भाभी की चूत गांड चाट कर चोदा

डर्टी सेक्स विद भाभी का मजा मुझे खुद भाभी ने अपने घर में दिया. पहले उन्होंने मुझे अपनी चूत से निकलता मूत पिलाया, उसके बाद गंदे गंदे खेल करके मुझे चूत दी.

दोस्तो, मैं सुमीत तिवारी आपको अपने पड़ोस में रहने वाली एक मादक भाभी के संग हुई कामुक घटनाओं को लेकर एक हकीकत पर आधारित सेक्स कहानी सुना रहा था.

आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
भाभी की चूत से टपकता पेशाब पीया
में अब तक पढ़ा था कि वह भाभी मुझे अपनी पेशाब पिला चुकी थी और अब मुझे उसकी चुत चुदाई करना थी.

अब आगे डर्टी सेक्स विद भाभी:

मुझे अब बस किसी भी तरह भाभी की चूत चोदनी थी क्योंकि मैं ये सब करने के लिए ही तो यहां था.

अगले दिन जब मैं भाभी के यहां पढ़ने गया तो मैंने देखा कि भाभी ने काले रंग का गाउन पहना था जिसमें से उसकी मोटी-मोटी गांड और उसके बड़े-बड़े बूब्स उभरकर दिख रहे थे.

मेरे जाते ही भाभी ने कहा- आ गया!
मैंने हां कहा.

तो भाभी ने मुस्कुराते हुए बोला- आज क्या चाटेगा … मेरा प्यारा कुत्ता!
मैंने कहा- जो आप बोलें, वही चाट लूँगा!

तब भाभी ने कहा- गांड और चूत के अलावा क्या चटवाया जाए तुझसे … चल, आज तू मेरी चूत चोद लेना!
मैंने कहा- भाभी आप बस मौका दो, फिर देखो!

भाभी ने मुझे प्यार से एक चांटा मारा और बोलीं- भाभी बोल-बोलकर बार-बार मुझे मेरी उम्र याद मत दिलाया कर! चल … अन्दर जाकर सोफे पर बैठ जा भोसड़ी के!

यह कह कर भाभी अपनी गांड मटकाती हुई अन्दर चली गई.
उसकी बात सुनकर मैंने फिर से उसे ‘ठीक है भाभी’ बोल दिया.

भाभी पीछे मुड़ीं और बोलीं- तुझे मना किया था ना कि भाभी नहीं बोलना है!
मैंने कहा- अब नहीं बोलूँगा, पक्का भा … !

अब भाभी पलट कर मेरे पास आई और मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत के पास ले जाकर बोली- अब तो पक्के में सजा मिलेगी!

ये कहकर उसने अपना काला गाउन ऊपर किया और अपनी लाल रंग की पैंटी उतार कर हाथ में रख ली.

पहले तो उसने मुझे मुँह खोलने को कहा.
जब मैंने मुँह खोला, तो उसने अपनी चूत आगे की.
फिर उसमें अपनी बीच वाली उंगली डालकर मेरे मुँह में डाली और मेरे मुँह में थूक दिया.

फिर भाभी ने अपनी पैंटी को अपनी गांड के छेद पर रगड़ा और मेरे मुँह में ठूंस दिया.
वह बोली- मादरचोद, अब इसे तब तक मत निकालना … जब तक मैं न कहूँ!

भाभी की पैंटी से ऐसा स्वाद आ रहा था, जैसे कि भाभी रोज़ उसमें ही अपनी चूत का पानी छोड़ती हो.
भाभी- अब तू बैठ, मैं खाना बनाकर आती हूँ!

मैंने बस हां में सिर हिलाया क्योंकि बोलने लायक तो मेरा मुँह रहा ही नहीं था.
पंद्रह मिनट बाद भाभी ने आवाज़ लगाकर मुझे बुलाया.

जब मैं उसके पास गया, तो भाभी मुझे देखकर हंसने लगी क्योंकि उसकी लाल पैंटी मेरे थूक से पूरी गीली हो चुकी थी और मेरे मुँह से मेरा ही थूक टपक रहा था.

