध बहुत ज्यादा बन रहा था. मुन्ना भी कितना दूध पीता. मुझे शुरू में कुछ नहीं लगा, लेकिन जब मुन्ना 10 दिन का रहा होगा, तब मेरे राइट वाले ब्रेस्ट में दर्द होने लगा. मैंने ये पिंकी को बताया और हम दोनों डॉक्टर के पास गए.

डॉक्टर ने बताया कि आपका दूध बहुत ज्यादा बन रहा है और अभी वो पूरा निकल नहीं पा रहा है, तो वो अन्दर ही अन्दर जम कर दर्द करता है. आप इसे हाथ से या किसी पंप से निकल लिया करें. स्तन की तेल से मसाज कीजिए और गर्म पानी से थोड़ा सेंका कीजिए.

मैं भाभी की बातें बड़ा रस लेकर सुन रहा था.

भाभी- फिर रास्ते में पिंकी ने बोला कि तुम चिंता मत करना, मैं मुँह से निकाल दूंगी. फिर जैसे ही तेरे भैया ऑफिस जाते और मेरी सास कहीं जातीं, तो मैं पिंकी को बुला लेती.
पहले दिन पिंकी अपने बच्चे को लेकर आई और अपने बच्चे को एक तरफ लिटा दिया. उसने मुझसे लेटने को कहा.
मैं लेट गई. वो किचन से गर्म पानी लाई और मेरा ब्लाउज खोल कर मेरी चूचियों की सिकाई करने लगी. फिर तेल लगाकर, अपने उंगलियों से मेरे निप्पल मींजती हुई सहलाने लगी.
ऐसे में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसके ऐसा करने से मेरे मम्मे भी दूध की धार छोड़ने लगे.
ऐसा देख कर पिंकी बोली कि यार तेरे मम्मों में तो बहुत दूध है.
तभी उसका बच्चा जाग गया. उसकी आवाज सुनकर वो मेरे पास ले आई और मेरे बगल में लेटा कर मेरी चूची को मुँह में ले लिया और उसे पीने लगा.
उसका बेबी थोड़ा बड़ा हो गया था, इसलिए वो तेजी से दूध खींच रहा था और मुझे भी मजे आ रहे थे तो मैंने भी कुछ नहीं किया.
पिंकी बोली- चल इसे भी बहुत दिन बाद छाती का दूध पीने मिल गया.
फिर उसका बेबी मेरा दूध पीकर सो गया. पिंकी अभी भी मसाज ही कर रही थी.
अब पिंकी ने मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर उसे पीना शुरू कर दिया.
वो थोड़ा तेजी से खींच रही थी तो मुझे अन्दर से थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मैं कुछ नहीं बोली.
जब उसने एक मम्मे को पूरा खाली कर दिया, तो मुझे बहुत रिलैक्स लगा.
फिर उसने दूसरे को भी पीकर खाली किया.
मैं उठी तो देखा कि मेरे दोनों चूचे अब उतने तने हुए नहीं थे. मुझे बहुत आराम लग रहा था, लेकिन थोड़ा अन्दर से दर्द भी हो रहा था.
फिर पिंकी अपने घर चली गई.
कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा.
एक दिन पिंकी आई और वो मालिश करने लगी तो वो मेरे पेट पर भी तेल लगाने लगी.
मेरी सांसें तेज होने लगीं.
वो बारी बारी से मेरे दोनों दूध पीने लगी और वो भी तुम्हारी तरह मजे लेने लगी.
फिर धीरे से उसने एक हाथ मेरी चूत में दे दिया.
मैंने भी कुछ नहीं किया, मेरी चूत भी पूरी गीली थी. वो मेरी चूत में उंगली करने लगी और सलवार में ही झड़ गई.
पिंकी मेरा मुँह देख कर हंसने लगी और बोली कि कैसा लगा?
मैंने भी तुरंत उसे लिटा कर, उसकी सलवार को ऊपर किया और उसकी चूत में उंगली करने लगी.
पिंकी भी मादक सिसकारियां भरने लगी. मुझे पिंकी की चूत बहुत सुंदर लगी, गुलाबी गुलाबी फूली हुई, आगे से बंद, पूरी कुंवारी चूत लग रही थी.

ये सब सुनकर मेरा तो फिर से भाभी को चोदने का मन करने लगा तो मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और एक हाथ उनकी चूत में दे दिया, उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
उनकी चूत पूरी गीली थी.

मैंने उनका दूध पीने के लिए जैसे ही मुँह लगाया तो वो बोलीं- अभी मत पियो, अभी मुन्ना भूखा होगा और घर में दूध भी नहीं है तो दिक्कत हो जाएगी.

तभी भाभी मुन्ना को लेकर आईं और उसे अपना दूध पिलाने लगीं.

