दोस्त की सहेली भाभी की चुदाई का मजा

देसी भाभी पोर्न स्टोरी में मेरे दोस्त ने अपनी किसी दोस्त भाभी की मदद करने को कहा. मैंने उनका काम कर दिया और भाभी मेरी भी दोस्त बन गयी. बात आगे भी बढ़ी.

नमस्कार दोस्तो, मैं आपका पुराना साथी राहुल.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
गर्लफ्रेंड को जन्मदिन का उपहार दिया लंड
पर आपने बहुत प्यार लुटाया, जिसका मैं आभारी हूं.
वहीं से मुझे और लिखने की प्रेरणा मिली.

आज उसी प्रेरणा की वजह से मैं आपके लिए अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हुआ हूँ जो कि एकदम सच है और हाल ही में हुई है.
उस कहानी को मैं आपके सामने रख रहा हूँ.

मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और ये देसी भाभी पोर्न स्टोरी भी दिल्ली की ही है.

मेरे एक दोस्त ने किसी काम के लिए एक भाभी को मेरा नंबर दे दिया था.

बाद में उनसे बात हुई और मैंने उनका काम करवा दिया.
उसी दरमियान मेरी भाभी से बातचीत होने लगी और मैंने उनकी चूत गांड भी मारी.

वह सब कैसे हुआ, आइए रस लेते हैं.

मैं भाभी टाइप की महिलाओं की चूत का दीवाना हूं और हमेशा ही नई नई भाभियों की चूत के चक्कर में रहता हूं.
उनकी खुजली मिटाने के लिए मेरा 7 इंच का लंड भी हमेशा तैयार रहता है.

वैसे भी यह किसी भी चूत की खुजली और प्यास मिटाने के लिए सदैव रेडी रहता है … फिर चाहे वह भाभी की चुत गांड हो या किसी कमसिन लड़की की हो.

चूत की रानियों को नमन और लंड के राजाओं को सलाम करते हुए आगे बढ़ता हूँ.
मुझे उम्मीद है कि इस सेक्स कहानी में चूत वाली अपनी चूत चोदेंगी और लंड वाले मुट्ठी मारे बिना नहीं रह पाएंगे.

शफ़क नाम की एक महिला को मेरे दोस्त ने मेरा नंबर दे दिया और बोला कि इनका कुछ काम है, वह काम करवा देना.
मैंने भी भाभी से बात की और उनका काम समझा.
मेरे लिए वह काम आसान सा था तो मैंने करवा दिया.

फिर धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं.

पहले व्हाट्सएप पर बातें होना शुरू हुईं, फिर हम दोनों फोन पर गपियाने लगे.

ऐसे ही धीरे धीरे हम दोनों खुलने लगे.

एक दिन मैंने उस भाभी से कभी वीडियो कॉल करने को बोला.
मगर उन्होंने बिना सोचे उसी वक्त मुझे कॉल कर दिया.
मैं उस वक्त पोर्न देख कर हिलाने के मूड में था.

मैंने भाभी से कहा- अरे आपने गलत टाइम पर कॉल कर दिया है.
वे बोलीं- क्यों अभी किसी सैटिंग का फोन आने वाला था क्या?

मैंने हंस कर भाभी से कहा- नहीं भाभी, मैं अभी सिंगल ही हूं … मेरा लास्ट मंथ ब्रेकअप हो गया है.
उन्होंने दुख जताते हुए मेरे मजे लेने शुरू किए और बोलने लगीं- तो कुछ और प्लान था क्या?

मैं थोड़ा झेंप गया.

उन्होंने जोर दिया- बताओ न!
तो मैं बताने लगा- हां, आज बहुत दिन हो गए थे तो मेरा मुठ्ठी मारने का प्लान था.

ये बात सिर्फ लड़के ही समझ सकते हैं कि जो मजा मुट्ठी मारने में आता है … वह मजा कहीं और नहीं आता है.
तो इस पर उन्होंने बोला- अच्छा जी … जरा हमें तो मिलवाओ अपने छोटे नवाब से!

मैं भाभी की इस बात से एकदम से सकपका गया.
मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि भाभी मुझसे ज्यादा फॉरवर्ड निकलेंगी.

फिर मैंने हिम्मत करके उनकी बातों का जवाब दिया.