भाभी ने पैंटी निकाली और कहा- अब बोलेगा भाभी?
मैंने कहा- नहीं जी, अब से आपको ‘आप’ या ‘जी’ कहकर ही बुलाऊंगा!

भाभी पूरी पसीने में थी, शायद खाना बनाते वक्त उसे गर्मी लग रही थी.
पसीने से उसका गाउन उसकी गांड से चिपक गया था.

तभी भाभी ने कहा- चल, चोदने से पहले जरा मेरी गांड चाट भड़वे …

मैंने बिना कुछ सोचे भाभी की गांड में अपना मुँह दे दिया.
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने पीछे ले लिया फिर अपना पूरा वजन मेरे मुँह पर रख दिया.

उस वक्त तो मेरी जान ही निकल गई थी.
ऊपर से उसकी गांड की महक मुझे और पागल कर रही थी.
डर्टी सेक्स विद भाभी का मजा भी आ रहा था.

भाभी मेरे मुँह पर बैठकर खाना बना रही थी.
फिर भाभी उठी और बोली- मुझे भी तेरा लंड चूसना है.

उसने मेरा लोअर नीचे करके देखा, तो बोली- ये क्या है? तूने झांट के बाल ही नहीं काटे … साले कुत्ते!
मैंने कहा- झांटें साफ करने का कभी काम ही नहीं पड़ा!

भाभी ने कहा- अच्छा है, तुझे पता है न कि मुझे ऐसे ही लंड पसंद हैं, जिन पर बाल हों!
फिर भाभी ने घी लिया और मेरे लंड पर लगाकर उसे चूसने लगी.

भाभी का मुँह बहुत गर्म था.
वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी, जैसे कि वह यह सब रोज़ करती हो.

भाभी ने अपने दांतों से मेरे झांटों के बाल खींचना और काटना शुरू कर दिया.

मुझे दर्द और मज़ा एक साथ मिल रहा था.
मैं भाभी के मुँह की गर्मी और नहीं झेल पाया और उसके मुँह में ही झड़ गया.
भाभी ने मुझे आंखें ऊपर करके देखा और बोली- मुझे बता तो देता कमीने!

मैंने माफी मांगते हुए कहा- मुझसे रहा नहीं गया.
तभी भाभी उठी और मेरे मुँह के पास आकर मुझे अपनी ज़ुबान दिखाती हुई मेरा पूरा माल गटक गई.

अब वह बोली- चल, अब तेरी बारी!

भाभी ने मेरे मुँह पर अपनी मोटी गांड रख दी और एक उंगली में जमा हुआ घी लिया.
उसने उस घी को अपनी उंगली से अपनी चूत में अन्दर तक भर लिया.

मैं ये सब देख रहा था.

तभी भाभी ने मेरे मुँह पर एक पैर रख कर मुझे नीचे लिटाया और ऊपर पैर चौड़े करके खड़ी हो गई.
वह बोली- जैसे ही चुत से घी टपके, वैसे ही चूत चाटना शुरू कर देना मेरे प्यारे भोसड़ी वाले!

जैसे ही उसकी चुत से एक बूंद घी मेरे मुँह पर गिरी, मैंने मुँह ऊपर करके भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.

भाभी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ना शुरू कर दिया.

इसकी वजह से मेरा पूरा मुँह लाल हो गया.
भाभी से रहा नहीं गया और वह मेरे मुँह पर बैठ गई.

उस वक्त मेरा सांस लेना भी मुश्किल हो गया था लेकिन मैं जानता था कि भाभी बिना झड़े नहीं उठेगी.

इसलिए मैंने जोर-जोर से भाभी की चूत में अपनी ज़ुबान चलाना शुरू कर दिया, जिससे भाभी और जोश में आ गई और मेरे मुँह को दोनों पैरों के बीच में फँसाकर जोर-जोर से चिल्लाती हुई झड़ गई.

इसके बाद भाभी उठी तो मैं जोर-जोर से सांस लेने लगा था.
भाभी हंसती हुई बोली- मज़ा आ गया … तेरी ज़ुबान ने तो कमाल कर दिया आज!

मैंने आंख दबा कर भाभी को खुश किया.

