रेस्तरां वाली भाभी को चोद चोदकर प्रेग्नेंट किया

देसी हॉट भाभी की चुदाई का मजा मुझे मेरी मक़ान मालकिन ने दिया. उसका पति नशेड़ी था, गंदा सा बना रहता था. भाभी को वह पसंद नहीं था। मैंने स्थिति को समझा और भाभी को पटा लिया.

दोस्तो, मेरा नाम नीव है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 29 साल है। शरीर से भी मैं अच्छा दिखता हूं।

लड़कियों और भाभियों को सबसे ज्यादा जो चीज पसंद है, वह भी मेरे पास है- मेरा लंबा और मोटा लंड।

आज मैं आपको अपनी एक सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं।

यह देसी हॉट भाभी की चुदाई उस दिनों की है जब मैं नौकरी के लिए दूसरे शहर शिफ्ट हुआ था.
तो मुझे मेरी कम्पनी की तरफ से रहने के लिए फ्लैट मिला जो कम्पनी के नजदीक ही था।

उसका किराया कम्पनी देती थी। वो फ्लैट मेरी कम्पनी के बाहर एक चाय के रेस्तरां वाले का था।

मालिक उस फ्लैट में नीचे रहता था और मैं ऊपर रहता था। उसका नाम राकेश था।
उसके घर में वो उसकी बीवी और उसका एक छोटा बेटा रहते थे।
उसकी पत्नी का नाम मीनू था, उसकी उम्र 32 साल के आस पास होगी।

राकेश रोज रात में शराब में धुत्त होकर घर आता था।
वह इतना गन्दा रहता था जिसकी वजह से उसकी पत्नी उससे दूर रहती थी और बहुत परेशान भी रहती थी।

उसे जब मैंने पहली बार देखा तो हैरान रह गया और सोचने लगा कि लंगूर के हाथ अंगूर लगा हुआ है।
यानि उसकी बीवी एक नंबर की माल थी।
सांवला रंग, 34–30–36 का मस्त फिगर, भूरी आंखें, और चलती भी मटक कर थी।

मैं उसे भाभी कह कर बात करता था।

वह रोज होटल पर आती थी और सभी मर्दों से हंस–हंस कर बातें किया करती थी।

धीरे–धीरे मैं भी समझ गया कि राकेश और मीनू की लाइफ वैसी नहीं है जैसी पति पत्नि की होती है।

वह मुझे कुछ चालू किस्म की लगी।
अब मेरे दिमाग में उसको लेकर बहुत कुछ चलने लगा और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा।

मैं उसको किसी तरह छूने के बहाने ढूंढता था और मौका मिलते ही छू लिया करता था।

भाभी मेरी हरकतों को समझ तो गई थी कि मैं ये सब क्यों कर रहा हूं, इसलिये मुझे रोकने के बजाए उल्टा उकसाती थी।
वह यह सब जान-बूझकर करती थी और बाद में अनजान बनने का नाटक कर लेती।

मैं समझ गया शुरुआत मुझे ही करनी है.
तो फिर एक दिन मैंने प्लान कर ही लिया कि अब इसे कैसे मनाना है।

एक दिन मैं वहां चाय पीने गया तो वहां वह अकेली थी।
उसने साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वह कमाल लग रही थी।
मैं उससे मजाक करने लगा।

अब मैंने मजाक–मजाक में भाभी की गांड को छू लिया।
वह कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत और बढ़ी।

मेरा आगे का रास्ता साफ था।
अब मैंने भी बिना देर किए अपने हाथ को उसके चूचों पर रख दिया और चूचों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया।

भाभी- क्या कर रहे हो … कोई देख लेगा तो?

मैं- यहां कौन देखेगा, यहां आपके और मेरे सिवाय कोई नहीं है, और मैं वही कर रहा हूं जो एक लड़का-लड़की आपस में करते हैं।
भाभी- अच्छा, तुम्हें सिर्फ मस्ती करना आता है या और कुछ भी जानते हो?