मैंने कहा- आप क्या करोगी देख कर … आप तो किसी का छोटा नवाब रोज देखती ही होगी!
इस पर भाभी थोड़ा मायूस होकर बोलीं- अरे यार, तुमने तो किसी की बात कह कर मेरा मूड खराब कर दिया!

फिर मैं समझा कि उधर उनके पास छोटे नबाव की किल्लत है.
इसलिए मैंने उनकी हालत को समझा और धीरे धीरे मैं उनको मनाने लगा.

काफी देर बाद भाभी का मूड बना तो मैंने उनको अपना लंड दिखाया.
मेरा लंड देख कर उनकी भी चूत में खुजली हो गई थी, तो वे भी अपने दूध दिखाने लगीं.

मैंने कहा- अकेले दूध से क्या होगा … इसमें मलाई भी तो मिलाओ!
वे समझ गईं और चुत दिखाने के लिए मान गईं.

मैंने भाभी को धीरे धीरे पूरी नंगी करवा लिया और वीडियो कॉल पर ही चोद दिया.
वे झड़ कर खुश हो गई थीं.

अब हम दोनों के बीच रोज ही ऐसे सेक्स होने लगा.

एक मैंने भाभी से मिलने का पूछा, तो उन्होंने भी हां बोल दिया.

मैंने उनसे कहा- हम कहीं और मिल सकते हैं या घर पर ही?
इस पर उन्होंने कहा- बाहर जहां भी तुम चाहो, वहीं मिल लूँगी.

मुझे लगा कि भाभी किसी पब्लिक प्लेस में मिलने की सोच रही हैं.
तो मैंने मजाक मजाक में अपनी बात साफ करते हुए कहा कि कहीं अकेले कमरे में मिलें?
उन्होंने इस बात पर सहमति जताते हुए हां कह दिया.

बस दोस्तो फिर क्या था, मेरी तो समझो लाटरी लग गई थी.

मैंने एक होटल में कमरा बुक करवा लिया और तय समय पर हम दोनों उस होटल के कमरे में मिलने आ गए.

सच मानो दोस्तो, क्या भाभी थी वह … मेरा तो उसको देख कर ही खड़ा हो गया.

भाभी की उम्र 34 साल थी.
उनका फिगर तो कोई ज्यादा नहीं था बस 28-30-32 का ही था लेकिन चितवन से बड़ी ही रसीली भाभी थीं.

हम दोनों कमरे में पहुंचते ही जैसे भूखे कुत्तों की तरह एक दूसरे पर टूट पड़े थे.
मैंने झट से भाभी की कुर्ती उतारी और सीधा उनकी ब्रा पर हमला कर दिया.
वे खुद भी भूखी कुतिया की तरह मेरे साथ लग गई थीं.

मैंने उनकी ब्रा को नीचे किया और उनके दूध मसलने लगा.
धीरे धीरे एक निप्पल को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा.

वे मेरे सिर को अपने मम्मों पर खींचने लगीं और बारी बारी से अपने दोनों दूध मुझसे चुसवाने लगीं.

काफी देर तक दूध चूसने के बाद मैं अपना हाथ उनकी टांगों के बीच में ले गया तो उनकी सलवार भीग चुकी थी.

फिर मैंने भाभी की सलवार अलग की.
अब मैं उनके होंठ चूस रहा और अपने एक हाथ को उनकी पैंटी में डाल दिया था.

मैं उनकी रस भरी चूत में उंगली करने लगा और भाभी अपनी कमर को आगे पीछे करती हुई फिंगर फक का मजा लेने लगीं.

ऐसे ही करते करते भाभी ने मेरी पैंट में हाथ डाला और मेरे कड़क लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.

अब मैंने भाभी को उठाया और सीधा बेड पर पटक दिया.

वे झट से अपनी पैंटी को खिसका कर टांगें फैला कर मुझे न/शीली नजरों से देखने लगीं.
मैं उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनकी चूत चूसने लगा.

उनको चूत चुसवाना पसंद था.
ऐसा उन्होंने मुझे वीडियो कॉल पर बोला था.

कुछ ही देर में वे बोलीं- एक साथ करते हैं.
तो हम दोनों 69 के पोज में आ गए.

आह क्या मजा आ रहा था.
भाभी पूरा लंड गले तक ले रही थीं और चाट चाट कर चूस रही थीं.