मैंने भाभी से आगे की कहानी बताने को कहा.
भाभी अपना दूध पिलाती हुई फिर से शुरू हो गईं:

तो मैं उसे उंगली के साथ साथ चाटने भी लगी, उसे बहुत अच्छा लगा. बेचारी कई दिन से बिना चुदी जो थी, उसका पति बच्चा होने के एक महीने बाद बाहर चला गया था.
पिंकी बस कामुक सिसकारियां लिए जा रही थी और अपने मम्मे भी दबा रही थी. फिर वो भी झड़ गई और हम दोनों ने एक दूसरे को देख कर स्माइल दिया.

फिर जब पिंकी कपड़े पहनकर जाने लगी, तब उसने थैंक्स किया और चली गई.

अगली बार, हम दोनों साथ में ही लेस्बियन पोर्न देखा, तो उसमें वाईब्रेटर था.
पिंकी ने उस दिन अपने हसबैंड से बोलकर वाइब्रेटर ऑर्डर करवा दिया और हम दोनों फिर एक दूसरे के साथ सेक्स किया.

अगली बार पिंकी वाइब्रेटर के साथ आई और मेरे ऊपर टूट पड़ी. हम दोनों ने एक दूसरे के साथ वाइब्रेटर के साथ मजे किए.
ऐसा हमने कई बार किया था.
बस यही थी मेरी और पिंकी की लव स्टोरी.

ये सब सुनने के चक्कर में मैंने भाभी की चूत में उंगली करना बंद कर दिया था, तो भाभी बोलीं- क्या हुआ, तुम क्यों रुक गए?
मैंने तुरंत उनको नंगी किया और उन्हें घोड़ी बना कर फिर से चोदने लगा.

भाभी- उह आज लगता है मार के ही मानोगे … आह … सी सी उह.
मैंने भी भाभी की चूत चोदना चालू रखा और 10 मिनट में ही झड़ गया.

भाभी अभी भी गर्म थीं तो वो बोलीं- अरे यार अब ऐसे बीच रास्ते में मत छोड़ा करो.
उन्होंने तुरंत मेरा लंड मुँह में ले लिया और उसे चूस चूस कर खड़ा कर दिया.

फिर मैं भाभी को करवट में लिटा कर चोदने लगा और उनके पेट पर हाथ फेरने लगा.

अब भाभी का भी काम तमाम होने वाला था तो भाभी भी खूब तेज तेज सिसकारियां भरे जा रही थीं और खूब छटपटा कर अपनी वासना को दिखा रही थीं.
अब भाभी मुझे तेजी से पकड़ कर करने को बोलने लगीं.

मैंने उन्हें पेट से कसके पकड़ा और तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.
उसी वक्त भाभी का भी पूरा माल निकल गया और वो मेरी तरफ मुँह करके लेट गईं.

मैं भी उनके तने हुए चूचे देख कर एक पल के लिए भी नहीं रुका और उन्हें फिर से पीने लगा.
भाभी मादक आवाज में बोलीं- आंह … आज के जैसे मैं कभी नहीं चुदी हूँ.

अब 3 बजने वाले हो गए थे तो भाभी बोलीं- तुम जल्दी से कुछ खाना खा लो और वाइब्रेटर को अपने रूम में ले जाओ. पिंकी 4 बजे दादी को साथ लाने की बोल रही थी.

मैंने वैसे ही किया और कमरे में आ गया.
पिंकी भाभी साढ़े चार बजे आईं और उनके साथ दादी भी आ गईं.

भाभी ने उन्हें एक बैग में वाइब्रेटर रख कर दे दिया.
पिंकी भाभी ने आंख दबा कर उनसे पूछा- ज्यादा परेशान तो नहीं किया लल्ला ने?

भाभी भी हंस कर जबाब दिया- नहीं पिंकी, लल्ला ने बड़ा खुश किया.
फिर पिंकी भाभी अपने घर चली गईं.

मैं भी रूम में जाकर जल्दी ही सो गया और अपना कुछ सामान लेकर अगले दिन कम्पनी चला गया.

कम्पनी से मुझे ज्यादा टाइम नहीं मिल पाता. कम्पनी में मैनपावर कम होने से हमें 15-16 घंटे काम करना पड़ता और मीटिंग अलग से.

मैं इतना ज्यादा व्यस्त हो गया कि फोन भी नहीं देख पाता और आए हुए मैसेज का भी रिप्लाई बहुत कम दे पाता था.

इसी वजह से भाभी से मेरी अगले 10 दिनों तक कुछ ज्यादा बात नहीं हुई और काम के चलते, न ही कभी उनका ख्याल आ पाया.

जब मेरी टीम का दस दिन पूरा हुआ तो मैं बिना भाभी को बताए घर आ गया.
मैं घर पहुंचा तो देखा कि मेन गेट अन्दर से बंद है.
भाभी को कॉल भी किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

मैं गेट खटखटाने लगा तो भाभी नाइटी पहने हुए बाहर आईं.
उनको देख कर ऐसा लगा कि उन्होंने अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ है, बस नाइटी ही पहनी है. उनके बाल भी थोड़े फैले हुए थे.

