फक भाभी हॉट स्टोरी में पड़ोस के परिवार से मेरे अच्छे ताल्लुकात थे. भाभी मुझे कई बार काम के लिए बुला लेती थी. एक दिन वे अकेली थी तो उन्होंने मुझे अपने घर सोने के लिए बुला लिया.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम राजू है.
ये मेरा बदला हुआ नाम है.
मैं उत्तर प्रदेश, आगरा का रहने वाला हूँ.
मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है.
मेरा हथियार 6.5 इंच का है. यह काफी मोटा और सख्त है.
ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है जो मैंने एक भाभी के साथ की.
ये फक भाभी हॉट स्टोरी तब की है जब मैं दिल्ली में रहता था.
मैं अकेला रहता था और नौकरी करता था.
मैं एक रेस्टोरेंट में वेटर था.
मेरा कमरा वहां से लगभग 30 मिनट की दूरी पर था.
जिस बिल्डिंग में मैं रहता था, उसी में एक कपल भी रहता था.
मेरे हिसाब से उनकी उम्र 35-40 साल के बीच होगी.
भाभी जी बहुत ही हॉट और सेक्सी थीं.
उनकी उम्र 35 थी लेकिन वह 30-32 की ही लगती थीं.
भैया एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में नौकरी करते थे.
भाभी का नाम रितु था और भैया का नाम राज.
उनका एक बेटा था, जो 5-6 साल का था और स्कूल जाता था.
मैं कभी-कभी भैया-भाभी से बात कर लिया करता था.
एक दिन भैया ऑफिस के लिए जल्दी निकल गए, उन्हें कुछ काम था.
उनके बेटे को स्कूल छोड़ना था तो भाभी ने मुझे आवाज़ लगाई.
भाभी ने कहा- अगर तुम्हारे पास समय हो, तो छोटू को स्कूल तक छोड़ दो.
मैंने कहा- ठीक है भाभी, इसमें क्या दिक्कत है! आखिर वह मेरा भी तो भतीजा है.
फिर मैं उसे लेकर स्कूल चला गया और उधर उसे छोड़कर वापस सीधे अपने कमरे में आ गया.
मेरी आहट पाकर भाभी ने मुझे आवाज लगाई.
भाभी ने पूछा- राजू आ गए क्या?
मैंने कहा- हां भाभी, आ गया!
उन्होंने कहा- थोड़ी देर रुको, मैंने चाय नहीं पी है, अभी उधर ही लाती हूँ, तुम भी साथ में पी लेना.
मैंने उनके नजदीक आते हुए कहा- भाभी, मैं चाय नहीं पीता, दूध पीता हूँ. मुझे चाय पसंद नहीं है.
उन्होंने एक स्माइल दी और बोलीं- ओहो, तो जनाब चाय नहीं, दूध पीते हैं. कौन सा पीते हो वैसे?
मैंने कहा- अमूल का!
भाभी फिर मुस्कुराती हुई बोलीं- ओह, मुझे लगा तुम किसी और का पीते हो!
अब मैं भाभी के इशारे समझ तो रहा था लेकिन जल्दबाजी में मैं कुछ कहना नहीं चाहता था.
फिर मैं वहां से अपने कमरे में चला आया.
समय बदलता रहा और हमारे बीच बातों का सिलसिला बढ़ता रहा और अब मैं भाभी के साथ काफी सहज हो गया था.
फिर सर्दियों का मौसम आ गया था.
ठंड भी जबरदस्त पड़ रही थी.
एक दिन अचानक भैया के पापा की तबीयत खराब हो गई.
उन्हें इमरजेंसी में जाना पड़ा.
भैया ने मुझे कॉल करके अपने पास बुलाया और कहा- सुनो राजू, मुझे कुछ दिनों के लिए घर जाना है. तुम अपनी भाभी का ख्याल रखना.
मैंने कहा- ठीक है भैया!
फिर मैं उन्हें बस स्टैंड तक छोड़कर आ गया.
तब तक घड़ी में रात के दस बजने का समय हो गया था.
भाभी ने मुझे कॉल किया.
मैंने कहा- बस भाभी, आ रहा हूँ, रास्ते में हूँ.
फिर मैं घर आ गया.
भाभी ने गेट खोला.
मैं अन्दर आ गया.
