देसी भाभी सेक्स कहानी में मैं एक बिल्डिंग में पेमेंट लेने गया। गर्मी थी, एक भाभी ने मुझे शरबत पिलाया पर शरबत में नशीली दवा मिला दी। जब होश आया तो भाभी मेरा लंड चूस रही थी.
हैलो लंड वालो और प्यारी चूत वालियो! सबको नमस्कार!
मेरा नाम मोहन है। मैं पटना का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 22 साल, रंग गोरा और हाइट 5.9 फीट है। मेरे लंड का साइज 7 इंच और मोटाई 3 इंच है।
इतना बड़ा लंड होने के बावजूद मैं अंडरवियर नहीं पहनता क्योंकि मैं 24 घंटे जींस पहनता हूं।
उससे लंड का आकार छिप जाता है।
मैं केबल सर्विस में पैसा वसूलने का काम करता हूं।
ये देसी भाभी सेक्स कहानी 200 प्रतिशत सत्य है इसे इसलिए पढ़कर चूत में उंगली करो या लंड हिलाओ कुछ भी करो, लेकिन करो।
अब मैं सीधा देसी भाभी सेक्स कहानी पर आता हूं।
बात एक सरकारी बिल्डिंग की है जिसमें मैं पैसा वसूली के लिए गया हुआ था।
उस बिल्डिंग में 5 फ्लोर थे और एक फ्लोर पर दो फ्लैट थे।
यानी कुल मिलाकर 10 परिवार वहां पर रहते थे।
बात जून महीने की है।
रोज की तरह मैं 10 बजे ऑफिस से निकला।
पैसे लेने मैं उस बिल्डिंग के नीचे आया।
धूप काफी तेज थी।
तेज धूप के कारण मुझे चक्कर आने लगा।
मेरी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा।
मुझे पांचवें फ्लोर पर चढ़कर जाना था।
लिफ्ट नहीं थी इसलिए मैं नीचे ही सीढ़ी पर बैठ गया आराम करने के लिए।
बैठे-बैठे मन किया कि चुदाई की कहानी पढ़ लेते हैं।
मैंने हिंदी सेक्स स्टोरी साइट खोली और हॉट भाभी सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा।
कहानी खत्म हुई तो मैं ऊपर जाने लगा।
टॉप फ्लोर पर जाने के बाद मैंने बेल बजाई।
उन्होंने दरवाजा खोला।
भाभी को देख कर मेरा मन डोलने लगा; मन किया कि भाभी को अभी पटक कर चोद दूं।
भाभी टॉप फ्लोर पर रहती थी और घर में AC नहीं था, सिर्फ कूलर था।
भाभी ने जो ड्रेस पहनी थी वो घुटनों से ऊपर थी और कंधे पर से आधे बूब्स तक सिर्फ पतली सी स्ट्रिप थी।
और उसने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी, सिर्फ जालीदार पैंटी झलक रही थी।
वो ड्रेस ऐसी थी कि उससे आधे बूब्स और चूत ही ढक रहे थे।
बाकी सबकुछ दिख रहा था।
हालांकि मैं 2 साल से भाभी के यहां आ रहा था लेकिन ऐसी ड्रेस उसने पहली बार पहनी थी जिससे आधे बूब्स दिख रहे थे।
दोस्तो, बता दूं कि भाभी का नाम शालिनी था और उसका फिगर 30-28-30 था।
भाभी के घर में सिर्फ दो लोग ही रहते थे, वो और उसके हस्बैंड।
उसके पति हमेशा घर से बाहर ही रहते थे।
चूंकि मैंने कुछ देर पहले ही हॉट भाभी की स्टोरी पढ़ी थी तो मेरा लौड़ा अभी भी तना हुआ था।
वो मेरी जींस को फाड़कर बाहर निकलना चाह रहा था।
भाभी बोली- जल्दी से भीतर आ जाइए नहीं तो रूम गर्म हो जाएगा।
तो मैं जल्दी से अंदर चला गया।
भाभी की नजर एकदम से मेरी पैंट पर घूमकर आ गई।
मैंने देखा कि जींस की चेन हल्की सी खुली हुई थी क्योंकि वो खराब थी और सीढ़ियां चढ़ते हुए अपने आप ही खुल जाती थी।
जींस में लंड की मोटाई साफ-साफ पता चल रही थी।
मेरे लंड का आकार उस जींस में साफ पता चल रहा था।
कोई भी उसकी शेप देखकर बता सकता था कि मेरे लंड का आकार कितना होगा।
भाभी देखे जा रही थी और मुस्कुरा रही थी।
