लूडो का खेल चुदाई में तब्दील हो गया- 2

सेक्सी लड़की की जवानी की कहानी में पढ़ें कि किस तरह मैंने अपनी रूममेट को लूडो के खेल में शर्त लगाकर उसके कपड़े उतरवाने शुरू किये. साथ में मेरे भी!

फ्रेंड्स, मैं रॉकी आपको अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लूडो के खेल के साथ साथ चुदाई के खेल की तरफ बढ़ाता हुआ किस तरह से ले जा रहा था, ये सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
सहकर्मी लड़की के साथ सेक्स की इच्छा
में अब तक आपने पढ़ा था कि उसके और मेरे दो दो कपड़े उतर चुके थे. वो अपने बालों से स्तनों को ढक कर सहजता से मेरी तरफ देखने लगी थी.

अब आगे सेक्सी लड़की की जवानी की कहानी:

‘अपनी चाल चल.’ मैंने कहा.
उसने एक हाथ स्तनों पर रख अपनी चाल चली.

दो से गेम आगे बढ़ा, चार से मैं आगे बढ़ गया.
गेम खेलते हुए मैं नजर बचाकर उसे ही देख रहा था, वो पूरी कोशिश करते हुए अपने को ढक रही थी कि कहीं कुछ न दिख जाए.

तीन से आगे वो बढ़ी, पांच से मेरी गोटी आगे बढ़ी.
दस मिनट के बाद उसके लिए माहौल और कुछ सहज हुआ.
अब वो गेम में भी रुचि ले रही थी.

कुछ समय में हमारे खेल में स्थिति यह थी किसी की भी गोटी अभी मुख्य केंद्र में नहीं गयी थी.
वो अपनी गोटी बहुत संभाल कर चला रही थी और मैं गोटी को आगे नहीं जाने दे रहा था.

जब भी बड़ा नम्बर आता, मैं सबसे पीछे वाली गोटी चल देता, जिससे आगे वाली गोटियां लंबी उछाल नहीं कर पाईं.
लेकिन इसमें कुछ मजा नहीं आ रहा था इसलिए मैंने रिस्क लेने का फैसला किया लेकिन वो रिस्क भी मेरे लिए तो था ही नहीं, मैं तो सब कुछ उतारने को तैयार था.

चार से उसने अपनी गोटी आगे बढ़ाई, मेरी एक गोटी आगे की महफ़ूज़ जगह पर पहले से ही थी, तो वो आगे जाने में हिचक रही थी क्योंकि बाकी गोटियां उसकी मेरे बिछाये हुए जाल में थीं.
अगर वो उन्हें चलती, तो भी कटना था. हां यदि नहीं चलेगी, तो महफ़ूज़ रहती.

छह और पांच आने से मैंने एक पीछे खड़ी गोटी तेज गति से उसकी ओर बढ़ाई.
तीन से उसकी गोटी महफ़ूज़ जगह के पहले आकर खड़ी हो गयी.

पांच फिर आने से मैं उसके करीब आता जा रहा था.
छह-पांच से उसने अपनी फंसी हुई गोटी आगे बढ़ा दी और मेरे चंगुल से भाग निकली.

मेरा उसके भागने में कोई ध्यान नहीं था.
क्योंकि भाग निकलने की खुशी में वो ये भूल गयी कि उसने ऊपर कुछ नहीं पहना और वो थोड़ा झुक गयी थी.

उसके गोल संतरे के भांति स्तन नीचे लटक गए और खुल कर दिखने लगे.
उसने इस पर ध्यान नहीं दिया लेकिन वो नजारा देखते ही बन रहा था.

उसके खुश होने से स्तन भी हिल-डुल रहे थे.
उसने मुझे जगाया- ओए अपनी चाल चल.

मैं थोड़ा संभला और खेल में देखने लगा.
पांच से अपनी गोटी को उसके पीछे, आगे भगाया.

तीन से वो भी आगे निकलने को हुई. चार से मैं उसका पीछा करने चला.
दो से उसकी गोटी की रफ्तार कम हुई. छह-चार से मेरी गोटी ने लंबी छलांग लगाई और उसके करीब आ पहुंचा.