उसके मुंह से ये बात सुन कर मैं समझ गया था कि भाभी लंड लेने की बात कर रही है।

मैंने भी बोल दिया- मौका दो भाभी … सब बताता हूं कि क्या-क्या आता है मुझे!
वो हंसते हुए बोली- ठीक है, चलो … आज रात को है तुम्हारे पास मौका!

यह सुनते ही मेरा लंड वहीं टनटना गया।
मन तो कर रहा था भाभी को वहीं चोद दूं, लेकिन ऐसे सुरक्षित नहीं था।
मुझे रात होने का इंतजार करना ही था।

फिर मैं चाय पीकर आ गया और अपने काम में लग गया।

उस दिन मैं जल्दी घर आ गया, भाभी घर पर अकेली थी।
जाकर मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया।

भाभी- अरे रुको जरा, अभी कोई आ जाएगा, रात तो होने दो!
मजबूरन मुझे भाभी को छोड़ना पड़ा।

फिर मैंने भाभी को किस किया और ऊपर अपने कमरे में आकर इंतजार करने लगा।

रात के 10 बजे के आसपास राकेश शराब के नशे में धुत्त होकर आया।
भाभी ने उसे और बच्चे को खाना खिलाकर सुला दिया।

करीब 11.30 बजे वो ऊपर मेरे कमरे में आ गई।

भाभी ने नाइटी पहनी हुई थी। भाभी उसमें सेक्सी लग रही थी।
मुझसे सब्र नहीं हो रहा था।

वह पास आई और हम गले मिल गए।
भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर खुद ही गांड पर रखवा लिया।
वह बोली- अब बताओ, क्या इरादा है!

मैंने मेरा हाथ गांड से हटा कर उसके बूब्स पर रख दिया और कहा- आप बोलो, क्या देखना है आपको?
भाभी- सब कुछ देखना है, और करना भी है।

बस उसके इतना कहते ही मैं उस पर टूट पड़ा और उसकी नाइटी निकाल कर रख दी।
अब वह काले रंग की ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी।

दोस्तो, उसका फिगर इतना जबरदस्त था कि कयामत लग रही थी।

मेरा लन्ड भी खड़ा होना शुरू हो गया था।
मैंने जल्दी से भाभी को घुटनों पर बिठाया और अपने पजामे को नीचे कर दिया।

भाभी मेरे लंबे तगड़े लन्ड को देख कर थोड़ा डर गई और बोली- नीव, ये क्या है इतना बड़ा!
मैंने कहा- हां, इतना ही बड़ा है! मुंह में ले लो इसे।

वो बोली- नहीं, मैंने ये सब नहीं किया है। ये तो फिल्मों में होता है।
लेकिन मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था और मैंने उसका मुंह पकड़ कर लंड पर दबा दिया।

मैंने उसके मुंह में लंड घुसा दिया और चुसवाने लगा।
वह पहले तो विरोध करती रही लेकिन बाद में उसे चूसने में मजा आने लगा।

उसने दोनों हाथों से लंड को थामकर मजे से चूसना शुरू कर दिया।
वह बीच में लंड निकालकर गाली देते हुए बोली- मादरचोद … लंड चूसने में इतना मजा आता है, ये तो मुझे आज पता चला। अब तो मैं जीभर कर सारी रात तुम्हारे मोटे लन्ड को चूसूंगी भी और चुदूंगी भी!

यह कह कर भाभी जोर–जोर से मेरा लन्ड चूसने लगी।
उसके मुंह से लन्ड शब्द सुन कर मैं पागल सा हो गया और भाभी के सिर को पकड़ कर जोर–जोर से धक्के देने लगा।
मेरा लन्ड उसके गले तक जा रहा था।

उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे लेकिन वह लन्ड चूसने में लगी रही।
15 मिनट तक चूसने के बाद भाभी ने लंड बाहर निकाल दिया।

वो बोली- मैं बहुत लोगों से चुदी हूं, लेकिन इतने मोटे लंड से पहली बार चुदने जा रही हूं; आराम से चोदना।
मैं- बहुत से लोगों से? क्यूं, राकेश नहीं चोदता है क्या?

