लॉकडाउन में पड़ोसन भाभी का सेक्स मूड बना तो उसने मुझसे फेसबुक पर सम्पर्क करके दोस्ती की. मैंने उससे बात की तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया और फिर …
नमस्कार दोस्तो, हिन्दी सेक्स कहानी पर आपका स्वागत है।
मेरी पिछली कहानी थी: लॉकडाउन की शादी में मिला चूत का तोहफा
मैं आपका दोस्त, आपका राज शर्मा लेकर आया हूं चुदाई की जबरदस्त कहानी जिसे पढ़कर लड़के मुट्ठी मारने और लड़की चूत में उंगली डालने के लिए मजबूर हो जाएंगी।
आजकल मैं फ्री रहता हूं।
एक दिन फेसबुक पर एक लड़की की रिक्वेस्ट आई थी मेरे पास।
मैंने उसे मित्र सूचि में जोड़ लिया और उससे पूछा कि क्या वो सच में एक लड़की है, क्योंकि आजकल लड़के भी लड़की बनकर फेसबुक पर बैठे रहते हैं और लड़कों के साथ टाइम पास करते रहते हैं.
जब मैंने ये सुनिश्चित कर लिया कि वो एक लड़की ही है तो फिर मैं उसके साथ चैटिंग करने लगा।
धीरे धीरे पता चला कि वो मेरे मौहल्ले की भाभी है जो दिल्ली में रहती है।
वो कोरोना की वजह से गांव आई हुई थी.
अब उससे रोज बात होने लगी. धीरे धीरे मेरा मन डोला और मैंने उससे सेक्स की बातें करना शुरू कर दिया.
वो भी रुचि ले रही थी.
ऐसे ही फिर मैं उसके पास सेक्स वीडियो क्लिप भी भेजने लगा.
चुदाई की वीडियो दिखाकर मैं भाभी का सेक्स मूड बनवा देता था.
फिर मैं उससे उसकी नंगी फोटो भेजने को कहता था लेकिन वो मना कर देती थी.
बस फिर वो ऊपर की चूचियों क्लीवेज दिखाती थी.
कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा. अब मेरा मन उसकी चुदाई के लिए कर रहा था.
मैं जानता था कि वो चुदना चाहती है लेकिन खुद से नहीं बोल रही थी।
एक दिन की बात है कि उसका पति काम से दो दिन के लिए बाहर गया।
उसने मैसेज में ये बात मुझे बता दी थी.
फिर शाम को तेज़ बारिश हुई जिससे सब अपने घरों में अंदर दुबक गए थे।
उसका मैसेज आया कि राज क्या कर रहे हो?
मैंने मजाक में कहा- तुम्हारे घर आ रहा हूं।
वो बोली- आ जाओ, घर में कोई नहीं है और मुझे तुमसे प्यार करना है।
मैं मन में खुश हो गया और बोला- तुम्हारा पति आ गया तो?
वो बोली- वो तो बाहर गया है और दो दिन बाद आएगा. तुम आज रात आ जाओ।
फिर मैंने सोचा कि मौका तो बढ़िया है और तभी लाइट चली गई।
मैं धीरे से दबे पांव उसके घर पहुंचा. उसने मुझे अंदर किया और गेट बंद कर दिया।
मैंने जाते ही उसको गले से लगा लिया. मैं जरा सा भी समय खराब नहीं करना चाहता था.
वो फिर चाय के लिए पूछने लगी तो मैंने कहा कि मैं चाय नहीं दूध पीने आया हूं. मुझे तुम्हारा दूध ही पीना है.
यह सुनकर वो जोर जोर से हंसने लगी.
फिर मैंने उसके गाल पर किस कर लिया.
वो जान गयी कि मैं उसकी चुदाई करके ही जाऊंगा.
हम उसके बेडरूम में पहुंचे। मैंने उसे बांहों में भर लिया.
वो बोली- राज तुम रात भर यहीं रहो. मैं तुमसे रात भर प्यार करना चाहती हूं.
भाभी का सेक्स मूड देखकर उसको बांहों में कसते हुए मैंने भी कहा- हां जी, आज तो आपको रात भर प्यार देना है. पता नहीं फिर कब मिलोगी.
वो बोली- मैं तो कहीं नहीं जा रही, यहीं हूं. तुम सब्र रखो.
मैं बोला- वो तो अब होगा नहीं, मगर जल्दी करो जो करना है।
फिर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और दूसरे कमरे में चली गयी. जब वापस आई तो मेरी आंखें खुली रह गई।
उसने पिंक कलर की हाफ नाइटी पहन रखी थी और अंदर ब्रा और पैंटी भी नहीं थी।
वो साड़ी में एक पतिव्रता नारी की तरह गयी थी और जब वापस आई तो एक सेक्स बम बनकर आई.
