पंजाबी भाभी चूत चुदाई कहानी में मैं सुबह सैर पर एक भाभी को देखता और पसंद करता था. एक दिन वह अकेली थी तो मैंने उससे बात कर ली. उसी रात मैं उसके बिस्तर पर था.
दोस्तो, मेरा नाम गौरव शर्मा है (काल्पनिक नाम)।
मैं पंजाब का रहने वाला हूँ।
ये मेरी पहली कहानी है।
ये पंजाबी भाभी चूत चुदाई कहानी आज से तकरीबन 5 साल पुरानी है, जब मैं सुबह-सुबह उठकर मॉर्निंग वॉक पर जाया करता था।
वहाँ मैं अपने पड़ोस की एक भाभी को रोज देखता था, जो अपनी सहेली के साथ सैर करने आया करती थी।
मैं रोज उन्हें देखता, नमस्ते में सिर हिलाकर विश करता और आगे निकल जाता।
लेकिन उस दूसरी भाभी, जिसका नाम पूनम है, उसे देखकर मेरे मन में बहुत से जागे हुए अरमान उठते थे, जिन्हें मैं सुलाकर आगे बढ़ जाता था।
पूनम भाभी देखने में बहुत मस्त थी।
उनकी उम्र लगभग 32-33 साल थी।
रंग गोरा, शक्ल बहुत सुंदर और ऐसी कातिलाना अदाएँ कि किसी का भी ईमान डोल जाए।
दोस्तो, एक दिन पूनम भाभी अकेली सैर करने आईं।
मैंने मौका न गँवाते हुए उन्हें बहाने से बुलाया और पूछा, “आज सुनीता भाभी नहीं आईं? क्या बात हुई?”
उन्होंने हिचकिचाते हुए कहा, “आज उनकी तबीयत ठीक नहीं है, तो वो नहीं आईं!”
इतना कहकर पंजाबी भाभी चुप हो गईं.
लेकिन मेरे मन को शांति कहाँ मिल रही थी।
मैंने कहा, “अगर मैं आपके साथ सैर कर लूँ, तो आपको कोई आपत्ति तो नहीं?”
उन्होंने कुछ न बोलते हुए हल्का सा सिर हिलाया।
फिर क्या था, मैं उनसे बातें करने लगा।
मैंने उनका नाम पूछते हुए कहा, “भाभी, आपकी स्किन कितनी चमकदार है!”
उन्होंने जवाब दिया, “अरे, मैं एक ब्यूटी पार्लर चलाती हूँ, तो इतना तो ख्याल रखना पड़ता है!”
मैंने तुरंत बहाने से उनके गाल को छूकर कहा, “आपकी स्किन सच में बड़ी सॉफ्ट है!”
ऐसा करने पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई।
मेरा हौसला बढ़ गया।
मैंने ज्यादा देर न करते हुए कह दिया, “भाभी, मैं आपको बहुत दिनों से फॉलो कर रहा हूँ! आप मुझे बहुत पसंद हो!”
वो बोलीं, “मुझे सब पता है, गौरव!”
उनके मुँह से अपना नाम सुनकर मैं हैरान रह गया।
फिर उन्होंने कहा, “मैं और सुनीता तुम्हारे बारे में कई बार बात कर चुकी हैं!”
मुझे और हिम्मत मिली।
मैंने कहा, “भाभी, अब पता नहीं अपनी बात हो या न हो, आप बुरा न मानें, तो अपना नंबर दे दो!”
उन्होंने तुरंत अपना नंबर दिया और कहा, “9 बजे के बाद कॉल करना!”
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
जैसे ही 9 बजे, मैंने भाभी को कॉल किया।
उन्होंने कॉल उठाते ही कहा, “गौरव जी, समय के बहुत पाबंद हो!”
वो हँसने लगीं।
थोड़ी देर हमने बात की।
मैंने उनसे मिलने की विनती की।
वो थोड़ा हिचकिचाते हुए बोलीं, “अच्छा, आना है तो अभी आ जाओ! जल्दी!”
ये सुनते ही मैं उनके घर की तरफ निकल पड़ा।
मुझे बहुत डर लग रहा था और बेचैनी भी थी।
जैसे ही उनके घर पहुँचा, मैंने कॉल किया।
उन्होंने कहा, “दरवाजा खुला रखा है, सीधे अंदर आ जाओ!”
