चुदासी विधवा की प्यास बुझायी- 1

लैंड लेडी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरा ट्रांसफर चंडीगढ़ हुआ तो एक विधवा का मकान किराये पर लिया। मगर मकान के साथ ही मैंने उसकी चूत भी ले ली। कैसे?

दोस्तो, मैं स्वागत करता हूं आप सभी का आपकी अपनी पसंदीदा साइट अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर!
आशा है कि इस कोरोना काल में आप सावधानी बरत रहे होंगे। चूत भी मारनी है तो सुरक्षित तरीके से मारें।

अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा और आपको ये वाकया बताता हूं।

यह लैंड लेडी सेक्स कहानी तब की है जब मेरा नया नया ट्रांसफर चंडीगढ़ में हुआ था।
वहां आने के बाद मैं होटल में रुका हुआ था और मुझे जल्दी ही रहने के लिए घर चाहिए था।

मैंने अपने साथ के अन्य लोगों से भी घर के लिए बात की थी लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला।

एक दिन मैं होटल के रिसेप्शन पर बैठा था। मैं एक डीलर से घर के बारे में बात कर रहा था।

शायद रिसेप्शनिस्ट ने मेरी बात सुन ली थी। बातचीत खत्म होने के बाद वह मेरे पास आई और बोली- आपको घर चाहिए है क्या?
मैंने उसको देखा और कहा- हां, शहर में अभी नया हूं और अपने लिए घर देख रहा हूं.

इस पर वह बोली- एक घर मेरे पड़ोस में खाली है लेकिन मकान मालकिन उसका किराया ज्यादा मांगती है इसलिए वह काफी दिनों से खाली है। घर की लोकेशन के हिसाब से वह घर अच्छा है और वैसा ही है जैसा कि घर आप ढूंढ रहे हैं। इसलिए अगर आप चाहें तो मैं मकान मालकिन से बात कर सकती हूं.

मैंने तुरंत उसको कहा- आप बात करो, अगर घर पसंद आया तो मैं घर ले लूंगा। किराये की कोई दिक्कत नहीं।
अगले दिन उसने मुझे बोला- मैंने बात कर ली है। मकान मालकिन ने घर दिखाने के लिए शाम के 6:00 बजे का टाइम दिया है।

उससे मैंने कहा- ठीक है, लेकिन मैं वहां कैसे जाऊंगा? मैंने तो एरिया देखा ही नहीं.
वह बोली- आज शाम को मेरे साथ ही चल पड़ियेगा।

मैंने उसको हां कह दिया और शाम को मैं उस लेडी को लेकर घर देखने के लिए चला गया।

महिला की उम्र लगभग 45 वर्ष थी।
बातों बातों में पता चला कि उसकी एक बेटी है, जिसकी 2 साल पहले शादी हुई थी और उसका अब तलाक होने वाला है।

मुझे वह घर पसंद आया क्योंकि मैं एक तलाकशुदा आदमी हूं जिसको एकांत पसंद है ताकि अगर किसी लड़की या औरत को चोदना हो तो आसानी से लाया जा सके।

घर देखने के बाद मैंने फाइनल कर दिया और वापस होटल में आ गया।

अगले दिन अपना सारा सामान लेकर मैं उस मकान में आने के लिए तैयार था।

आने से पहले होटल में उस रिसेप्शनिस्ट को मैंने धन्यवाद कहा।
इसके जवाब में उसने मुझे गले लगाया। उसके गले लगाने से उसकी चूचियां मेरे सीने से सट रही थीं. जिसके कारण मेरे लौड़े में तनाव आना शुरू हो गया।

अलग होने के बाद उसने मुझे आंख भी मारी और धीरे से बोली- ऐसे केवल थैंक्यू से काम नहीं चलेगा, पार्टी देनी होगी।

दोस्तो, मैं रिसेप्शनिस्ट का परिचय देना तो भूल ही गया।
वो लगभग 28 से 30 साल की भरे बदन की औरत थी। उसकी चूचियां लगभग 36 के आसपास थीं. उसकी हाइट लगभग 5 फीट 7 इंच थी और उसकी गांड बाहर निकली हुई थी।

जब मैं उस घर में गया तो वो मकान मालकिन मुझे खड़ूस सी लगी।
मगर मुझे कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि मेरा रास्ता साइड से सीधा ऊपर को जाता था।

लगभग एक महीना मुझे वहां रहते हुए हो गया था।

ऐसे ही एक दिन मैं ऑफिस से लौटा था।
मैंने पाया कि दरवाजा काफी देर बाद खुला।

अंदर घुसा तो मैंने पाया कि वह औरत जिसका नाम फहीमा था, उसकी तबीयत खराब है और वह मुश्किल से दरवाजे तक आई थी।
नीचे फहीमा के अलावा और कोई नहीं रहता था।