नीचे से उनकी चूत चूसने का स्वाद लेकर मुझे डबल मजा मिलने लगा था.

चुत चुसवाती हुई भाभी एक बार झड़ चुकी थीं लेकिन मेरे लंड का काम अभी तक नहीं हुआ था इसलिए मैं लगा रहा.
फिर मैंने उनको सीधा किया और उनके ऊपर चढ़ गया.

भाभी ने बेसब्री से अपने दोनों पैर खोल कर मेरे लंड को अपनी चूत पर सैट किया और खुद गांड हिला कर पूरा लंड ले गईं.

जब मेरा सात इंच का हथियार चुत पर चला, तो उनकी आह निकल गई.

मैंने भाभी की चीख निकलती देखी, तो झट से उनके होंठों पर किस करने लगा.
इसी पोजीशन में मैंने भाभी को दस मिनट तक चोदा.

फिर मैंने पोजीशन बदली और उनको अपने ऊपर आने को बोला.

वे तो घुड़सवारी वाले खेल की खिलाड़ी थीं.
उन्होंने बिना देर किए सीधा मेरे लंड को अपने चुत में दबाया और उसकी सवारी करना शुरू कर दिया.

मैंने गांड उठा कर झटके मारे तो उनको दर्द होने लगा.
वे वापस नीचे आने की कहने लगीं.

मैंने बिना लंड निकाले उनको अपने नीचे ले लिया.

इसी तरह मैंने आसन बदल बदल कर भाभी को 30 मिनट तक चोदा.
फिर जब मेरा काम तमाम होने वाला था तो मैंने उनसे कहा कि मैं आने वाला हूं!

वे बोलीं- मुझे माल खाना है आपका!
मैंने भी बिना देरी किए लंड चुत से खींचा और सीधा उनके मुँह में घुसेड़ दिया.

बस मैं भाभी के मुँह को चोदते हुए ही अन्दर झड़ गया.

इसी तरह मैंने उस दिन 4 बार भाभी की चूत मारी.
अब मेरी नजर उनकी गांड पर थी.

मैंने बड़ी मिन्नत की और भाभी को मनाया भी… लेकिन वे गांड मरवाने के लिए राजी नहीं थीं.
मगर मैंने भी जिद पकड़ ली.

फिर वे मान गईं और बोलीं- दर्द बहुत होगा!
मैंने भाभी से कहा- चिंता मत करो डार्लिंग … मेरे पास क्रीम है.

मैंने बैग से क्रीम निकाल कर उनकी गांड के छेद पर लगाई और कुछ अपने लंड पर लगाई.
फिर मैं उंगली से भाभी की गांड का छेद ढीला करने लगा.
उनको भी इसमें मजा आने लगा था.

वे ऊंह आह आह उफ़ करके मेरा साथ दे रही थीं.
फिर मैंने उनको घोड़ी बनने को बोला तो वे झट से बन गईं.

मैंने पहले अपना टोपा धीरे से उनकी गांड के छेद पर रखा और एक जोर के झटके में पूरा लंड उसकी गांड उतार दिया.
मुझे मालूम था कि अगर मैं स्लो स्लो करता तो वे लंड नहीं लेतीं.

इसलिए जैसे ही लंड ने हमला किया तो वे चीख कर आगे को भागने को हुईं.

मैं बिना रुके उनको चोदता रहा.
ऐसे ही लगभग 20 मिनट तक उनकी गांड मारता रहा और उनकी गांड में झड़ कर उनके ऊपर ही लेट गया.

इस तरह मैंने उस दिन उसकी 5 बार ली; चार बार चूत मारी और एक बार गांड में लंड पेला.

उस दिन शाम तक हम लोग होटल में ही रहे.
फिर दुबारा मिलने का वादा करके हम दोनों इस कमरे से निकल गए.

इस बात को अभी करीब 15 दिन ही हुए हैं लेकिन मैं उनकी चुदाई को भूल नहीं पा रहा.
मैंने चूत तो बहुतेरी मारी थीं लेकिन ऐसी चुत अब तक नहीं मिली थी.

दोस्तो, आपकी मेरी ये सच्ची देसी भाभी पोर्न स्टोरी कैसी लगी?
मुझे जरूर बताइएगा … आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा.
हमेशा भाभियों को खुश करने वाला आपका अपना दोस्त राहुल
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