पड़ोस की भाभी की चूत चाटी

हॉट भाबी सेक्स कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली माल भाभी की है. उनके पति आर्मी में थे तो वो घर में अकेली रहती थी.एक दिन मेरी किस्मत जागी. कैसे?

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है. मैं लुधियाना में रहता हूं और मेरा अपना कुरियर का बिज़नेस है।

मेरी उम्र 28 साल है और मैं मध्यम दर्जे के शरीर का हूं. मैं न ज्यादा मोटा हूं और न ही ज्यादा दुबला हूं. मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा है जो कि किसी भी भाभी को सम्पूर्ण आनंद तक पहुंचाने के लिए काफी है।

मैं अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मुझे अंतर्वासना की कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

आज मैं आपको जो हॉट भाबी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ यह मेरी पहली और सच्ची घटना है.

ये घटना मेरे साथ उस समय घटी जब मैंने नया नया अपना काम शुरू किया था।
श्रावण का मास चल रहा था. आप सब तो जानते हो कि इस मौसम में बारिश का कुछ भरोसा नहीं होता कि कब बादल बरसने लगें.

मैं उस दिन अपने घर की छत पर घूम रहा था. बादल तो नहीं बरसे लेकिन एक भाभी जरूर बरस गयी.
घूमते हुए मेरी नज़र मेरी पड़ोस वाली भाभी पर पड़ी.

उसका नाम रूबी (बदला हुआ) था और उसके पति फ़ौज में एक उच्च अधिकारी के पद पर कार्यरत थे।

भाभी का फिगर 36-32-38 का था. रंग से एकदम दूध सी गोरी थी. उसकी आंखें हल्के नीले रंग की थीं. गांड काफी फूली हुई थी. उसके चक्कर में गली मौहल्ले के सभी लड़के रहते थे.

सभी उसको चोदने की फिराक में रहते थे क्योंकि पति तो ज्यादातर बाहर ही रहता था इसलिए भाभी को पटाने की जुगत में हर कोई लगा रहता था.
अकेली औरत पर सबके लंड लालायित हो जाते हैं.

उनके पति साल में एक या दो बार ही लम्बी छुट्टी पर आते थे इसलिए भाभी की चूत अक्सर प्यासी ही रहती थी.

उस दिन जब मैं छत पर घूम रहा था तो भाभी मुझे देख रही थी.
मैं भी उनकी ओर ध्यान देने लगा.

इससे पहले भाभी ने कभी मुझसे बात नहीं की थी. मगर उस दिन वो खुद मेरा हाल चाल पूछने आई. फिर बातों ही बातों में उसने मेरा नम्बर भी ले लिया.

भाभी से मेरी फोन पर चैट होने लगी.
जब उसे लगा कि मैं उसके भरोसे के लायक हूं और मैं उसकी बात को कहीं बाहर नहीं बातऊंगा तो वो मुझसे फोन पर बात भी करने लगी.

धीरे धीरे हमारी देर रात तक बातें होने लगीं.
अब भाभी के साथ मैं सेक्स की बातें भी कर लिया करता था.

ऐसे ही हफ्ता भर निकल गया. भाभी की बातों से मुझे पक्का यकीन हो गया था कि वो चुदना चाह रही है.

एक बार भाभी ने मुझे रात को मिलने के लिए बुलाया.
मैं रात को मिलने की बात पर बहुत खुश हो गया. आज शायद जरूर मेरे और भाभी के बीच में कुछ होने वाला था.
मेरा लण्ड रात के बारे में सोच कर सख्त हो गया था।

रात को तकरीबन 10 बजे मैं उनके घर पर पहुँच गया. वहां जाकर मुझे पता चला कि उनके घर में केवल वो और उनकी बेटी ही रहती है.

मैं जाकर भाभी से मिला तो भाभी ने मुझे पास के रूम में बैठने को बोला तो मैं पास के रूम में चला गया।

काफी देर तक मैं प्रतीक्षा करता रहा. 15 मिनट हो गये. वो नहीं आयी.

फिर आधे घंटे के बाद भाभी मेरे रूम में आ गयी. क्या बला की खूसबूरत लग रही थी वो उस वक्त!
उसने गुलाबी रंग की पारदर्शी नाईटी पहनी थी और उसमें उनकी गुलाबी ब्रा और जालीदार पैंटी साफ़ दिखाई दे रही थी।

रूम में आकर भाभी ने दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया.
मैंने कहा- मगर रूबी भाभी … आपकी बेटी?
उसने मेरे पास आकर मेरे होंठों पर उंगली रख दी.