एक ही आने से उसे मायूसी हुई.
वो महफ़ूज़ जगह से सिर्फ चार कदम दूर थी और मुझसे सिर्फ तीन कदम.

दो से उसने छिपने का रिस्क लिया और मेरे पांच आए.
आह … उसकी गोटी वापस घर के भीतर.

उसने अपना सर नीचे झुका लिया.
मैं उसके आगे बढ़ने का इंतजार कर रहा था और वो दोनों हाथ को आपस में जकड़े हुए थी.
वो शायद क्या उतारूं की उलझन में थी.
ब्रा उतरेगी तो स्तन नंगे हो जाएंगे और जींस उतरती है तो प्राइवेट पार्ट को खतरा.

मैंने उसकी कशमकश को समझा और कहा- हम गेम का रूल थोड़ा चेंज कर लेते हैं. जिसे कहते हैं टास्क देना. यानि कि जिसने गोटी काटी है, वो सामने वाले को अपनी मर्जी से टास्क देगा, जो उसे पूरा करना होगा. टास्क तभी दिया जा सकता है या तो सामने वाले की गोटी बीच केंद्र में जाएगी तब … और या तो सामने वाले के दो या उससे ज्यादा कपड़े उतार चुके हों तब.
वो मेरी तरफ देखने लगी कि मैं क्या कह रहा हूँ.

मैंने कहना जारी रखा- अब मैं इस टास्क का इस्तेमाल करते हुए तुझसे कुछ कहूंगा, जो तुझे करना होगा क्योंकि तेरी गोटी कटी है और तेरे दो कपड़े भी उतर चुके हैं.

‘अब क्या करना है?’
उसने आश्चर्य की निगाह से देखा.

मैंने बीच से मोबाइल हटाते हुए आगे बढ़ा और उसका हाथ थामते हुए अपनी ओर खींचा. उसे अपने आगे पीठ करके बैठा लिया.
उसने थोड़ा विरोध भी किया लेकिन शक की मुद्रा में कहा- क्या करना चाहता है?
मैंने अपनी बात रखी- कुछ नहीं, अब तू यहीं बैठेगी मेरी तरफ पीठ करके ताकि मुझे कुछ न दिखाई दे.

उसने मेरा कहने का भाव समझा और स्वीकारते हुए खुद को बैठाया, फिर ठीक किया.

दोस्तो अब वो मेरे लंड के सामने गांड करके बैठ गई थी. उसकी नंगी पीठ जिस पर सिर्फ ब्रा के अलावा कुछ नहीं था.
उसके जिस्म से भीनी भीनी खुशबू आ रही थी, जिसे महसूस करने पर ही दिल में हलचल हो रही थी.

वो मेरे सामने थी और मैं पीछे थोड़ा हटकर बैठा था ताकि आगे का खेल सकूं,
उस तरफ से पहली बार मैंने उनके स्तनों का फुलाव देखा, जिसे आज तक मैं नहीं देख पाया था.

उसके स्तनों ने ब्रा पर इतना दबाव बनाया हुआ था कि उसकी ब्रा पीठ में धंसी हुई थी. बस हल्का सा हुक खुला नहीं कि स्तन झटके के साथ खुली हवा में सांस लेने को ऐसे भागे, जैसे किसी का मुँह दबाकर रखा हो और छूटते ही सांस लेने की जद्दोजहद करने लगा हो.
उसने मेरी जांघ पर हाथ मारा और आगे खेलने को बोला.

मैंने होश में आते ही हां में सर हिलाया और तीन से अपनी चाल आगे बढ़ाई.

चूंकि अब उसे किसी के देखने का डर नहीं था तो वो बिना डरे खेल सकती थी इसलिए अब वो आराम से खेलती हुई झुकी जा रही थी.
लेकिन उसे नहीं पता था कि असली खेल पीछे हो रहा था.

जैसे ही वो झुकती, उस सेक्सी लड़की की पतली कमर मेरे सामने होती, जिसे देखकर ही उसे पकड़कर ऊपर उठाने को मन करने लगा कि उसी पोजीशन में उठाकर उसकी गांड पर मुँह लगा कर चूस डालूँ.

मेरे लिए वो माहौल बहुत कामुक हो गया था लेकिन हाथ बंधे हुए थे और मैं जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था.