मैंने सोचा कि उसकी मदद कर देता हूं। उसकी तबीयत ठीक नहीं थी तो मैंने उसके लिए चाय बनाने लगा।
तबीयत खराब होने के कारण उसने गाउन ही पहन रखा था।

उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां और उसका डी साइज साफ महसूस हो रहा था। उसका साइज लगभग 38 का था और उसकी निकली हुई गांड देखकर मेरे लौड़े में तनाव आ गया।

मेरा मन कर रहा था कि अभी उसकी गांड में लौड़ा घुसा दूं लेकिन मैंने अपने आप को और अपने लौड़े को काबू किया।
मैं चाय बनाने चला गया। मैंने चाय उसको दी और उसके पास जाकर बैठ गया।

बैठते समय मैं अपने लौड़े को काबू कर रहा था। चाय पीते पीते मैंने महसूस किया कि उसका ध्यान भी मेरे लौड़े पर था।

उसकी नज़र मेरे लौड़े पर जमी हुई देखकर मुझे भी मुझे विश्वास हो गया कि उसकी गांड भी मेरे लौड़े के लिए तरस रही है।

चाय खत्म हो गई तो वह बोली- तुम भी यहीं सो जाओ क्योंकि मेरी तबीयत खराब है।
मैंने उससे कहा- मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूं।

वह बोली- ऐसी कोई बात नहीं है, चाय पीने से तबियत थोड़ा ठीक हो गई है और मैंने दवाई भी ले रखी है। फिर भी अगर तुम पास में सो जाओगे तो रात में तबियत खराब हुई तो सहारा रहेगा।

मैं उसकी बात से सहमत था और मैंने हां कर दी।
उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया।

मैंने कपड़े बदले और फिर तैयार होकर नीचे चला गया।

मेरे लौड़े को देखने के अंदाज से मैं समझ गया था कि वो अपनी चूत चुदवाना चाह रही है। इसलिए मैंने लोअर के नीचे कुछ भी नहीं पहना था और उपर सिर्फ टीशर्ट पहनी हुई थी। मैंने नहाते समय उसके नाम की मुठ मारी ताकि मेरा लंड जल्दी से पानी न छोड़े।

नीचे आने के बाद मैंने उससे पूछा- सोने का कैसे अरेंजमेंट करना है? उसके कमरे में केवल डबल बेड था।
उसने कहा- एक तरफ तुम सो जाओ और एक तरफ को मैं सो जाऊंगी।

लाइट बंद करने के बाद मैंने उससे कहा- अब तुम सो जाओ और कोई भी परेशानी हो तो मुझे जगा देना।
उसने बोला- अगर तुम्हें परेशानी ना हो तो मेरे सिर में थोड़ी बाम लगा दो और थोड़ा मेरे शरीर की मालिश कर दो। शरीर में दर्द हो रहा है।

मैंने उससे पूछा कि तेल कहां है और बताई जगह से तेल लाने के बाद मैंने उससे कहा- तुम सीधी लेट जाओ, मैं तुम्हारे शरीर की मालिश कर देता हूं, इससे तुम्हें आराम मिलेगा।

उसके बाद मैंने उसके सिर पर बाम लगा दिया। मैंने सिर की मसाज कर दी।

उसके बाद तेल की मसाज की बारी थी तो मैंने कहा- तेल की मसाज के लिए कपड़े उतारने पड़ेंगे।
उसने कहा- मुझे शर्म आती है, तुम ऐसा करो कि लाइट बंद कर दो।

लाइट बंद करने के बाद मैंने उसको तेल लगाना शुरू किया।
मैंने महसूस किया कि उसने अपना गाउन उतार दिया है।

फिर जैसे-जैसे तेल लगाने लगा तो मैं गर्दन से उसकी चूचियों की तरफ आया।
मेरे छूने से उसके मुंह से आह निकल गई।

उसकी आह्ह सुनते ही मैं समझ गया कि मेरे सामने लेटी हुई ये औरत चूत मरवाना चाहती है।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूचियों की मालिश करना शुरू किया। मैं अपने दोनों हाथों से उसकी उसकी चूचियों पर मालिश करते हुए उसकी चूचियों को दबाने लगा।

धीरे धीरे उसके मुंह से आवाजें आने लगीं।
मैंने भी धीरे धीरे उसकी चूचियों को जोर से दबाना शुरू किया।
चूची दबाने से उसके बदन में लहरें उठने लगीं।

