सिस्टर इन लॉ पोर्न कहानी में पढ़ें कि मैं मेरे साले की बीवी को पसंद करता था. भाग्य में कुछ ऐसा लिखा था कि वही लड़की मेरी वाइफ बनकर अब मेरे घर आ गयी.
नमस्कार दोस्तो! मैं कोमल मिश्रा इस कहानी में अपने सभी पाठकों का स्वागत करती हूं।
मैं आपको अपने एक पाठक रवि कुमार द्वारा भेजी गई कहानी बता रही थी।
अब इसका अगला भाग आप रवि कुमार की जुबानी ही सुनें।
नमस्कार दोस्तो, मैं रवि कुमार आप सभी लोगों का अपनी कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ।
इस सिस्टर इन लॉ पोर्न कहानी के पहले भाग
भौंदू साले की सेक्सी बीवी
में अभी तक आपने पढ़ा था कि किस तरह से मेरी जिंदगी में उथल-पुथल हुई और किस तरह से मेरी दूसरी शादी मेरे साले की बीवी के साथ हो गई।
सोनम उस वक्त 23 साल की थी और मुझसे 19 साल छोटी थी।
हमारी शादी भले ही हम दोनों की जिंदगी की मजबूरी के कारण हुई थी लेकिन मैं सोनम को बहुत पहले से ही पसंद करता था।
मैं स्वभाव से ही काफी गंदी सोच का आदमी हूं और मैंने जब से सोनम को पहली बार देखा था तब से ही उसके हुस्न का दीवाना बन गया था। उसका चमकता हुआ गोरा बदन, पतली कमर और बेहद खूबसूरत चेहरा किसी को भी अपना दीवाना बना सकते हैं।
खैर, हमारी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ वो ऊपर वाले की मर्जी थी और अब सोनम मेरी बीवी बन गई थी।
हम दोनों एक दूसरे को पहले से ही अच्छे से जानते समझते थे और सोनम भी मेरे दोनों बच्चों के साथ पहले से ही घुली मिली हुई थी इसलिए उसे मेरे घर में कोई दिक्कत नहीं हुई।
जल्द ही उसने मेरे घर को वैसे ही संभाल लिया जैसे मेरी पहली बीवी संभालती थी।
हमारे घर पर हम चार लोग ही हैं- मैं, सोनम और मेरे दो बच्चे।
घर में सोनम को आये हुए 15 दिन बीत गए थे और हमारे बीच किसी प्रकार का कोई जिस्मानी संबंध नहीं बना था।
सोनम रात में बच्चों के साथ अलग कमरे में सोती थी और मैं अलग कमरे में!
लेकिन हम दोनों ही जानते थे कि ये सब ज्यादा दिन नहीं चलने वाला क्योंकि एक पति-पत्नी का अलग ही रिश्ता होता है।
फिलहाल तो सोनम मुझसे उस तरह से नहीं खुली थी क्योंकि इससे पहले जो हमारा रिश्ता था उसके कारण ही सोनम के अंदर भी और मेरे अंदर भी एक अलग तरह का भाव था।
लेकिन अब रोज रोज मैं सोनम को देखकर अंदर ही अंदर उत्तेजित होता जा रहा था।
घर में वो हमेशा साड़ी पहनती थी और साड़ी में उसकी कमर, पेट और उसकी नाभि को देख मेरे अंदर उत्तेजना का ज्वालामुखी भरता जा रहा था।
सोनम सुबह-सुबह ही नहा लेती थी और जब मैं नहाने के लिए बाथरूम में जाता तो वहाँ पर उसकी भीगी हुई चड्डी और ब्रा फर्श पर पड़ी मिलती थी।
एक दिन मैंने उसकी चड्डी को हाथ में लिया और उसका मुआयना करने लगा।
90 नम्बर की उसकी जालीदार कटिंग वाली चड्डी देख मेरे अंदर और जोश भर गया।
फिर मैंने उसकी ब्रा उठायी जो कि 32 नम्बर की थी।
उसे देख मैं उसके स्तनों के बारे में सोचने लगा कि किस तरह से इसके अंदर वे मखमली स्तन रहते होंगे।