हमारे इस खेल के साथ साथ लूडो का खेल भी चलता जा रहा था.
छह-तीन से उसने अपनी गोटी चली, एक से मुझे संतोष करना पड़ा.

लेकिन तभी एक मौका बना.
उसने नासमझी करते हुए गलती से एक दूसरी गोटी पर टच कर दिया और वो गोटी मेरी गोटियों के बिल्कुल पास आ गई थी.
टच होते ही मोबाइल ने अपना काम किया और गोटी आगे बढ़ा दी.

मुझे एक मौका दिख गया, जिसे मैं गंवाना नहीं चाहता था.
चार से मैं आगे बढ़ा, पांच से उसने भागना चाहा. दो से मैं आगे हुआ, दो ही आने से वो भी थोड़ा आगे हुई.

वो बड़बड़ा रही थी- नहीं, मुझे नहीं उतारना अब कुछ … मुझे नहीं उतारना.

छह-एक से मेरी किस्मत खुली ओर उनकी गोटी वापस उसके घर में चली गई.
यह उसी की गलती के कारण हुआ था क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में गलत टच कर दिया.
उसे अपनी गलती का अहसास था.

वह अपना एक हाथ पीठ पर ब्रा हुक के नजदीक लायी, ताकि उसे खोल सके.
वो ब्रा खोलने ही जा रही थी कि मैंने उसका रोका और कहा- ये ज्यादा कीमती है, इसे रहने दे, वैसे अच्छा होगा अगर जींस उतारेगी.

क्योंकि मैंने पहले भी उसे एक अच्छा सुझाव दिया था तो उसने थोड़ा सोचकर सहमति दे दी.

वो अपने मन में थोड़ा सोचकर घुटनों के बल खड़ी हुई. अपनी जींस का बटन खोल दिया और कमर के दोनों ओर हाथ रख अंगूठा जींस में भर लिया.
वो जींस नीचे खिसकाने लगी. उसकी सफेद रंग की पैंटी अब साफ़ दिखने लगी थी, जो उसके जिस्म से लगभग चिपकी हुई थी.

जींस जब थोड़ा नीचे हुई तो उसकी गांड मेरे सामने साफ दिखने लगी थी.
पैंटी में से गांड की दरार साफ देखी जा सकती थी.

जींस घुटनों तक उतार कर वो नीचे बैठी और बाकी की जींस बैठकर उतार दी.
उसने अपनी पैंटी को ठीक किया और वापस मेरे सामने बैठ गयी.

अभी जो हुआ था और जो मेरे सामने था, मैं उसे देखकर खुद पर यकीन नहीं कर पाया कि ये सब सच में हो रहा है.

उसकी गोरी जांघें दमक रही थीं और मेरे सामने थीं.
वो सिकुड़ कर बैठी हुई थी.

अब खेलने की बारी उसकी थी.
यहां मैं फंस चुका था क्योंकि गोटी काटने की जल्दी में मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि उसकी गोटी मेरे बिल्कुल पीछे खड़ी है.

उसने गोटी को महफ़ूज़ करने के लिए अपनी गोटी के आगे किया था लेकिन उसे क्या पता था कि मैं ध्यान ही नहीं दूंगा और गोटी काटने के लिए भागा चला आऊंगा.
बस दो आए और उससे मेरी गोटी मेरे पाले में वापस.

अब मेरे लिए और खुशी थी, तो मैंने भी थोड़ा संतुलन दिखाते हुए आराम से ही जींस उतार कर रख दी.
मैं अब सिर्फ कच्छे में था और वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में बैठी थी.

चूंकि हम दोनों ही एक से हालत में थे तो माहौल सहज था.
हमने गेम आगे बढ़ाया.

अब यहां जो हो रहा था, वो मैं आपको बता रहा हूँ.
खेल खेलते हुए मैं उसे बार बार नंगे बदन से छू रहा था या उन्हें आपस में रगड़ रहा था.

चूंकि मैं पालथी मारे बैठा था तो आगे बढ़ाने के लिए मुझे आगे पीछे होना पड़ रहा था, जिससे मेरे पैर उसकी गांड के नीचे चले जाते या उसे छू जाते.
कभी कभी मैं थोड़ा ऊंचा होकर उसके कंधे के पास से मोबाइल को देखता, जिससे मेरी छाती उसकी पीठ से रगड़ खाती.

