Xx Xx मॅाम सेक्स कहानी में पापा मम्मी को नहीं चोद पाते थे क्योंकि उनकी उम्र अधिक थी. मम्मी ने चाची को बताया तो मैंने सुन लिया. तब मैंने मम्मी की मदद की.
दोस्तो, यह एक सच्ची सेक्स कहानी है. इस कहानी की नायिका मेरी मम्मी हैं और नायक दो गैर मर्द हैं.
मेरा नाम सुनील सिंह है और हमारे परिवार में हम तीन लोग हैं.
मेरे पापा वीर सिंह और मेरी मम्मी रेखा सिंह.
यह Xx Xx मॅाम सेक्स कहानी उस सुनहरे दौर की है जब मेरी उम्र 20 साल की थी और मेरी मम्मी की उम्र 39 साल थी.
लेकिन मम्मी की जवानी देखकर कोई कह ही नहीं सकता था कि वे 39 की हैं, बल्कि वे 30 की नाजुक हसीना सी लगती थीं.
मम्मी की हाइट 5 फीट 5 इंच है और उनका जिस्म थोड़ा भरा हुआ है, जिससे उनका हर अंग बड़ा और मदमस्त करने वाला है.
इसीलिए मम्मी बेहद सेक्सी और रसीली दिखती हैं. उनका फिगर तो ऐसा है कि देखते ही दिल धड़क उठे.
मम्मी की चूचियां 40 इंच की, कमर 32 की और गांड 50 इंच की मस्त उठी हुई.
उनका वजन 75 किलो है, गठीला बदन, गोरा रंग, बड़ी-बड़ी रसभरी चूचियां, मोटी-मोटी जांघें और पहाड़ सी विशाल लचकती गांड, जो किसी का भी मन मोह ले और उसे पागल कर दे.
हम सब बिहार के एक छोटे से गांव में रहते हैं.
मेरे पापा गांव के किसान हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं.
मम्मी बहुत सीधी-सादी और धार्मिक औरत हैं, पूजा-पाठ में हमेशा आगे रहती हैं.
उनकी एक सहेली शोभा चाची हैं.
वे अक्सर मम्मी से मिलने हमारे घर आती है.
एक दिन शोभा आंटी हमारे घर आईं और मुझे देखते ही मम्मी से बोलीं- दीदी, सुनील तो अब जवान हो गया है, अब जल्दी इसकी शादी कर दो!
मम्मी ने हंसते हुए कहा- तू ये क्या बोल रही है, ये तो अभी छोटा है.
आंटी ने तपाक से जवाब दिया- दीदी, अगर इसे कोई लड़की मिल जाए तो ये अभी उसे पेट से कर दे और आप कह रही हो कि ये अभी छोटा है!
मैंने आगे बढ़ कर उनसे कहा- आंटी, आप तो बहुत नॉटी हो.
यह कह कर मैंने फिर से अपने कानों में हेडफोन लगा लिया और फोन चलाने लगा.
मेरा हेडफोन बंद था लेकिन आंटी को लगा कि हेडफोन चालू है और मैं उनकी बातें नहीं सुन सकता.
पर सच तो ये था कि मैं उनकी हर बात सुन रहा था.
आंटी ने मम्मी से पूछा- कैसी हो?
मम्मी बोलीं- मैं ठीक हूँ शोभा, तू कैसी है?
आंटी ने शरारती अंदाज में कहा- दीदी, आज तो बहुत खुजली हो रही है.
मम्मी ने मासूमियत से कहा- खुजली हो रही है तो खुजला ले!
आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा- दीदी, ये खुजली हाथ से थोड़े ही जाएगी.
मम्मी ने पूछा- तो फिर किससे जाएगी?
आंटी ने ठहाका लगाते हुए कहा- दीदी, आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे आपको कुछ पता ही नहीं. चूत की खुजली लंड से मिटती है और किससे मिटेगी?
मम्मी ने घबराते हुए कहा- धीरे बोल, कहीं सुनील सुन न ले!
आंटी बोलीं- दीदी, उसने हेडफोन लगा रखा है, वह हमारी बातें नहीं सुन सकता.