मुस्कराना तो खैर आम बात थी।
मैं भाभी के यहां दो साल से आ रहा था तो हम दोनों एक दूसरे को जानते ही थे।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुझे शरबत चाहिए, मुझे चक्कर आ रहा है तेज धूप के कारण।
भाभी- अभी लस्सी लाती हूं।
उन्होंने बड़े गिलास में लस्सी लाकर दी जिसे मैं पूरा पी गया।
लस्सी पीने के बाद टीवी में कुछ चैनल नहीं आ रहा था तो मैंने उसको ठीक किया।
भाभी दूसरे रूम से पैसा लाने गई।
मैंने सोचा लंड को तब तक थोड़ा एडजस्ट कर लेता हूं ताकि वो अलग से दिखाई न दे।
मैने जैसे ही जींस का बटन खोला लंड बाहर आकर सलामी देने लगा।
तभी भाभी वहां अचानक से आ गई।
मैंने जैसे ही उनको देखा मुझे चक्कर आया और मैं गिर गया।
उसके कुछ मिनट बाद में मैं होश में आने लगा।
धीरे-धीरे मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरा लंड चूस रहा है।
मैंने उठने की कोशिश की लेकिन मेरा शरीर काम नहीं कर रहा था और आंखें ठीक से खुल नहीं रही थीं।
फिर दिमाग में आया कि मुझे चक्कर नहीं आया बल्कि शायद भाभी ने लस्सी में कुछ ऐसी दवा डाल दी जिससे मैं होश में नहीं आ पा रहा हूं।
मुझे कुछ-कुछ भाभी की बातें सुनाई पड़ रही थीं और वो बोल रही थी- इतना बड़ा लंड चूत में जाएगा तो जन्नत का मजा देगा।
भाभी मेरे लंड को चूसे जा रही थी।
कई बार ऐसा भी लग रहा था जैसे कि मैं किसी सपने में हूं।
मैं बस महसूस कर सकता था कि कोई मेरा लंड चूस रहा है, लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था।
भाभी मेरे लंड को गले तक ले जाते हुए चूस रही थी।
करीब दस मिनट तक लंड चूसने के बाद भाभी मेरे ऊपर आ गई।
अब मेरी बेहोशी भी कम हो रही थी।
मेरे ऊपर आकर वो लंड को चूत में रगड़ने लगी।
उसकी चूत पहले से ही पानी छोड़े जा रही थी और जब लंड का स्पर्श हुआ तो चूत और भी गीली होने लगी।
दो मिनट तक लंड को रगड़वाने के बाद भाभी ने टोपे को चूत के मुंह पर सेट किया और अंदर लेने की नाकाम कोशिश करने लगी।
टोपा अंदर जा ही नहीं रहा था क्योंकि मेरा टोपा लंड से आधा इंच ज्यादा मोटा था।
भाभी की चुदाई महीने में एक-आध बार ही होती थी वो भी 5 इंच के लंड से!
इसलिए चूत का मुंह पूरा नहीं खुला था।
परेशान होकर भाभी नारियल तेल लाने गई।
जब तक मैं भी होश में आ ही गया था।
अब भाभी नारियल तेल लेकर आई और मेरे लंड पर लगा दिया।
उसने अपनी उंगली से नारियल तेल को चूत के अंदर तक लगा लिया।
वो फिर से लंड पर बैठने लगी।
इस बार जोर से बैठी और लंड 3 इंच अंदर चला गया।
भाभी के मुंह से आह … निकल गया।
भाभी अब ऊपर नीचे हो रही थी और पांच इंच तक ही लंड को अंदर ले रही थी।
भाभी ऐसे मजे लेकर चुद रही थी जैसे पहली बार लंड लिया हो और जन्नत का मजा मिल रहा हो।
अब भाभी ने मेरे सीने से अपना हाथ हटा लिया और अपने बूब्स के साथ-साथ निप्पलों को भी मसलने लगी।
जैसे ही हाथ का सपोर्ट हटा लंड पूरा सात इंच चूत की गहराई में घुस गया।
उसके मुंह से जोर की आवाज निकली- ऊईई ईई मा … मर गई … ऊई ईईई उफ्फ … मेरी चूत।
वो कुछ देर वहीं पर ठहर गई।
उसने लंड को धीरे से बाहर निकलवा लिया।
फिर दोबारा से कोशिश की और लंड पर जोर डालते हुए हुए उसने पूरा लंड अंदर ले लिया।
अब भी उसे दर्द हो रहा था लेकिन लौड़ा उसकी चूत में पूरा ही जा चुका था।
