सर्दियों में चूत का इंतजाम 4 लड़कों के साथ

गैंग बैंग सेक्स पार्टी में मेरे घर में चार लड़के किरायेदार थे. पर मुझे लंड नहीं मिल रहा था. मैंने उन चारों लड़कों के लंड से अपनी सर्दियों का मजा लेने का निश्चय किया.

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प्यारे दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
पेइंग गेस्ट लड़के को पटा कर चूत मरवा ली
आप सभी को बहुत पसंद आईं।
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आपने जो ईमेल लिखे, उनका भी शुक्रिया।

अब पेश है मेरी अगली कहानी, जो मेरी आपबीती है।

गैंग बैंग सेक्स पार्टी वाली बात सर्दियों की है। मुझसे सर्दियाँ कट नहीं रही थीं।
मेरी चूत में से पानी बह रहा था पर कोई चाटने वाला नहीं था।

मैं रजाई में उंगली कर लेती थी लेकिन उससे ज्यादा मजा नहीं आता था।
कोई किरायेदार भी नहीं था, जिसे पटा कर मैं चुदवा लूँ।

तभी एक दिन मेरे पास चार लड़के आए, जो बिहार से थे।
उन्होंने कमरा किराये पर माँगा।

मैंने कहा, “चार लोगों के लिए कमरा तो छोटा है!”
वो बोले, “आंटी, हम एडजस्ट कर लेंगे! बस दो महीने काटने हैं, फिर हम दिल्ली चले जाएँगे। वहाँ हमें काम मिल रहा है!”

मैंने सोचा, ठीक है।
उन चारों की उम्र 20-22 साल के आसपास थी।
कद-काठी भी ठीक-ठाक थी।
वे मजदूर थे।

मैंने सोचा कि इन्हें पटाया जाए।
फिर सोचा, साले चार हैं, मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ देंगे!

तो मैंने इरादा बदल दिया।

लेकिन रात को जब नींद खुली, मेरी चूत लपक रही थी।
मैंने रसोई से लंबा वाला बैंगन लाकर अपनी चूत में डाला और रस छोड़ा।
तब जाकर मुझे नींद आई।

इसी तरह दो हफ्ते बीत गए।
लड़के सुबह निकलते और रात को आते।

एक दिन ये लड़के जल्दी आ गए।
उनके कमरे से बातें करने की आवाजें आ रही थीं।
मैंने कान लगाकर सुना।

तभी अजय नाम का लड़का बोला, “सनी, तू जाकर आंटी से एक जग पानी ले आ! फिर हम पीते हैं!”

मैं समझ गई कि आज ये लड़के दारू पीने वाले हैं!
तभी मुझे आइडिया आया।

मैं दरवाजे के सामने नंगी होकर बैठ गई, नीचे अखबार बिछाया और रेजर से अपनी झाँटें साफ करने लगी।

अभी 3-4 बार रेजर घुमाया था कि सनी दरवाजे को अधखुला देखकर अंदर आ गया।

मुझे नंगी झाँटें साफ करते देखकर वह जड़वत खड़ा हो गया।
फिर बाहर चला गया।

मैंने साड़ी लपेटी और पूछा, “बेटा, क्या चाहिए था?”
“कुछ नहीं, आंटी! एक जग ठंडा पानी चाहिए। मैं बाद में आता हूँ!” सनी ने शरमाते हुए कहा।

“अच्छा, बेटा!” मैंने कहा और गेट बंद कर लिया।

थोड़ी देर बाद मैं पानी का जग लेकर दबे पाँव उनके कमरे के बाहर पहुँची और कान लगाकर सुनने लगी।

सनी कह रहा था, “भाई, क्या मस्त चूत थी आंटी की! देखते ही लगा कि लंड अंदर घुसा दूँ!”
अजय बोला, “आंटी दिखती भी मस्त हैं, यार! मुझे तो उनके चूतड़ बहुत अच्छे लगते हैं!”

राहुल बोला, “और उनके दूध तो ब्लाउज फाड़कर बाहर निकलने को बेताब रहते हैं!”
वीरू बोला, “यार, एक बार आंटी की चुदाई करने को मिल जाए तो मजा आ जाए!”

अपनी तारीफ सुनकर मुझे मजा आ गया।

मैंने दरवाजा खटखटाया।
राहुल ने दरवाजा खोला और मुझे देखकर चौंक गया।

मैंने कहा, “बेटा, सनी पानी माँगने आया था, तो मैं ही ले आई!”

तभी पीछे से अजय आया, “अरे, आइए ना, आंटी!”

मैं अजय के पीछे कमरे में आ गई।
देखा तो एक टेबल पर दो ओल्ड मॉन्क रम की बोतलें रखी थीं।

“अच्छा, तो आज तुम लोगों की पार्टी है!” मैंने कहा।
सनी बोला, “आंटी, कल हमारी छुट्टी है, इसलिए सोचा आज एंजॉय कर लें!”
“ये तो अच्छी बात है, बेटा!” मैंने कहा।

फिर मैं बोली, “अगर ऐतराज न हो तो मैं भी दो पेग ले लूँ? क्योंकि सर्दी बहुत है!”

