मदर फक कहानी में एक रात मैंने मम्मी पापा की चुदाई देखी तो मेरा मन अपनी सौतेली मम्मी को चोदने का हो गया क्योंकि वे जवान और सेक्सी हैं.
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम मोनू है. मैं 19 साल का हूँ.
मैं राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला हूँ.
मेरे घर में मैं, मम्मी और पापा … तीन सदस्य हैं.
मेरी सौतेली मम्मी का नाम नीरजा है, उनकी उम्र इकतीस साल है.
पापा की उम्र 43 साल है.
मेरी मां की साइज़ 32/36 है, उनके बूब्स और मोटी गांड बहुत आकर्षक हैं.
जब वे चलती हैं, तो उनके बूब्स और पिछवाड़ा मस्त हिलते हैं.
हर आदमी मेरी मां का फैन हो जाता है.
लेकिन मेरी मां किसी को भाव नहीं देती हैं.
मैं अपनी सच्ची बात कहने के लिए आपके सामने मदर फक कहानी लेकर आया हूँ.
एक दिन मैं घर पर था. पापा थके-हारे ऑफिस से आए.
मम्मी किचन में खाना तैयार करने गई थीं.
खाना तैयार हुआ तो मम्मी ने आवाज लगाई और हम सबने खाना खाया.
फिर मैं मम्मी के साथ बैठ कर टीवी देखने लगे.
पापा को ज्यादा थकान होने के कारण वे जल्दी सो गए.
कुछ देर बाद जब टीवी पर उनकी पसंद का सीरियल आने में देर थी तो मम्मी बोलीं- मैं बर्तन साफ कर लेती हूँ, तब तू मेरा वाला चैनल लगा देना.
मैंने हां कह दी और वे चली गईं.
फिर मैं टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद मम्मी काम खत्म करके आईं और मैंने उनकी पसंद कर चैनल लगा दिया.
वे टीवी देखने लगीं.
करीब एक घंटे बाद मम्मी भी टीवी देखना छोड़ कर कमरे में चली गईं और सो गईं.
मैं भी अपने कमरे में चला गया.
उस वक्त रात के दस बजे थे.
तो मैं कुछ देर मोबाइल देखने के बाद सो गया.
करीबन एक बजे रात को मैं बाथरूम के लिए उठा.
मैं बाथरूम से वापस कमरे में जा रहा था.
तभी मैंने देखा कि मम्मी के कमरे की लाइट जल रही थी.
उनकी आवाजें भी आ रही थीं तो मैंने ध्यान दिया.
मैंने सुना कि मम्मी के कमरे से अजीब अजीब सी आवाज़ें आ रही थीं.
मैं कौतूहल वश उनके कमरे की खिड़की के पास गया और खिड़की के छेद से देखा.
अन्दर का नज़ारा बिल्कुल अलग था.
मम्मी और पापा, दोनों ने अपने कपड़े उतार रखे थे.
मम्मी पापा का लंड मुँह में लिए थीं और पापा का मुँह मम्मी की चूत पर था.
मैं थोड़ी देर तक उनके 69 वाले आसन का मजा लेते हुए देखता रहा.
पापा ने मम्मी को लेटाया और उनकी दोनों टांगें हवा में उठा दीं.
फिर अपना लंड मम्मी की चूत में रगड़ा और अन्दर पेल दिया.
मम्मी की हल्की सी आह की आवाज निकली और उन्होंने पापा के लौड़े को लील लिया.
अब मम्मी की चूत की चुदाई शुरू हो गई.
कुछ देर बाद पापा ने मम्मी को घोड़ी बनाकर उनकी चूत में लंड घुसाकर पेलना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मम्मी झड़ चुकी थीं लेकिन पापा नहीं झड़े थे.
वे मम्मी की चूचियों को मसलते हुए उनकी ले रहे थे.
मुझे सीन देखने में बड़ा मजा आ रहा था तो मैं भी अपने लौड़े को सहलाने लगा था.
फिर पापा ने अपना सारा पानी मम्मी की चूत में झाड़ दिया और मम्मी के ऊपर ही सो गए.
मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया.
सुबह मैं उठा, तो मम्मी किचन में खाना बना रही थीं.
कुछ देर बाद पापा टिफिन लेकर ऑफिस के लिए निकल गए.