मैं तो उसकी पारदर्शी नाइटी में उसकी चूचियों और उसकी मुनिया को देखते ही पनिया गया.
गजब की सेक्सी माल लग रही थी वो!
शहर में तो पता नहीं कितनों पर रोज बिजली गिराती होगी.
उसके होंठों पर लाली और बदन से खुशबू आ रही थी।
उसने हाथ में दूध का गिलास पकड़ रखा था।
मैं तो सोच रहा था कि आज ये सुहागरात मनाने के मूड में लग रही है इसलिए रात भर रुकने के लिए कह रही थी।
पास आकर उसने गिलास टेबल पर रख दिया और बोली- राज मैं कैसी लग रही हूं?
मैंने कहा- तुम तो हुस्न की मलिका लग रही हो।
वो बोली- झूठी तारीफ कर रहे हो या सच में लग रही हूं?
मैंने पास जाकर उसका हाथ अपने तने हुए लंड पर रखवा दिया और बोला- इसकी (लंड की) कसम, गजब की खूबसूरत लग रही हो भाभी.
फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई. मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया।
उसके शरीर में जैसे बिजली दौड़ रही थी। मैंने अपने हाथ को धीरे से चलाया और उसकी जांघों को सहलाने लगा। दूसरे हाथ से उसकी नाइटी के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा और वो भी धीरे धीरे मेरे लौड़े को लोवर के ऊपर से ही दबाने लगी।
फिर मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगा. वो भी मेरे होंठों को चूमने लगी और फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूत पर आ गया। उसकी चूत में ऊपर से मैं उंगली फिराने लगा।
अब मैंने उसकी नाइटी को उतार दिया और उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरे हाथों में आ गए।
उसके बूब्स का साइज़ 34 से ज्यादा ही था. एकदम गोल टाइट और रसीले चूचे थे. उसकी चूचियों की कसावट को देखकर कोई नहीं बोल सकता था कि वो दो बच्चों की मां है।
फिर उसने बताया कि दिल्ली में वो जिम करती थी और उसका पति उसके बूब्स ज्यादा नहीं दबाता है; वो सेक्स भी बहुत दिनों में करता है।
मगर उसको ख़ुद सेक्स इंजॉय करने का बहुत शौक था.
अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चिकनी गुलाबी मखमली चूत में अपनी उंगली घुसा दी.
उसकी चूत अंदर से बहुत ही रसीली थी. मजा आ रहा था उसकी चूत में उंगली घुमाते हुए.
धीरे धीरे अब वो सिसकारियां भरने लगी. अब तक मैं चूत में उंगली देकर उसको अंदर ही अंदर गोल गोल घुमा रहा था.
मगर अब मैंने धीरे धीरे उंगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी।
मैं उसको आहिस्ता आहिस्ता उंगली से चोद रहा था।
इससे उसकी चूचियां और टाइट होने लगीं। उसकी चूचियों के निप्पल काफी कड़क से हो गये थे.
उसके निप्पलों को देखकर लग रहा था कि अगर इनको कस कर दबा दो तो दूध निकल आयेगा.
अब मैंने उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जिससे वो और ज्यादा मचलने लगी.
उसके मटर के दाने जैसे निप्पल मैं अपने दांतों के बीच में लेकर भींच देता था.
जैसे मैं निप्पल को भींचता तो वो जोर से मेरे लंड को सहलाने लगती. उसका एक हाथ मेरे सिर पर था जिससे वो मेरे बालों को सहला रही थी और एक हाथ मेरे लंड पर था जिसको वो बार लंड के टोपे से लेकर लंड की जड़ तक फिरा रही थी।
जैसे जैसे मेरी जीभ उसकी चूची के निप्पल के चारों ओर घूमती तो उसकी चुदास और ज्यादा बढ़ जाती थी.
वो खुद ही अपनी चूत को और ज्यादा खोलने की कोशिश करती ताकि मेरी उंगली उसकी चूत में थोड़ी और अंदर तक घुस सके. वो मेरे लंड को पकड़ कर खींच देती थी.
फिर उसने मेरा लोवर नीचे कर दिया और अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को बाहर निकाल लिया।
अब मैं उसकी चूत में तेजी से उंगली चलाने लगा.
वो भी लंड को अपने हाथों से पकड़ कर आगे पीछे करने लगी।
अब उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मैं भी पूरा नंगा हो गया।
मैं खड़ा था और वो घुटनों पर बैठकर मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी.
मैं उसके बूब्स मसलने लगा.