भाभी ने कहा- चल, अब तुझे चुदाई का मज़ा देती हूँ!
मैं भाभी के पीछे-पीछे चला गया.

अन्दर जाकर भाभी ने अपनी दोनों टांगें खोल दीं और बोली- ले, चुत का मजा ले ले!

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी की चूत में डालने लगा.
जैसे ही मैं चुदाई शुरू करने वाला था, भाभी ने कहा- रुक!

भाभी ने कहा- लंड चूत के ऊपर रख, बस!
मैंने कहा- ठीक है!

भाभी बोली- जब मैं तुझे चांटा मारूँगी, तभी तू अन्दर डालेगा, उससे पहले नहीं!
मैंने कहा- तो जल्दी से मुझे चांटा मारो ना!

भाभी ने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और बोली- अगर बिना मारे लंड अन्दर गया, तो तुझे मेरी चुदाई कभी नहीं मिलेगी.
मैंने कहा- ठीक है!

भाभी जानबूझ कर कभी मेरे बाल खींच देती, तो कभी नाखून मेरे गाल पर मार देती और मेरे मुँह के बिल्कुल पास मुँह लाकर मेरे ऊपर हंसने लगती.

मैं बस भाभी से भीख मांग रहा था- प्लीज़ मुझे चांटा मार दो, मुझे लंड अन्दर डालने दो!
भाभी ये सब सुनकर और गर्म हो रही थी और बहुत ज़्यादा खुश भी हो रही थी.

तभी भाभी ने अपनी पैंटी मेरे हाथ में दी और बोली- इसे अपने लंड पर लपेट ले!

जैसे ही मैंने भाभी की पैंटी को लंड पर लपेट लिया, वैसे ही भाभी ने जोर से चांटा मारा और मैंने उसी वक्त अपना लंड भाभी की चूत में डाल दिया.

भाभी को उसकी पैंटी के कपड़े की वजह से बहुत दर्द हो रहा था.
पर भाभी बता नहीं रही थी.

उसकी आंखों से आंसू निकल आए थे और वह बस जोर-जोर से बोल रही थी- चोद … साले और जोर से चोद!
भाभी की हालत खराब हो रही थी.

मैंने लंड बाहर निकालने को कहा.
तो भाभी ने चांटा मारकर कहा- जब तक तू पानी नहीं निकाल लेता, तब तक चोद मुझे कमीने … आह मजा आ रहा है.

उसे चोदते-चोदते मेरा लंड पैंटी की वजह से पूरा लाल हो गया.
जब मेरा ये हाल था, तो सोचो भाभी की चूत का क्या हाल हो रहा होगा!
जब भी मैं दर्द के कारण धीमा पड़ता, भाभी मुझे चांटा मारकर तेज करने को कह देती.

अब भाभी ने चांटा मारा और बोली- मेरा होने वाला है … साले अब रुकना मत, गलती से भी रुका तो मां चोद दूँगी तेरी!

भाभी जोर-जोर से गालियां देने लगी. वह कभी गाली देती, तो कभी मेरे मुँह में थूक देती.

ऐसा करते-करते दस-बीस जोरदार शॉट्स के बाद भाभी और मैं साथ में झड़ गए.

मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला, तो मेरा लंड लाल हो चुका था.

भाभी ने कहा- ये सब मत देख, मज़ा आया या नहीं?
मैंने कहा- आया, पर ये सब क्या था?

भाभी ने कहा- मुझे सेक्स में दर्द अच्छा लगता है … देना भी और लेना भी!
अब भाभी ने मेरे लंड से अपनी पैंटी उठाई और उसे मेरे मुँह में निचोड़ दिया.

उसने मेरे मुँह के पास अपना मुँह किया और हम दोनों ने किस किया.

हम दोनों ने एक-दूसरे का पानी पी लिया, जिसमें भाभी की चूत और मेरे लंड का पानी था.

दोस्तो, भाभी की अलबेली जवानी का छलकता नशा आपको इस सेक्स कहानी के माध्यम से मैंने परोसने की कोशिश की है.
आपको डर्टी सेक्स विद भाभी कहानी पढ़ कर कैसा लगा?
प्लीज कमेंट्स से जरूर बताएं.
[email protected]