मां ने पड़ोसन चाची की चुदाई के लिए भेजा

नंगी चूत की चुदाई का मजा मेरी मम्मी की वजह से मुझे मिला. हमारी पड़ोसन चाची को सेक्स की जरूरत थी. उसने मेरी मम्मी से कहा तो मम्मी ने मुझे उसके घर भेज दिया.

मेरे घर में मम्मी-पापा, मेरी एक बड़ी बहन, जिसकी शादी हो चुकी है और एक छोटी बहन है, जो पिछले तीन सालों से हॉस्टल में रहती है.
मेरी मम्मी सिलाई का काम करती हैं, क्योंकि उन्हें ये काम पसंद है, न कि पैसे की वजह से.
हमारा घर ज्यादा बड़ा नहीं है. बस तीन कमरे, एक हॉल, एक किचन, बाथरूम और टॉयलेट ही है.

ये नंगी चूत की चुदाई कहानी तब की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था.
मेरी मम्मी अभी भी मुझे छोटा समझती थीं, पर उन्हें क्या पता था कि मैं बड़ा हो गया था और मुझे सब समझ आने लगा था.

घर में बहनों के न होने की वजह से मम्मी मुझसे कई काम करवा लेती थीं, जैसे उन्हें बाथरूम में तौलिया देना, उनकी ब्रा का हुक बंद करना वगैरह वगैरह.
मम्मी बिना किसी शर्म के मेरे सामने नंगी होकर कपड़े बदल लेती थीं.

कई बार तो वे बिना शर्ट के ही घर में घूम लेती थीं, क्योंकि घर में सिर्फ हम दो ही रहते थे.
पापा तो जॉब पर चले जाते थे.

मेरी मम्मी की एक अच्छी सहेली हैं जो हमारे पड़ोस में रहती हैं.
उनका नाम स्मिता चाची है.
वे लगभग रोज़ हमारे घर आती-जाती रहती हैं और घंटों मम्मी से बातें करती हैं.

मम्मी को मेरे सामने आधे कपड़ों में देखने की वजह से उनकी सहेली को भी मुझसे शर्म खत्म हो गई थी.
कई बार वे सिलाई के लिए हमारे घर आतीं तो बिना किसी झिझक के मेरे सामने कपड़े उतार लेती थीं.
इस कारण मैंने कई बार चाची को भी नंगी देखा था.

एक दिन मैंने मम्मी और चाची की बातें सुनीं.
जिसमें चाची बता रही थीं कि चाचा उन्हें खुश नहीं कर पाते इसलिए चाची रोज़ अपनी चूत में उंगली करती थीं और उन्हें इसकी आदत हो गई थी.

मेरी मम्मी और चाची ऐसी खुली खुली बातें बड़े मजे ले लेकर कर लेती थीं.

एक दिन चाचा को कहीं बाहर जॉब मिल गई, जिसके बाद वे सिर्फ रविवार को ही घर आ सकते थे.

तब चाची और चाचा मम्मी से पूछने आए कि क्या मैं हर रात चाची के घर रुक सकता हूँ.
मम्मी ने तुरंत हां कह दिया.

चाचा वहां से चले गए लेकिन चाची थोड़ी देर रुक गईं और मम्मी से बातें करने लगीं.

चाची ने मम्मी से पूछा- सच में, तुझे कोई परेशानी तो नहीं होगी ना, अगर राज रोज़ मेरे घर सोने आए?
इस पर मम्मी बोलीं- मुझे क्या परेशानी होगी! मेरे लिए तो अच्छा है, अब मैं रोज़ राज के पापा से चुद पाऊंगी, वह भी अलग-अलग जगहों पर!

ये सुनकर दोनों हंसने लगीं.

फिर चाची बोलीं- बस एक मैं ही हूँ जो उंगली से काम चलाती हूँ!
मम्मी ने जवाब दिया- कोई बात नहीं! मैंने एक दिन राज का लंड देखा था. वह अब 19 साल का हो गया है और उसका लंड तो पूरे 7 इंच का है! एक बार तो मेरा मन हुआ कि उसे मुँह में ले लूँ, पर मैं उसकी मां हूँ … इसलिए रुक गई. पर तू तो उसकी चाची है, तू तो उससे मजे से चुद सकती है!

ये सब सुनकर मैं सदमे में था, पर खुश भी था.

चाची ने कहा- तुझे कोई परेशानी नहीं है अगर मैं तेरे बेटे से चुदवाऊं?
मम्मी बोलीं- नहीं, मुझे क्या परेशानी होगी!

तब चाची ने कहा- ठीक है, आज राज के चाचा ड्यूटी पर निकल जाएंगे. उनके जाते ही मैं राज को लुभाऊंगी!

फिर वही हुआ!

शाम को चाचा चले गए और मैं रात को चाची के घर चला गया.

जब मैं वहां पहुंचा, तो मैंने देखा कि चाची अपनी जांघ तक की नाइटी पहने घर के बाहर बैठकर बर्तन धो रही थीं.

