भाभी की चूत चोदना बहुत मजेदार होता है. मैंने ऐसे ही एक औरत को चोदा जिसका पति बड़ी उम्र का था. न्यू इयर पार्टी में मिली थी वो मुझे!
दोस्तो, मेरा नाम सुशान्त है, मेरी उम्र चौबीस साल है. मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: जूनियर ने चूत की गुरुदक्षिणा दी
मैं आपके सामने आज एक सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
इस सेक्स कहानी में कैसे मैंने एक शादीशुदा औरत को उसी के घर में चोदा था, इसकी कहानी लिखी है.
ये बात तब शुरू हुई थी, जब मैं और मेरे दोस्त नए साल की पार्टी में शहर से कुछ दूर के एक होटल में गए थे.
इस बड़े होटल में न्यू इयर पार्टी का आयोजन मेरे फ्रेंड की इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी की तरफ से किया गया था इसलिए मुझे इधर आने के फ्री पास आसानी से मिल गए थे.
उस पार्टी में कम से कम ढाई सौ लोग आए हुए थे जिनमें आसपास के बिजनेसमैन और उनकी फैमिली के लोग ज्यादा थे.
उस 31 दिसंबर की रात के लगभग ग्यारह बजे पार्टी अपनी जवानी पर आ गयी थी.
मैं और मेरे फ्रेंड्स सभी एक साथ बैठे हुए थे.
इतनी देर में मेरा एक फ्रेंड, जिसका नाम सिद्धार्थ था, वो मुझे वहीं मिल गया.
मैंने उससे पूछा- भाई तुम यहां कैसे आए हो?
उसने बताया कि वो फैमिली के साथ आया है.
थोड़ी इधर उधर की बातें होने के बाद वो चला गया.
पार्टी बड़ी जोरदार चल रही थी, मगर न जाने क्यों मुझे मजा नहीं आ रहा था क्योंकि यहां ज्यादातर शादीशुदा लोग थे.
इसलिए मैं होटल के बाहर एक साइड जाकर सिगरेट जलाकर कश मारने लगा.
इतनी देर मैं उसी जगह पर एक औरत आयी.
मैं उसे देख कर वहां से थोड़ा दूर जाकर बैठ गया.
मैंने एक बात नोटिस की कि वो औरत भी सिगरेट पी रही थी लेकिन उसका स्मोक करने का अंदाज़ कोई अलग सा था.
उसे देख कर लग रहा था जैसे वो कुछ सोच रही हो … मतलब उसके मन में किसी बात की तन्हाई सी दिख रही थी.
मैंने उसके ऊपर थोड़ा ध्यान दिया, तो वो एक मस्त माल थी.
फिर थोड़ी देर बाद वो वापस पार्टी में चली गयी.
अब मेरे मन में कुछ अलग ही चल रहा था इसलिए उसके पीछे पीछे मैं भी अन्दर चला गया.
थोड़ी देर में अन्दर हॉल में गेम्स शुरू हो गए.
मेरी नजरें अभी भी उसी महिला पर टिकी थीं.
खेल शुरू हुआ तो उसने अपने पति के साथ हिस्सा लिया. वो अपने पति की बांह में अपनी बांह डाली हुई थी, जिससे साफ़ मालूम चल रहा था कि ये आदमी इसका पति है.
अब मैंने उसके उम्रदराज पति को देखकर अंदाज़ा लगा लिया था कि इसको किस बात की तन्हाई थी.
फिर एक गेम में मैंने और मेरे दोस्तों ने भी भाग लिया था.
जिसमें लास्ट के बचे लोगों में मैं, मेरे फ्रेंड्स का ग्रुप, मेरे फ्रेंड सिद्धार्थ की फैमिली और उस औरत का पति और वो ही रह गए थे.
मैंने सिद्धार्थ से बात करके तय कर लिया था कि हम दोनों को ये राउंड हारना ही है.
तो मैंने किसी तरह से उस लेडी को वो राउंड जीत जाने दिया. इसकी वजह से मुझे उसका नाम तो मिल गया था क्योंकि उसके पति ने उसका नाम लेकर उसे हग कर लिया था.
