Xxx गांड कहानी में मैं नौकर के कमरे के बाहर बंद दरवाजे से आ रही आवाजों को सुन रहा था. मुझे पता चल गया था कि मेरी बीवी हमारे घर के नौकर से गांड मरवा रही है.
फ्रेंड्स, मैं गगन आपको अपनी पत्नी निकिता की अपने नौकर बलवान संग चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी बीवी की चुदाई की कामुक आवाजें
में अब तक आपने पढ़ा था कि बलवान के साथ निकिता चुद कर झड़ चुकी थी और शायद वे दोनों चुदाई के दूसरे राउंड के लिए रेडी हो रहे थे.
अब आगे Xxx गांड कहानी:
मुझे कमरे में दुबारा से कुछ होते हुए सुनने के लिए लगभग पच्चीस मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा.
‘बलवान प्लीज थोड़ा अच्छे से तेल लगाओ न … और याद रखना, आराम से करना. तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, काफ़ी बड़ा … मेरे पति से बहुत बड़ा है!’
मैंने अपनी पत्नी को अपने प्रेमी से कहते हुए सुना.
‘हां मुझे पता है यार … जो लंड इस समय तुम्हारे छेदों में घुस घुस कर तुम्हें चोद रहा है न, वह तुम्हारे पति से काफी बड़ा है!’
बलवान ने जवाब दिया.
फिर हंसी की आवाज़ आई, क्योंकि मेरी पत्नी और उसका प्रेमी दोनों मेरे छोटे आकार पर हंसे.
मैं वहां खड़ा था … शर्मिंदा, अपमानित, लेकिन बहुत उत्तेजित भी.
अब बलवान मेरी पत्नी की गांड में अपना मूसल पेल कर उसे चोदने जा रहा था.
यह कुछ ऐसा था, जिसके लिए निकिता ने हमेशा मुझसे कहा था कि उसे पीछे से चुदवाने में घृणा होती है.
वह मेरे साथ कभी भी ऐसा करने की कोशिश भी नहीं करना चाहती थी जबकि साली यहां मेरे नौकर के लिए कुतिया बन कर झुकी हुई थी.
मैं कमरे के अन्दर से हल्की-हल्की आवाज़ें सुन सकता था.
उन आवाज़ों से अंदाज़ा लगा सकता था कि अन्दर क्या चल रहा है.
मेरी पत्नी हल्के हल्के से बड़बड़ा रही थी.
शायद मेरा नौकर बलवान मेरी पत्नी की गांड के छेद में अपनी उंगली पर तेल लगाकर उसे चोद रहा था क्योंकि वह उसकी गांड को अपने लंड के लिए तैयार कर रहा था.
कुछ देर बाद मैंने बिस्तर पर और भी सरसराहट की आवाज़ें सुनीं और गद्दे की स्प्रिंग्स की नर्म चरमराहट.
‘आह धीरे … धीरे … आह साले तेरा सुपारा ही अन्दर लेने में मेरी फट जाती है आह!’
निकिता हमारे नौकर को निर्देश दे रही थी, जैसे कि वह रसोई में एक मालिक के रूप में निर्देश दे रही हो … न कि बेडरूम में एक प्रेमी के रूप में.
‘हां यार मेमसाब … चिंता मत करो, कुछ दिन मेरा अन्दर लोगी, तो तुम्हारा छेद इससे बड़ा लौड़ा भी झेलने लगेगा!’
बलवान ने हंस कर जवाब दिया.
इस पर निकिता दबे स्वर में हंस कर बोली- आह साले, तो किसी दिन किसी अफ्रीकन सांड को बुलावा भेज दे न … आह मेरी चिर रही है धीरे पेल न आह!
फिर बलवान ने अपना एक हाथ लंड से हटाया होगा और उसने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाए होंगे, क्योंकि अगली दो आवाज़ें जो मैंने सुनीं.
वे मेरी पत्नी के चूतड़ों पर ज़ोर से थप्पड़ मारने की थीं.
‘थप … थप …’
‘तुम्हारे नितंब बहुत अच्छे हैं मेमसाब. मैं तुम्हें सारा दिन ढोल के जैसे बजाना चाहता हूँ!’
