अन्तर्वासना से मजबूर पड़ोस वाली भाभी चुद गई

भाभी देशी चुदाई कहानी में मैं पड़ोस की सेक्सी भाभी को देख कर मुठ मारता था. एक दिन भाभी ने मुझे किसी काम से अपने घर बुलाया. वे नहा कर तौलिया लपेट कर निकली.

नमस्ते दोस्तो, मेरा बदला हुआ नाम अर्जुन है और मैं उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला हूँ.

मेरी इस भाभी देशी चुदाई कहानी में आप सभी का स्वागत है.
यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है.

बात उस समय की है जब मैं 19 साल का था और कॉलेज के सेकंड ईयर में पढ़ता था.

सब कुछ रोज़ की तरह सामान्य चल रहा था.
मैं रोज़ कॉलेज जाता और शाम को घर लौट आता.

एक सर्दियों की दोपहर में मैं अपनी छत पर पढ़ाई कर रहा था.
तभी मेरी नज़र पड़ोस वाली भाभी के घर की बालकनी पर पड़ी.
वहां उनकी ब्रा और पैंटी धूप में सूख रही थीं.

आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी पड़ोस वाली भाभी के बारे में बता दूँ.

पड़ोसन भाभी का नाम सरिता है. उनकी उम्र 36 साल है, और उनकी शादी को 10 साल हो चुके हैं.
भाभी का एक 6 साल का बेटा भी है.

जब से मैं जवान हुआ, मैं भाभी को मन ही मन पसंद करने लगा था.
कई बार मैं उन्हें सोच-सोच कर मुठ मार चुका था.

फिर उस दिन उनकी ब्रा और पैंटी देखकर मैं खुद को रोक न सका और वहीं मुठ मारने लगा.

सरिता भाभी को देखकर ऐसा लगता था कि अभी जाकर उन्हें नंगी करके उनकी गांड मार लूँ, पर मुझे यह नहीं पता था कि मेरा यह सपना जल्द ही सच होने वाला है.

मैं अक्सर किसी न किसी बहाने से भाभी के घर जाता रहता था और उन्हें देखकर मुठ मार लेता था.

भाभी के पति दूसरे शहर में काम करते थे इसलिए वे बहुत कम ही घर आते थे.

एक दिन शाम को भाभी हमारे घर आईं और मम्मी से बोलीं- अर्जुन कहां है? अगर वह फ्री हो तो कल सुबह मेरे साथ चिंटू के स्कूल चल दे. वहां पेरेंट्स मीटिंग है.
मम्मी ने कहा- ठीक है, वह आ जाएगा तो मैं उसे बता दूँगी.

थोड़ी देर बाद जब मैं बाज़ार से लौटा तो मम्मी ने मुझे भाभी की बात बताई.
यह सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैंने तुरंत हां कर दी.

अगली सुबह मैं अपनी बाइक लेकर भाभी के घर के बाहर पहुंच गया.
मैं घर के अन्दर गया तो भाभी नहा रही थीं.

मैंने आवाज देते हुए कहा- भाभी, आपने चलने को कहा था न … लीजिए, आपका देवर आपकी सेवा में हाज़िर है!
भाभी हंस कर बोलीं- मैं नहाकर आती हूँ देवर जी, तुम थोड़ी देर रुको!

थोड़ी देर बाद भाभी टॉवेल लपेट कर बाहर आईं.
भाभी को ऐसे देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं!

उनके बूब्स और उनकी गांड देखकर ऐसा लग रहा था कि टॉवेल हटाकर यहीं चोद दूँ साली को!

मैंने अपना लंड पैंट में ठीक किया और बैठ गया.
ये सब करते हुए भाभी ने मुझे देख लिया था.

पहले भी कई बार भाभी मुझे उन्हें ऐसी नज़रों से घूरते हुए देख चुकी थीं लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा.
शायद औरतें समझ जाती हैं कि मर्द की आंखें किस नज़र से देख रही हैं!

भाभी ने मेरे फूले हुए लौड़े को देखा.
फिर कनखियों से मुस्कान बिखेरती हुई और अपनी गांड हिलाती हुई रूम में चली गईं.

थोड़ी देर बाद भाभी तैयार होकर आईं.

उन्होंने कहा- अर्जुन, आज तो तुम बहुत स्मार्ट लग रहे हो!
मैंने जल्दी में कह दिया- भाभी … आज तो आप भी इस काली साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही हो!

भाभी हंस दीं और बोलीं- तुम इतना तैयार होकर किसके लिए आए हो?
मैंने कहा- आपके लिए!

