मेरी पड़ोसन भाभी के साथ सेक्स का जुगाड़- 3

इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई का मौक़ा मुझे मिला तो मैंने देर नहीं की और भाभी को नंगी करके चोद दिया. लेकिन उससे पहले मैंने भाभी को ओरल सेक्स का मजा भी दिया.

मैं विहान फिर से आपके लिए पड़ोसन निशा भाभी कि चुदाई की कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई कहानी के पिछले भाग
पड़ोसन भाभी को चुदाई के लिए तैयार किया
में अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी मेरे साथ सुहागरात मनाने के लिए दुल्हन का लिबास पहनने बाथरूम में चली गई थीं.

मैं भाभी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था.

अब आगे इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई:

कुछ देर बाद भाभी तैयार होकर आ गई. भाभी बेड पर दुल्हन की तरह घूंघट निकाल कर बैठ गईं.

मैं भी भाभी के पास आ गया और मैंने घूंघट उठाया और उन्हें मस्त निगाहों से देखने लगा.
भाभी सर झुकाए किसी नववधू की बैठी थीं.

मैंने उनके माथे पर किस किया और उनकी ठोड़ी उठा कर उनकी आंखें में देखने लगा.
निशा भाभी ने मुझे देखते हुए बगल में रखा दूध का गिलास दे दिया.

अब चुप रहना मुश्किल था. मैं और निशा भाभी खड़े हो गए और स्मूच करने लगे. करीब 15 मिनट तक हमारी स्मूच चली.

फिर मैंने निशा भाभी को बेड पर लेटा दिया और उन्हें चूमने लगा. उनके तने हुए मम्मों को दबाने लगा.
इससे निशा भाभी का भी जोश बढ़ने लगा और हमारे बीच वाइल्ड स्मूच होने लगी. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को खाने लगे.

फिर मैंने निशा भाभी की साड़ी हटा कर उनका पेटीकोट ब्लाउज खोल दिया. मेरे सामने भाभी एक ब्लैक कलर की जालीदार ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.

मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी के मम्मों को दबाने लगा.
इतने में निशा भाभी ने मेरी शर्ट निकाल दी.

मैं तो इतना पगाल हो गया था कि मैंने निशा भाभी की ब्रा फाड़ने की कोशिश की मगर जब ब्रा नहीं फटी तो मैं उनके मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
ये नई ब्रा भी साली बड़ी मजबूत थी, इतनी आसानी से कहां फटने वाली थी.

मैंने निशा भाभी को उल्टा किया और उनकी पीठ पर किस करते हुए सहलाने लगा. साथ ही भाभी की ब्रा के हुक को खोल दिया.

अब निशा भाभी उठ कर सीधी हुईं, तो उनकी चूचियां ब्रा की कैद से आजाद हो चुकी थीं.

भाभी के नंगे मम्मों को देखते ही मैं उन पर टूट पड़ा और पागलों की तरह मम्मों को काटने लगा. मैंने भाभी के दोनों मम्मों को काट काट कर लाल कर दिए.

अब बारी थी नीचे आने की.

निशा भाभी और मेरी चूमाचाटी एक बार फिर से शुरू हो गई थी. मेरे हाथ ने उनकी चुत को टटोला, तो वो एक काले रंग की पैंटी में मेरे सामने पड़ी थीं. मैं जोर जोर से उनकी चुत मसल रहा था और वो फुल जोश में मुझे चूम रही थीं.

हम दोनों एक बार फिर से खड़े हो गए.
उनकी बारी आ गई थी. उन्होंने भी मेरी पैंट में हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया और रगड़ने लगीं.

चुदाई के खेल का आगाज हो गया था और चुत और लंड पर पहुंच चुका था.
पर चुत लंड का मिलन अभी दूर था.

भाभी को लंड सहलाने में प्राब्लम हो रही थी, तो उन्होंने मेरी पैंट निकाल दी.
मैं अंडरवियर में उनके सामने हो गया.

मैंने उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और चुत सहलाने लगा; साथ ही भाभी के मम्मों को भी चूसने लगा.
वो मेरे सिर को पकड़ कर अपने मम्मों में जोर जोर से दबा रही थीं.
मैं समझ चुका था कि अब भाभी गर्म हो चुकी हैं.

मैंने उनको बेड पर चित लेटा दिया और पैंटी खींच कर निकाल दी.
मेरी निशा भाभी मेरे सामने नंगी पड़ी थीं.