सोनम के प्रति मेरे अन्दर हमेशा से ही बेहद गंदे ख्याल आते थे क्योंकि वो शुरू से ही मुझे बेहद सेक्सी लगती थी।
दोस्तो, सोनम इतनी अधिक गोरी है कि मेरे मन में बस एक ही ख्याल आता था कि ये नंगी होगी तो कैसे दिखेगी, इसके गुप्तांग कैसे होंगे, यही सब गंदे ख्याल आते रहते थे।
15 दिन तो किसी तरह से गुजर गए लेकिन अब मेरे लिए रुक पाना मुश्किल हो रहा था।
हालांकि सोनम भी कोई छोटी बच्ची नहीं थी, उसे भी सब पता था कि पति-पत्नी के बीच क्या होता है और एक दिन हमारे बीच भी वो सब होना भी है।
अब मैंने सोच लिया था कि अब मुझे शुरुआत करनी ही चाहिए क्योंकि सोनम तो अपने से ये सब नहीं करने वाली थी।
फिर एक दिन अचानक से मेरे पहले वाले ससुर जी घर आये और मेरे दोनों बच्चों को कुछ दिन के लिए अपने साथ ले जाने के लिए बोले।
मैंने भी उन्हें इजाजत दे दी।
अगली सुबह ही वो मेरे बच्चों को अपने साथ लेकर चले गए।
अब घर पर बस मैं और सोनम ही रह गए थे। अब मेरे पास एक अच्छा मौका था, जब मैं और सोनम एक नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते थे।
शनिवार का दिन था और अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी भी थी।
उस दिन ऑफिस से मैं जल्दी ही वापस आ गया और शाम को अपने एक दोस्त के साथ शराब पीने के लिए चला गया।
वैसे तो मैं शराब कभी कभार ही पीता हूं लेकिन उस दिन मैंने इसलिए शराब पी ताकि मुझे सोनम के सामने कुछ झिझक न हो और मैं उससे से पूरी तरह से खुल जाऊं।
रात 8 बजे मैं घर वापस आया और मैंने और सोनम ने साथ में ही खाना खाया।
वो भी मेरे चाल ढाल से समझ गई थी कि मैंने शराब पी हुई है लेकिन उसने कुछ कहा नहीं।
खाना खाने के बाद सोनम अपने कमरे में चली गई जहाँ वो रोज सोती थी और मैं अपने कमरे में!
रात 10 बजे मैं अपने कमरे से बाहर निकला और उसके पास गया।
उस वक्त सोनम वो बिस्तर पर लेटी हुई मोबाइल देख रही थी।
मुझे देखते ही वो उठ गई और बिस्तर पर ही बैठ गई और पूछा- आपको कुछ चाहिए क्या?
मैं बिना कुछ जवाब दिए उसके पास जाकर बैठ गया। कुछ समय तक कमरे में शांति रही और हम दोनों ही बिल्कुल शांत थे।
सोनम भी समझ चुकी थी कि आज हम दोनों के बीच कुछ तो होने वाला है इसलिए उसके मन में भी एक झिझक मुझे महसूस हो रही थी।
कुछ देर बाद मैंने सोनम से कहा- तुम यहाँ अकेली क्यों सो रही हो? आज तो बच्चे भी नहीं हैं।
सोनम- कुछ नहीं, बस मैं यहीं ठीक हूं।
मैं- कहीं ऐसा तो नहीं है कि तुम मेरे साथ इस शादी से खुश नहीं हो।
सोनम- नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आप ऐसा मत सोचिये।
अब मैंने सोनम का हाथ अपने हाथ में लिया जिससे वो थोड़ा शर्मा गई और हाथ अपनी ओर खींच लिया।
मैं खड़ा हुआ और सोनम का हाथ पकड़कर उसे बिस्तर से नीचे ले आया।
अब मैंने उसके दोनों हाथ थाम लिए और उसे अपनी ओर खींच लिया जिससे वो मेरे सीने से चिपक गई।
उस वक्त उसने साड़ी पहनी हुई थी।
आँखे नीचे किए हुए बेहद धीमी आवाज में उसने कहा- छोड़िये न!