उनके बदन की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी. उनका कोमल जिस्म और उस पर वो पारदर्शी नाइटी में झलकता उनका यौवन.
मैं तो एकदम से किसी और दुनिया में चला गया.

मैंने भाभी की उंगली को अपने होंठों से चूम लिया तो वो मुस्करा दी.
फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे हाथ को अपने हाथ में ले लिया.
दो मिनट तक वो मेरे हाथ को सहलाती रही और मुझे कुछ खाने पीने के लिये पूछती रही.

मगर मैं घर से खाना खाकर आया था और अब बस केवल भाभी की चूत खाना चाहता था और उसकी चूचियों का दूध पीना चाहता था.
मैंने भाभी को भी यही बोला कि मुझे उसकी चूत खानी है और उसकी चूचियों का दूध पीना है.

वो मेरी बात पर जोर जोर से हंसने लगी और मैंने उसको पकड़ कर नीचे बेड पर लिटा लिया.
मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों पर होंठों को रखकर उसको चूमने लगा.

उसने मेरी पीठ पर अपनी बांहें लपेट दीं और चूमने में मेरा साथ देने लगी. उसके हाथ मेरी पीठ पर घूम रहे थे.
उसके होंठ इतने मुलायम थे जैसे गुलाब की पंखुड़ी हों।

मैं भाभी के बोबे को पकड़ कर मसल रहा था और उनके निप्पल को बहुत बेदर्दी से चूम रहा था।

अभी भाभी ने नाइटी नहीं उतारी थी मगर उसकी चूचियों के निप्पल उसकी ब्रा और नाइटी के अंदर भी पूरे तने हुए दिख रहे थे.

एक हाथ से मैं भाभी की चूत को सहला रहा था और वो अपनी टांगें सिकोड़ कर चूत को सहलाने का पूरा मजा ले रही थी.
फिर मैंने उसकी नाइटी को खोल दिया.

उसकी गुलाबी ब्रा में कैद उसके मोटे मोटे चूचे जैसे फंसे हुए थे.
वो बाहर आने के लिए बेताब थे और उसकी ब्रा को जैसे अंदर से ही धकेल कर कह रहे हों कि हमें यहां से बाहर निकालो. हमें खुले में आने दो.

मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दोनों तरफ से दबाया और उनको भींचने लगा.

भाभी भी चुदासी होती जा रही थी और चूचियों पर वो भी अपना जोर लगा रही थी.

फिर उसने अपनी नाइटी पूरी उतार दी. अब वो केवल ब्रा और पैंटी में ही थी.

मैंने उसकी चूचियों को एक हाथ से मसलते हुए अब उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को भी सहलाना शुरू कर दिया.

अब भाभी की पैंटी को हटाकर मैंने उसकी चूत को छू लिया.
मैं तो पगला गया. भाभी की चूत पूरी गर्म थी और गीली होना शुरू हो गयी थी.
मेरी उंगली पर उनकी चूत का रस लग गया और मैंने वो उंगली बाहर निकाल कर चाट ली.

वो बोली- ऐसे उंगली से क्या चाट रहे हो … पूरी ही चाट लो मेरी चूत!
ये सुनकर मैं खुश हो गया. मैं तो खुद ही उसकी चूत को पीना चाह रहा था.

मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और तेजी से अंदर बाहर करने लगा.
वो जोर जोर से सिसकारने लगी- आह्ह .. आराम से कर लो यार … पूरी रात ही अपनी बची हुई है.

चूत में उंगली डाल कर मैं हिलाने लगा और भाभी की चूत लगातार गीली हो रही थी।
अब मैं भाभी की चूत से उंगली निकाल कर उसके मुँह में दे देता था.

फिर उसने अपनी पैंटी पूरी उतार दी. मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके और केवल अंडरवियर में रह गया.
भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी. उनकी चूत के ऊपर एक भी बाल नहीं था.