गोपनीयता के कारण मैं उसका असली नाम नहीं बता रहा हूँ, यहां हम उसे संजना कह लेते हैं.
पार्टी के आखिर तक हम दोनों एक दूसरे से छुपे-छुपे से रहे थे.
मैंने इतनी देर में संजना को सोशल साइट्स पर सर्च करके फॉलो कर दिया था.
पार्टी अब खत्म होने ही वाली थी कि तभी संजना मेरे पास आयी और मुस्कुरा कर बोली- मैं भी जानती हूँ कि तुम वो राउंड क्यों हारे थे. हैप्पी न्यू इयर!
बस इतना बोलकर उसने आंखों से भर कर मुझे देखा और चली गयी.
उस रात मैं घर आकर सो गया लेकिन अगले सुबह जब उठा तो मेरे फ़ोन के नॉटिफिकेशन में उसका फॉलो को लेकर नोटिफिकेशन आया था.
मैंने उसको लाइक कर लिया और मैं अपने काम में लग गया.
थोड़ी देर मैं उसका मैसेज आया और यहां से सब शुरू हो गया. धीरे धीरे हमने अपने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए और अब हम कॉल पर बातें करने लगे थे.
उसकी बातों से मुझे ये पता चला कि उसका पति उससे दस साल बड़ा है और इसकी वजह से वो अभी भी डिप्रेशन में रहती है.
थोड़े दिन बाद उसने मुझे मिलने को बुलाया तो मैंने कैफे में मिलने की बात की.
वो राजी हो गयी.
ऐसे ही हमारा धीरे धीरे एक दूसरे के साथ मिलना जारी था. अब हमारे बीच सिर्फ सेक्स होना बाकी रह गया था जो कि हमारे रिलेशन में कभी भी हो सकता था.
फिर एक दिन उसका मैसेज आया कि कल मेरे पति चार दिन के लिए बैंगलोर जा रहे हैं, इन्हें कुछ अर्जेंट काम है.
तुमको, जो उस पार्टी के दिन चाहिए था … वो मिल सकता है.
मैं सब समझ गया था लेकिन अपने घर पर क्या बोलता कि मैं चार दिन के लिए कहां जा रहा हूँ … ये बड़ी प्रॉब्लम थी.
मैंने थोड़ा सोचा और घर पर बोल दिया कि मेरे प्रोजेक्ट का काम है और मैं चार दिन कॉलेज के हॉस्टल में रहूंगा.
घर वाले भी मान गए.
फिर मैंने मेरा सब सामान एक बैग में लिया और उसके घर की ओर निकल पड़ा.
मैंने मेरी बाइक कॉलेज के हॉस्टल पर लगा दी ताकि किसी को कोई शक न हो.
फिर वहां से मैंने ऑटो ले ली और उसके घर की ओर चल दिया.
उसके घर के पास पहुंचते ही मैंने मेडिकल स्टोर से कंडोम का बड़ा पैकेट ले लिया और पान की दुकान से सिगरेट की दो डिब्बी लीं.
मैंने उसको मैसेज किया कि दरवाजा खोल कर रखो. मैं कॉलोनी में आ गया हूँ.
उसने दरवाजा ओपन करके मुझे कॉल किया कि बिना दस्तक दिए सीधे अन्दर आ जाना.
मैं घर में घुसा … तो वो दरवाजे के पीछे ही खड़ी थी. उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अन्दर ले लिया और दरवाजे लगा दिए.
संजना ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और मेरे लिए पानी लाने अन्दर चली गयी.
मुझे पानी देकर वो बोली- मैं एक मिनट में आती हूँ.
शायद वो चुदाई के लिए तैयार होने चली गयी थी.
जब वो तैयार होकर आयी तो मैं देखता ही रह गया … सच में क्या क़यामत लग रही थी वो!
उसने लाल रंग की साड़ी पहनी थी और स्लीवलैस ब्लाउज था. बैक साइड से तो वो ऐसे दिख रही थी कि बस पूछो मत.
मैं खड़ा हुआ और उसके पास गया लेकिन उसने कहा- थोड़ा सब्र करो यार!