अब धीरे-धीरे मेरे दोनों हाथ उसकी नाभि की ओर जा रहे थे।

सामने लेटी हुई 45 साल की औरत अपने बदन पर काबू नहीं रख पा रही थी। लाख कोशिशें करने के बाद भी उसके मुंह से सेक्स की मस्ती भरी आवाजें सुनाई देने लगीं।

मैं अपने हाथ और नीचे ले जा रहा था। नीचे जाने पर मैंने उसकी चूत के आसपास धीरे-धीरे अपनी उंगलियां चलानी शुरू कीं।

उसकी चूत अब फड़फड़ाने लगी थी।
मेरी तेल में डूबी उंगलियां धीरे धीरे चल रही थीं।

उसके मचलते हुए शरीर को देखकर साफ पता लग रहा था कि उसका अपने शरीर पर कोई काबू नहीं है।
उसका शरीर मछली की तरह तड़प रहा था।

तभी मैंने पाया कि उसने एक हाथ से मेरे कच्छे के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया।
मालिश करते करते मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया था।

धीरे-धीरे मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी।

मेरे उंगली डालते ही उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकली और उसने अपने हाथों से मेरा लंड और मजबूती से पकड़ लिया।
इधर मैं उसकी चूत में उंगली आगे पीछे कर रहा था जो कि पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

दूसरी ओर उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और वह जोर-जोर से लंड की त्वचा को आगे पीछे कर रही थी।
उसने अपनी आंखें नहीं खोली थीं और वह मस्ती में आहें भर रही थी।

मैंने देखा कि फहीमा पूरी तरह से मस्ती में आ चुकी है और यही मौका है उसको चोदने के लिए तैयार करने का।

तभी उसने आंखें खोलीं और पहली बार मेरा लंड देखा।
उसके मुंह से निकला- हायल्ला … इतना बड़ा लंड! इतनी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?

अब तक मेरा लंड पूरा तन चुका था और एकदम कड़क हो गया था।
मैंने अपने लंड को उसके होंठों के पास ले जाकर धीरे-धीरे रगड़ना शुरू किया।

मेरे ऐसा करने पर उसके मुंह से तेज तेज आहें निकलने लगीं और जब उसका अपने पर कोई काबू नहीं रहा तो लपक कर उसने मेरे लंड का सुपारा अपने मुंह में लेकर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया।

धीरे-धीरे उसने मेरे लंड को चूसते हुए स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी थी और स्पीड बढ़ाते बढ़ाते लंड पूरा लेने की कोशिश करने लगी।
मगर वह पूरा का पूरा अंदर नहीं ले पा रही थी।

उसकी चुदाई की इच्छा इतनी बढ़ी हुई थी कि वह जितना हो सके लंड पूरा लेने की कोशिश कर रही थी।
वह बोली- ऐसा मस्त, मोटा, बड़ा लंड मैंने आज तक नहीं देखा।

उसके चूसने के अंदाज से भी ऐसा ही लग रहा था कि उसने आज तक इतना बड़ा और मोटा लंड अभी तक अपनी चूत में नहीं लिया होगा।
थोड़ी देर मेरा लंड चूसने के बाद मैंने देखा कि अब वह मस्त हो रही थी।

मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगली को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया।
मेरी उंगली के चूत में जाते ही वह मस्ती में होने लगी और लंड को और जोर जोर से चूसने लगी।

वो बोली- समीर, अब मुझे और मत तड़पाओ। मेरी चूत को अपने लंड से ठंडा कर दो। मगर ध्यान से चोदना। यह बहुत दिनों से प्यासी है और इसकी बहुत दिनों से ठीक से चुदाई नहीं हुई है।

चुदाई की तड़प की वजह से उसके शरीर में मछलियों की तरह लहरें उठने लगी थीं।

मैंने देर न करते हुए उसकी दोनों टांगों को फैलाया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रगड़ने लगा।

ऐसा करने से वह बुरी तरह तड़पने लगी और बोली- मैं मर जाऊंगी! मुझे और मत तड़पाओ।
मेरी चूत में अपना यह मोटा लंड घुसेड़ दो।

उसके ऐसा कहने पर मैं अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने का सोचने लगा और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत के मुंह पर रखा और उसकी चूचियां दबाते हुए मैंने एक जोर का झटका मारा।

इससे मेरा लंड 2 इंच तक अंदर घुस गया लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट थी।
ऐसा लग रहा था कि वह बहुत दिनों से नहीं चुदी है।

उसने बाद में बताया कि उसकी चूत को 8-10 साल से अच्छा लंड नहीं मिला है।
वह कभी-कभी अपनी उंगली से ही काम चला लेती थी।