मम्मी ने शर्मा कर मुस्कुराते हुए कहा- तेरा पति तो शहर में है, तुझे लंड कहां से मिलेगा?
आंटी ने आंख मारते हुए कहा- दीदी, मेरे तो कई पति हैं!
मम्मी बोलीं- आज तुझे बहुत आग लगी है.
आंटी ने सिसकते हुए कहा- दीदी, आप बिल्कुल सच कह रही हो. आज मेरी चूत में ऐसी आग लगी है कि रात भर चुदवाऊंगी, तब जाकर ये आग बुझेगी. दीदी, आपका मन नहीं करता?
मम्मी ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा- मेरा तो बहुत मन करता है, लेकिन मेरे पति का कुछ करने का मन ही नहीं करता. मेरी तो किस्मत ही फूटी है कि मुझे ऐसा बूढ़ा पति मिला!
आंटी ने हैरानी से कहा- दीदी, आप जैसी सेक्सी और सुंदर औरत को देखकर भी भाई साहब का मन नहीं करता?
मम्मी ने उदासी भरे लहजे में कहा- शोभा, मेरे पति का खड़ा ही नहीं होता.
आंटी ने पूछा- दीदी, तो सुनील कैसे हुआ?
मम्मी बोलीं- पहले खड़ा होता था, लेकिन पिछले 5 साल से नहीं होता.
आंटी ने चौंकते हुए कहा- दीदी, आपने 5 साल से सेक्स नहीं किया? आप खुद को कैसे रोक पाती हैं?
मम्मी ने लाचार स्वर में कहा- मैं कर भी क्या सकती हूँ?
आंटी बोलीं- दीदी, आप इतनी खूबसूरत और रसीली हैं कि बस एक इशारा कर दें, कोई भी आपकी प्यास बुझाने को तैयार हो जाएगा.
मम्मी ने डरते हुए कहा- तू ये क्या बोल रही है? मुझे बहुत डर लगता है. मेरे पति को पता चल गया तो वे मेरी जान ले लेंगे.
आंटी ने ढाँढस बंधाते हुए कहा- दीदी, डरो मत. भाई साहब को पता नहीं चलेगा.
फिर मम्मी ने जो कहा, उसे सुनकर मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मम्मी ऐसा सोच सकती हैं.
मम्मी ने शर्माते हुए कहा- मुझे बहुत शर्मिंदगी होती है. मैंने आज तक किसी गैर मर्द की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखा. तू ही मेरे लिए कोई ऐसा ढूंढ दे, जो मेरी इस जलती प्यास को शांत कर सके.
आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है दीदी, मैं कोई जुगाड़ करती हूँ.
फिर आंटी अपने घर चली गईं.
मुझे अपनी मम्मी पर बहुत गुस्सा आ रहा था.
लेकिन फिर मैंने ठंडे दिमाग से सोचा कि मम्मी एक जवान, रसीली औरत हैं, उनकी जिस्मानी भूख तो स्वाभाविक है.
पापा कुछ कर नहीं पाते, उनकी हालत तो सबको पता है.
पर अगर मम्मी ने शोभा आंटी की मदद से अपनी प्यास बुझाई, तो वे भी आंटी की तरह बदनाम हो जाएंगी और ये बात मुझे बर्दाश्त नहीं थी.
मैंने फैसला किया कि आज रात मम्मी से इस बारे में खुलकर बात करूंगा.
रात हुई, मैं मम्मी के पास गया और बोला- मम्मी, मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है.
मम्मी ने प्यार से कहा- बोलो बेटा, क्या बात है?
मैंने हिम्मत जुटाकर कहा- मम्मी, आप और शोभा आंटी जो बातें कर रही थीं, वे सारी बातें मैंने सुन ली थीं.
मेरी बात सुनते ही मम्मी चौंक गईं, फिर गुस्से में बोलीं- तू ये क्या बकवास कर रहा है?
मैंने हौसला रखते हुए कहा- मम्मी, मैंने कई बार आपको उंगली करते हुए भी देखा है.