भाभी मुझे देख कर खुश हो गईं और गेट खोल कर धीरे से बोलीं- अन्दर पिंकी को लिटाया है और वाइब्रेटर भी साथ में है. अगर मन हो, तो मौका देख कर जल्दी से आ जा. मैं अपना दरवाजा थोड़ा खुला रखूंगी.

मैं एकदम खुश हो गया कि आज आते ही जन्नत का नजारा मिल रहा है.
भाभी ने गेट खोलकर मुझे अन्दर किया और फिर से बंद कर दिया.

मैंने अन्दर जाकर देखा कि पिंकी भाभी हरे रंग की नाइटी पहन कर अन्दर से दरवाजे से झांक रही हैं.

मेरे रूम का एक दरवाजा बाहर से था और एक अन्दर घर में था, तो मैं बाहर वाला दरवाजा खोल कर अपने रूम में चला गया. कमरे में जाकर पहले मैं फ्रेश हुआ और जल्दी से नहाया.
फिर मैं सोचने लगा कि अन्दर क्या बहाना लेकर जाऊं.

अभी मैं सोच ही रहा था कि मुझे वाईब्रेटर की कंपन की आवाज आने लगी. ऐसा लग रहा था कि भाभी जानबूझ कर उसे फुल स्पीड पर चला रही थीं.
फिर कंपन की आवाज कम हो गई.

मुझे लग रहा था कि मेरा अन्दर का दरवाजा बंद है, लेकिन जैसे ही मैंने खोला वो खुल गया.
मैं समझ गया कि ये भाभी ने ही किया होगा.

मैं बहुत धीरे से दरवाजा खोला और सामने से पानी की बोतल लिया और सीधे भाभी के रूम के सामने आ गया.

दरवाजे को देखकर मैं समझ गया कि ये अन्दर से बंद नहीं है.
लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि उसे खोला जाए.
मेरी सांसें भी तेज हो गई थीं.

वाइब्रेटर की आवाज भरपूर आ रही थी.

मैंने गहरी सांस ली और दरवाजा खोला, मेरी आंखें फटी रह गईं.
अन्दर झांक कर मैंने देखा कि भाभी और पिंकी भाभी दोनों एकदम नंगी थीं. भाभी लेट कर अपना दूध पिंकी भाभी के बच्चे को पिला रही थीं और पिंकी भाभी उनकी चूत में वाईब्रेटर अन्दर बाहर करके, अपनी चूची खुद दबा रही थीं.

मुझे देख कर दोनों भाभियों ने सेक्सी स्माइल दी और भाभी बोलीं- बहुत लेट कर दी आने में, हम कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे थे … और ये बोतल किस लिए?
मैं- भाभी पानी लेने आया था.
इसे दोनों मुझ पर हंसने लगीं.

पिंकी भाभी- अरे, जब दूध मिल रहा हो तब पानी का क्या काम. और ये तो तुम्हारी बहुत तारीफ कर रही थी. आज मैं भी तो देखूं कि तुम मेरी प्यास कैसे बुझाते हो?
भाभी- हां क्यों नहीं, लल्ला और इसकी जोड़ी तो किसी को भी जन्नत की सैर करा देगी.

मैं ये सब बस खड़े होकर सुन रहा था क्योंकि मैं तो ये सोच कर आया था कि पिंकी भाभी को मेरे और भाभी के बारे में नहीं पता है और लेकिन यहां तो सब पहले से सैट है. यानि भाभी ने सब पहले की रास्ता साफ कर दिया था.

भाभी- अरे अब खड़े क्यों हो, मन नहीं है क्या?
पिंकी भाभी- अरे यार आज बहुत दिन बाद लंड लेने का मौका मिला है, मना मत करना.

मैं- भाभी … लेकिन दोनों एक साथ?
भाभी ने बच्चे को दूर किया और मेरे सामने आ गईं.
उन्होंने मुझे बैठाया और बोलीं- तू चिंता क्यों कर रहा है, हम है न.

ये बोल कर वो मुझे किस करने लगीं.
मैं अपने हाथ से उनकी गर्दन पकड़ कर उनके होंठ पीने लगा.

ये सब पिंकी भाभी बड़ी वासना से देख रही थीं.
उनसे भी न रहा गया और वो दोनों बच्चों को नीचे बिठा कर पास आ गईं.

अब भाभी ने मुझे लिटा दिया और बोलीं- आज पहले दूध नहीं पिएगा क्या?
इतना कह कर भाभी खुद डॉगी स्टाइल में मेरे ऊपर आ गईं और अपने लटकते हुए मम्मे मेरे मुँह के सामने कर दिए.

मैंने भी तुरंत उनके एक निप्पल को पीना शुरू कर दिया और अपने हाथों से उनके पेट और पीठ को सहलाने लगा.

सच में आज मुझे एक साथ दो चूत चोदने का मौका पहली बार मिल रहा था.
वो सब कैसे हुआ, कहानी के अगले भाग में लिखूंगा.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
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सहेली के साथ लेस्बीयन सेक्स कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी के साथ चुदाई का मजा- 3