यह सुनकर चारों खुश हो गए।
थोड़ी देर बाद हम सब दारू पीकर नशे में आ गए।

अब बारी थी मुझे एक्शन में आने की।
“अच्छा, ये बताओ, तुम लोगों में से किस-किस की गर्लफ्रेंड है?” मैंने पूछा।
“अरे, आंटी, हमारी किस्मत में लड़की कहाँ!” सनी ने शरमाते हुए कहा।

“फिर तुम लोगों ने सेक्स किया कि नहीं?” मैंने पूछा।
सनी शरमा गया।

राहुल बोला, “आंटी, अभी तक सनी ने सेक्स नहीं किया!”

“और तुम लोगों ने?” मैंने अजय से पूछा।
“आंटी, हम लोग साइट पर कभी-कभार किसी मजदूर की लुगाई की ले लेते हैं!” अजय ने कहा।

राहुल बोला, “आंटी, अगर बुरा न मानें तो हम आपके साथ सेक्स कर सकते हैं?”

“ये हुई ना खुलकर बात!” मैंने हँसते हुए कहा, “सेक्स नहीं, तुम लोग मेरी चुदाई कर सकते हो!”

यह सुनते ही चारों मेरे जिस्म से खेलने लगे, गैंग बैंग सेक्स पार्टी का मजा लेने लगे।
राहुल ने मेरा ब्लाउज ऊपर कर दिया, राहुल और अजय मेरे एक-एक दूध पीने लगे।
उनकी खुरदुरी जीभ मेरे निप्पल छील रही थी।

मैंने वीरू को पकड़कर उसका मुँह अपनी चूत पर लगा दिया।
वीरू मेरी चूत चाटने लगा।
मेरी चूत से रस की धार बह निकली।

तभी मैंने देखा कि सनी अपना लंड निकालकर सहला रहा था।

“सनी बेटा, तुम मेरे पास आओ!” मैंने कहा।

सनी मेरे पास आया।
मैं उसका 6 इंच का लंड पकड़कर चूसने लगी।

इधर, बाकी तीनों अपनी जगह बदल-बदलकर मेरे बूब्स और चूत चूस रहे थे।

“बेटा, तुमने अभी तक चूत का स्वाद नहीं लिया है! तो तुम आओ और जी भरकर चूत चाटो!” मैंने सनी से कहा।

सनी तुरंत नीचे आया।
मैंने उसे नीचे गिराकर उसके मुँह पर चूत रखकर बैठ गई।
सनी मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।
उसकी हालत देखकर बाकी तीनों हँसने लगे।

मेरी चूत से निकलने वाला नमकीन पानी सनी स्वाद लेकर पी रहा था।

अब मैं घूम गई और सनी का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।

हम 69 की पोजीशन में आ गए।
तभी सनी का लंड अकड़ गया और उसने अपना माल मेरे मुँह में छोड़ दिया।

“बहन के लौड़े, डालने से पहले ही झड़ गया!” वीरू ने हँसते हुए कहा।
“कोई बात नहीं, पहली बार में ऐसा होता है!” मैंने कहा।

तभी अजय ने एक पेग दिया।
मैंने उसे सनी के माल के साथ गटक लिया।

“सुनो, अब सबसे पहले सनी मेरी चूत में डालेगा, क्योंकि उसका आज पहला टाइम है!” मैंने कहा।

मैं उठी और अजय व राहुल का लंड पकड़कर हिलाने लगी।
वीरू बोला, “आंटी, सनी ने चूत का मजा तो चख लिया, लेकिन गांड का मजा नहीं लिया!”
कहकर उसने आँख मारकर हँसना शुरू किया।

मैं समझ गई कि वह रिमिंग के लिए बोल रहा है।
मैंने सनी को बुलाया और घोड़ी बन गई।
“बेटा, अब मेरी गांड चाटो!” मैंने सनी से कहा।

सनी ने गांड को देखा, जिसका भूरा-सा छेद थोड़ा-सा खुला हुआ था।
वह गांड चाटने में हिचक रहा था।

“बेटा, सब कुछ साफ है! अपनी जीभ अंदर ऐसे घुसाओ जैसे चूत में घुसाई थी! चूत तो तुम मजे लेकर चाट रहे थे!” मैंने कहा।

तभी वीरू आया और उसने सनी का मुँह पकड़कर मेरी गांड में घुसा दिया।
कुछ देर बाद सनी ने मेरी गांड चाटना शुरू किया।

पहले वह छेद पर गोल-गोल जीभ घुमाता रहा, फिर गांड में जीभ डालने लगा।
उसकी नुकीली जीभ ने मेरी गांड में करंट-सा लगा दिया।

मैंने राहुल को बुलाकर उसका लंड मुँह में ले लिया और कहा, “अबे साले, मेरे दूध चूसो!”