मैंने उसके एक हाथ को छोड़ते हुए अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया जो साड़ी के बाहर दिख रही थी।
मेरे हाथ रखते ही उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
उसके जिस्म पर मेरा ये पहला स्पर्श था।
उसकी कमर बेहद गर्म थी और मेरे स्पर्श से उसके रोम खड़े हो गए जिसके कारण मैं और ज्यादा ही उत्तेजित हो गया।
मैंने बिना कुछ सोचे सोनम को अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे की तरफ चल दिया।
कुछ देर तक वो मेरी गोद में छटपटाती रही फिर अपने आप ही शांत हो गई क्योंकि वो भी समझ गई थी कि आज मैं उसे छोड़ने वाला नहीं था।
कमरे में पहुचकर मैंने सोनम को बिस्तर के पास खड़ी कर दिया।
सोनम नजरें नीचे किये हुए मेरे सामने खड़ी थी।
मैंने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर ऊपर किया मगर फिर भी उसकी नजर नीचे ही थी।
उसके चेहरे को गौर से देखते हुए मैं सोच रहा था कि कसम से ये तो परी जैसी सुंदर है, आज मेरी इच्छा पूरी होगी इसे नंगी देखने की।
ऊपर से तो ये इतनी गोरी है, आज देखता हूँ कि अंदर से ये कितनी गोरी है।
ये सब सोचते हुए मैंने अपनी गर्दन नीचे करनी शुरू की और उसके होंठों के पास अपने होंठ लाया लेकिन सोनम ने शर्माते हुए अपना चेहरा घुमा लिया।
अब मैंने उसके चेहरे को थोड़ा जोर से थामा और अपने होंठों को उसके गुलाबी होंठों पर रख दिया।
मैं बड़े आराम से उसके पतले-पतले होंठों को चूमता रहा।
सोनम भी अब गर्म होने लगी थी और वो अपनी उंगलियां मेरे बालों पर चलाने लगी थी।
मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर चलने लगा और उसे अपनी ओर चिपकाते हुए मैं उसके होंठों को चूमता जा रहा था।
कुछ देर बाद सोनम ने भी अपनी जीभ बाहर निकालनी शुरू कर दी।
जैसे ही उसकी जीभ का स्पर्श मुझे हुआ मैंने अपने मुँह के अंदर उसकी जीभ डाल ली और उसकी जीभ को चूसने लगा।
इस वक़्त तक सोनम भी गर्म होकर मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए मुझे सहलाने लगी।
मैं भी समझ गया था कि जिस तरह मैं इतने दिन से बिना चुदाई के तड़प रहा था उस तरह से सोनम भी तड़प रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया जिससे उसकी साड़ी कमर तक रह गई और ऊपर वो ब्लाउज में हो गई।
उसकी साँस इतनी तेजी से चल रही थी कि उसके दोनों उभरे हुए दूध ऊपर नीचे हो रहे थे।
अब मैं उसके टमाटर जैसे लाल गालों को चूमता हुआ उसके गले पर पहुंच गया।
इससे उसकी हल्की हल्की सिसकारी निकलना शुरू हो गई और वो आआह … आआह … करने लगी।
उसके गले को चूमते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके सीने पर रख दिया और ब्लाउज का बटन खोलने की कोशिश करने लगा।
मगर वो बार-बार मेरा हाथ हटा देती क्योंकि उसके अंदर अभी भी मेरे प्रति शर्म थी।
क्योंकि हमेशा से ही वो मुझे जीजाजी बोलती आई थी और उम्र में भी मैं उससे काफी बड़ा था।
लेकिन अब हम दोनों ही पति पत्नी थे और इसलिए आज हमारे बीच ये सब हो रहा था।
बड़ी मुश्किल से मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोलने में कामयाबी हासिल की।
ब्लाउज के अंदर उसकी सफेद रंग की ब्रा अब साफ साफ दिख रही थी और उसके दोनों दूधों की बीच की लाइन दिखने लगी थी।
अब मैंने उसके होंठों को फिर से चूमना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके एक दूध को अपने हाथों में थाम कर हल्के हाथों से सहलाने लगा।
कुछ देर में मैंने उसके ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और उसकी साड़ी जो कमर तक बंधी हुई थी, उसे भी निकाल दिया।
अब वो पेटीकोट और ब्रा में ही रह गई थी।
मैं उसके सीने को ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगा जिससे सोनम भी उत्तेजित हो गई और मेरे सिर को अपने सीने में दबाने लगी।