बलवान ने मेरी पत्नी से कहा.
‘तुम मुझे सारा दिन बजाते हो बलवान. कल जब मैं रसोई में कुछ सामान लेने के लिए काउंटर पर झुकी थी, तो तुम चुपके से मेरे पीछे आ गए और फिर तुमने मुझे उस वक्त भी बजा दिया था. जबकि उस समय मेरा पति ऊपर कमरे में था!’
मेरी पत्नी ने जवाब दिया.
‘ओह हां … क्या बेवकूफ है तुम्हारा पति भोसड़ी वाला!’ बलवान हंसा.
‘ओह बलवान … प्लीज मेरे साथ जरा नरमी से पेश आओ ना. अब तुम मुझे हल्के हाथ से थप्पड़ मारो न, मुझे बार बार चांटा मारो!’
मेरी पत्नी ने धीमी आवाज़ में कहा.
‘थप थप थप’ की आवाज़ कमरे से आने लगी.
मैं बाहर से यह आवाज़ सुनकर बता सकता था कि कमरे में क्या चल रहा है.
कमरे के अन्दर मेरा नौकर बलवान मेरी पत्नी निकिता के गोरे-गोरे बड़े-बड़े नितंबों पर चांटों की बौछार कर रहा था.
इसका दर्द सहन करती हुई वह और भी ज़्यादा कामुक आवाज़ें निकाल रही थी.
अपनी पत्नी की ऐसी हालत देखकर मैं अपने आप को और ज़्यादा शर्मिंदा महसूस कर रहा था.
‘और मैं तो तुम्हें मस्त चोदता भी तो हूँ … तुम्हारी चूत और गांड दोनों को बजाता हूँ!’ बलवान ने बड़बड़ाते हुए कहा.
‘हां बलवान … सुपारा अन्दर घुस गया … आह अब मजा आ रहा है … हां तुम यही सब करो … खूब करो … मुझे भी तुम्हारा लेने में मजा आता है.’
मेरी पत्नी ने कहा.
‘तुम मुझे ऐसा क्यों करने देती हो यार मेमसाब? तुम एक शादीशुदा औरत हो, एक सम्मानित वर्ग और परिवार से … और यहां तुम अपने नौकर के बिस्तर पर गांड में चुदवाने जा रही हो … और अपने नौकर से अपने गोरे नितंबों पर चांटे लगवा रही हो … जबकि तुम्हारा पति ऊपर आराम से सो रहा है!’
यह कहने के बाद मैंने बलवान को हंसते हुए सुना.
‘पटाक सटाक सटाक.’
मेरी पत्नी ने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि हमारा नौकर उसे चांटा मारता रहा.
‘ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम एक संस्कारी रंडी हो मेमसाब.’ बलवान ने उससे कहा.
इस पर मेरी बीवी ने कुछ नहीं कहा.
‘तुम हमेशा एक संस्कारी रंडी थी. तुम्हें यह जानने के लिए बस मुझसे चुदवाना था!’ बलवान ने हंसते हुए फिर से कहा.
‘हां मैं … एक संस्कारी रंडी हूँ. अब मैं तुम्हारी हूँ बलवान … मेरी गांड मारो … आह मेरी चूत को सहलाओ बलवान. प्लीज़ मुझे तेज तेज चोदो!’
अब मेरी पत्नी ने जवाब दिया.
‘और मैं तुम्हें थप्पड़ मारूँगा. तुम्हारी पिटाई करूँगा.’ बलवान बड़बड़ाया.
मेरी पत्नी ने कोई जवाब नहीं दिया. तभी आवाज़ आना कम हो गई.
मैं समझ गया कि क्या होने वाला है.
धीरे-धीरे बलवान ने अपना पूरा लंड उसकी गांड में घुसेड़ना शुरू कर दिया, जिससे बिस्तर के फ्रेम की हल्की-हल्की लयबद्ध चरमराहट आना शुरू हो गई.
इस बार निकिता की आवाज़ें ज़्यादा साफ थीं.
‘ऊऊऊ … बलवान मेरी जान … धीरे करो न प्लीज धीरे … आह … इतना ज़ोर मत लगाओ प्लीज थोड़ा और तेल लगाओ न, मेरी गांड क्या फाड़ ही दोगे!’