मेरे लंड से उसको तकलीफ हो रही थी लेकिन उसको मजा भी आ रहा था।
अब मैं उसको धीरे-धीरे चोदने लगा और थोड़ी देर में उसकी चूत ने मेरे लंड को ठीक से लेना शुरू कर दिया।

अब वह पूरी तरह से चुदासी होकर अपनी चूत को अच्छे से चुदवा रही थी।
वो अपनी गांड उछाल उछाल कर लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी।

थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद वह बोली- और जोर से चोदो, मैं झड़ने वाली हूं।
उसके ऐसा कहने के बाद मैंने लंबे लंबे शॉट लगाते हुए उसकी चूत को जोर-जोर से चोदना शुरू किया।

लंबे लंबे शॉट लगने के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
पानी क्या था, उसकी चूत ने तो पूरी तरह से नदी सी बहा दी थी।

उसके झड़ने के बाद भी मेरा पानी अभी नहीं निकला था।
मैंने उसको कहा- मेरा अभी पानी नहीं आया है।

वो बोली- तुम्हारा जैसे मन करे चोद लो और अपना पानी निकाल लो।

मैंने उसको कुतिया बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा।

पानी झड़ने के बाद चुदाई होने से उसकी चूत फिर से गर्म होने लगी और मैं उसमें जोर जोर से धक्के लगा रहा था।

उसको पीछे से चोदने के दौरान मैं कभी कभी पीछे से उसकी चूचियां भी दबा रहा था।
साथ ही साथ कभी कभी पीठ पर हल्के हल्के नाखून गड़ा देता था जिससे वह और भी मस्त होती जा रही थी।

मस्ती से पीछे की ओर धक्के लगाकर वह मेरे लंड पर दबाव बढ़ा रही थी।
मुझे उसकी चुदाई करने में अब और ज्यादा मजा आ रहा था।

थोड़ी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मुझे लगने लगा कि मेरा पानी आने वाला है तो मैंने उससे पूछा- पानी कहां निकालूं?

वो बोली- मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी है। आज तो पहले इसकी प्यास बुझाओ और अपना पूरा पानी इसके अंदर ही छोड़ो।

वैसे तो उसकी उम्र 45 साल थी लेकिन उसकी पिछले 10 साल से चुदाई नहीं हुई थी।
उसको चोदते हुए मेरे लंड को एक कुंवारी चूत को चोदने जैसा ही अहसास हुआ।

मेरे लंड को उसकी चूत ने बहुत कसकर पकड़ रखा था। मुझे कुंवारी चूत जैसा ही मजा मिला।

अब मेरा वीर्य निकलने लगा। मेरे लंड का पानी आने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया।

थोड़ी देर तक लंबी लंबी सांसें लेने लगा। लगभग 15 मिनट के बाद वह फिर से मेरे लंड को हिलाने लगी।

मेरा लंड भी उसके हिलाने से फिर खड़ा होने लगा तो फहीमा बोली- यह इतनी जल्दी फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया है?
मैंने कहा- यह तुम्हें पूरी रात चोद सकता है। जब इतना मस्त माल चुदाई के लिए तैयार हो तो मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाता है।

फहीमा बोली- हां, तुम्हारे लंड में वाकई दम है, ऐसी चुदाई पहली बार हुई है, मेरे शरीर का एक-एक अंग तुमने हिला दिया है।
थोड़ी देर तक लंड को हिलाने के बाद लंड खड़ा होने पर वह बैठकर मेरे लंड को चूसने लगी।

वो बोली- इतने दिनों बाद चुदाई होने से मुझे थकान हो गई है। इसलिए मैं अबकी बार लंड को केवल मुंह में ही लूंगी। मेरा मुंह अपने लंड के पानी से भर दो। बहुत दिनों से मैंने लंड का पानी नहीं पिया।

इतना बोलकर वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी।

काफी देर तक लंड चूसने के बाद मेरे लंड ने उसके मुंह में ही पानी छोड़ दिया जो कि वह पूरा का पूरा पी गई।

उस रात हमने 2 बार और चुदाई की और उसके बाद ऐसे ही नंगे सो गये।
उस रात मैंने उसकी गांड नहीं मारी क्योंकि मैं उसकी गांड किसी और दिन मारना चाहता था।

दोस्तो, अभी मुझे विधवा की गांड चुदाई भी करनी थी। उसकी गांड चुदाई का किस्सा अगली बार सुनाऊंगा। तब तक आप कहानी के दूसरे भाग का इंतजार करें।

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लैंड लेडी सेक्स कहानी आगे भी जारी रहेगी।