दोस्तो, सोनम भले ही मुझसे शर्मा रही थी और उसके अंदर झिझक थी लेकिन वो इतनी ज्यादा गर्म लड़की थी कि मेरे चूमने चाटने के कारण बेहद उत्तेजित हो चुकी थी।
अब मैं उसके सीने को चूमते हुए उसकी पीठ पर अपने दोनों हाथ ले गया और उसकी ब्रा की स्ट्रिप खोलने लगा।
लेकिन सोनम समझ गई और मुझे धक्का देकर बिस्तर पर चली गई और चादर ओढ़ ली।
मैंने भी अपनी बनियान और लोवर को निकाल दिया और बिस्तर पर जाकर चादर हटाकर सोनम से लिपट गया।
मैं उस वक्त केवल चड्डी में था और मेरे नंगे बदन का स्पर्श पाकर सोनम मुझसे जोर से लिपट गई।
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर ले गया और ब्रा की स्ट्रिप खोल दी।
सोनम समझ गई थी कि अब उसके दूध नंगे होने वाले हैं इसलिए उसने दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया।
मैंने भी ब्रा निकालते हुए उसके चेहरे से हाथ हटाया लेकिन उसने फिर से चेहरा ढक लिया।
अब उसके गोरे गोरे तने हुए दूध मेरे सामने थे।
वो इतनी अधिक गोरी थी कि उसके निप्पल्स टमाटर के जैसे लाल थे और उसके उभरे हुए दूध बेहद ही गोरे रंग के थे।
उस समय सोनम 32 नम्बर की ब्रा पहनती थी जिससे आप उसके दूध के साइज का अंदाजा लगा ही सकते हैं।
उसके दोनों दूध बिल्कुल आसमान की तरफ तने हुए थे और नुकीले थे।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों दूधों को थाम लिया और चूमने लगा।
दोनों को मैं आहिस्ता आहिस्ता दबाते हुए सहला रहा था और एक-एक करके दोनों निप्पलों को मुंह में भरकर चूस रहा था।
मेरे ऐसा करने से सोनम बिल्कुल मचल उठी और बिस्तर पर नागिन की तरह लहराने लगी।
सोनम अपनी पतली सी आवाज में आह आह … आह मम्मी … ईईई आह … ऊऊई ईई ईईई … आआऊच … आह ओओह जैसी सिसकारियां निकालने लगी।
निप्पलों को चूसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेटीकोट में डाल दिया और पेटीकोट को ऊपर की तरफ सरका दिया जिससे उसकी गोरी जांघें सामने आ गईं।
उसकी जांघों को देख मेरा लंड झटके मारने लगा क्योंकि उसकी जांघें इतनी ज्यादा गोरी थीं कि उसकी नसें तक साफ साफ दिख रही थीं।
इतनी प्यारी जांघें देख मैं भी जोश में आ गया और उसकी जांघ को सहलाते हुए बुरी तरह से मसलने लगा जिससे सोनम जोर जोर से चिल्लाने लगी- ऊऊईई ईईई … मम्मीईई ईईई … आहह … ऊऊईई … मम्मी … आआऊच आह!
जल्द ही मैंने पेटीकोट का नाड़ा खोलकर पेटीकोट भी निकाल दिया।
अब सोनम और मैं दोनों ही केवल चड्डी में थे।
मैं जानता था कि सोनम को पहले इतना मजा कभी नहीं मिला क्योंकि मेरे साले के साथ मेरी इस विषय में बात होती रहती थी।
और वो इस तरह से कभी भी चुदाई नहीं करता था। वो बस सोनम को नंगी करता और लंड डालकर चोदने लगता और 2 मिनट में झड़ जाता।
मैं जानता था कि सोनम जितनी गर्म लड़की थी उस हिसाब से उसे कोई दबाकर चोदने वाला चाहिए था और आज मैं उसे ऐसे ही चोदने वाला था।
लेकिन मेरी हालत इसलिए खराब थी क्योंकि सोनम का बदन इतना ज्यादा गोरा और टाइट था कि मैं अंदर से ज्वालामुखी की तरह भरता जा रहा था।
साथ ही वो मुझसे उम्र में 19 साल छोटी थी जिससे मेरे अंदर डबल जोश भर चुका था. मुझे लग रहा था कि कहीं मैं पहले ही न झड़ जाऊं!
लेकिन मैं उसको अपने साथ पहली चुदाई का पूरा मजा देना चाहता था।
इसलिए मैं हर एक कदम सोच समझकर बढ़ा रहा था।
दोस्तो, इस सिस्टर इन लॉ पोर्न कहानी के इस भाग को यहीं पर विराम दे रहा हूं। अगले भाग में आपको पता चलेगा कि किस तरह से सोनम को पहली बार चुदाई का असली सुख मिला और मैंने कैसे उसे इतने जबरदस्त तरीके से चोदा कि वो चल भी नहीं पा रही थी।
तो दोस्तो, मैं कोमल मिश्रा रवि कुमार की कहानी का दूसरा भाग आपके लिए लायी थी।
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इस सिस्टर इन लॉ पोर्न कहानी का अगला भाग: साले की बीवी बन गई मेरी बीवी- 3