ये सुनकर मम्मी की आंखें भर आईं, वे रोने लगीं और बोलीं- बेटा, मैं सेक्स की चाह में अंधी हो गई थी. मैंने अपनी फैमिली की इज्जत का ख्याल नहीं किया. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई, मुझे माफ कर दे. अब मैं ऐसा कभी नहीं करूंगी.
मैंने प्यार से कहा- मम्मी, आपने कोई गलती नहीं की. आप एक जवान, हसीन औरत हैं, आपको जिस्म की जरूरत होना लाजिमी है. मुझे पता है पापा कुछ नहीं कर पाते. लेकिन अगर आप शोभा आंटी की मदद से ये सब करेंगी, तो आप भी उनकी तरह बदनाम हो जाएंगी. आप टेंशन मत लीजिए, मैं आपके लिए कोई भरोसेमंद मर्द ढूंढ दूंगा, फिर आप उसके साथ खुलकर मजे लेना.
मेरी बात सुनकर मम्मी का चेहरा खिल उठा, उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और बोलीं- मेरा बेटा कितना समझदार है.
अगले दिन दोपहर को मैं पास के गांव में राज अंकल के साथ अपने घर के बाजू वाले बाग में घूम रहा था.
अचानक अंकल मूतने लगे और मैंने उनका लंड देखा.
उनका लंड इतना ज्यादा बड़ा था कि मेरे होश ही उड़ गए.
मैंने सोचा, अगर ये मेरी मम्मी को चोदेंगे, तो मम्मी की क्या हालत होगी! वे तो तड़प उठेंगी.
अंकल ने मुझे देखते हुए पूछा- क्या देख रहा है सुनील?
मैंने शर्माते हुए कहा- अंकल, आपका लंड तो बहुत बड़ा है.
अंकल ने हंसते हुए कहा- बेटा, अभी तो कुछ भी नहीं है. जब ये खड़ा होता है, तो पूरे 8 इंच का हो जाता है.
मैंने उनके लंड की तारीफ में कहा- अंकल, आंटी तो बहुत लकी हैं, जो उन्हें इतना शानदार लंड मिला.
अंकल बोले- बेटा, तेरी आंटी एक महीने के लिए अपनी बहन के घर गई हैं. अब इसका ख्याल कौन रखेगा?
मैंने मजाक में कहा- अंकल, आप किसी और को पटा लो!
अंकल ने आंख मारते हुए कहा- सुनील, अगर मुझे कोई मदमस्त औरत मिल जाए, तो मैं उसकी चूत चोद चोद कर लाल कर दूंगा.
मैंने कहा- अब मैं घर जा रहा हूँ.
मैं अंकल के पास से अपने घर लौट आया.
घर पहुंचकर मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी, आपको राज अंकल कैसे लगते हैं?
मम्मी ने शर्माते हुए मुस्कुराकर कहा- अच्छे हैं.
मैंने फिर पूछा- मम्मी, आपको राज अंकल पसंद हैं?
मम्मी शर्मा गईं और धीरे से बोलीं- हां बेटा, पसंद हैं.
मैंने कहा- मम्मी, एक दिक्कत है!
मम्मी ने चिंता से पूछा- क्या दिक्कत है बेटा?
मैंने कहा- मम्मी, राज अंकल का बहुत बड़ा है!
मम्मी ने भोलेपन से पूछा- क्या बहुत बड़ा है?
मैंने साफ शब्दों में कहा- मम्मी, राज अंकल का लंड बहुत बड़ा है.
ये सुनकर मम्मी शर्मा गईं, फिर मुस्कुराती हुई बोलीं- बेटा, मुझे कोई दिक्कत नहीं. तू टेंशन मत ले, मैं सब संभाल लूंगी.
मैंने कहा- ठीक है मम्मी, अब मैं आपकी सैटिंग राज अंकल से करवा दूंगा. आप उनके साथ जमकर मजे करना.
मम्मी ने मेरे गाल पर एक प्यारा सा चुम्बन दिया और बोलीं- मेरा सोना बेटा बहुत अच्छा है.
अगले दिन मैं राज अंकल से मिला और कहा- अंकल, एक औरत ने आपको अपना नंबर दिया है.