मैं एक मिनट तक तो उनकी चुत को देखता ही रहा.

तो उन्होंने पूछा- क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं- सोचा नहीं था कि मैं आपको कभी ऐसे भी देखूंगा.
निशा भाभी- अब देखते ही रहना है … या कुछ करना भी है?

उनके इतना बोलते ही मैं फिर से टूट पड़ा और किस करने लगा. मैं हाथ से भाभी की चुत मसल रहा था और वो सिसकारियां ले रही थीं.

निशा भाभी- ओह विहान मेरी जान मसल दो मेरी चुत! आह अच्छे से मसलो इसे रगड़ दो साली को बहुत परेशान करती है! आह आह ओह … मेरे मम्मों का सारा रस पी जाओ … आह निचोड़ लो इनको सारा … खाली कर दो इनको … ओह ओह … मेरी जान दबाओ मेरे मम्मों को निचोड़ लो इनको.

पूरे रूम में बस उनकी मादक आवाजों और मम्मों को चूसे जाने की आवाज़ ही गूंज रही थी.

काफी देर तक तक यही सब चलता रहा.

फिर उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे अंडरवियर को उतार दिया.
भाभी मेरे लंड के साथ खेलने लगीं.

जब वो लंड के साथ खेल रही थीं तो मैंने कहा- लंड को मुँह में लेकर चूसो न!
निशा भाभी- नहीं, गंदा है ये.
मैं- अरे यार मज़ा आएगा.
निशा भाभी- नहीं.

मेरे ज्यादा फोर्स करने पर वो मान गईं, पर सिर्फ़ एक किस करने के लिए.
मैंने भी सोचा ज्यादा फोर्स नहीं करता हूँ, भाभी एक बार किस तो करें, फिर मुँह में भी ले लेंगी.

मैं खड़ा हो गया और बोला- अपने घुटनों पर बैठो जान.
निशा भाभी- ओके.

उन्होंने मेरे अंडरवियर को अलग किया और लंड को देखने लगीं.

मैं- क्या देख रही हो?
निशा भाभी- तुम्हारा लंड मेरे पति से काफी बड़ा और मोटा है, पता नहीं आज मेरी फुद्दी का क्या होगा?
मैं- होगा क्या … लंड का मज़ा आएगा.

निशा भाभी- मेरी तो जान निकल जाएगी.
मैं- अब ज्यादा सोचो मत जान, लंड को किस करो.

जैसे ही वो लंड को किस करने लगीं. मैंने अपने हाथ को उनके सिर के पीछे रख दिया और जोर से भाभी के सिर को लंड की तरफ खींच दिया, जिससे मेरा लंड भाभी के मुँह में चला गया.
उन्होंने कोशिश तो की कि लंड मुँह से बाहर निकाल दें.

पर मैंने जोर से उनका सिर दबाए रखा और कहा- देखा … कुछ नहीं हुआ मुँह में लेने से.

वो हाथ पांव मारने लगीं, तो मुझे ध्यान आया कि लंड सारा का सारा मुँह में है, तो मैंने थोड़ा सा लंड बाहर निकाला और फिर से अन्दर को एक स्ट्रोक मारा.
इससे लंड उनके गले से जा टकराया और उनकी आंखें मानो बाहर ही आ गई थीं.
मैंने लंड बाहर निकाल लिया.

मैं- अब कोई प्राब्लम मुँह में लंड लेने से?
निशा भाभी- आराम से करो जान … दूसरे स्ट्रोक में तो आपने मेरी जान ही निकाल दी थी. अब जब एक बार ले ही लिया है, तो क्या प्राब्लम होनी है.
मैं- तो चूसो इसको.

निशा भाभी ने झट से लंड को मुँह में भर लिया और रंडियों की तरह लंड चूसने लगीं. सच में भाभी बड़ा मस्त लंड चूसा था. यार आज भी वो पल याद हैं.

तभी मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया, चूस चूस कर निशा भाभी ने मेरा पानी निकाल दिया था.
पर लंड का पानी मैंने उनके मुँह के बाहर ही निकाला था.

फिर थोड़ी देर तक मैंने भाभी के मम्मों को चूसा.

अब उन्हें मज़ा देने की मेरी बारी आ गई थी.
मैंने उन्हें बेड पर सीधा लिटाया और उनकी चुत को धीरे धीरे मसलने लगा.
जिससे वो बहुत गर्म हो गई थीं.