वो मेरे बैग लेकर अपने बेडरूम की ओर चली गयी और जाते जाते बोली- जब मैं बुलाऊं, तब आना.
मैं बाहर बैठे बैठे इंतजार कर रहा था कि तभी उसने मुझे आवाज दी- सुशान्त डार्लिंग, अन्दर आ जाओ.
उसने मुझे डार्लिंग कहके बुलाया, तो लंड हिनहिनाने लगा.
मैं जैसे ही बेडरूम में अन्दर गया और देखा तो हैरान रह गया.
उसने अपने बेडरूम को एक हनीमून रूम की तरह सजाया था और खुद भी सजधज के पलंग पर बैठी हुयी थी.
मैंने जरा सी भी देर न करते हुए उसको उठा कर अपनी बांहों में ले लिया और उसको किस करने लगा.
वो भी बहुत जोर देकर मुझे किस करने लगी थी.
हम दोनों एक दूसरे में से खो गए थे और पति-पत्नी जैसे हो गए थे.
कुछ देर बाद वो मुझसे अलग हुई. तो मैंने पूछा- सिगरेट के साथ हो चुम्बन जाए?
वो मान गयी.
मैंने सिगरेट जलाई और उसका स्मोक मैं लेकर किस करते करते उसको दे देता था.
ऐसे ही हमारा किस कुछ मिनट चला.
उसके बाद उसने मेरी शर्ट और पैंट निकाल दी और मैंने भी उसकी साड़ी निकाल दी.
कुछ ही पलों बाद हम एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे.
हम दोनों ने फिर से एक बार किस शुरू किया.
किस करते करते मैंने उसके नीचे मेरा हाथ ले जाकर चुत में उंगली डाल दी.
वो भी मादक सिसकारियां भरने लगी थी.
उसकी कामुक आवाज आई- सुशान्त प्लीज़ अन्दर डाल दो.
मैंने कहा- इतनी जल्दी क्या है हनी!
मैंने झट से मेरी पोजीशन चेंज कर ली और उसकी चुत की ओर अपना मुँह लेकर आ गया.
उसकी चुत अभी भी किसी ने चोदी ही ना हो, ऐसी बंद सी लग रही थी.
मैंने उसकी चुत में अपनी जीभ डाल दी और उसकी चुत का मजा लेने लगा.
मुझे चुत चाटने में बहुत मजा आता है. मैं उसकी चुत को दस मिनट तक चाटता रहा.
वो भी मादक सी सिसकारियां लेती हुई मेरे मुँह को दबा रही थी.
उसके बाद उसने मेरे लंड को मुँह में लेना चाहा तो मैं पलंग के किनारे पर बैठ गया और वो नीचे घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को मुँह में लेने लगी.
इसी बात को लेकर मुझे थोड़ा संदेह था कि पता नहीं संजना ठीक से लंड चूसेगी या नहीं … लेकिन उसने मेरा लंड ऐसे चूसा कि पहली बार उसे लंड मिला हो.
कुछ देर बाद वो उठकर खड़ी हो गयी. लेकिन मेरे मन भरा नहीं था इसलिए मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और फिर से उसकी चुत का रसपान करने लगा.
अब वो पहले से भी बहुत गर्म हो चुकी थी. इस बार तो तड़फ उठी.
मैंने करीब पांच मिनट और चुत चाटी और अपने लंड पर कंडोम लगा लिया क्योंकि अब चूत चोदना था.
उसने टांगें फैला दीं मैंने उसकी चुत की फांकों के बीच लंड सैट करने लगा.
वो मेरा मोटा लंड पकड़ कर बोल रही थी- धीरे धीरे डालना.
इधर मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था.
मैंने उसकी चुत में लंड पेला तो वो चिहुंक उठी- अह मर गई … सुशान्त प्लीज़ स्लो.
मैं उसकी आवाज पर बिना ध्यान दिए लंड चुत में अन्दर करने लगा.
लेकिन जैसे ही मेरा आधा लंड अन्दर गया, वो विरोध करने लगी. उसे दर्द ज्यादा हो रहा था.
लेकिन मैंने मेरा काम चालू रखा और कुछ देर के विरोध के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.