मैंने अपनी पत्नी को कराहते हुए सुना.
‘हां यार मेमसाब … इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ लेकिन तुम्हारी गांड इतनी मस्त है कि साली को लौड़े से फाड़ देने का मन करता है!’ बलवान ने कहा.
निकिता ने उसे ‘मेरी जान.’ कहा, एक स्नेहपूर्ण शब्द, जो वह आमतौर पर मेरे लिए इस्तेमाल करती थी.
कुछ पल खामोशी रही.
मैं समझ गया कि बलवान क्या कर रहा है.
फिर एकदम से निकिता की तेज़ चीख निकली ‘आआआ … आआ … आह … आआआ … मर गई आआह … आह!’
यह सुनकर मैं समझ गया कि बलवान का पूरा लंड मेरी बीवी की Xxx गांड में घुस चुका है.
मेरी बीवी दर्द से कराहती रही लेकिन उसने नौकर को रोकने की कोशिश नहीं की.
कुछ ही मिनट में कमरे के अन्दर से चरमराहट की आवाज़ें आने लगीं ‘ओह बलवान … अब तुम मेरे अन्दर बहुत गहरे तक समा चुके हो!’
मैंने अपनी पत्नी को कहते हुए सुना.
‘अपने आप को संभालो मेमसाब … तुम बहुत अच्छी संस्कारी रंडी हो, जो अपने नौकर को अपनी गांड चोदने दे रही हो!’ बलवान ने जवाब दिया.
कमरे के अन्दर से चरमराहट और चीखें साफ-साफ सुनाई दे रही थीं.
अब मेरा नौकर मेरी बीवी को पूरी ईमानदारी से चोद रहा था.
मेरी पत्नी निकिता बहादुरी से उसके लंड को अपनी गांड में ले रही थी.
बिस्तर का शोर उन्मत्त था … मुझे उम्मीद थी कि बिस्तर नहीं टूटेगा.
फिर आवाज़ें रुक गईं.
तभी मैंने अपनी पत्नी को कहते सुना- अब तुम लेट जाओ … मैं तुम्हारे लंड के ऊपर सवारी करूँगी!’
कुछ ही देर बाद मेरी पत्नी अपने मोटे-मोटे नितंबों को मेरे नौकर के लंड के ऊपर पटक रही थी.
उसकी तेज़-तेज़ आवाज़ें सुनकर मैं साफ बता सकता था कि वह कितने जोश में थी.
मेरा नौकर भी मेरी बीवी की गांड चुदाई के पूरे मज़े ले रहा था.
वह अभी भी मेरी बीवी के गोरे-गोरे नितंबों को लाल करने में लगा हुआ था.
जांघों के टकराने की ध्वनि साफ-साफ सुनाई दे रही थी.
‘पट … पट …’
कुछ देर बाद मेरी बीवी कराही- ओह बलवान, कितना अन्दर तक पेल रहे … आह बलवान, बड़ी मस्त रगड़ लग रही है तुम्हारी … आआ … क्या लंड पाया है तुमने मेरे बलवान डीयर आह … मेरी चुत भी रगड़ो जल्दी जल्दी प्लीज आह.
निकिता ने अब बहुत तेज़ आवाज़ निकाली क्योंकि वह चरमोत्कर्ष पर पहुंचने वाली थी.
तभी वह एक तेज़ चीख के साथ रुक गई.
मैं समझ गया कि मेरी बीवी का पानी निकल चुका है.
कुछ पल की खामोशी के बाद मैंने सुना कि बलवान मेरी बीवी को उल्टा लेटने को कह रहा था और अपनी कमर के नीचे एक तकिया लगाने को बोल रहा था.
कुछ ही समय बाद फिर से पलंग की चरमराहट और चीखों की आवाज़ें आने लगीं.
लगभग पांच-सात मिनट के बाद मुझे पता था कि बलवान ज़्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा क्योंकि वह मेरी पत्नी के नितंबों पर ज़ोर-ज़ोर से अपने कूल्हों को पटक रहा था.
‘आआआह … आआआह … आआआ… आह.’