मोटा लंड भाभी को तकलीफ दे रहा था।
लंड लेकर भी वो खुश नहीं हो पा रही थी।
इसलिए भाभी ने सब्र से काम लेना ही उचित जाना।
जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसके बाद उसने लंड पर उछलना शुरू किया।
कुछ ही देर बाद वो पूरी ताकत से लंड पर कूदने लगी।
अब भाभी को लंड की चुदाई से मजा मिलने लगा- उसके मुंह से आह्ह … ओह्ह … जैसी कामुक आवाजें आने लगीं।
भाभी पूरे जोश में थी और लगातार सिसकार रही थी- आह्ह मोहन … ओह्ह मोहन … चोद दो मुझे … आह्ह मेरी चूत … मेरी चूत चुद गई … आह्ह मेरी चूत चुद गई … फाड़ दो इसे। निकाल दो इसका पूरा रस … आह्ह।
इतने में ही उसकी चूत ने रस फेंक दिया।
चूत से निकलते पानी के साथ ही भाभी की स्पीड और तेज हो गई।
वो आंखें बंद करके मेरे ऊपर कूद रही थी।
भाभी के बूब्स हवा में उछल रहे थे।
ऐसा दृश्य देख मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।
अब मैं भी उसके बूब्स पकड़ना चाह रहा था और झटके मारना चाह रहा था।
मगर मैं रुका रहा और एक प्लान सोचा।
भाभी अभी भी तेजी से मुझे चोद रही थी।
तेज स्पीड के कारण भाभी दूसरी बार भी झड़ गई।
अबकी बार मैं भी उनकी चूत में तेज पिचकारी मारते हुए झड़ गया।
भाभी को वीर्य की पिचकारी चूत में महसूस हो गई थी।
वीर्य चूत में गिरवाकर वो एकदम से खुश हो गई थी।
लग रहा था जैसे जन्नत में हो।
भाभी की चूत से वीर्य नीचे गिरने लगा था।
फिर मैंने नाटक करने का सोचा।
मैं एकदम से उठा और पैंट पहनते हुए बोला- आपने ये क्या किया मेरे साथ?
उठकर मैं हॉल की तरफ जाने लगा।
तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
वो रोने लगी, बोली- प्लीज मेरी बात सुन लो मोहन, फिर जो बोलोगे मैं करूंगी।
उसके आंसू देख मैं भी रुक गया।
फिर अपनी बात बताते हुए बोली- जब मैं 19 साल की थी तब से ही सेक्स करने का बहुत मन करता था लेकिन घर वाले बाहर नहीं जाने देते थे।
वो आगे बोली- जैसे तैसे दो साल तक मैंने उंगली डाल डालकर अपना मन बहलाया। 21वें साल में घरवालों ने जबरदस्ती मेरी शादी करवा दी। पति भी सरकारी नौकरी में था तो घर ही नहीं आता था।
भाभी ने कहा- अब की कहूं तो अभी भी मैं प्यासी रहती हूं। पति थक-हारकर कभी घर आता है। आते ही सो जाता है और मेरी प्यास अधूरी रह जाती है।
उसने आगे कहा- मैं बहुत प्यासी रहती हूं। पति कभी सेक्स करता भी है तो बस 5 मिनट में ही झड़ जाता है। उसके बाद फिर दोबारा उसका खड़ा भी नहीं होता है।
दोस्तो, यह दिक्कत सिर्फ भाभी की नहीं थी। बिल्डिंग में बहुत सारे घरों की यही दिक्कत थी। सिर्फ 2 घर ऐसे थे जिनके पति काम से जल्दी आते थे और जिम जाते थे।
वे अपनी बीवियों की अच्छी चुदाई करते थे, उनकी आवाजें सब सुनते थे रात को।
फिर उनकी बीवियां दूसरों की बीवियों को जलाती थीं कि उनके पति कितनी अच्छी चुदाई करते हैं।
एक कारण ये भी था कि भाभी अपनी चुदाई भी अच्छे से करवाना चाहती थी।
जिनके पति चुदाई में अच्छे थे उनकी बीवियां बहुत सख्त थीं और पतियों को किसी से बात नहीं करने देती थीं।
इसलिए बिल्डिंग में जोर से चुदने का सपना हरेक भाभी के लिए अधूरा ही था।
मैंने कहा- आपकी कहानी के सुनने के बाद अगर मैं आपके काम आऊंगा भी तो आप फिर बाद में कभी नहीं पूछोगे, अभी तो इसलिए कह रही हो कि आपको जरूरत है।