अब वो दर्द से थोड़ा थोड़ा चिल्ला रही थी … लेकिन उसको मजा भी आने लगा था.
बीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने लंड का सारा माल चुत में ही निकाल दिया.
हालांकि कन्डोम था, तो कोई डर नहीं था.
एक बार की चुदाई से ही वो थक चुकी थी. मैंने सब ठीक साफ़ करके एक सिगरेट सुलगा ली.
कुछ देर बाद हम दोनों ने रात का खाना खाया और उसके बाद हम रूम मैं बैठ कर सिगरेट पीने लगे.
उस रात हम दोनों ने दो बार और चुदाई की और सो गए.
अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो वो तैयार होकर किचन में नाश्ता बनाने में लगी थी.
मैं भी जल्दी से तैयार होकर नीचे आया और सोफे पर बैठ गया.
मैंने पूछा- तुम्हारा पति इतना बड़ा आदमी है … तो कोई नौकर क्यों नहीं?
उसने बोला- तुम आने वाले थे इसलिए मैंने उन सबको छुट्टी दे दी है.
उसके बाद हम दोनों ने नाश्ता किया और थोड़ी इधर उधर की बातें करने लगे.
उसने कहा- मेरा पति मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाया. तुम मेरे साथ शादी कर लो.
मैंने उसको समझा दिया कि तुम्हारी तन की प्यास मैं बुझाता रहूंगा और धन के लिए तुम अपने पति को अपने साथ बनाए रखो.
वो मेरी बात मान गयी लेकिन उसने एक बात पूछी- तुम मुझे कितने दिन में मुझे मिलोगे?
मैंने उससे कहा- मैं एक कमरा किराए पर ले लेता हूँ. तुम फोन करके उधर आ जाया करो.
वो मेरी बात से खुश हो गई. मैं भी खुश हो गया क्योंकि मुझे भी यही चाहिए था.
फिर हमने दोपहर का खाना खा लिया और वो किचन में बर्तन धोने चली गयी.
मैं मूड में आया हुआ था … इसलिए मैं भी किचन में चला गया और उसको पीछे से पकड़ लिया.
वो भी मस्ती करने लगी.
मैं उसके मम्मों को दबा रहा था और पीछे से इतनी जोर से पकड़ा हुआ था कि उसका छूटना नामुनकिन था.
फिर उसने मेरे तरफ मुँह कर लिया. अब हम दोनों किस करने लगे थे.
धीरे धीरे मैंने उसको किचन की पट्टी पर बैठाया और अपने लंड को उसकी चुत पर सैट करने लगा.
तभी उसने याद दिलाया कंडोम लगा लो.
मैं ऊपर रूम में जाकर कंडोम लेकर आया और लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसको वहीं चोदने लगा.
चुदाई के बाद जब स्खलन होने को हुआ तो वो बोली- माल अन्दर नहीं निकालना.
मैंने पूछा- फिर कहां निकालूं?
वो बोली- मेरे मुँह पर.
मैंने उससे पूछा- क्या ब्लू फिल्म्स देखती हो.
वो हंस कर बोली- हां.
मैंने उसकी मर्ज़ी के अनुसार उसके चेहरे पर सारा माल निकाल दिया.
बाद में वो मेरा लंड चूसने लगी और मेरा पूरा लंड साफ़ कर दिया.
उसके बाद अगले तीन दिन तक मैंने उसके घर में रहा. घर में सिर्फ हम दोनों थे और पूरा दिन हम दोनों नंगे रहते थे और चूत चोदना ही होता रहा.
इन तीन दिनों मैं मैंने उसको बहुत बार चोदा और संतुष्ट किया.
इसके बाद अब हमें जब भी मौका मिलता था, हम दोनों पति पत्नी की तरह रहते थे.
लेकिन अब कुछ कारणों की वजह से ज्यादा मिलना नहीं हो पाता है.
उसके साथ एक बार मैं महाबलेश्वर भी जाकर आया था. उस सेक्स कहानी को मैं फिर कभी बताऊंगा.
आपको मेरी यह चूत चोदना सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताइएगा कमेंट्स में!