जैसे ही मैं अंदर गया, देखा कि भाभी सामने खड़ी थीं और मुस्कुरा रही थीं।
मैंने डरते हुए हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया।
उन्होंने हाथ मिलाया और बैठने को कहा।
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
मैंने बिना कोई बात किए और बिना देर किए उन्हें अपनी बाहों में भर लिया।
भाभी मेरी बाहों में थीं पर थोड़ा नखरा दिखाते हुए बोलीं, “ये क्या कर रहे हो? शर्म करो!”
मैंने कहा, “भाभी, आज मुझे न रोकें! बहुत दिनों से ये तमन्ना थी मेरी!”
इतना कहते ही मैंने भाभी की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया।
अब भाभी को भी मज़ा आने लगा।
वो मेरा साथ देने लगीं।
पंजाबी भाभी चूत चुदाई का रास्ता पूरा खुल चुका था.
मैंने उन्हें अपनी तरफ घुमाया और लिप किस किया।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं और मुझे चूमने लगीं।
अचानक वो उठीं और दरवाजा बंद करके आईं, फिर मुझे कसकर पकड़ लिया।
अब सब कुछ मेरे हिसाब से हो रहा था।
मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और उनके बेडरूम में ले गया।
उन्हें पलंग पर लिटाया और कहा, “भाभी, अब से आप मेरी हो!”
वो बोलीं, “जान, अब भाभी नहीं, सिर्फ पूनम कहो!”
ये सुनते ही मैं और जोश में आ गया।
मैंने उनका ट्रैक सूट की जैकेट खोली और ब्रा खोलते ही उनके सख्त 36 साइज़ के बूब्स को चूसने लगा।
पूनम सिसकारियाँ लेने लगीं और मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाने लगीं।
मैं एक हाथ उनकी लोअर में डालकर पैंटी के अंदर उनकी फुद्दी सहलाने लगा।
अब वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं।
उन्होंने मेरे लोअर में हाथ डाला और मेरा लंड, जो लोहे की तरह तना हुआ था, महसूस किया।
वो बोलीं, “जान, और न तड़पाओ! अब डाल दो अपने लौड़े को मेरी चूत में!”
मैंने तुरंत अपना लंड निकाला और चूत के मुँह पर रखकर सहलाने लगा।
पूनम कामुक आवाज़ें निकालने लगीं, “आह जानू, डाल दो जल्दी से! अब और सहन नहीं हो रहा!”
ये सुनते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया और चोदना शुरू कर दिया।
पूनम की चीखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
हम दोनों अपनी अलग दुनिया में थे।
लगातार 20 मिनट की चूत चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और नंगे लेट गए।
पूनम बोलीं, “आज बहुत दिनों बाद चुदवाने में इतना मज़ा आया! मेरे पति अपने काम में बहुत व्यस्त रहते हैं!”
मैंने कहा, “बेबी, दूसरा राउंड शुरू करें?”
ये सुनते ही वो मुस्कुराईं और फट से तैयार हो गईं।
वो पलंग से उतरकर जमीन पर बैठ गईं और मुझे खड़े होने को कहा।
फिर मेरा लंड पकड़कर चूमने लगीं।
उनके चूमने से मुझे स्वर्ग का अहसास होने लगा।
मैंने सोचा, ये तो मेरी ख्वाहिश थी, लेकिन कहने में संकोच करता रहा।
पूनम ने मेरा लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
चूसते-चूसते वो लालच भरी निगाहों से मेरी तरफ देख रही थीं।
कुछ देर लंड चूसने के बाद वो फिर से चुदवाने के मूड में आ गईं।
मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर लगातार चोदा।
वो चिल्ला-चिल्लाकर चुदवाने का मज़ा ले रही थीं।
15-20 मिनट बाद जब मेरा माल निकलने वाला था, वो बोलीं, “ये माल मेरी चूत में नहीं, मेरे मुँह और चूचियों पर निकालो!”
मैंने वैसा ही किया।
चुदाई समाप्त होने के बाद वे मेरी बाहों में लेट गईं और बोलीं, “जानू, मज़ा आ गया! मैं तो कब से चाहती थी कि तुम मिलो, आज वो सौभाग्यशाली दिन आया!”
उसके बाद हम बहुत बार मिले।
फिर सुनीता भाभी को सब पता चल गया।
उसके बाद की कहानी फिर कभी बताऊँगा।
फिलहाल इतना ही।
ये मेरी पहली कहानी है।
गलतियों के लिए माफी।
आपको मेरी पंजाबी भाभी चूत चुदाई कहानी कैसी लगी? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।
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