मम्मी नहाने चली गईं.
बाथरूम के दरवाज़े में एक छेद था.
रात को मुझे मम्मी का नंगा शरीर स्पष्ट नहीं दिखा था तो मैं बाथरूम के छेद से देखने लगा.
मम्मी लाल ब्रा और पैंटी में बहुत कामुक लग रही थीं.
फिर मम्मी ने ब्रा और पैंटी भी उतार दी.
मेरी नज़र उनकी चूत पर चली गई.
मुझे अपनी मम्मी की गोरी, चिकनी चूत के दीदार हुए!
मम्मी ने चूत में उंगली की उसमें साबुन लगाकर रगड़ा और शायद झड़ कर उसे साफ कर लिया.
फिर मम्मी ने नहाकर काले रंग की ब्रा और पैंटी पहनी, ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन लिया.
वे बाहर आकर साड़ी पहन कर तैयार हो गईं.
मैं अपने कमरे में आ गया.
फिर जब मम्मी बाज़ार चली गईं तो मैंने मम्मी की ब्रा और पैंटी को सूँघकर मुठ मार ली.
करीब एक घंटा बाद मम्मी बाज़ार से वापस आ गईं.
अब मेरे मन में मम्मी को चोदने का प्लान तैयार हो रहा था.
मम्मी ने शाम को खाना बनाया.
पापा भी ऑफिस से आ गए और खाना खाकर सो गए.
मम्मी भी आज जल्दी सो गईं.
मैं भी सो गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
फिर रात को पापा और मम्मी का कार्यक्रम शुरू हुआ.
आज पापा जल्दी झड़ गए.
मैं देखकर सो गया.
दूसरे दिन सुबह पापा मम्मी से कह रहे थे- मुझे कुछ दिन बाहर जाना है, ऑफिस के काम के लिए!
मम्मी ने ओके कहा और उनके लिए सामान लगाने की बात करने लगीं कि कितने जोड़ी कपड़े ले जाओगे आदि इत्यादि.
शाम को पापा घर आकर बाहर चले गए.
मुझे शाम को मौका मिल गया.
मम्मी को रात में अकेले सोने की आदत नहीं थी.
मम्मी ने कहा- जब तक पापा नहीं आते, तब तक तुम मेरे पास सो जाना!
मुझे तो खुद उनके पास सोने का बहाना चाहिए था तो मैं सोने के लिए तैयार हो गया.
मम्मी सेक्सी फ्राक पहनकर सोती थीं.
उसमें से उनकी चूत दिखाई दे रही थी क्योंकि उन्होंने पैंटी भी उतार दी थी.
मुझे नहीं पता कब मेरी आंख लग गई.
रात को करीब 12 बजे मेरी आंख खुली तो मम्मी की फ्राक ऊपर को सरक गई थी.
मैं उनकी चूत के दीदार कर रहा था.
मेरा औज़ार तनकर खड़ा हो गया.
मैं धीमे से उनके बगल में को सरक आया और सैटिंग बना कर उनकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.
मम्मी को कुछ पता नहीं था.
अचानक मेरी लंबा और 3 इंच मोटा लंड उनकी चूत में घुस गया.
मम्मी नींद में जाग गईं और मुझे डाँटती हुई बोलीं- यह क्या कर रहा है, हट दूर … आने दे तेरे पापा को, मैं उन्हें सब बता दूँगी!
मैं डर गया और सो गया.
सुबह मम्मी बिस्तर पर चाय लाईं.
मैं चाय पी रहा था लेकिन मम्मी से नज़र नहीं मिला पा रहा था.
मम्मी बाथरूम में नहाने गईं.
आज उन्होंने दरवाज़ा भी बंद नहीं किया और पूरी नंगी होकर नहाने लगी थीं.
उन्होंने नहाने के बाद कपड़े भी नहीं पहने, सिर्फ लाल रंग की जाली वाली ब्रा और हाफ पैंट जैसी लाल रंग की पैंटी में बाहर आ गईं.
मैं हैरान था कि यह क्या हो रहा है.
चूंकि मेरी गांड फट रही थी तो मैंने कुछ नहीं कहा, बस उधर बैठ कर टीवी देखता रहा.