अब दोनों चुदाई के लिए पूरे गर्म हो चुके थे. मगर मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. अभी थोड़ी देर मैं उसके मुंह का मजा लेना चाहता था.
उसके मुंह के अंदर मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
उसको लंड गले में जाकर लगने लगा. उसे उल्टी होने लगी तो उसने लंड को बाहर निकाल दिया लेकिन मैंने थोड़ा रुक कर फिर से उसके मुंह में लंड दे दिया.
जब वो चूस चूसकर थक गयी तो मैंने उसे 69 की पोजीशन में कर लिया.
हम दोनों बिस्तर पर 69 की पोजीशन में आ गए। अब वो मेरे लौड़े को और मैं उसकी चूत को चूसने लगा।
5 मिनट बाद उसकी चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया।
अब मैं तेजी से उसके मुंह में झटके मारने लगा और एकदम से मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा और मेरे गाढ़े माल को वो गटागट करके पी गई।
थोड़ी देर तक हम दोनों बिस्तर पर ऐसे ही पड़े रहे.
फिर उसने टेबल से गिलास उठाया और मुझे बादाम का दूध पिलाया।
उसे पीते ही मेरे लौड़े और शरीर में करंट दौड़ने लगा।
मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया।
उसके ऊपर आकर मैं उसकी चूचियां दबाने लगा और उसकी चूत में लन्ड रगड़ने लगा।
वो सिसकारने लगी- आह्ह राज … अब चूत को ऐसे मत तड़पाओ, इस लंड को अब बाहर नहीं अंदर डालो. मुझे रात भर चोदते रहना आज. डाल दो अपना लौड़ा मेरी चूत में।
मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया और एक झटके में पूरा घुसा दिया.
उसकी जोर से चीख निकली- ऊईई … आह्ह … सी सी .. मर गयी … बचाओ … ओह्ह … निकालो इसे!
वो दर्द में चिल्लाने लगी तो मैंने उसके होंठों से अपने होंठों को सटा दिया.
मैं रुक कर उसके होंठों को चूसने लगा. उसके बूब्स सहलाने लगा। फिर नीचे ही नीचे उसकी चूत में लंड को धकेलता रहा.
मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए और उसके होंठों को चूसते हुए धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में पूरा का पूरा धकेल दिया.
मैं पूरा लंड डालकर कुछ देर के लिए ठहर गया.
कुछ देर के बाद फिर उसका दर्द धीरे धीरे कम हुआ और वो धीरे से कमर चलाने लगी.
मैंने भी उसका इशारा समझ लिया और लंड को धीरे धीरे उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा.
जब मुझे लगा कि अब यह नहीं चीखेगी तो मैंने अपने लंड को फिर बाहर निकाल लिया और थूक से गीला किया.
फिर मैंने दोबारा से लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा.
उसकी चूत का छेद पूरा चिकना हो चुका था.
अब मैंने लंड को एक झटके से घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
उसकी आवाज सिसकारियों में बदल गई और वो अपनी क़मर चलाने लगी.
मैं भी जोश में आकर और तेज़ तेज़ चोदने लगा।
अब दोनों की सिसकारियां निकलने लगीं और हम चुदाई में खो गये.
अब वो कह रही थी- आह्ह … चोदो राज … आह्ह चोदो मुझे। बहुत मस्त चोदते हो. ऐसे ही करते रहो. मेरी चूत को लंड का मजा देते रहो. मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत में ही रख लूंगी.
मैं भी उसको चूसते-काटते हुए बोला- हां भाभी, ये लंड आपका ही है … मैं आपको कस कर चोद दूंगा भाभी … आपकी चूत की प्यास बुझा दूंगा. मेरा ये लंड आप चूत में ही रखकर सोना आज रात को.
इस तरह से हम दोनों ही अपनी अपनी भावनाओं को बयां कर रहे थे.
चुदाई को चलते हुए कई मिनट हो गये थे और अब हमारे बदन पसीने से भीग गये थे.
वो लगातार कहती जा रही थी- और तेज डालो … आह्ह … और तेज … आह्ह तेज करो।
मैं जोर से झटके मारते हुए कहा- आह्ह … भाभी, आप पहले क्यों नहीं मिली?
उसने सिसकारते हुए कहा- मुझे विनीता कहो … भाभी मत कहो. मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लो. मैं आज से तुम्हारे लंड की गुलाम हूं.
मैं उसको और जोर से चोदने लगा.
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपना हाथ उसकी कमर पर रख कर लंड को चूत में घुसा दिया और उसकी गान्ड को पकड़कर चोदने लगा.
