देसी आंटी चुदाई स्टोरी में मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी ने अपनी चूत और गांड का मजा अपने घर में दिया. वे हमारे घर में आती रहती थी. फिर हमारे दोनों के बीच सेक्स कैसे हुआ?
मेरा नाम विकास है, मेरी उम्र 23 साल है.
मैं पंजाब के अमृतसर में रहता हूँ.
मेरी हाइट 5 फ़ीट 9 इंच है. मेरा शरीर भी अच्छा है, मैं दिखने में भी हैंडसम हूँ.
मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
मैं आसानी से भाभी या लड़की को अच्छे से चोद सकता हूँ.
अब तक मैं 3 लड़कियों और 4 भाभियों को चोद चुका हूँ.
मैं अंतर्वासना पर कहानियां पिछले 1 साल से पढ़ रहा हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है; इसमें मैंने हिमाचल की आंटी के साथ सेक्स का मजा लिया.
अगर कुछ गलती हो जाए तो माफ कर देना.
यह देसी आंटी चुदाई स्टोरी 2 साल पहले की है.
मेरे बगल वाले घर में एक फैमिली रहती थी.
उस फैमिली में अंकल आंटी और उनके दो बेटे रहते थे.
उनका एक बेटा 8वीं क्लास में था और दूसरा बेटा 10वीं में था.
आंटी का नाम रीना था.
उनकी उम्र 40 साल की थी.
आंटी दिखने में दूध जैसी गोरी थी.
उनकी हाइट 5 फ़ीट 5 इंच थी, वे फिगर में एकदम मस्त थी. आंटी का फिगर 34-30-36 था.
वे मेरी मम्मी की बहुत अच्छी सहेली थी.
रीना आंटी अक्सर मुझसे घर का कोई ना कोई काम करवाती रहती थी.
मैं भी मना नहीं कर पाता था क्योंकि आंटी मुझे बहुत अच्छी लगती थी.
एक बार आंटी की पैंटी और ब्रा उनके सोफे पर मुझे दिख गए.
आंटी की ब्रा और पैंटी ने मेरा लंड खड़ा कर दिया.
मैं बहुत मुश्किल से कंट्रोल करके अपने घर आ गया.
आंटी की ब्रा और पैंटी देख कर मुझे आंटी के साथ सेक्स करने का मन करने लगा.
मैंने घर आकर आंटी के नाम की मुठ मर ली.
मेरा कमरा हमारे घर की दूसरी मंजिल पर था. वहां केवल एक ही कमरा है बाकी सब खुला है.
आंटी का घर 1 मंजिल का ही है. उनके घर का बाथरूम छत पर था.
वे रोज़ रात को सोने से पहले अपनी ब्रा और पैंटी बाथरूम में टांग कर चली जाती थी.
मैं रोज़ उनकी छत टाप कर उनकी ब्रा और पैंटी लेकर उनके नाम की मुठ मारता था.
मुझे आंटी को चोदने का बहुत मन करता था.
मैंने सोच लिया था आंटी को चोद कर ही रहूँगा.
एक दिन जब मैं आंटी के घर उनके बेटे से मिलने गया तो मैंने देखा की आंटी पोछा लगा रही थी उनकी 34″ की चूची साफ दिख रही थी.
मैंने चुपके से उनकी फोटो खींच ली और घर आकर उनकी चूची की फोटो देख कर मुठ मार ली.
एक दिन मेरी मम्मी-पापा किसी काम से 2-3 दिन के लिए किसी रिश्तेदार के घर चले गए.
मैं घर पर अकेला था.
जब रात हुई तो मैं आंटी की पैंटी और ब्रा लेने के लिए उनकी छत टाप कर चला गया.
आंटी की पैंटी से उनकी चूत की बहुत अच्छी ख़ुशबू बहुत अच्छी आ रही थी.
तो मैं उनकी चूत की ख़ुशबू सूंघ कर उनके घर के बाथरूम में ही मुठ मारने लग गया.
मैं भूल चुका था की ये आंटी का घर है.
उनके बाथरूम में मैं मुठ मार ही रहा था कि आंटी की छत पर किसी के आने की आहट सुनाई दी.
मैं डर गया था.
डर के कारण मैं अपने लंड को जोर जोर से मसलने लगा.
मैं भाग भी नहीं सकता था.
बाथरूम का दरवाजा खुला तो मैंने देखा की दरवाजे पर आंटी हैं.