अंकल ने उत्सुकता से पूछा- ये किसका नंबर है सुनील?
मैंने कहा- अंकल, आप खुद पूछ लेना.
फिर मैंने उन्हें मम्मी का नंबर देकर वहां से चला आया.
घर पहुंचा तो देखा मम्मी हंस-हंसकर किसी से फोन पर बात कर रही थीं.
उन्होंने एक घंटे बाद फोन रखा, तो मैंने पूछा- मम्मी, आप किससे बात कर रही थीं?
मम्मी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा- तेरे राज अंकल से!
फिर ऐसे ही मम्मी और अंकल की बातचीत को एक हफ्ता हो गया.
लेकिन अंकल को अभी तक नहीं पता था कि वे जिससे बात कर रहे हैं, वे मेरी मम्मी हैं.
एक दिन मम्मी ने खुद राज अंकल को सब बता दिया- मैं सुनील की मम्मी हूँ.
अगले दिन जब मैं अंकल से मिला, तो वे मुझे देखकर हंसने लगे और बोले- तुमने मुझे किसका नंबर दिया था?
मैंने कहा- अंकल, आपको अभी तक पता नहीं चला?
अंकल बोले- सुनील, तुमने अपनी मम्मी का नंबर दिया था!
मैंने पूछा- अंकल, आपको मेरी मम्मी पसंद नहीं आईं क्या?
अंकल ने गर्मजोशी से कहा- बेटा, इतनी सुंदर, रसीली औरत किसे पसंद नहीं होगी? जब मैंने पहली बार तेरी मम्मी को देखा था, तभी सोच लिया था कि अगर ये मुझे मिल जाए तो मेरी किस्मत चमक जाए. तेरी मम्मी मुझे बहुत पसंद हैं.
मैंने उत्सुकता से पूछा- अंकल, आपने मम्मी के साथ सेक्स किया या नहीं?
अंकल ने शर्माते हुए कहा- बेटा, तेरी मम्मी बहुत डरती हैं. कहती हैं कि कहीं किसी को पता न चल जाए.
मैंने कहा- अंकल, आप टेंशन मत लीजिए, मैं मम्मी को मना लूंगा.
मेरी बात सुनकर अंकल खुश हो गए और बोले- तू बहुत अच्छा है.
फिर मैं घर लौट आया.
अगले दिन रात 8 बजे मैंने अंकल को फोन किया और कहा- अंकल, आप बाग में जल्दी आ जाइए, मैं मम्मी को लेकर आ रहा हूँ.
अंकल ने खुशी से कहा- ठीक है बेटा, मैं आ रहा हूँ.
फिर मैंने मम्मी से कहा- मम्मी, चलो आज रात बाग में घूमने चलते हैं.
मम्मी ने हैरानी से पूछा- बेटा, रात को बाग में जाकर क्या करोगे?
मैंने जिद करते हुए कहा- मम्मी, चलो ना.
मम्मी ने हामी भर दी- ठीक है बेटा, चलती हूँ.
हम बाग में पहुंचे, तो राज अंकल पहले से वहां मौजूद थे.
मम्मी उन्हें देखकर चौंक गईं और बोलीं- आप यहां कैसे?
अंकल ने जवाब दिया- भाभी, मुझे सुनील ने बुलाया था.
फिर अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उन्हें अपनी बांहों में भर लिया.
मम्मी घबराती हुई बोलीं- ये आप क्या कर रहे हैं? छोड़िए मुझे, मेरा बेटा देख रहा है.
अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- भाभी, ये सब आपके बेटे का ही कमाल है.
मम्मी ने मुझसे हैरानी से पूछा- सुनील, तुम मुझे इसी लिए यहां लाए हो?
मैंने कहा- मम्मी, आज आप अंकल के साथ मजे करो. अंकल, आप मेरी मम्मी को खुश कर दीजिए.
अंकल ने आत्मविश्वास से कहा- बेटा, टेंशन मत ले, मैं आज तुम्हारी मम्मी को जन्नत की सैर कराऊंगा.
फिर अंकल ने मेरे सामने ही मम्मी की साड़ी उठाई और उनकी चड्डी नीचे सरका दी.