उसको अब चुदाई में और ज्यादा मजा आने लगा. वो पहले से अधिक जोर से सिसकारियां भरने लगी और बोली- हां … ऐसे ही … आह्ह … और तेज़ … और तेज़ … चोद दो … फाड़ दो.
मैं भी फुल स्पीड से चोदने लगा.
अब दोनों की ही सिसकारियां निकलने लगीं और कमरा चुदाई की आवाज से गूंज उठा।
मैं उसे जमकर चोदने लगा; उसकी चूचियों को मसलने लगा.
वो आह्ह … आह्ह … करते हुए मेरा पूरा का पूरा लौड़ा अन्दर ले रही थी।
अब वो थक गई थी तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी एक टांग उठा कर चोदने लगा.
अब मेरा लौड़ा पूरा अन्दर उसकी बच्चेदानी तक जाने लगा।
उसने अपनी चूत को टाईट करना शुरू कर दिया और तेज़ तेज़ लंड के झटकों से उसकी सिसकारी निकल पड़ी और इसी दौरान उसके मुंह से सीत्कार फूटे- आह्ह … आह्ह … ओह्ह …
ऐसे करके वो झड़ गई और उसकी चूत के पानी से मेरा लंड पूरा गीला हो गया.
चूत से तेज तेज फच फच की आवाज आने लगी. उसकी चूत का रस मेरे लंड पर से बहकर बाहर आने लगा.
अब उसकी चूत मुझे मलाई के जैसी लगने लगी. मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेजी से लंड को उसकी ढीली हो चुकी चूत के अंदर-बाहर करने लगा. अब मेरा लौड़ा सटासट उसकी चूत को खोल बंद करता हुआ उसे चोदे जा रहा था.
कुछ देर इसी रफ्तार के चोदने के बाद अब मेरे लौड़े ने भी अपना आपा खो दिया और मैंने उसको कसकर अपनी बांहों में भींच लिया.
मैंने पूरा जोर लगाकर एक वीर्य की धार उसकी चूत में मारी और फिर कई सारी पिचकारी मेरे लंड से एक के बाद एक निकल पड़ीं।
मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर लेट गया।
मैं बहुत थक गया था क्योंकि ये चुदाई बहुत लंबी चली थी.
फिर मैं कुछ देर उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
लगभग पांच मिनट के बाद हम उठे.
हम दोनों बातें करने लगे और फिर से एक दूसरे को सहलाने लगे. फिर हम दोनों किस करने लगे और ऐसे ही थोड़ी देर के बाद फिर से गर्म हो गये.
20 मिनट के बाद हम दोनों चुदाई के लिए फिर से पूरी तरह तैयार थे.
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. फिर उसकी चूचियों को पीया और नीचे से उसने मेरे खड़े लंड को अपनी चूत पर खुद ही लगा दिया.
मैंने एक धक्के से उसकी चूत में लंड को अंदर सरका दिया.
उसकी आह्ह निकली क्योंकि उसकी चूत पहले राउंड की चुदाई से काफी सूज गयी थी.
कुछ देर तो मैं धीरे धीरे चोदता रहा मगर फिर मैं तेज़ तेज़ झटकों से चोदने लगा.
धीरे धीरे चुदते हुए अब वो भी गर्म हो गई थी और फिर से आह्ह … आह्ह … करते हुए मेरे लंड को गपागप गपागप अंदर बाहर लेने लगी. अब वो पूरा लंड आराम से ले रही थी।
फिर मैंने उसे अलग अलग एंगल से चोदा और उसकी चूत में वीर्य छोड़ दिया।
उस रात मैंने उसे 4 बार जमकर चोदा और सुबह 4 बजे मैं चुपचाप अपने घर आ गया।
दिन में मैं 12-1 बजे उठा. ऐसा लग रहा था कि रात भर मैं अपने लंड की मालिश करवा कर आया हूं. लंड काफी मोटा लग रहा था.
भाभी की चुदाई के दौरान उसने मेरे लंड को जमकर चोदा था. चुदाई करते हुए भी उसकी चूत मेरे लंड को भींचकर अंदर ले रही थी.
मेरा लंड काफी बड़ा सा लग रहा था आज मुझे.
फिर मैं उससे चैट करने लगा.
वो आज की रात भी चुदाई करवाने के लिए तैयार थी.
उस रात भी मैं उसके घर गया. पहले तो मैंने उसकी चूत मारी और फिर उसकी गांड चुदाई भी की. उस भाभी की गांड चुदाई की स्टोरी मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.
आपको भाभी की चूत चुदाई की ये कहानी कैसी लगी इस बारे में आप अपनी राय जरूर दें.
मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं इंतजार रहेगा. भाभी का सेक्स मूड कहानी पर कमेंट्स जरूर करें.
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