मैं भी वहीं जाकर उनके पास बैठ गया.
मैंने गौर किया कि चाची बार-बार मेरे लंड की तरफ देख रही थीं जो उनकी गोरी जांघें देखकर खड़ा हो गया था.

चाची ने अन्दर न तो ब्रा पहनी थी, न ही पैंटी, जिससे उनके दूध और गांड साफ-साफ दिख रहे थे.

बर्तन धोने के बाद चाची उठीं और एक कोने में मूतने के लिए चली गईं.
उन्हें पता था कि मैं ये सब साफ देख सकता हूँ.

फिर भी वे मेरी तरफ गांड करके अपनी पैंटी ऊपर उठाकर मूतने बैठ गईं और अपनी गोरी गांड दिखाने लगीं.

फिर वे बोलीं- राज तुम्हारे पापा आ गए?
मैंने जवाब दिया- हां चाची, आ तो गए न!

चाची ने कहा- हां वे तो गए. तुम खाना खाकर आए हो या मेरे साथ खाना खाओगे?
मैंने कहा- नहीं चाची, मैं खाकर आया हूँ!

वे उठीं, अपनी नाइटी को जांघ तक करके घर के अन्दर आ गईं और हाथ धोने लगीं.

फिर उन्होंने घर को अन्दर से बंद किया और बोलीं- चलो, खाने के टेबल पर बैठते हैं … जब तक मैं खाना खाऊं, तब तक हम लोग बातें करेंगे!
यह कह कर चाची खाना खाने लगीं.

मैं अभी भी उनके दूध ही देख रहा था.
मुझे दूध देखते देख कर चाची बोलीं- बहुत बड़े हो गए हो राज … देखो कितने लंबे और चौड़े! अपनी चाची को तो गोद में ऐसे ही उठा लोगे!

मैंने जवाब दिया- हां चाची, आपको तो मैं आराम से उठा लूँगा … उठाऊं?
चाची बोलीं- अच्छा एक मिनट रुको अभी उठा कर दिखाना!

खाना खत्म करने के बाद वे बोलीं- अब उठाकर दिखाओ!
मैंने उन्हें अपने हाथों में उठा लिया और बांहों में भर लिया.

इस कारण उनकी नाइटी जांघ से दूध तक खिसक गई. अब उनकी चूत और पेट दोनों नंगे थे.

मैं उन्हें और उनकी चुत को देखने लगा.
तो चाची बोलीं- चल रूम में चलते हैं … उधर देख लेना!
यह कह कर चाची हंसने लगीं.

मैंने उन्हें गोदी में उठाए हुए ही कमरे की तरफ चल दिया.
इसी तरह से हम दोनों रूम में आ गए.

रूम में आकर चाची बोलीं- मुझे रात में कपड़े पहनना पसंद नहीं है. तुझे कोई परेशानी तो नहीं है ना?
मैंने कहा- नहीं चाची, कोई परेशानी नहीं है. वैसे भी मम्मी भी घर में ऐसे ही रहती हैं, कई बार तो वे पूरी नंगी भी रहती हैं!

चाची ने कहा- हां मैंने देखा है … जब मैं तुम्हारे घर आती हूँ. वैसे एक बात पूछूँ? तुझे अपनी मम्मी को नंगी देखकर चोदने का मन नहीं करता? तू तो जवान हो गया है न!

चाची ने चुदाई की बात कही तो मैं भी खुलकर बोला- हां चाची करता तो है, पर क्या करूँ … उन्हें कैसे बोलूँ?

चाची बोलीं- अच्छा तो ये बता, तुझे अपनी चाची कैसी लगी? तूने मुझे भी तो कई बार नंगी देखा है!
मैंने कहा- चाची, आप तो और भी सुंदर हो, पर आपके दूध और गांड उतने बड़े नहीं हैं जितने मम्मी के हैं. पापा तो मम्मी की गांड भी मारते हैं, कभी किचन में, तो कभी बाथरूम में. कई बार तो दोनों फैंटसी के लिए मुझे जानबूझ कर अपनी चुदाई दिखाते हैं!

ये सुनकर चाची बोलीं- अच्छा! फिर तूने मौका पाकर अपनी मम्मी को चोदा क्यों नहीं?
मैंने जवाब दिया- वह थोड़ा डर लगता है न!

वे हम्म कह कर चुप हो गईं.

फिर मैंने चाची से पूछा- चाची, आपको चाचा कैसे चोदते हैं?
चाची बोलीं- घंटा चोदते हैं! उन्हें तो मुझे कितने सालों से चोदा भी नहीं है. मैं तो उंगली से ही काम चलाती हूँ!

मैं उन्हें देखने लगा.

फिर वे बोलीं- तू मुझे चोदेगा?
मैंने कहा- एक शर्त पर!

चाची झट से बोलीं- क्या?
मैंने कहा- आप मेरे लिए, जिसे मैं कहूँगा, उसे चुदवाने के लिए लाएंगी!
चाची बोलीं- ठीक है … पर तुझे मुझे अच्छे से चोदना होगा!