मम्मी ने ब्रा पैंटी पहने हुए ही पूरा खाना बनाया और मुझे खाना खाना के लिए बुलाया.
मैं आ गया और मम्मी ने मेरे साथ ही बैठ कर ब्रा पैंटी में ही खाना खाया.
मैं कुछ नहीं बोल पा रहा था क्योंकि मुझे डर लग रहा था.
फिर मम्मी ने कहा- मेरे शरीर में दर्द हो रहा है, जरा तू मालिश कर दे!
मैंने ओके कहा और उनके कमरे में चला गया.
मम्मी चित लेट गईं और उन्होंने अपने पैरों को फैला दिया.
मैंने मम्मी के पैरों पर हाथ फेरा तो मेरे लौड़े ने बगावत कर दी.
मैं चुपचाप उनके पैरों पर अपने हाथ फेट रहा.
फिर मम्मी औंधी हो गईं और बोलीं- अब पीठ की मालिश कर दे.
मैं उनकी पीठ पर हाथ फर्ट हुआ मालिश करने लगा.
मैंने एक दो बार उनकी ब्रा की पट्टी में हाथ लगाया तो मम्मी ने कहा कि ब्रा और पैंटी भी निकाल दे!
मैंने ब्रा के हुक खोल दिए और मम्मी ने अपनी पैंटी नीचे खिसका दी.
अब वे पूरी नंगी हो गईं.
तभी वे पलट गईं और उनकी चुत मेरे मेरे सामने लुपलुप करने लगी थी.
मम्मी तभी मुस्कुरा कर वापस उल्टी लेट गईं और पीठ की मालिश करवाने लगी थीं.
मैं समझने लगा था कि शायद मम्मी को मेरे मोटे लंड पर दिल आ गया है.
मैंने उनकी पीठ की मालिश करने के बाद पूछा- अब किधर करना है?
यह सुनकर मम्मी सीधी हो गईं और सामने की मालिश करने को बोलीं.
मैंने कहा- मम्मी, रात वाली बात पापा को मत बताना!
मम्मी बोलीं- मेरा काम करेगा, तो नहीं कहूँगी!
मैं मान गया.
मम्मी ने कहा- तू अपने सारे कपड़े उतार दे!
मैंने अपने कपड़े उतार दिए.
मम्मी ने कहा कि चल अब मेरी चूत को चाटकर मेरा पानी निकाल दे.
मैंने मम्मी की चूत चाटना शुरू कर दी और उनकी चुत का रस निकाल कर पी लिया.
मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मम्मी ने लौड़े की तरफ देख कर कहा- बाप रे बाप … इतना बड़ा है तेरा?
मैंने कहा- हां मम्मी!
‘तेरे पापा का छोटा सा है, उससे मुझको मज़ा नहीं आता … आज तू मुझे चोद दे बेटा!’
इतना कह कर मम्मी ने अपनी चूत को सामने फैला कर पैर ऊपर कर दिए.
मैंने लंड मम्मी की चूत पर सैट किया और एक धक्का दे मारा.
मम्मी की चूत ने इतना बड़ा लंड कभी लिया नहीं था.
मैंने तीन-चार धक्के मारे, तो मम्मी की चूत में लंड घुस गया.
मम्मी चिल्ला उठीं- बाहर निकाल इसे … मैं मर जाऊंगी!
मैं कहां मानने वाला था, मैं उनकी चूत की चुदाई करता रहा.
करीब दस मिनट मदर फक में मम्मी दो बार झड़ गईं.
मैं भी बीस मिनट बाद झड़ने वाला था.
मैंने मम्मी से पूछा- माल कहां गिराऊं?
मम्मी बोलीं- अन्दर ही गिरा दे!
मैंने रस चुत में टपका दिया.
वे आह आह करके मुझे अपने सीने से लगा कर चूमने लगीं.
मैंने उनसे कहा- मम्मी आप मुझसे खुश तो हैं न!
वे बोलीं- हां मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, बस अब मेरी सेवा की जिम्मेदारी तेरी ही है.
मैंने ओके कह कर उनके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दुबारा से उनकी चुदाई की तैयारी करने लगा.
अब मैं लगभग रोजाना मम्मी की चूत चुदाई करने लगा हूँ.