मेरे पूछने पर भाभी ने बताया कि उसने आज ही अपनी चूत की सफाई की है.
तभी मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना मुँह लगा दिया किन्तु भाभी ने मुझे रोक दिया।

वो बोली- तुम लेट जाओ.
मैं लेट गया तो भाभी उठी और दोनों टांगों को मेरी दोनों बगल में कर लिया. फिर उसने मेरे ऊपर बैठते हुए अपनी चूत मेरे होंठों पर रख दी और मेरे मुँह के ऊपर बैठ गयी।

मैं तो पागल सा हो गया. भाभी का भोसड़ा मेरे चेहरे पर था. मैं उसको खाने के लिए मचल उठा.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और भाभी मेरे होंठों के ऊपर अपनी चूत को रगड़ रही थी।

भाभी की चूत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी और नमकीन सा स्वाद भी आ रहा था।
सच में दोस्तो, रूबी भाभी की चूत बहुत रसीली थी। मैंने भी खूब शिद्दत से उसकी चूत चूसी.

अब मैंने देर न करते हुए अपना लण्ड निकला और उनके हाथ में पकड़ा दिया।
भाभी जो कि काफी महीनों से प्यासी थी, उनकी आँखों में मेरा लण्ड देखकर चमक आ गयी।

वो पीछे ले जाकर एक हाथ से मेरे लण्ड को सहला रही थी और अपनी गांड हिला हिलाकर अपनी चूत को मेरे होंठों से रगड़ रही थी।

तभी उसकी गति बढ़ गयी और वो तेजी से मेरे मुंह पर चूत को फेंकने लगी.

अब मैं भी उसकी गांड को पकड़ कर चूत में जीभ को पूरी अंदर तक घुसाने लगा.
वो बदहवास सी होने लगी और मेरे लंड को छोड़कर अपनी चूचियों को जोर जोर से भींचने लगी.

उसकी चूचियों के निप्पल एकदम पहाड़ की चोटी की तरह उसकी चूचियों पर नुकीले होकर तन गये थे.
मेरा मन कर रहा था कि उसके निप्पलों को काट कर खा ही लूं.

फिर उसने मेरे सिर को पकड़ लिया और जोर से मेरे मुंह में अपनी चूत को सटा दिया.
उसकी आह्ह … निकली और उसकी चूत ने गर्म गर्म पानी मेरे मुंह में छोड़ दिया.
वो झड़ने लगी और मैं उसका सारा पानी पी गया.

उसके बाद भाभी ने मुझे नीचे ही लिटाए रखा और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. वो एकदम रंडी की तरह मेरा लण्ड चूस रही थी.

उसने ऊपर से नीचे तक लण्ड को चूसा, बहुत प्यार से उसको सहलाया और तब तक वो फिर से गर्म हो गयी थी।
अब वो खुद ही अपनी चूत पर मेरे लंड को रगड़ने लगी.

तब वो बोली- अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दे … मैं कई महीनों से प्यासी हूं.
मैंने उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो भी ख़ुशी के मारे आंसू बहा रही थी।

अब मैं उठ गया और पोजीशन ले ली. मैंने भाभी की टांगों को उठाया और अपना लण्ड उनकी चूत के छेद पर सटा दिया.
भाभी बस जैसे इंतजार में थी कि कब मेरे लंड का धक्का लगेगा और लंड उनकी चूत में जायेगा.

मैंने भी उनकी आंखों में देखा और एकदम धक्का दे दिया और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.
तभी भाभी चीखी और उसने आह्ह … के साथ मेरे लंड को चूत में आने दिया.

उसकी चूत ज्यादा खुली तो नहीं थी लेकिन बहुत ज्यादा टाइट भी नहीं थी.
मेरा लंड मोटा था इसलिए लेने में उनको परेशानी हो रही थी.

फिर मैंने थोड़ा जोर लगाया तो लंड उनकी चूत में पूरा का पूरा उतर गया.
भाभी की आँखों में आंसू आ गए थे लेकिन वो खुश थी क्यूंकि उनको आज लण्ड मिल गया था जिससे उनकी चूत की प्यास बुझने वाली थी।

मैंने धीरे धीरे अपना लण्ड अंदर बाहर करना शुरू किया।
भाभी को भी बहुत आनंद आ रहा था. वो भी अपनी गांड उठा उठाकर चुदने लग गयी.
उनके मुँह से आअह्ह … आआह्ह … की आवाज़ बहुत ही प्यारी लग रही थी।

मैं उनको इस पोजीशन में 15 मिनट तक चोदता रहा.
तभी भाभी बोली- अपना मुंह खोलो. मैं अब झड़ने वाली हूं.
मैंने हांफते हुए कहा- आह्ह … भाभी … मैं भी आने वाला हूं. चूत में गिरवा लो न … बहुत मन कर रहा है आपकी चूत को भरने का.