भाभी बोलीं- सुनो, तुम आज मेरे पास ही सो जाओ. मुझे अकेले में डर लगता है. तुम्हारे भैया के चलते कोई बात नहीं थी, पर अब एकदम अकेली हो गई हूँ. मैं वैसे भी कभी अकेले नहीं रही … और आज सर्दी भी बहुत है.
आखिरी लाइन भाभी ने कुछ दबी सी आवाज में कही थी.
मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी अपने रूम की लाइट्स वगैरह चेक करके आता हूँ.
मैं जल्दी से गया, फ्रिज से पानी पिया और भाभी की उस आखिरी लाइन का मतलब निकालने लगा.
मैं मन ही मन खुश हो रहा था कि शायद आज मेरी ख्वाहिश पूरी हो जाएगी.
फिर मैंने अपने रूम में ताला लगाया और भाभी के घर आ गया.
भाभी ने कहा- तुम यहीं सो जाओ, मेरे पास ही.
भाभी का वह बेड काफी बड़ा था, उस पर तीन लोग आराम से सो सकते थे.
मैं एक तरफ लेट गया, भाभी दूसरी तरफ लेट गईं.
बीच में छोटू था.
मैंने अपने कान में इयरफोन लगाए और अपने मोबाइल में सेक्सी वीडियो देखने शुरू कर दिए.
मुझे सेक्स वीडियो देखना बहुत पसंद हैं.
जब मैं घर में अकेला होता हूँ तो अक्सर सेक्स क्लिप्स देखता रहता हूँ.
उसी वक्त एक मस्त चुदाई देख कर मेरा लंड कड़क हो गया तो मुझे हिलाने के लिए मुझे टॉयलेट जाना पड़ा.
मैंने जल्दी से फोन वैसे ही छोड़ दिया और बाथरूम में चला गया.
मुझे लगा कि भाभी सो गई होंगी.
जब मैं फारिग होकर वापस आया, तो देखा कि भाभी मेरे फोन में सेक्स वीडियो देख रही थीं.
मैं दंग रह गया और डर भी गया कि कहीं भाभी किसी बाहर वाले को न बता दें.
डरते-डरते मैं उनके पास गया.
वे अचानक से मुझे आया देख कर सहम सी गईं और अगले ही पल थोड़ा गुस्सा करती हुई बोलीं- क्यों राजू, ये सब क्या है? तुम ये सब देखते हो … तुम्हें शर्म नहीं आती? कितने गंदे हो! मैं तुम्हारे भैया को बता दूँगी कि तुम ये सब देखते हो!
मैंने कहा- सॉरी भाभी, गलती हो गई. अब से नहीं देखूँगा, पक्का!
वे बोलीं- अच्छा, ठीक है. लेकिन मैं कैसे मान लूँ कि तुम अब से यह सब नहीं देखोगे?
मैं चुप हो गया.
भाभी आगे बोलीं- पहले यह सब देखते हो, फिर बाथरूम जाकर अपना शरीर खराब करते हो!
मैं यह सुनकर और डर गया कि कहीं भाभी ने मुझे मुठ मारते हुए तो नहीं देख लिया.
मैंने अकबका कर कहा- नहीं नहीं भाभी मैं वह सब नहीं करता हूँ!
भाभी ने अब दूसरा दांव खेला- अच्छा … मैंने अभी कुछ कहा भी नहीं था कि क्या करते हो, लेकिन तुमने तुरंत बात को समझ लिया है. इसका मतलब है कि तुम वह सब करते हो!
मैं बुरी तरह से सकपका गया था और मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं!
तभी भाभी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा- यह सब देख कर तुम शायद मेरे बारे में भी कुछ गंदा सोचते हो … है न!
मैंने उनकी तरफ देखा और सर झुका कर कहा- नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है. मैं आपके लिए कुछ भी गंदा नहीं सोचता हूँ!
भाभी बोलीं- लो … यह और गलत करते हो!
मैंने यह सुनकर उन्हें देखा तो वे मुस्कुरा रही थीं.
मैं हैरान हो गया.
वे बोलीं- मुझे मालूम है कि यह तुम्हारी उम्र का दोष है. कोई बात नहीं … अब मेरी बात मानोगे?
मैंने कहा- हां भाभी आप बताएं!