मम्मी शर्मा गईं और बोलीं- ये आप क्या कर रहे हैं? आप मुझे मेरे बेटे के सामने नंगी कर रहे हैं!
अंकल ने जवाब दिया- भाभी, आपका बेटा आपको इसी लिए यहां लाया है.
मम्मी ने शर्माते हुए मुस्कुराकर कहा- मुझे शर्मिंदगी हो रही है.
मैंने कहा- मम्मी, आपको शर्म की नहीं, लंड की जरूरत है.
मेरी बात सुनकर मम्मी फिर शर्मा गईं और बोलीं- तू अपनी मम्मी से ऐसी गंदी बात करता है?
मैंने कहा- मम्मी, मैं थोड़ी दूर जाकर बैठता हूँ, आप दोनों मजे करो.
मैं थोड़ी दूर जाकर बैठ गया और उन्हें देखने लगा.
अंकल ने अपना गमछा जमीन पर बिछाया, मम्मी को लिटा दिया, फिर उनके ऊपर चढ़ गए.
मम्मी की टांगें फैलाकर अंकल ने अपना लंड उनकी चूत में घुसेड़ना शुरू किया.
मम्मी सिसकारियां भरने लगीं- अह ऊह अह … अह उफ्फ अह, आराम से डालिए, बहुत दर्द हो रहा है.
धीरे-धीरे अंकल ने अपने लंड का टोपा मम्मी की चूत में डाला और चोदना शुरू कर दिया.
‘अह अह अह उफ्फ भाभी, आपकी चूत बहुत टाइट है, लगता है इस पर मेहनत नहीं हुई.’
मम्मी ने कराहते हुए कहा- मेरे पति से कुछ होता ही नहीं, मैं सालों से प्यासी हूँ.
अंकल बोले- टेंशन मत लीजिए भाभी, आज मैं आपकी प्यास बुझा दूंगा.
फिर अंकल ने जोर से झटका मारा, तो मम्मी की चीख निकल गई.
मम्मी की चीख सुनकर मैं डर गया और पास जाकर पूछा- क्या हुआ मम्मी?
मुझे देखकर मम्मी शर्मा गईं और बोलीं- कुछ नहीं बेटा.
फिर अंकल से गुस्से में बोलीं- आराम से नहीं डाल सकते थे? बहुत दर्द हो रहा है, इतना बड़ा और मोटा लंड है आपका!
अंकल ने माफी मांगते हुए कहा- सॉरी भाभी, आप इतनी सेक्सी हैं कि आपको देखकर मैं जोश में आ गया था.
फिर अंकल मेरी मम्मी को धीरे-धीरे चोदने लगे और मैं वहीं खड़ा देखता रहा.
अंकल मेरे सामने मेरी मम्मी को चोद रहे थे.
अब मम्मी भी गर्म हो गई थीं, अपनी कमर उठा-उठाकर अंकल का लंड अपनी चूत में ले रही थीं.
Xx Xx मॅाम सेक्स करते हुए दस मिनट बाद अंकल झड़ गए.
मम्मी भी खुश दिख रही थीं.
वे शायद अंकल से पहले ही झड़ चुकी थीं.
फिर हम दोनों अपने घर लौट आए.
इसके बाद राज अंकल और मम्मी की सैटिंग को एक महीना हो गया.
इस एक महीने में अंकल ने मम्मी को तीन बार चोदा.
वे दो बार घर आकर मेरी मां चोद कर गए थे.
फिर अंकल झारखंड चले गए और मम्मी पुनः उदास रहने लगीं.
दोस्तो, जैसा कि आपको मेरी सेक्स कहानी के शीर्षक से समझ आ रहा होगा कि मम्मी की प्यासी चुत के लिए दो गैर मर्द के लंड उन्हें मिले थे.
तो अब दूसरा लंड किसका था, यह मैं आपको अपनी इस रसीली सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
आप बताएं कि आपको मेरी Xx Xx मॅाम सेक्स कहानी में कितना मजा आ रहा है.
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Xx Xx मॅाम सेक्स कहानी का अगला भाग: मम्मी की प्यासी चुत और गैरमर्द का लंड- 2