मैंने मौका देख कर उनकी फुद्दी में उंगली पेल दी.
जिससे वो उछल पड़ीं और आवाजें निकालने लगीं- और जोर से करो मेरी जान … आहह … आहह.

उन्हें ऐसे देख कर मैंने फुद्दी में दूसरी उंगली भी डाल दी और चोदने लगा.

करीब दस मिनट में भाभी झड़ गईं.

अब हम दोनों एक दूसरो को देखने लगे और उठ कर स्मूच करने लगे.

निशा भाभी- मजा आ गया जान.
मैं- अभी असली मज़ा तो बाकी है.

निशा भाभी- मतलब फुद्दी लंड का मिलन!
मैं- वो तो है ही … अभी फुद्दी चूसने का मज़ा भी बाकी है जान.

निशा भाभी- नहीं रहने दो यार … बस अब मेरी फुद्दी चोद दो … चुदाई करो, कब से तड़पा रहे हो.
मैं- नहीं, मज़े देने का प्रॉमिस किया था.

निशा भाभी- क्या यार गंदे काम करते हो.
मैं- ज़िंदगी में ऐसा मज़ा पहले कभी भी नहीं आया होगा तुमको.
निशा भाभी- ओके जो मर्जी हो सो करो.

अब हमारी फिर से चूमाचाटी शुरू हो चुकी थी. मैंने उन्हें धीरे से बेड पर लिटा दिया और फुद्दी को मसलकर उन्हें गर्म करने लगा.

थोड़ी देर बाद जब भाभी गर्म हो गईं, तो मैंने उनकी फुद्दी पर एक किस कर दी जिससे वो एकदम से मचल उठीं.

धीरे धीरे मैं उनकी फुद्दी को चाटने लगा जिससे उनकी हालत खराब होने लगी.
भाभी मेरा सिर पकड़ कर अपनी फुद्दी में दबाने लगीं और सिसकारियां भरने लगीं.

निशा भाभी- अह अह अह ओह ओहीई मां मज़ा आ गया, चूसो इसे मेरी जान जोर से पी जाओ इसका सारा का सारा रस … अ आहा चाटो इसे … बहुत मज़ा आ रहा है ओह.

पांच मिनट बाद भाभी झड़ने वाली थीं तो उन्होंने मुझे पीछे को किया और झड़ गईं.
फिर मुझे किस करने लगीं और बोलीं- सच में यार मज़ा आ गया फुद्दी चुसवाने में. मुझे पता ही नहीं था कि इसमें इतना मजा आता है.

भाभी किस करने लगीं.

अब मेरी आग भी ठंडी करने का समय आ गया था तो भाभी ने लंड को पकड़ा और वो मस्ती करने लगीं और लंड चूसने लगीं.

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
भाभी मेरा लंड और मैं उनकी फुद्दी चूसने लगा. हम दोनों फिर एक बार झड़ गए.

झड़ने के बाद हम दोनों एक दूसरे की बांहों में सिमट गए और स्मूच करने लगे.

थोड़ी देर रेस्ट किया क्योंकि हम दोनों काफी थक चुके थे.

समय एक बजे का हो गया था. हमारी आग फिर भड़क गई थी.
लंड फुद्दी के मिलन की बेला आ गई थी.

मैं- अब क्या प्रोग्राम है?
निशा भाभी- अब मिलन करवा ही देते हैं.

मैंने भाभी को चूमा और उनके मम्मों को चूसने लगा. वो भी लंड को सहलाने लगीं.
मेरा एक हाथ उनकी चुत को सहला रहा था. जल्दी ही हम दोनों फिर से गर्म हो चुके थे.

मैंने भाभी को लिटाया और उनकी गांड के नीचे एक पिलो रख कर फुद्दी को चूम लिया.
वो एक बार फिर से उछल गईं, तो मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया.

अब भाभी मचल गईं- मेरी चुत में लंड डालो जान … कब से तड़पा रहे हो अब लंड पेल भी दो यार.

मेरे दिल में था कि भाभी को लंड के लिए तड़पाया जाए. इसलिए मैंने लंड को फुद्दी से टच किया और पीछे कर लिया.

निशा भाभी- यार डाल भी दो लंड फुद्दी में.
मैं- अभी नहीं.