भाभी- तुम्हें मेरा एक काम करना होगा!
मैंने उनकी तरफ देखा.
वे अधलेटी अवस्था में थीं तो कामुक अदा से अपने दूध दिखाती हुई बोलीं- तुम्हें मेरे साथ वैसे ही करना होगा, जैसे इस वीडियो में वह लड़का उस लड़की के साथ कर रहा है!
मैं दंग रह गया.
मैंने कहा- क्या बोल रही हो आप? पागल हो क्या? ये सब … और आपके साथ!
जबकि मैं सच कहूँ तो मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.
मैं खुद यही चाहता था लेकिन अनजान बनने का नाटक कर रहा था.
उसके बाद भाभी बिस्तर से नीचे उतरीं और उन्होंने छोटू को दूसरे बेड पर सुला दिया.
वह बेड उसी के लिए कमरे में लगाया गया था कि जब भैया भाभी चुदाई करते होंगे.
तब शायद छोटू को छोटे बिस्तर पर लिटा देते होंगे.
इसके बाद भाभी ने सामने दीवार पर लगी अपनी स्मार्ट टीवी से मोबाइल को कनेक्ट किया और वीडियो चालू कर दी.
अब चुदाई फुल स्क्रीन में दिख रही थी.
भाभी ने उस सेक्स मूवी को देखा और मुझसे बोली- चलो, अब मैं जैसा बोलती हूँ, वैसा करो. वर्ना मैं ये सब तुम्हारे भैया को बोल दूँगी.
उन्होंने मुझे बेड पर धक्का दिया और अपनी नाइटी उठा कर पैंटी अपनी टांगों से निकाली और दूर फेंक दी.
अब वे मेरे मुँह पर बैठ गईं और अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं.
उनकी चुत से पाउडर की महक आ रही थी और साथ में चुत के रस की महक भी आ रही थी.
मेरा बुरा हाल हो गया था.
क्या बताऊं, भाभी की हवस तो एकदम से जाग उठी थी.
वे कुछ पल बाद उठीं और अपनी नाइटी उतार कर वापस मेरे सामने अपने दूध हिलाने लगीं.
उन्होंने नीचे ब्रा पहनी ही नहीं थी इसलिए नाइटी उतारते ही भाभी पूरी नंगी हो गई थीं.
वे फिर से मेरे मुँह पर बैठ गईं और आगे-पीछे होने लगीं.
मैं भी उनका साथ देने लगा और एक कुत्ते की तरह उनकी चूत और गांड के छेद को चाटने लगा.
कुछ मिनट बाद वे उठीं और उन्होंने कहा- अपने कपड़े उतारो!
मैं चुप रहा तो उन्होंने खुद ही मेरे कपड़े उतार कर दूर फेंक दिए.
मुझे नंगा कर दिया.
उन्होंने मेरा लंड देखा और किसी प्यासी रांड की तरह मेरे लौड़े को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं.
मेरा लंड झटके देने लगा था तो भाभी ने उसे अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
मेरा पहली बार का मामला था तो मैं जल्दी ही उनके मुँह में झड़ गया.
भाभी ने मेरे वीर्य को खा लिया और वे झड़े हुए लंड को अभी भी अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं.
उस वक्त वे किसी बाजारू रंडी की तरह लग रही थीं.
उनके चूसने से मेरा लंड कुछ देर में फिर से खड़ा हो गया.
वे बोली- लेट जाओ बेड पर. सब कुछ मैं करूँगी, तुम बस लेटे रहो. जैसा मैं कहती हूँ, करते रहो, ठीक है?
मैंने कहा- ठीक है, मेरी रंडी जानम!
भाभी बोलीं- अच्छा भोसड़ी के … मुझमें तुझे रंडी दिख रही है!
उन्होंने जैसे ही मुझे गाली दी, मैं उन पर झपट पड़ा और उनके होंठों को चूसने लगा.
भाभी भी मेरे साथ लिप किस में लग गईं.
फिर उन्होंने मुझे धक्का दिया और मुझे बिस्तर पर गिरा दिया.
मेरे गिरते ही वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लगीं.
वे मेरे लंड पर जोर देकर उसे अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगीं पर लंड नहीं गया.