वो बोली- नहीं, चूत में नहीं गिरवा सकती. अगर तुमने कॉन्डोम पहना होता तो गिरवा भी लेती. मगर अभी नहीं गिरवा सकती.

भाभी बोली- जल्दी से निकाल लो और मेरी चाटो!

फिर मैं नीचे लेटा और जल्दी से वो मेरे मुंह पर अपनी चूत को रगड़ने लगी.
वो एकाएक झड़ने लगी. उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ा जिसको मैं पूरा का पूरा पी गया.

अभी तक मगर मैं झड़ा नहीं था।
मैंने भाभी को घोड़ी बना लिया और उनकी गांड के छेद को चाटने लगा- उम्म … आह्ह … करते हुए मैं पूच पूच … की आवाज के साथ उसकी गांड को चाट रहा था.

बहुत अच्छा लग रहा था मुझे। भाभी भी बहुत मस्त होकर अपनी गांड चटवा रही थी।
भाभी ने मुझे बताया कि उनकी गांड अभी तक कुंवारी है.

तभी मेरे मुँह में पानी आ गया और मैंने अपना लण्ड भाभी की गांड पर सेट कर लिया।
भाभी ने मुझे बहुत रोका लेकिन मैंने उनकी एक न सुनी और अपना लण्ड धीरे धीरे करके उनकी गांड में घुसाना चालू कर दिया.
वो चिल्लाने लगी, छटपटाने लगी लेकिन मेरे ऊपर गांड चोदने का भूत सवार हो गया था.

मैंने धक्के दे देकर भाभी की गांड में लंड फंसा दिया.
मेरा लंड भी दर्द करने लगा क्योंकि भाभी की गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी.
फिर मैं उसके ऊपर ही लेट गया.

उसको जब थोड़ा आराम मिला तो मैंने उनकी गांड चुदाई शुरू कर दी.
भाभी को पहले तो बहुत दर्द हुआ लेकिन धीरे धीरे भाभी ने सारा दर्द भुलाकर मेरा साथ देना शुरू कर दिया।

अब मुझे भाभी की गांड चोदने में चूत से भी ज्यादा मजा मिल रहा था.
उसकी गांड में मेरा लंड फंस फंसकर जा रहा था. भाभी कराह रही थी लेकिन गांड चुदवाने का मजा भी ले रही थी.

जब मेरा लण्ड उनकी गांड में जाता तो मेरे टट्टे उनकी चूत से टकरा जाते जिससे फट … फट … की आवाज़ निकल रही थी।
उस आवाज़ ने मुझमें और जोश भर दिया था. अब मैं फिर से झड़ने के कगार पर आ गया था.

तभी भाभी ने मुझे बोला- मेरे मुँह में ही झड़ना. मैं तेरा वीर्य पीना चाहती हूं. मैं अपने फौजी पति का भी वीर्य पीती हूं और मुझे बहुत अच्छा लगता है.

उनके कहने पर मैंने लंड को गांड से निकाला और उसके मुंह में डाल दिया.
मैंने भाभी के मुँह में अपना लण्ड डाल दिया और सिर को पकड़ कर उनके मुंह को चोदने लगा.
ऐसे ही लंड को अंदर बाहर करते हुए मैं झड़ गया।

भाभी ने मेरा सारा माल निचोड़ लिया. एक एक बूंद वीर्य को वो अंदर ही निगल गयी.
मैं और भाभी बहुत खुश थे. हम दोनों संतुष्ट हो गये थे.

उस रात मैंने हॉट भाबी से 4 बार सेक्स किया।
अगले दिन मैं सुबह 5 बजे अपने घर आ गया था।

उसके बाद हमारा चुदाई का कार्यक्रम लगातार जारी रहा। भाभी को मेरे से एक लड़का भी पैदा हुआ जिसका नाम उन्होंने जॉन रखा।

इसके बाद मैं आपको रूबी भाभी और मेरे एक दोस्त की कहानी बताऊंगा कि कैसे हम तीनों ने एक साथ एन्जॉय किया।

आपको मेरी हॉट भाबी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे मेरी ई-मेल आईडी पर मैसेज करके जरूर बताना.

आप अपनी राय को कमेंट बॉक्स में भी लिख सकते हैं. मुझे आप सभी पाठकों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
तब तक आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर सेक्स कहानियों का मजा लेते रहिए और जुड़े रहिये.
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