एक बार फिर से मैंने वही जानी-पहचानी आवाज़ सुनी.
मेरा नौकर इस समय अपनी वीर्य की अच्छी मात्रा मेरी पत्नी की गांड के अन्दर छिड़क रहा था.
‘ओह बलवान … ओह बलवान!’
निकिता सिर्फ़ बड़बड़ा सकती थी क्योंकि उसका खुद का संभोग पहले ही हो गया था.
पाठको, मुझे लगता है कि मुझे अब यहां शुरुआत से आपको बताना चाहिए कि मेरी बीवी मेरे नौकर से क्यों चुदवा रही थी.
यह तीन साल से थोड़ा कम समय पहले की बात है.
वास्तव में, मुझे सही तारीख और समय याद है.
उस दिन दोपहर के 12:30 बजे थे और मैं ऑफिस में अपना लंच खा रहा था.
उसी वक्त मैंने देखा कि मेरे इनबॉक्स में एक नया ईमेल आया है.
इसे मेरी पत्नी निकिता ने मुझे भेजा था. ईमेल पढ़ते समय मैं रुका और अपना सैंडविच टेबल पर रख दिया.
मेरी भूख कुछ समय के लिए खत्म हो गई.
यह फर्टिलिटी क्लिनिक से आया ईमेल को उसने भेजा था.
हम दोनों पिछले हफ्ते ही दिल्ली में डॉक्टर बोस के मशहूर क्लिनिक में गए थे.
बच्चे के लिए कई सालों तक कोशिश करने के बाद, हमें लगा कि हमें थोड़ी मदद की ज़रूरत है.
अब नतीजे मेरे सामने थे.
उस रिपोर्ट के अनुसार मेरी पत्नी पूरी तरह स्वस्थ थी, उसे कोई परेशानी नहीं थी.
लेकिन जब मैंने अपने बारे में पढ़ना शुरू किया, तो रिपोर्ट उतनी अच्छी नहीं थी.
एक तकनीकी शब्द लिखा था … ओलिगोस्पर्मिया यानि कम शुक्राणुओं की संख्या.
जाहिर है हमारे स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की संभावना थी लेकिन यह संभावना बहुत कम थी.
फैली हुई वृषण नसों की वजह से कुछ समस्या थी.
उपचार तो था, लेकिन यह महंगा था और सफलता की गारंटी भी नहीं थी.
मैंने रिपोर्ट के साथ संलग्न अपनी पत्नी का नोट पढ़ा.
‘मैं तुमसे प्यार करती हूँ गगन. आज रात घर आओ. हम इस बारे में बात कर सकते हैं!’
मैंने रिपोर्ट पढ़ना जारी रखा, खासकर उन अनुभागों को, जिन्हें मेरी पत्नी ने हाइलाइट किया था.
गगन मेरा नाम है.
कृत्रिम गर्भाधान एक विकल्प था, लेकिन यह भारत था और इधर यह काफी महंगा था … बहुत महंगा. और हां … यह एक वर्जित विषय भी था.
इसका वास्तव में मतलब यह था कि मैं किसी दूसरे आदमी के शुक्राणु से अपनी पत्नी को गर्भवती करवा सकता था.
हम एक बच्चा पैदा कर सकते थे, लेकिन संतान जैविक रूप से मेरी नहीं होती.
क्या मैं इस समस्या से निपटने के लिए तैयार था?
मैंने आह भरी और अपनी पत्नी को फोन करने का फैसला किया.
रिपोर्ट वास्तव में सुबह ही ईमेल की गई थी और मैंने अभी इसे देखा था.
मुझे उससे बात करनी थी.
‘मैं फर्टिलिटी क्लिनिक की रिपोर्ट देख रहा हूँ हनी … यह बहुत महंगा है!’
मैंने उससे कहा.
एक पल के लिए मेरी पत्नी ने कुछ नहीं कहा. अगर वह मेरे बगल में होती, तो वह मेरा हाथ पकड़ लेती.
एक पल के लिए हम में से कोई भी नहीं बोला.
दोस्तो, मैं अपनी Xxx गांड कहानी को यही रोक रहा हूँ.
प्लीज आप मेरे साथ बने रहिए और इस सेक्स कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.
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