वो बोली- उसकी चिंता मत करो, अगर मैं तुम्हें चूत नहीं दे पाई तो किसी और भाभी की चूत दिलवा दूंगी। लेकिन मुझे मत भूलना।
मैं बोला- भाभी, पहले प्यार को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सुनकर भाभी ने मुझे गले लगा लिया।
दिन के 2.30 बज रहे थे और भाभी अभी तक नंगी ही थी।
तब मैं भाभी से बोला- भाभी आपने तो पूरा मजा ले लिया हमसे और खुद संतुष्ट हो गई। लेकिन मैं तो नींद में था। मुझे संतुष्टि नहीं मिली।
भाभी- मेरी जान, तुमको लगता है कि एक बार चुदाई से मुझे संतुष्टि मिल गई? मैं बरसों से प्यासी हूं और मेरी प्यास वर्षों तक नहीं बुझने वाली। और जब तक मर्द के धक्के चूत में ना लगे तब तक संतुष्टि तो मिल ही नहीं सकती। मुझे तुम जब तक बीस अलग-अलग पोजिशन में नहीं चोदोगे मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी।
मैं- अच्छा तब तो मैं आपकी प्यास बुझा कर ही जाऊंगा।
बोलकर मैंने भाभी को बेड पर पटक दिया और फ्रेंच किस करने लगा।
भाभी भी पागलों की तरह किस करते हुए मेरा साथ देने लगी।
5 मिनट तक मैं जीभ उनके मुंह में घुमाता रहा और उनकी जीभ को मैं चूसता रहा।
उसके बाद हम दोनों 69 पोजिशन में आ गए।
मैंने भाभी की चूत को उंगली डालकर पहले साफ किया क्योंकि चूत से मेरा स्पर्म निकल रहा था।
भाभी इस बार गले की गहराई तक लंड ले रही थी।
मैं उनकी चूत में 2.5 इंच अंदर तक जीभ डाल कर गोल-गोल घुमा रहा था।
कभी पूरी चूत को मुंह में लेकर चूस रहा था।
ऐसा करने से भाभी मेरे मुंह पर ही झड़ गई।
भाभी जितनी बार झड़ती थी सेक्स के लिए उसका पागलपन और बढ़ने लगता था।
अब भाभी बोली- चुसाई हो गई … अब मेरी चूत की चुदाई कर दो।
मैं- किस पोजिशन में चुदना आपको अच्छा लगता है?
भाभी- मैं आज तक सिर्फ मिशनरी पोजिशन में चुदी हूं। लेकिन नीचे वाली प्रियंका भाभी बोल रही थी कि वो 20 पोजिशन में चुदती है।
उसकी बातें सुन कर मेरी चूत में भी पानी आने लगता है।
मैं- ठीक है, तो चलिए शुरू करते हैं।
फिर हम दोनों हॉल में चले गए।
भाभी को टेबल पर लिटा कर पहले मैंने चूत को चूसा और लंड का टोपा चूत के मुंह पर रख कर जोर का धक्का मारा जिससे आधा लंड चूत की गहराई में चला गया।
भाभी के मुंह से दर्द और मजे की आवाजें निकलने लगीं- आह्ह … अम्म … ऊहहह आराम से।
मैं भाभी की चुदाई मीडियम स्पीड में करने लगा।
फिर दोनों पैर कंधे पर लिये झटके लगाने लगा।
अब वो खूब मजे से चुद रही थी।
हॉल में आवाज काफी गूंज रही थी।
उसकी गूंजती हुई सिसकारियों से मेरा जोश और ज्यादा बढ़ रहा था।
चूंकि हॉल में केवल पंखा ही था तो हम दोनों जल्द ही पसीने से नहा गए।
दोनों पैर कंधे पर थे इसलिए भाभी की चूत में मेरा 7 इंच का लंड आराम से जा रहा था।
इससे चुदने का आनंद तो भाभी ही बता सकती थी जो उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था।
मैंने पोजीशन चेंज करना चाहा और भाभी को इशारा किया कि मेरी गर्दन पकड़ कर लटक जाए।
वो लटक गई।
ये मेरी पसंदीदा पोजीशन है जिसमें लड़की के पैर लड़के के कंधे पर, और दोनों हाथ से वो गर्दन पकड़ कर लटकी रहती है और चूत लंड पर सेट रहता है।
खड़ा हुआ जब मैं इस पोजिशन में भाभी को चोदने लगा तो उसकी आंखों से आसूं आने लगे क्योंकि इसमें काफी तेज झटके लगते हैं।