ये सुनकर मैंने चाची की नाइटी उतार दी और उन्हें पूरी तरह नंगी कर दिया.

मैं उन्हें किस करने लगा.
मैंने उनके बाल खोल दिए और कुछ ही देर में उन्हें बेड पर घुटनों के बल बैठाकर अपना लंड चुसाने लगा.

चाची भी मस्ती में लंड चूसने लगीं.
वे मेरे लौड़े को देख कर कहने लगीं- तेरा तो बहुत बड़ा लंड हो गया है!
मैंने कहा- हां आपको फुल मजा दूंगा!

इस दौरान मैंने चाची के कई फोटो अपने फोन में ले लीं जिसमें वे किसी पॉर्न एक्ट्रेस की तरह से मेरे लौड़े को चूस रही थीं और मेरे टट्टे भी सहला रही थीं.

फिर मैंने चाची को नंगी लेटाकर उनकी और फोटो लीं.

इसके बाद मैं चाची की चूत चाटने लगा और कुछ ही देर में चाची झड़ गईं, पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था.

फिर मैं ऊपर आया और चाची के दूध के बीच अपना लंड फंसाकर आगे-पीछे करने लगा.
चाची को भी मेरे लौड़े से मज़ा आने लगा.

फिर मैंने चाची की चूत पर लंड रखा और उनकी चुत में अपने लौड़े को घुसेड़ने लगा.

चाची अपने दांत भींच कर मेरे लंड से होने वाले दर्द को सहन कर रही थीं.

मैं भी उनकी चूचियों को सहलाते हुए अपने लौड़े को धीरे धीरे अन्दर पेलता जा रहा था.

चाची की दर्द भरी आवाज निकल रही थी और वे आह आह कर रही थीं.
उधर बाजू में तेल की शीशी रखी थी तो मैंने उसे उठा कर चाची की चुत पर ढेर सारा तेल टपका दिया.

चाची मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर तेल से उसे चिकना करने लगीं.
तभी मैंने एक झटका मार दिया और मेरा लंड चाची की चुत की मां भैन एक करता हुआ अन्दर घुसता चला गया.

चाची की चीख निकल गई- ओए रुक जा मादरचोद आह … तेरा लंड नहीं साले मूसल है!
उन्होंने मुझे गाली दी तो मैंने उनके दोनों गाल पकड़ कर उनके मुँह में थूकते हुए कहा- साली रंडी बहन की लौड़ी चुदक्कड़ रांड मुझे मादरचोद बोलती है कुतिया … आह ले अब तू लंड का मजा ले हरामन!

मैं चाची को गाली देते हुए नंगी चूत की चुदाई करने लगा.

चाची को भी मेरी गाली वाली भाषा से खुश हो गईं.
उन्हें मजा भी आने लगा.

वे पूरे जोश में चुदने लगीं और चिल्लाने लगीं- हां राज और ज़ोर से चोद अपनी रंडी चाची को!

कुछ देर में ही चाची झड़ गईं.
उन्होंने मुझे रोका और बोलीं- यार तू तो सांड है … जरा तो रुक न कुत्ते!

अब मैंने चाची को घोड़ी बनाकर चोदना चालू किया.
फिर कभी मिशनरी पोजीशन में दबाकर उन्हें चोदना शुरू किया.

दो बार चुदाई करने के बाद मैंने चाची के दूध चूसते हुए कहा- कुछ पिलाओ न चाची!
चाची बोलीं- बियर पिएगा?
मैंने कहा- मुझे तो दारू भी चलती है.

चाची खुश हो गईं और जल्दी से वे व्हिस्की की बोतल ले आईं.
हम दोनों ने एक एक पैग लिया और चाची ने एक सिगरेट सुलगा ली.

मैंने भी उनकी सिगरेट से कश लगाए.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा.
मैं और चाची अब बहुत खुल चुके थे.
हम दोनों ने बाथरूम, किचन, हर जगह सेक्स किया.

बाद में मैंने चाची की गांड भी मारनी शुरू कर दी थी.

अब एक महीने से ज़्यादा हो गया था और मुझे चाची से थोड़ा बोरियत होने लगी थी.

मैंने चाची से कहा- मुझे कोई और चुत चाहिए चोदने के लिए!
चाची ने कुछ सोचकर कहा- तेरी मां को बुलाऊं क्या … उसे चोदना चाहता है?
मैंने भी बेझिझक कहा- हां, कोई परेशानी नहीं है!

चाची बोलीं- ठीक है … अब तू देख, मैं क्या करती हूँ!

दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में आप देखेंगे कि चाची ने क्या किया और मैंने कैसे अपनी मां को चोदा.
वैसे मां को तो मालूम ही था कि मैं चाची को रोजाना चोदता हूँ, क्योंकि चाची ने ही उन्हें ये बात बताई थी.
अब जब अगली सेक्स कहानी में मिलूँगा तो आपको मेरे लौड़े के नीचे एक मस्त चुत मिलेगी.

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