बाकी दोनों मेरे दूध चूस-चूसकर निकालने लगे।
सनी का लंड फिर से तनने लगा।

अब मैं खड़ी हुई।
चारों मेरे सामने आज्ञाकारी बच्चों की तरह खड़े हो गए।

“देखो, आज सनी की पहली चुदाई है! सबसे पहले सनी, तुम इस चूत को जी भरकर देख लो, प्यार कर लो! इस चूत के फोटो लेकर अपने मोबाइल में रख लो, क्योंकि ये चूत तुम्हें जिंदगी भर याद रहेगी! आगे तुम जितनी चूतें चोदोगे, इस चूत का स्वाद जिंदगी भर याद रहेगा, क्योंकि जो चीज इंसान को पहली बार मिलती है, उसकी याद जिंदगी भर रहती है!” मैंने कहा।

फिर मैं घोड़ी बन गई, बोली, “सनी बेटा, चूत को अच्छी तरह उंगली डालकर टटोल लो! महसूस कर लो कि चूत कैसी होती है!”

मैं सीधी लेट गई।
सनी मेरे पास आया।

मैंने घुटने मोड़कर दो उंगलियों से चूत खोली और कहा, “सनी, ये जो छेद देख रहे हो, यही चुदाई का रास्ता है! यहाँ लंड डाला जाता है। ऊपर जो छोटी-सी गोली देख रहे हो, यहाँ से पेशाब निकलता है। और जब तुम चूत चाट रहे थे, तो जो माल निकल रहा था, वो चूत के अंदर से आ रहा था! अब चलो, लंड के सुपाड़े को चूत पर रगड़ लो!”

सनी ने अपना लंड चूत पर रगड़ना शुरू किया।
“धीरे-धीरे लंड अंदर घुसा दो!” मैंने कहा।

सनी ने धीरे-धीरे लंड पूरा अंदर डाल दिया।

जैसे ही सनी का लंड चूत में पूरा घुसा, मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपने से चिपका लिया।
बाकी तीनों तालियाँ बजाने लगे।

राहुल नीचे झुककर देखने लगा कि लंड ठीक से गया या नहीं।

“भाई लोग, आज सनी ने चूत मार ली!” राहुल ने हँसते हुए कहा।
सब हँसने लगे।

“सनी, कैसा लग रहा है?” मैंने पूछा।
“बहुत अच्छा लग रहा है, आंटी! ऐसा लग रहा है जैसे आग में लंड घुसा दिया हो!” सनी ने कहा।

“बेटा, यही तो जवानी की आग होती है! जो मर्द की चूत में डालने से और औरत की चूत में डलवाने से बुझती है!” मैंने कहा।

सनी धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा।
उसके धक्कों से मेरी चूत का पानी निकलने लगा।

“बेटा, आराम से चुदाई करो! क्योंकि तुम्हारा माल एक बार निकल चुका है, तो अब देर से निकलेगा। इसलिए खूब मजे लेकर चोदो!” मैंने कहा।

मैंने अपनी टाँगें सनी के कंधों पर रख दीं और नीचे से गांड उछाल-उछालकर उसके धक्कों का जवाब देने लगी।
राहुल ने अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया। वीरू और अजय मेरे एक-एक दूध चूसकर पीने लगे।

मेरी आँखों में फुलझड़ियाँ जल रही थीं।
मैं आनंद के अतिरेक में डूब रही थी।

तभी मेरा शरीर काँपने लगा।
मैंने सनी को कसकर पकड़ लिया, राहुल का लंड और जोर से गटक लिया और चूत से अपना माल छोड़ दिया।

अब मेरी चूत से फच-फच की आवाजें आने लगीं।

“तेरा क्या हाल है?” मैंने सनी से पूछा।
“आंटी, मेरा निकलने वाला है!” सनी ने कहा।

मैंने सनी की कमर पकड़कर उसका लंड और गहराई में उतार लिया।
तभी सनी के लंड से पिचकारियाँ निकलनी शुरू हो गईं।

उसकी हर पिचकारी मेरी चूत के अंदर लगी आग को बुझा रही थी।
उसका गर्म-गर्म माल मेरी चूत के अंदर कहीं विस्फोट कर रहा था।

अंत में सनी लंबी-लंबी साँसें लेने लगा और मेरे ऊपर निढाल हो गया।

मैंने तीनों को अपने से हटाया और कहा, “अब 5 मिनट का ब्रेक लो!”

सनी का लंड धीरे-धीरे छोटा होने लगा और ‘पक’ की आवाज के साथ चूत से बाहर निकल आया।

“कैसा लगा?” मैंने सनी से पूछा।
“आंटी, ऐसा लगता है जैसे मैं स्वर्ग को छूकर आया हूँ! चुदाई में इतना मजा आता है, मुझे नहीं पता था!” सनी ने कहा।

“बेटा, इसीलिए इस दुनिया को प्यार की जरूरत है! हमें एक-दूसरे से प्रेम करना चाहिए, नफरत फैलाने की जगह प्यार फैलाना चाहिए!” मैंने कहा।

दोस्तो, गैंग बैंग सेक्स पार्टी कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताना!
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