जैसे ही आंटी ने मुझे देखा, वे अपने पति को बुलाने ही वाली थी कि मैंने उनके मुँह पर अपना हाथ रख दिया और आंटी को बाथरूम में खींच कर दरवाजा बंद कर दिया.
आंटी मुझे गुस्से की नज़र से देख रही थी.
वे बोली- तुम्हें शर्म नहीं आती? मैं तुम्हारी माँ समान हूँ और तुम ये कर रहे हो?
मैंने कहा- आंटी सॉरी!
आंटी बोली- नहीं … तुम ये सब कितने दिनों से कर रहे हो. अभी तुम्हारी मम्मी से शिकायत करती हूँ.
मैंने कहा- आंटी, शिकायत मत करो. मैं आपको पसंद करता हूँ इसी लिए ये हो गया.
आंटी यह सुन कर नीचे जाने लगी.
पर मैंने उन्हें पकड़ कर अपनी बाहों में भर लिया और आंटी का हाथ अपने लंड पर रख दिया.
मैंने कहा- आंटी! ई लव यू रीना डार्लिंग.
वे हटने की कोशिश करने लगी पर मैंने उन्हें छोड़ा नहीं.
मैंने अपना हाथ उनकी जांघों पर मसलने लगा.
आंटी धीरे धीरे मस्त होने लगी और उनका गुस्सा भी कम होने लगा.
मैं आंटी को बोला- अब तो गुस्सा नहीं हो ना जान!
आंटी बोली- नहीं मेरे राजा, अब नहीं गुस्सा हूँ.
मैंने आंटी को बोला- इस राजा को तुम्हारी गुफा के दर्शन भी करने हैं.
आंटी बोली- इतनी भी क्या जल्दी है, अभी बस तुम किस करो.
हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
आंटी साथ में कामुक आवाजें भी निकाल रही थी.
वे बहुत गर्म थी.
मैं उनकी गांड दबा रहा था, वे मेरा लंड सहला रही थी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी उनका बेटा ऊपर आ गया.
वह बोला- मम्मी जल्दी आ जाओ, मुझे बहुत जोर सी पोटी लगी है.
हम दोनों उसकी आवाज सुन कर किस करना बंद कर दिया.
आंटी अपने बेटे से बोली- बेटा आ रही हूँ. तू नीचे जाकर मेरी सलवार ला दे.
वह बोला- ठीक है.
आंटी मुझसे बोली- अब तुम जाओ कल मिलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है जान … अभी जाता हूँ, कल आता हूँ.
फिर मैं छत टाप कर अपने घर चला गया.
आंटी को किस करके मुझे मज़ा ही आ गया था. उनको मन में बसा कर मैं सो गया.
अगले दिन आंटी ने मुझे 9 बजे फोन किया और मुझे अपने घर मिलने के लिए बुला लिया.
मैं तुरंत उनकी छत टाप कर आंटी के घर चला गया.
आंटी की छत का दरवाजा बंद था.
थोड़ी देर बाद आंटी आयी.
आंटी ने हरे रंग का सलवार सूट पाया हुआ था.
वे हॉट लग रही थी.
हम दोनों नीचे बेडरूम में चले गये.
आंटी के बच्चे स्कूल और पति ऑफिस गए थे.
वे बोली- कल तो बात नहीं हो पायी, अब बताओ तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड हैं.
मैंने कहा- नहीं है … आप बन जाओ.
आंटी ने हाँ में सिर हिलाया और पूछा- मुझे अपनी पत्नी बना कर सेक्स करोगे?
मैंने कहा- हाँ जरूर … पूरे मजे दूँगा.
आंटी ने मुझे अपने सीने से लगाया और किस करने लगी.
मैं भी उनका पूरा साथ देने लगा; मैं उनके होंठों को अपने चूसने लगा.
उनके होंठ बहुत रसीले थे.
5 मिनट किस करने के बाद मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और फिर से उन्हें किस करना शुरू कर दिया.
किस करने के बाद मैं उनके कपड़े उतारने लगा.
पहले मैंने आंटी का कमीज उतारा.
उन्होंने ब्लैक ब्रा पहनी थी.
फिर मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल कर उनकी सलवार भी उतार दी.
अब आंटी मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में थी.
मैं उनको किस करने लगा.
धीरे से मैंने उनकी ब्रा भी खोल दी. उनके 34 चुच्चे मेरी सामने आ गए.
मैं आंटी के चुच्चे को चूसने लग गया.
आंटी कामुक आवाजें निकाल रही थी.
चुच्चे चूसने के बाद मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी.
आंटी की चूत एकदम साफ और चिकनी थी, एक भी बाल नहीं था.
मैं आंटी की चूत चाटने लगा.
आंटी की चूत से पानी निकल रहा था.
मैंने पानी चाट कर उनकी चूत साफ कर दी.
आंटी ‘आह आह’ कर रही थी.
मैंने आंटी को बोला- अब तेरी बारी मेरी रंडी!
आंटी उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी.
उन्होंने मेरे सब कपड़े उतार दिये और मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी.
फिर आंटी ने मेरा लंड अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लगी.
मैं आंटी के बाल पकड़ कर अपना लंड चुसवाने लगा.
आंटी ने मुझे 10 मिनट में झाड़ दिया.
वे मेरा सारा माल गटक गयी.
आंटी बोली- अब अपना लंड मेरी चूत में भी डाल दो.
मैंने आंटी को सीधा लेटाया और उनकी टांग उठा कर अपना लंड उनकी चूत के मुंह में सैट करके धक्का मारा, लंड अन्दर घुस गया.
आंटी ने आह किया और मैं आंटी को चोदने लगा.
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं और आंटी एक साथ झड़ गए.
मैंने सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया.
आंटी ने मेरा लंड मुँह में लेकर साफ कर दिया और लेटी रही.
मैं भी उनके ऊपर ही लेट गया.
आंटी ने पूछा- मज़ा आया?
मैंने कहा- बहुत मज़ा आया. एक और बार करें?
आंटी बोली- हाँ ठीक हैं.
मैं आंटी के ऊपर से हट गया.
आंटी खड़ी हुई और मेरे लंड को दूसरी पारी के लिए तैयार करने लगी.
अब मेरा लंड दूसरी पारी के लिए तैयार था.
मैंने आंटी को इस बार कुतिया बनाया और चूत में लंड सेट करके चोदने लगा.
आंटी को मैंने कुतिया की पोज़िशन में बहुत देर तक चोदा.
पूरे कमरे में आंटी की कामुक सिसकारियाँ गूंज रही थी.
कुछ मिनट बाद मैं आंटी की चूत में ही झड़ गया.
आंटी लेट गयी.
मैं भी आंटी के ऊपर ही लेट गया और आंटी का बदन चूमने लगा.
वे भी मेरा लंड सहलाने लगी.
फिर मैंने आंटी को गांड चुदाई करने को कहा.
आंटी तुरंत मान गयी.
मैंने आंटी की गांड में उंगली घुसा दी.
आंटी की आह निकल गयी.
धीरे धीरे मैं आंटी की गांड अपनी उंगली से चोदने लगा.
आंटी को मज़ा आ रहा था और मुझे भी!
फिर मैंने आंटी की गांड के छेद में अपना लंड सेट किया और जोर से धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड आंटी की गांड में चला गया.
आंटी जोर से चीखी पर कुछ नहीं बोली.
मैंने अपना आधा लंड भी दूसरे धक्के में पूरा आंटी की गांड में पेल दिया.
आंटी को दर्द हुआ पर वे कुछ बोली नहीं.
फिर मैं लंड को आगे पीछे करने लगा.
आंटी को दर्द भी कम होने लगा और वे पूरे मजे से अपनी गांड चुदाई में मेरा साथ देने लगी.
करीब बीस मिनट बाद मैं आंटी की गांड में झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.
मैंने और आंटी ने उस दिन 3 बार अलग अलग पोज़िशन में सेक्स किया.
देसी आंटी चुदाई के बाद मैं घर जाने लगा.
जाते जाते मैंने आंटी को गले से लगा लिया और किस करने लगा.
मैंने आंटी से कहा- अब अगली बार देसी सेक्स करने का मौका कब मिलेगा?
आंटी बोली- जब तुम चाहो … आज से मैं तेरी रखैल हूँ.
मैंने आंटी के गाल को चूमा और फिर मैं कपड़े पहनने लग गया.
आंटी भी अपने कपड़े पहनने लग गयी.
फिर मैंने आंटी को किस किया और अपने घर चला गया.
उस दिन के बाद आंटी मुझे 5-7 दिन में एक बार सेक्स का मज़ा देने लगी.
हिमाचल की आंटी के साथ सेक्स का सिलसिला अब भी जारी है.
ज़ब रीना आंटी के पति और बच्चे घर पर नहीं रहते हैं.
तब मैं और रीना आंटी दोनों खूब सेक्स करते हैं.
आपको हिमाचल की देसी आंटी चुदाई स्टोरी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
आपका अपना दोस्त विकास
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