निशा भाभी- डालो न मेरी जान निकल जाएगी.
मैं- आपकी जान तो बच जाएगी, अगर लंड मिल गया तो … मगर मुझे क्या मिलेगा?

निशा भाभी- जो चाहिए ले लेना.
मैं- जब मैं चाहूँ तब मुझे फुद्दी देनी होगी.
निशा भाभी- ओके, अब लंड डालो.

मैंने स्मूच की और मम्मों को कट्टू किया. फिर लंड हाथ में लेकर उनकी फुद्दी के पास बैठ गया.
उनकी फुद्दी सील पैक्ड बुर की तरह ही थी क्योंकि उनकी चुदाई हुए काफ़ी टाइम हो गया था.

मैंने लंड को फुद्दी के छेद पर रखा और धक्का दे दिया, पर लंड चुत के अन्दर नहीं गया और स्लिप कर गया.
वो मचल उठीं- डालो जल्दी अन्दर.

मैंने फिर से लंड को उनकी चुत में लगाया और उनसे कहा- इसे थोड़ा थूक लगा दो, तभी लंड अन्दर जाएगा.

उन्होंने अच्छे से थूक लगाया, तो मैंने भी उनकी चुत को थोड़ा सा चाट कर गीला किया और उनकी फुद्दी पर लंड रख तेज झटका दे मारा.
लंड का टोपा उनकी फुद्दी में अटक गया और वो तड़फ उठीं.

मैंने एक और झटका दिया, तो लंड उनकी फुद्दी को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
वो चीखने लगीं- आह निकालो बाहर इसे … मैं मर गई.

भाभी ने इससे पहले इतना मोटा और लंबा लंड चुत में नहीं लिया था.
मैं बस यूँ ही पड़ा रहा और उन्हें स्मूच करने लगा.

जैसे ही वो नॉर्मल हुईं, तो मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और एक जोरदार स्ट्रोक दे मारा.
जिससे भाभी के मुँह से गाली निकल गई- साले कमीने क्या कर रहा है, चुत है कोई गड्डा नहीं है थोड़ी आराम से कर न.

अब मैंने भी थोड़ी प्यार से लंड अन्दर बाहर करना शुरू किया और वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.

भाभी गर्म सिसकारियां ले रही थीं- अह अह.

दो मिनट बाद मैंने स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और धकापेल चुदाई करना शुरू कर दी.

निशा भाभी- आह और जोर से चोद मुझे … आह और जोर से चोद. आज सारा रस निकाल दे इसका … आह बहुत तंग करती है… बहुत आग लगी है इस चुत में … आह इसकी सारी गर्मी निकाल दे.

इस समय रूम में सिर्फ़ मेरी और निशा भाभी की वासना से भरी हुई सिसकारियां गूंज रही थीं और चुदाई करने की आवाज़ आ रही थी.
जब भी लंड अन्दर जाता, तो फच फच की आवाज़ आती.

कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद मैं बोर होने लगा था.

मैंने भाभी को अपने ऊपर लिया और खुद नीचे आ गया. भाभी को लंड पर बिठा कर उनका मुँह खुद की तरफ कर लिया; मोबाइल उठा कर भाभी कि हिलती चूचियों की रिकॉर्डिंग करने लगा. जो उन्हें भी चाहिए थी और मुझे भी. क्योंकि मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेन्स था इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई का.

करीब 10 मिनट की इस पोजीशन में चुदाई के बाद भाभी झड़ चुकी थीं.
मेरा अभी बाकी था तो मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और चुदाई शुरू कर दी.

करीब पांच मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा- कहां लेना है?
निशा भाभी बोलीं- अन्दर ही डाल दो. बहुत प्यासी है मेरी चुत.

मैंने भी फुल स्पीड कर दी और अन्दर ही झड़ गया. मैं ऐसे ही भाभी के ऊपर लेट गया.

थोड़ी देर बाद उठा और लंड चुत से बाहर निकाला, तो उनसे साफ़ करवाया. एक लम्बा किस किया और एक दूसरे को चिपका कर नंगे ही सो गए.

अभी इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई की कहानी और भी बाकी है. दो दिन चुदाई कैसे चली. उनके मुँह में लंड को झाड़ा और बूब फकिंग … गांड चुदाई … किचन में चुदाई … बाथरूम में चुदाई … ये सब अगली बार में लिखूँगा.

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी प्लीज़ मेल करना न भूलना.
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