इस पर भाभी ने मुझे घूर कर देखा.
फिर मैं खुद अपनी ही बात को काटते हुए बोला- नहीं भाभी जी, बस ऐसे ही!

भाभी फिर से हंस दीं और बोलीं- चलो, नहीं तो लेट हो जाएंगे!

मैं भाभी को बाइक पर लेकर स्कूल पहुंचा.
मीटिंग खत्म होने के बाद हम वापस आने लगे.

रास्ते में भाभी ने कहा- अर्जुन तुम्हें भूख लगी होगी. सुबह मैंने जल्दी में तुमसे खाने के बारे में पूछा ही नहीं!

मैंने कहा- हां भाभी, मन तो बहुत कुछ खाने को कर रहा है!
वे बोलीं- बहुत कुछ की बात नहीं है … बस अभी कुछ हल्का फुल्का खिला देती हूँ.

इन दो अर्थी बातों से मेरा लंड कड़क होने लगा था.

मैंने कहा- अच्छा ठीक है, जितना आपका मन हो उतना ही खिला दीजिए.
फिर हम दोनों एक होटल में पहुंच गए.

वहां जाकर मैंने खाने का ऑर्डर दिया.
तब तक हम दोनों आपस में बातें करने लगे.

अचानक भाभी बोलीं- अर्जुन, गर्लफ्रेंड तो होगी न तुम्हारी कॉलेज में? फोटो दिखाओ!

यह सुनते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मैं समझ गया कि भाभी आज मूड में हैं.

मैंने मौके का फायदा उठाते हुए रोना शुरू कर दिया.

भाभी चौंक गईं और बोलीं- क्या हुआ अर्जुन? रो क्यों रहे हो?
मैंने कहा- और क्या करूँ? इतना बड़ा हो गया हूँ और आज तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी. मेरी जवानी ऐसे ही बर्बाद हो जाएगी!

वे मुझे संभालने के लिए सहारा देने लगीं.
मैंने मौके का फायदा उठाया और भाभी के गले लगकर रोना शुरू कर दिया.

फिर अपना मुँह सरका कर उनके बड़े-बड़े बूब्स में मुँह रखकर रोने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि भाभी का ब्लाउज यहीं खोलकर सारा दूध पी जाऊं!

भाभी ने कहा- कोई बात नहीं, इसमें रोने की क्या बात है? तुम्हारी भाभी है न!
मैंने कहा- मतलब?
भाभी बोलीं- कोई बात नहीं, आज से तुम मुझे ही अपनी गर्लफ्रेंड समझो!

भाभी ने मुझे रोने से रोक दिया और फिर हम दोनों खाना खाकर घर आ गए.

घर पहुंच कर भाभी ने कहा- अर्जुन, तुम थक गए होंगे, आराम कर लो. शाम को अपने घर चले जाना. चिंटू भी सो गया है.

मेरा मन तो वैसे भी कहीं जाने का नहीं था.
कुछ पल बाद भाभी कॉफी लेकर आईं.

हम दोनों साथ में कॉफी पी रहे थे और टीवी भी चल रहा था.
बातों-बातों में भाभी मेरे साथ काफी खुल चुकी थीं.

भाभी ने कहा- ये तुम्हारी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पहली कॉफी डेट है!
यह सुनते ही मैंने सोचा कि मौका अच्छा है, इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए!

मैंने पास के गुलदस्ते से फूल लिया और भाभी को दे दिया.

साथ ही बोल दिया- आई लव यू!
भाभी बोलीं- ये क्या कह रहे हो? तुम्हें पता है मैं शादीशुदा हूँ!

फिर भी मैंने कहा- हां तो क्या हुआ? आपने ही तो कहा था कि आप मेरी गर्लफ्रेंड हो! आपने तो बस इसलिए कहा क्योंकि मैं रो रहा था!

मैं समझ गया कि भाभी बस ड्रामा कर रही हैं. थोड़ी और मेहनत की तो काम बन सकता है.

मैं फिर से भाभी से लिपट गया और ड्रामा करते हुए रोने लगा.

मैंने कहा- भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है … और मैंने आज तक कोई चूत भी नहीं देखी!
मेरे मुँह से चुत शब्द सुनकर भाभी सकपका गईं.

इधर दो मिनट तक मैं भाभी से लिपटकर रोता रहा.
भाभी ने कुछ नहीं कहा.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैंने कहा- भाभी, भैया भी तो नहीं हैं, महीनों बाद आते हैं!
वे अभी भी चुप थीं.