मम्मी बिना कपड़ों के घर में घूमती रहती हैं.
फिर एक दिन मैंने मम्मी से कहा- मम्मी मुझे आपकी गांड मारनी है.
वे बोलीं- मेरी गांड तो तेरे पापा ने भी नहीं मारी!
वे मना करने लगीं.
मगर मैं उनको मनाता रहा और उन्हें बताता रहा कि गांड किस तरह से मरवाई जाती है, जिससे दर्द नहीं होता है.
मम्मी ने मेरे बताए तरीके अमल में लाना शुरू कर दिए थे.
वे अपनी गांड को ढीली करने के लिए कुछ कुछ डालने लगी थीं.
फिर एक दिन दोपहर में मम्मी नंगी सो रही थीं.
मुझे अच्छा मौका मिल गया.
मैं तेल लेकर गया और मम्मी की गांड पर तेल लगाकर चिकनी बना दी.
मम्मी को लगा कि मैं मालिश कर रहा हूँ, तो उन्होंने कुछ कहा नहीं.
मेरा लंड सलामी दे रहा था.
मैं धीरे-धीरे गांड में घुसाने लगा.
फिर जैसे ही छेद ने लंड को अन्दर लिया मैंने एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरा पूरा लंड गांड में घुस गया.
वे आह आह करने लगीं.
चूंकि उनको लंबी लंबी गाजर मूली गांड में लेने की आदत हो चुकी थी तो वे कुछ ही देर में गांड चुदाई का मजा लेने लगीं.
करीब पंद्रह मिनट गांड मारने के बाद मैंने उनकी गांड में ही रस छोड़ दिया.
मम्मी ने पानी अन्दर ले लिया.
शाम को पापा आए.
मम्मी ने कहा- आज तू अपने पापा की और मेरी चूत चुदाई देखने आ जाना … या ऐसा कर तू आज मेरे पास ही सो जा मेरे साथ!
मैंने हां कह दी.
मम्मी बोलीं- जब मैं चुदवाने जाऊंगी, तो तुझे जगा दूँगी!
रात को मम्मी की नींद नहीं खुली.
पापा कमरे में आ गए.
मम्मी मुझे हिला कर धीमे से कहने लगीं- उठ जा ना!
मेरी नींद खुल गई!
मैं चुपके से उन दोनों की गर्म बातें सुन रहा था.
मम्मी जान चुकी थीं कि मैं जाग गया हूँ.
फिर मम्मी ने पापा का लंड मुँह में लिया और चूसना शुरू कर दिया.
करीब 15 मिनट बाद पापा का लंड खड़ा हुआ.
पापा ने मम्मी की चूत चाटनी शुरू की.
फिर पापा ने मम्मी को घोड़ी बनाया और उनकी चूत चुदाई शुरू कर दी.
मैं जागकर बैठ गया.
पापा ने मुझे देखा तो चूत चुदाई रोक दी.
मम्मी बोलीं- क्या हुआ? रुक क्यों गए?
‘मोनू जाग गया है!’
‘तो क्या हुआ … चूत चुदाई देखने दे उसको भी!’
मम्मी ने मुझसे कहा- आ इधर बैठ … मेरा दूध पी ले!
पापा ने कहा- हां बेटा, अपने कपड़े भी उतार ले!
फिर पापा ने मम्मी की चूत चुदाई शुरू की.
पापा ने मुझसे कहा- अपनी मम्मी की लेगा?
मम्मी ने उन्हें मना किया, वे बोलीं- लोग क्या सोचेंगे कि मां के साथ ऐसा?
पापा हंसने लगे और बोले- पागल हो पूरी … कौन देखने आएगा कि किसने तुम्हें चोदा है. यह बात कमरे में ही रहेगी … है न मोनू!
फिर मम्मी ने मुझसे कहा- मेरी चूत चुदाई कर दे!
मैंने ओके कहा और मम्मी की चुत में अपना लंड पेल दिया.
पापा सामने खड़े होकर देख रहे थे कि कितना मादरचोद लौंडा है … साला बाप के सामने मां चोद रहा है!
उसके बाद हम तीनों मस्ती से सेक्स का मजा लेने लगे.
मेरी मदर फक कहानी आपको कैसी लगी दोस्तो, प्लीज जरूर बताएं.
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