भाभी- नीव, तुम तो जानते हो ये कितना पीता है, और कितना गन्दा रहता है। उसके साथ चुदाई करवाने का मन नहीं करता मेरा, इसलिए बाहर के लोगों से चुदवाती हूं।

मैं- तो चिंता क्यों करती हो भाभी, मैं हूं न … जब मन करे चुदवा लेना। आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है।

ये कहकर मैं कॉन्डॉम लगाने लगा।
भाभी- अरे कॉन्डॉम लगाने की जरूरत नहीं है, तुम्हारे मोटे लंड से मैं बिना कॉन्डॉम के ही चुदना चाहती हूं।
मैं- लेकिन कुछ हो गया तो?

भाभी- वो मैं सब संभाल लूंगी। हमेशा मैं कॉन्डॉम वाले लंड से ही चुदती हूं, मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता है प्लास्टिक लगे लंड से चुदने में। अब इतने मस्त रसीले लंड पर तुम कॉन्डॉम लगाकर चोदोगे तो सारा मजा बेकार हो जाएगा। मैं तो रोज ही तुम्हारे लंड से चुदूंगी, वो भी बिना कॉन्डॉम के! चोदोगे ना मुझे?

अब भाभी के मुंह से यह बात सुन कर मैंने कह दिया- भाभी, तो फिर तुम्हें मेरी रण्डी बन कर रहना होगा।
भाभी- ऐसा लन्ड चूसने को मिलेगा तो रण्डी भी बनना मंजूर है।

ये बात उसके मुंह से सुनते ही मैंने कॉन्डॉम हटाया और उसकी ब्रा खींच कर उतार डाली।
उसके 34 के साइज के चूचे जो टाइट हो चुके थे, मेरे सामने आ गए। हाय … क्या चूचे थे … मैं जोर जोर से उन्हें चूसने और मसलने लगा।

भाभी- नीव, मुझसे अब रहा नहीं जाता, प्लीज अपनी इस रण्डी को चोदो और अपने मोटे लन्ड से अपनी रण्डी की प्यास बुझा दो।
दोस्तो, सच कहूं तो मैंने कई लड़कियों और भाभियों को चोदा था लेकिन पहली बार किसी औरत के मुंह से ‘रण्डी’, ‘चोदो’, ‘लन्ड’ जैसे शब्द सुन रहा था।

अब इतना सुनने के बाद मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
जल्दी से मैंने उसकी पैंटी को निकाल कर अलग कर दिया और उसे लेटा दिया।

अब उसकी चूत साफ दिखाई दे रही थी; उसकी चूत देख कर लग रहा था कि उसने आज ही सफाई की थी।

भाभी अब पूरी तरह नंगी होकर बिल्कुल किसी रण्डी की तरह मेरे सामने पड़ी हुई थी।

मैंने उसके दोनों हाथों को ऊपर किया और कस कर अपने एक हाथ से पकड़ लिया।
दूसरे हाथ से उसके पैरों को फैला कर अपने लन्ड को चूत पर सेट कर दिया।

फिर उसकी मोटी-मोटी चूचियां पकड़ कर उसका रस पीने लगा ताकि उसका ध्यान चूचे चुसवाने में लगा रहे।
भाभी चूचे चुसवाने का मजा ले रही थी और मैंने एक ही झटके से अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया।

मेरा आधा ही लन्ड गया था कि उसकी आंखें बाहर आ गईं, वो जोर से चीख उठी- ह्ह्हाऐ मेरी चूत फट गईईई … आईईई मर गई … बाहर निकालो तुम्हारा लन्ड!