भाभी के मुंह से दर्द भरी आवाजें आने लगीं- आह्ह धीरे … धीरे करो … ऊईईई … प्लीज धीरे … करो।
उसकी ये दर्द भरी चीखें मुझे मदहोश कर रही थीं।
जल्द ही वो चरम सीमा पर पहुंच गई।
वो मेरे झटके झेल नहीं पा रही थी।
अब वो पोजीशन बदलने के लिए रिक्वेस्ट करने लगी।
बदन में पसीना था जिसके कारण हाथ छूटने लगे थे।
मैंने जाकर भाभी को सोफे पर पटक दिया।
मैं दो मिनट के लिए रुक गया क्योंकि भाभी की चूत में काफी दर्द होने लगा था।
भाभी ने पहली बार इतनी तेज झटके खाए थे।
फिर वो बोली- किसी अच्छी पोजीशन में चोदो जिसमें दर्द कम हो।
मैं बोला- सोफे पर ही डॉगी बन जाओ। डॉगी स्टाइल में चोदेंगे।
वो डॉगी बन गई।
मैंने लंड सेट किया और चोदने लगा।
इस बार उनको बहुत मजा आने लगा।
वो अपनी गांड पीछे की तरफ कर करके धक्के मारने की कोशिश कर रही थी।
मैं समझ गया कि कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा है भाभी को।
मैंने स्पीड बढ़ा दी और जोर से चोदने लगा।
भाभी भी मजे से चुद रही थी।
मुझे चुदाई में सबसे ज्यादा मजा उनकी आवाजों को सुनकर आ रहा था।
वो बार-बार मजे में कह रही थी- आह्ह और चोदो … मजा मिल रहा है … और चोदो … प्लीज और चोदो … बरसों से प्यासी हूं … चोदते रहो।
मैंने स्पीड बढ़ा दी और चूत से बहुत सारा पानी निकलने लगा।
भाभी के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी की लहर दौड़ गई।
फिर चूत का पानी निकल जाने के बाद मैंने लंड को साफ किया।
फिर मैं रुका और बोला- चलिए रूम में, कूलर के सामने चलते हैं, यहां बहुत गर्मी है।
भाभी- जितनी गर्मी रूम में है उससे ज्यादा मेरी चूत में है। सारी गर्मी निकाल दो मेरी चूत से … प्लीज।
मैं- हां बस अब गर्मी ही निकालनी बाकी है। चलिए रूम में।
रूम में गए तो जल्द ही हमारे पसीने सूख गए।
मैंने भाभी की कमर के नीचे तकिया लगा दिया।
अब बारी थी पावर प्ले की … यानी धूम मचाने की।
भाभी के दोनों पैरों को मोड़ कर मैंने उनके ही हाथ में पकड़ा दिया।
अब थोड़ा सा नारियल तेल लंड पर लगा लिया ताकि सूखे लंड से चूत में दर्द न हो, सिर्फ मजा ही आए।
तेल लगा कर मैंने लंड चूत के अंदर डाल दिया।
मैंने दोनों बूब्स को अपने हाथों में पकड़ा और तेज शॉट मारने लगा।
भाभी के मुंह से दर्द भरी सिसकारियां फूट पड़ीं- आअ अअअ अईई … आअआ आआ आआ आहह … ओहह माय गॉड … फक … आह्ह हार्ड … ओह बेबी … हार्ड!
ऐसी आवाजें सुन कर मैं 5 मिनट भी नहीं टिक पाया और चूत में झड़ गया।
चूत दोबारा स्पर्म से भर गई।
मैं भी निढाल हो गया और उसके ऊपर गिर गया।
भाभी ने पैर छोड़कर मेरे बदन पर बांहें डाल मुझे कस लिया।
हम दोनों 2 मिनट तक एक दूसरे से चिपके पड़े रहे।
अब शालिनी भाभी के पास एनर्जी ही नहीं बची थी कि मेरे लंड के और झटके झेल सके।
उनकी चूत का कचूमर निकल गया था।
जिन्दगी में पहली बार वो एक साथ पांच बार झड़ गई थी।
फिर हम दोनों उठने लगे और कपड़े पहनने के लिए जैसे ही गेट की ओर देखा तो दो औरत खड़ी मोबाइल में वीडियो बना रही थीं।
वो दोनों मुस्करा रही थीं।
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी।
आपको देसी भाभी सेक्स कहानी कैसी लग रही है मुझे अपने कमेंट्स में बताना।
देसी भाभी सेक्स कहानी का अगला भाग: