यंग हॉट गर्ल सेक्स कहानी में मेरी गर्लफ्रेंड को मैं अक्सर चोदता था. उसकी दो सहेलियां उससे जलती थी. उन दोनों ने कैसे मुझसे दोस्ती बढ़ाकर मेरे लंड का मजा लिया?
दोस्तो, मेरा नाम सोनू है.
मेरी गर्लफ्रेंड संध्या (नाम बदला हुआ) के साथ मेरी जिंदगी में एक अलग ही रंग चढ़ा था.
हमारा रिश्ता गहरा था और हर पल एक नया रोमांच लेकर आता था.
उसी दौरान मुझे मेरे एक दोस्त से पता चला कि उसकी फ्रेंड शिवानी को मुझसे दिली लगाव हो गया है.
ये सुनकर मेरे मन में एक हल्की-सी हलचल हुई और मैंने उसकी ओर थोड़ा ध्यान देना शुरू किया.
वह मेरे घर के पास ही रहती थी और उसकी मौजूदगी मेरे दिल को छूने लगी थी.
उसे पता था कि मेरा संध्या के साथ कुछ चल रहा है.
फिर भी वह मुझसे बातें करने लगी और उसकी आवाज में एक अजीब-सी कशिश थी.
एक दिन, कॉलेज जाते वक्त मैंने उसे एक चॉकलेट थमाई.
उसकी आंखों में चमक और होंठों पर मुस्कान देखकर मेरा दिल धड़क उठा.
वह खुशी से झूम उठी.
मैं वहां से निकल गया, लेकिन उसने अपने भाई के फोन से मेरा नंबर ढूंढ लिया और मुझे कॉल कर दिया.
फोन उठाते ही उसकी नर्म और मीठी सी आवाज गूँजी- हैलो, मैं शिवानी बोल रही हूँ.
मैंने थोड़ा बनावटी अंदाज में कहा- कौन शिवानी?
उसने हंसते हुए जवाब दिया- वही, जिसे आपने सुबह चॉकलेट दी थी!
मैंने कहा- अरे, वह तो बस ऐसे ही.
लेकिन उसने मेरे दिल की धड़कन पढ़ ली और पूछा- सच बताओ, कुछ कहना चाहते हो न?
मैंने पहले तो टालने की कोशिश की, लेकिन उसकी बातों का जादू मुझ पर चल गया था.
सच कहूँ, मेरा दिल भी उसकी ओर खिंचने लगा था.
उसकी 34-30-36 की फिगर देखकर मेरे मन में उफान उठता था.
मैं रोज उसकी खूबसूरती में खो जाता और उसकी हर अदा मुझे बेकरार कर देती थी.
मेरी गर्लफ्रेंड संध्या हमारी दोस्तों की टोली में सबसे हसीन थी, उसकी फिगर सबसे लाजवाब थी.
इसीलिए मेरी दोस्तों में इज्जत थी.
लेकिन शिवानी का आकर्षण कुछ अलग था.
वह मुझे पहले से चाहती थी और मेरा शरीर भी अब उसकी चाहत में तड़प रहा था.
मुझे अपने घर के आसपास की लड़कियों को पटाने में एक अलग ही मजा आता था और शिवानी उस आग में और घी डाल रही थी.
फिर मैंने हिम्मत जुटाई और शिवानी को कहा कि मैं तुम्हें पसंद करता हूँ.
वह भी यही बोली.
फिर कुछ देर इधर उधर की बातों के बाद संध्या की बात चलने लगी. वह बोली- तुम संध्या को प्यार करते हो तो मेरे साथ कैसे करोगे?
मैंने कहा- हां यह दिक्कत तो है, तब भी मेरी सलाह मानो और तुम संध्या की थोड़ी जासूसी करो.
उसने हामी भर दी.
कुछ दिन बाद उसने मुझे संध्या की सारी डिटेल बताई कि वह कितने बजे उठती है और किस किस समय क्या क्या करती है.
उसकी बात से मुझे अंदाजा हो गया था कि अब मैं शिवानी को सुबह सुबह पेल सकता हूँ.
मैंने उससे प्यारी प्यारी बातें की और उससे सीधे शब्दों में पूछ लिया कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी!
वह हंस दी मगर कुछ बोली नहीं.
मैं समझ गया कि यह यंग हॉट गर्ल सेक्स की भूखी है, इसकी चुत में खुजली है और इसे मेरे लंड का स्वाद चखना है.
यह सोचते ही मैंने उसे सुबह 4 बजे पास के एक खाली घर में मिलने बुलाया.
उसने हामी भर दी.
क्योंकि यह घर एकदम नजदीक में था और उसमें कोई नहीं आता जाता था.
वह सिर्फ एक बात बोली कि उसके अन्दर कोई सांप बिच्छू न हों!
मैंने कहा- वह सब मैं आज शाम को देख लूँगा.
उसने ओके कह दिया और हम दोनों के मिलने का कार्यक्रम सुबह का बन गया.
दूसरे दिन मैं पहले से ही उधर पहुँच गया था और मैंने शाम को ही एक कमरे में जगह साफ करके दरी बिछा दी थी.
तय समय पर वह आ गई.
जैसे ही मैंने उसे देखा, मेरे अन्दर का जुनून जाग उठा, लवड़ा फनफनाने लगा.
मैंने लपक कर उसे अपनी बांहों में भरा और पागलों की तरह उसे चूमने लगा, उसकी कमर पर मेरे हाथ फिसलने लगे और उसकी ड्रेस के ऊपर से उसके दूध मसलना शुरू कर दिए.
हम दोनों के होंठों से होंठ जुड़ गए और मैं उसे करीब से महसूस करने लगा.
वह चुप थी, बस मेरे स्पर्श में खोई हुई.
मैंने उसे दीवार से सटाया, उसके होंठों को चूमा और उसके शरीर को अपने हाथों से सहलाया.
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया तो उसकी सलवार धीरे से नीचे सरक गई.
उसने चड्डी नहीं पहनी थी.
मैंने जल्दी से अपने हाफ बाक्सर को नीचे किया और अपने मूसल लंड को उसकी चुत से सटा दिया.
वह आह कर उठी और कहने लगी कि कितना सख्त है ये!
मैंने कहा- हां आज यह तेरी चुत को फाड़ देगा!
वह कुछ नहीं बोली.
बस उसने मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए.
मैंने उसकी चुम्मी लेते हुए उसका मुँह बंद कर दिया और अपने लंड को उसकी चुत से रगड़ दिया.
उसने अपनी टांगें पसार दीं तो मैंने लंड को उसकी चुत में ठेल दिया.
वह कराह उठी और बोली- ऐसे खड़े खड़े नहीं होगा!
मैंने उसे झट से नीचे बिछी दरी पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर अपने लंड को उसकी चुत में सैट कर दिया.
उसने भी अपनी चुत को उठा दिया तो मैंने भी झटका देते हुए लंड को अन्दर पेल दिया.
उसकी तेज चीख निकलने को हुई मगर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा कर रखा हुआ था, जिस वजह से उसकी घुटी हुई चीख दब कर रह गई.
मैंने अपने लंड को उसकी चुत की जड़ तक पेला और अन्दर समा दिया.
वह दर्द से छटपटा रही थी.
मैं उसके दूध मसलता रहा और उसके होंठों को चूसता रहा.
इधर मेरे लौड़े ने उसकी चुत में अपनी हरकत करनी शुरू कर दी और उसने जबरन चुत में अपनी जगह बनाते हुए उस पर कब्जा कर लिया था.
शिवानी की चुत ने हार मान ली और वह लंड के कब्जे में आ गई.
अब मैंने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और उसकी चुदाई आरंभ कर दी.
कुछ ही देर में शिवानी को मजा आने लगा.
उसकी ऊँह आंह निकलने लगी तो मैंने उसके मुँह से अपना मुँह हटा दिया.
वह लंबी सी सांस लेकर बोली- साले तूने तो मेरी जान ही ले ली थी!
मैं हंस दिया और उसके एक दूध को अपने मुँह में भर कर उसकी धकापेल चुदाई करने लगा.
वह भी मस्ती से गांड उठाती हुई लंड से लोहा लेने लगी.
जल्दी ही हम दोनों एक-दूसरे में खो गए.
कुछ मिनट बाद हम दोनों स्खलित हो गए और एक दूसरे में बह कर थम गए.
अब तक सुबह के 5 बज चुके थे.
लोगों की जगार का वक्त हो चला था.
मैंने उसे पीछे से पकड़ा, उसकी कमर पर अपने हाथ फेरे और फिर से उसे करीब खींच लिया.
उसने कहा- अब छोड़ दो, मम्मी जाग जाएंगी.
मुझे भी लगा कि सुबह हो रही है, तो बाद में चोद लूँगा.
हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और एक एक करके अपने घर चले गए.
इसके बाद दूसरी बार मैंने उसे अपने घर बुलाया.
उसका खुला मिजाज और मेरे लिए उसका प्यार मुझे और करीब खींचता गया.
एक महीने में हमने 8 बार चुदाई का मजा लिया.
वह मुझ पर पूरी तरह फिदा थी.
उसकी एक सहेली थी, पल्लवी … जो हमारी गली में रहती थी.
मैं उसकी चाल और स्टाइल पर मर मिटता था.
मैं अक्सर शिवानी से उसके बारे में बात करता.
एक दिन मैंने शिवानी से मजाक में कहा- मुझे सपना आया कि मैं तुम्हें तुम्हारे घर में चोद रहा हूँ और तभी पल्लवी आ गई. वह हमें देख रही थी, लेकिन मैंने तुम्हें छोड़ा नहीं.
शिवानी को मेरी बात सुनकर मजा आने लगा था वह बोली- फिर क्या हुआ?
मैंने कहा- जब मैं तुम्हें कुतिया बना कर चोद रहा था तो उसने तुझसे कहा कि शिवानी, तू ये सब करती है? मैं तेरी मम्मी को बता दूँगी. तुमने उसे मनाया और कहा कि प्लीज, जो चाहे ले लेना, बस किसी को मत बताना.
शिवानी हंसने लगी.
मैंने आगे कहा कि उसने हंसते हुए तुमसे कहा कि संध्या का बॉयफ्रेंड तेरी चुत चोद रहा है साली कुतिया, तू अकेली क्यों एंजॉय करेगी? मुझे भी मौका दे … तो तुमने मुझसे कहा कि इसको भी चोद दो. अब मजबूरी में मुझे उसे भी प्यार करना पड़ा.
शिवानी ने हंसकर कहा- हां, सपना अच्छा है, लेकिन ऐसा रियल में नहीं होगा!
मैंने कहा- मैंने कब कहा कि रियल में ऐसा होगा. बस मैंने तो सपना बताया.
हमारा ये सिलसिला चलता रहा.
मैं हर बार उसकी चुदाई के दौरान उससे पल्लवी का जिक्र करता रहा.
एक दिन शिवानी ने बताया कि पल्लवी को 30,000 रुपये की जरूरत है.
मैंने कहा- तू बोल दे, मैं नहीं दूँगा!
शिवानी चुप हो गई.
मैंने पूछा कि ऐसी क्या बात है, जो उसे इतने सारे पैसे चाहिए?
शिवानी ने बताया कि पल्लवी अपने बॉयफ्रेंड को गिफ्ट देना चाहती है.
मैंने पूछा- वह पैसे लौटाएगी न?
शिवानी ने कहा- मुझे नहीं लगता!
मैंने कहा- ठीक है, मैं पैसे दे दूँगा और वापस भी नहीं माँगूँगा. लेकिन मैं उससे एक बार मिलना चाहता हूँ. तू उसे बोल दे.
शिवानी ने हामी भर दी.
फिर एक दिन शिवानी पल्लवी को लेकर आई और उसे मेरे पास छोड़ कर चली गई.
मैंने पल्लवी से कहा- मैं तुम्हें हमेशा निहारता था. तुम्हारी चाल, तुम्हारा स्टाइल … मैं तेरा दीवाना हूँ.
वह पंजाबी ड्रेस में थी और मैंने उसे दीवार से सटा लिया.
उसकी कमर को सहलाते हुए मैंने उसे चूमा. उसका टॉप उतारकर मैं उसके शरीर को निहारने लगा.
वह भी मेरे जुनून में बह रही थी.
उसने कहा- सोनू, प्लीज …
लेकिन मेरा जुनून रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
मैंने उसे पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया.
कुछ ही पलों बाद मैंने उसे नंगी कर दिया और उसे चोदने लगा.
साली गांड उठा उठा कर चुद रही थी.
मैंने कहा- मजा आ रहा है न!
वह बोली- हां सोनू, मैं कबसे तुमसे चुदवाना चाहती थी!
मैंने उसके दूध को चूसते हुए कहा- तो कहा क्यों नहीं!
वह बोली- साली शिवानी मुझे मिलने ही नहीं देती थी!
हम दोनों ताबड़तोड़ धक्के मार रहे थे.
करीब 10 मिनट बाद मैंने सारा वीर्य उसकी चुत में ही उड़ेल दिया.
वह यंग हॉट गर्ल सेक्स करके खुश थी.
मैंने उसे पैसे दिए तो वह मना करती हुई बोली- तुम शिवानी से मत कहना कि मैंने पैसे नहीं लिए. मैं बस तुमसे बार बार चुदना चाहूँगी.
मैंने ओके कह दिया.
इसके बाद मैंने शिवानी के साथ कुछ ऐसा किया कि वह मेरे साथ एक ही बिस्तर पर पल्लवी के साथ चुदने को रेडी हो गई.
मैंने उन दोनों को धकापेल चोदा और उसके बाद तो कई बार अपने लौड़े से दोनों को एक साथ पेला.
अब वे दोनों मिल कर संध्या को भी एक ही बिस्तर पर चुदवाने का प्रोग्राम बना रही हैं.
मैंने भी एक साथ तीन चुत चोदने के लिए कहा कि एक लंड की जरूरत और पड़ेगी.
इस पर उन दोनों ने पहले तो मना किया.
पल्लवी बोली- तुम दवा खा लेना और हम तीनों को अपने लौड़े से चोद लेना.
मैंने कहा- एक लंड और लेने में क्या दिक्कत है?
शिवानी मान गई और वह पल्लवी से धीरे से बोली- साली रंडी एक और लंड का स्वाद भी मिलेगा … यह भी तो सोच!
इस पर पल्लवी हंस पड़ी और हम तीनों पुनः अगले राउंड के लिए गर्म होने लगे.
दोस्तो, अगली बार लिखूँगा कि किस तरह से संध्या भी हमारे चुदाई के खेल में शामिल हुई और दूसरा मर्द कौन सा था जिसने न केवल उन लड़कियों को चोदा बल्कि उन तीनों लड़कियों के सामने मेरे लंड से अपनी गांड चुदवाई.
आपको मेरी यंग हॉट गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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