उसकी चूत मेरे मोटे लन्ड के सामने अभी भी टाइट थी।
उसकी चीखों को रोकने के लिए मुझे उसके चूचों से हाथ हटा कर उसके मुंह पर रखना पड़ा।

अब भाभी की आवाज दब गई थी।

वह मुझे हटाने की जी-तोड़ कोशिश करने लगी लेकिन मैं भी पूरी तैयारी में था।
मैं उसके ऊपर लेट कर धक्के देने लगा।

3–4 धक्कों के बाद मेरा पूरा लन्ड भाभी की चूत में समा गया।

अब मैं थोड़ा रुका और कुछ देर बाद उसके मुंह से अपना हाथ हटाया।

भाभी रोने लगी।
वह गालियां देते हुए कहने लगी- हाए मेरी चूत फाड़ दी … तुम मुझे मार डालोगे, मुझे नहीं चुदना तुमसे!

मैं भाभी को उसके होंठों पर किस करने लगा।
2 मिनट बाद भाभी का दर्द कम हुआ।
फिर मैंने देसी हॉट भाभी की चुदाई शुरू कर दी।

थोड़ी ही देर बाद भाभी भी साथ देने लगी।
उसके मुंह से आआह्ह हहा … आआ आह्हह … चोदो … और चोदो … पूरा लन्ड डाल दो … फाड़ दो मेरी चूत को … जैसी आवाजें निकल रही थीं।

कुछ देर बाद मैंने भाभी को मेरे लन्ड के ऊपर बैठा दिया।
उसकी ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं हुई थी।
वह पूरे जोश और मजे के साथ मेरे लन्ड के ऊपर उछल रही थी।

काफी देर अलग–अलग तरीकों से जबरदस्त चुदाई के इस खेल में वह 1 बार झड़ चुकी थी।

अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- माल निकलने वाला है।
भाभी- अन्दर ही रहने दो, मुझे आज कुछ भी बर्बाद नहीं करना है।

मैंने बोला- भाभी, आप प्रेगनेंट हो गई तो प्रॉब्लम हो सकती है।
भाभी- वो सब मैं संभाल लूंगी, तुम बस चोदते रहो और माल अन्दर डाल दो।

मैंने भी वैसा ही किया और पूरे जोश से चुदाई करते हुए भाभी की चूत को वीर्य से भर दिया।

पूरे 2 मिनट तक लगातार उसकी चूत में पिचकारियां चलाते हुए मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया।

भाभी- नीव, अब ये चूत तुम्हारे लन्ड की दीवानी हो चुकी है। अब तो तुम्हें मुझे रोज चोदना पड़ेगा।
मैं- जी भाभी, अब आपकी चूत का मैं अच्छे से ख्याल रखूंगा। इसे कभी भी लन्ड की कमी महसूस नहीं होगी।

फिर भाभी ने मेरा लन्ड अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
शायद उसका मन नहीं भरा था।

मेरा लन्ड भी फिर से खड़ा हो गया था।

उस रात मैंने भाभी को बेरहमी से लगातार 3 बार अलग–अलग तरीकों से चोदा और भाभी भी चुदवाती रही।
मैंने भाभी की चूत की सारी खुजली मिटा दी।

अब उसकी चूत में सूजन भी आ गई लेकिन भाभी की आंखें बंद थीं।
उसके चहरे पर सुकून की चुदाई वाली मुस्कान आ गई थी।

अब भाभी पक्की रण्डी बन चुकी थी।
वह चुदाई करवाने में एक्सपर्ट हो चुकी थी।
अब वह कभी चूत चोदने को तो कभी गांड चोदने को कहती।

पीरियड टाइम में वो मेरा लन्ड अपने मुंह में भर कर खूब मजे दिया करती थी बिल्कुल रण्डी की तरह!

इस तरह मैंने भाभी को 2 साल तक खूब चोदा और दो बार मां बनने का सुख भी दे दिया।

आज उसके 3 बच्चे हैं जिनमें से 2 मेरी ही देन हैं।

आपको भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी?
मुझे जरूर अपने मैसेज में लिखना।

देसी हॉट भाभी की चुदाई कहानी पर कमेंट करना बिल्कुल न भूलें, मुझे बताएं कि भाभी की प्यास मिटाकर मैंने सही काम किया या नहीं।
मुझे आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
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