फिर उन्होंने अपने हाथ में मुँह से थूक लिया और मेरे लंड पर लगाने लगीं.
ऐसा उन्होंने दो तीन बार किया.
जब मेरा लंड काफी गीला हो गया, तो उन्होंने मेरे लंड पर बैठने की पुनः कोशिश की.
इस बार वे कामयाब हो गईं पर उन्हें दर्द बहुत हुआ.
मगर वे लगी रहीं और धीरे-धीरे अपनी चूत में भाभी मेरा पूरा लंड गटक गईं.
वे लंड अन्दर खाकर कुछ पल रुकीं और लौड़े पर चुत को रगड़ने लगीं.
कुछ ही देर में चुत ने लंड को सही से सैट कर लिया था.
अब वे मुझे किस करने लगीं और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाने लगीं.
मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया.
उनकी चूत भी गीली हो गई थी और लंड भी बड़े आराम से अन्दर-बाहर होने लगा.
वे मुझसे बोलीं- तुझको मैं कब से ताड़ रही थी कि कैसे तेरे लंड की सवारी करूँ. पर मुझे मौका ही नहीं मिला. न जाने कितने दिनों बाद आज जाकर मेरी ये आग ठंडी हुई है!
मैं कुछ नहीं बोला.
भाभी- मैं तेरे से कब से चुदना चाहती थी, पर तू है कि मुझे भाव भी नहीं दे रहा था. पर आज जाकर तू मुझे मिला है.
वे ऐसे ही 5 मिनट तक अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे सख्त लौड़े से चुदती रहीं.
मैंने उनसे कहा- जानम, मुझे तुम्हारी गांड बहुत पसंद है!
वे बोलीं- ठीक है. पहले मेरी चूत की प्यास बुझा दे, उसके बाद तू जो चाहे कर. मैं तुझे नहीं रोकूँगी.
हम दोनों ने पोजीशन चेंज कर ली.
उन्होंने कहा- मेरी टांग उठाकर चोदो मेरे राजा.
मैंने कहा- जरूर, मेरी जान!
मैंने भाभी की टांग उठाई और अपने कंधे पर रख कर एक ही ठोकर में पूरा लंड घुसेड़ दिया.
वे ‘ईईई, उम्म्म, ऊई मम्म’ करती रह गईं और बोलीं- साले, इतनी जोर से ठोकर क्यों मारी तूने? मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
मैंने कहा- नहीं जानम, तुम तो अब मेरी हो. कहां जाओगी मेरे लंड को छोड़कर?
यह कह कर मैंने एक और ठोकर मारी, पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया.
इस बार भाभी रोने सी लगीं और कराहती हुई बोलीं- आह छोड़ दे साले … तू ऐसे चोदेगा, तो मुझे नहीं चुदना … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है राजू!
मैंने कहा- रुक तो जाओ मेरी जान अभी तो शुरुआत है यार … आज तुम्हारी चुत का भोसड़ा बना कर ही दम लूँगा!
अब मैं उन्हें धीरे-धीरे चोदने लगा.
वे भी मस्ती से मेरा साथ देने लगीं.
अब तक भाभी दो बार पानी छोड़ चुकी थीं.
फिर मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी और उन्हें ताबड़तोड़ चोदने लगा.
हॉट भाभी फक में काफी थक गई थीं.
काफी देर की जोरदार चुदाई के बाद मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही गिर गया.
अब भाभी बहुत ही खुश थीं.
उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी दमक रही थी, जैसे ना जाने कितने समय बाद उनकी चूत खाली हुई थी.
उन्होंने मुझे किस करते हुए थैंक्स बोला और कहा- सच में राजू तुम मुझे आज चरमसुख की सीमा तक ले गए हो. तुमने मुझे एक अलग ही खुशी दी है, मेरे राजा!
मैंने महसूस किया कि वे सच में अन्दर से बहुत खुश थी.
फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर एक राउंड और पेला और उनकी गांड भी मारी.
उसके बाद तो मैं भाभी को न जाने कितनी बार पेल चुका हूँ.
भैया के पास अपनी बीवी को चोदने की फुर्सत ही नहीं थी, शायद उन्हें चुत चोदना पसंद ही नहीं था.
आपको मेरी यह फक भाभी हॉट स्टोरी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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