गेम में एक मोड़ पर मेरी एक गोटी उसके आगे चल रही गोटी को काटने वाली थी.
उसने ‘नहीं, उसे नहीं …’ कहते हुए शरारत की और फ़ोन उठा लिया.
मैं भी ‘यह क्या बात हुई.’ कहते हुए उससे फ़ोन रखने को कहने लगा.

यही वो पल था जब मैं झगड़े में उसे छू सकता था. उसके हाथ से फ़ोन लेकर भागने की कोशिश रोकने के लिए मैंने एक हाथ उसके पेट से नीचे रख दिया और उसे पीछे खींचने लगा.
लेकिन वो भी पूरी कोशिश करते हुए मुझे फ़ोन नहीं देना चाहती थी.

वो थोड़ा सा उठ खड़ी हुई और मैं उसके नीचे आ गया.
मैंने मौके का फायदा उठाया और उस सेक्सी लड़की की पैंटी में उंगली डाल ऊपर से पकड़ ली.

मैं जानता था कि उधर उसका ध्यान नहीं है, इसलिए मैं उसे खींचने लगा.
उसे लगा मैं उसे पीछे खींच रहा हूँ तो वो और भागने को हुई.

मैं उसे अपनी ओर दबाए जा रहा था.
लेकिन वो मुझे फ़ोन नहीं देना चाहती थी इसलिए वो और आगे होती जा रही थी.
मैं भी उसे दूर नहीं जाने दे रहा था.

मेरा एक हाथ उससे फ़ोन लेने को आगे था और दूसरा हाथ उसकी पैंटी को पकड़े हुए था.
उसी पल मैंने उसकी पैंटी धीरे से नीचे खिसका दी और कमर के नीचे से उसे थाम कर अपनी गोद में बैठा लिया.

उसे पता न चले इसलिए उसकी छाती को बांहों में भर लिया और हल्के हल्के से स्तन दबा कर मजे लेने लगा.
चूंकि वो पहले घुटने के बल खड़ी थी और मैं नीचे बैठा था तो उसकी गांड मेरे लंड के ऊपर थी, जिसमें मैं बार बार अपना लंड रगड़ रहा था.

मैं एक तरफ उसे ‘फ़ोन दे दे.’ कहता जा रहा था और वो मुझसे फ़ोन छीनकर दूर भागने की कोशिश में लगी थी.
इतने में वो फिसलकर नीचे खिसक लेटने की मुद्रा में हो गयी.

इसी पल का तो इंतजार मैं कर रहा था, वो मेरी गोद में आधी नंगी हालात में बैठी थी.
मेरा हाथ उसके स्तनों पर रखा हुआ था.

कुछ पल ऐसे ही बीते थे कि मैंने उसके कंधे पर चूम लिया और ब्रा को ऊपर हटा स्तनों को हल्का सा दबा दिया.
उसे झटका से लगा और वो एकदम रुक गई.

उसने अपनी हालत का अहसास किया कि वो किस हालत में है, सिर्फ ब्रा में है जो स्तनों से हटाई हुई है और पैंटी घुटनों तक उतारी हुई है.
वो वापस सजग हुई.
मैंने अपना हाथ उससे हटा लिया और वो मेरे ऊपर से उतर कर नीचे बैठ गयी.

मैंने फ़ोन अपने कब्जे में ले लिया और दोबारा गेम जहां था, वहीं से शुरू कर दिया.
अब हमारे बीच एक अंजान मगर जानबूझ कर सेक्स करने जैसी स्थिति बनती चली जा रही थी. सीधे सीधे चुदाई करने में जो मजा नहीं आता है जो छिपी हुई हरकतों से शुरू होने में आता है.

आपको भी मेरी इस सेक्सी लड़की की जवानी की कहानी में मजा आ रहा होगा. आगे और भी मजा आने वाला है.
प्लीज़ मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected]

सेक्सी लड़की की जवानी की कहानी का अगला भाग: लूडो का खेल चुदाई में तब्दील हो गया- 3