मैंने गर्म लोहे पर चोट मारते हुए भाभी से कहा- आपका भी तो मन करता होगा!
यह सुनते ही भाभी बोलीं- तुम्हें पता भी है तुम क्या बोल रहे हो?

लेकिन दोस्तो, भाभी की इस आवाज़ में ज़रा सा भी मना करने वाला जोर नहीं था.

भाभी मना कर रही थीं फिर भी मैंने पीछे से जाकर भाभी को पकड़ लिया.
मैंने जोर से भाभी के चूतड़ पकड़ कर दबा दिए और उनकी गर्दन पर किस करने लगा.

भाभी की आह निकल गई.

फिर भाभी मुझे धक्का देकर दूर खड़ी हो गईं और बोलीं- ये गलत है अर्जुन! किसी को पता लग गया तो?
मैंने कहा- भाभी, किसी को कुछ नहीं पता चलेगा!

मेरे बार-बार बोलने पर भाभी चुप हो गईं.
मैं समझ गया कि भाभी भी प्यासी हैं.

मैंने इस बार भाभी को पकड़ लिया और उनकी साड़ी खींच दी.

भाभी अब सिर्फ़ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थीं.
मैंने उन्हें गले लगाकर जोर-जोर से किस करना शुरू कर दिया.

पहले तो भाभी ने धक्का देने की कोशिश की, फिर वे रुक गईं.

भाभी ने मेरी आंखों में देखा और फिर मेरे ऊपर टूट पड़ीं.
पांच मिनट की लंबी चुम्मी के बाद भाभी भी अपने पूरे शवाब पर आ चुकी थीं.

मैंने तुरंत उनका पेटीकोट खोल दिया और ब्लाउज़ को पकड़ कर फाड़ दिया.

भाभी मेरे ऊपर टूट पड़ीं.

मैंने पूछा- आखिरी बार कब किया था?
भाभी ने बताया- तुम्हारे भैया होली पर आए थे, उसी समय!

मैंने कहा- होली को तो 6 महीने हो गए!
भाभी बोलीं- क्या करूँ? तभी से प्यासी हूँ!
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज सारी प्यास बुझा दूँगा!

फिर जैसे ही मैंने भाभी की ब्रा उतारी, उनके बड़े-बड़े मम्मे झूलकर बाहर आ गए.
इतने बड़े बड़े मम्मे देखकर मेरा दिल और खुश हो गया.

करीब 5 मिनट तक मम्मे चूसने के बाद मैं खड़ा होकर भाभी के सामने आ गया.

भाभी समझ गईं और मेरी पैंट खोलकर भूखे शेर की तरह मेरा लंड चूसने लगीं.
थोड़ी ही देर में मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया.

इसके बाद जैसे ही मैंने भाभी की पैंटी उतारी, उनकी चिकनी चूत से पानी निकल रहा था.
भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं था. कई दिनों तक न चुदने की वजह से उनकी चूत टाइट हो गई थी.

मेरी उंगली डालते ही भाभी की चीख निकल गई.
फिर भाभी ने अपनी टांगें खोलकर मुझे सिग्नल दे दिया.

मैंने अपना लंबा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
दोस्तो क्या बताऊं, ऐसा लग रहा था जैसे मैं हवा में तैर रहा हूँ!

फिर मैंने भाभी की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
भाभी देशी चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

वे चिल्ला रही थीं- अर्जुन आह … जोर से आह … और जोर से करो … फाड़ दो मेरी चूत को … आह आह … आज इसका भोसड़ा बना दो!

थोड़ी देर बाद मैं भाभी के अन्दर ही झड़ गया.
कुछ देर में भाभी ने मेरा लंड चूस-चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.

मैंने एक बार फिर से भाभी की चुदाई की.

उस दिन तीन बार लगातार चुदाई करने के बाद मैं अपने घर चला गया.

उस दिन के बाद मैं हर दिन भाभी देशी चुदाई करता हूँ.
लेकिन जब भैया घर आ जाते हैं तब भी भाभी कुछ न कुछ बहाना बनाकर मुझसे चुदाने आ ही जाती हैं.
भाभी लंड चूसने की शौकीन है कि एक बार लंड चूस कर माल पीती हैं, उसके बाद दोबारा लंड खड़ा करके चूत मरवाती है.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये भाभी देशी चुदाई कहानी … आप अपने कमेंट्स से जरूर बताएं.

मैं आगे और भी रोमांचक कहानियां लेकर आता रहूँगा दोस्तो.
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