पोर्न मॅाम फक स्टोरी में मैंने अपनी सौतेली माँ को पड़ोसी अंकल से चुदाई करवाती देखा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं भी कमरे में घुस गया और अपना लंड उनके मुंह में पेल दिया.
दोस्तो, मैं रवि आपको अपनी सौतेली मम्मी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी स्टेप मॅाम ने पड़ोसी अंकल को चूत दिखाई
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरी मम्मी पड़ोस वाले अंकल से चुदवा रही थीं और उनके मोटे लंड से चुदती हुई चिल्ला रही थीं.
अब आगे पोर्न मॅाम फक स्टोरी:
मम्मी जोर-जोर से चिल्लाने लगी थीं.
वे मोटे लंड के एकदम से घुस जाने से होने वाले मीठे दर्द के कारण तेज तेज मचल रही थीं.
साथ ही मम्मी अंकल की पीठ को अपने नाखूनों से नोंचकर छुड़ाने की कोशिश कर रही थी- आह नरेश … अपना लंड निकालो. मेरी चूत फट रही है.
मेरी मम्मी अंकल से दया की भीख माँग रही थीं.
अंकल बड़े बेरहमी से उनकी चुत पेल रहे थे- चुप साली रांड … आज तुझे कोई नहीं बचाने आएगा. मेरे अन्दर इतने दिनों से जो तूने आग लगाई है न बहन की लौड़ी … आज उसको तेरी चूत का भोसड़ा करके ही शांत करूँगा!
मम्मी संभल चुकी थीं और यह समझ चुकी थीं कि अब नरेश अंकल से अपना बचाव करना मुश्किल था.
अंकल को मम्मी की चूत सख्त महसूस हो रही थी.
तब अंकल ने मम्मी की दोनों टांगों को अपनी कमर पर ले लिया और दूसरा झटका भी दे मारा.
मम्मी की चीख निकल गई- उउउई माँ … उई माँ … आह आह उफ्फ … मेरी चूत … फट रही है … बहुत दर्द हो रहा है, नरेश छोड़ दे ना!
मम्मी नई दुल्हन की तरह चिल्ला रही थीं, जैसे उनकी सील टूटी हो- आह उई माँ … नरेश छोड़ दो मुझे. प्लीज मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा!
मम्मी की चीखें इतनी तेज थीं कि बगल के पड़ोसी को भी सुनाई देने लगी थीं.
तभी नरेश अंकल की पत्नी कोमल आंटी भी अन्दर आ गईं.
मैं बाहर खड़ा था.
मैंने जल्दी-जल्दी अपनी पैंट की जिप सही की.
कोमल आंटी ने मुझसे पूछा- क्या हुआ, रवि? तेरी मम्मी चिल्ला रही है? कितनी जोर से चीख रही थी!
अंकल ने कोमल आंटी की आवाज़ सुनते ही मम्मी के मुँह को अपने हाथ से दबोचा और उन्हें कमर से उठाकर फौरन अन्दर के रूम में ले गए.
मम्मी को कमर से उठाकर उन्होंने बेड पर पटका और लंड को मम्मी की चूत में सटाकर रखा, साथ ही बाहर की बातें सुन रहे थे.
कोमल आंटी बोलीं- कितनी जोर से चीख रही है!
मैंने मना किया- नहीं तो, मम्मी जी तो बाथरूम में नहा रही हैं.
कोमल आंटी ने फिर से कहा- अच्छा, मुझे लगा तेरी मम्मी की आवाज़ है. उनकी आवाज़ में दर्द था, कहीं कुछ हुआ तो नहीं?
मैं चुप रहा.
फिर मैंने कहा- नहीं नहीं, मम्मी मुझे आवाज़ लगा रही थीं. मैं सुन नहीं रहा था, इसलिए उन्होंने जोर से चिल्लाकर आवाज़ दी.
अब आंटी को मेरी बातों पर यकीन हो गया और वे वहां से चली गईं.
अंकल ने मामला समझ कर मम्मी के मुँह को कसकर दबोच रखा था.
मैं अन्दर के रूम में गया और रूम लॉक कर दिया.
मुझे देखकर मेरी मम्मी शॉक्ड हो गईं.
मैंने अपनी मम्मी के सामने अपनी पैंट उतारी.
मेरा गोरा, मोटा, लंबा लंड देखकर मम्मी के होश उड़ गए.
आज मेरा बेटा अपनी मम्मी की चुदाई करने वाला था.
अपने बेटे के सामने पूरी नंगी, आधा लंड चूत में लिए लेटी हुई थीं.
अंकल ने मम्मी के मुँह को कसकर दबोच रखा था.
मैंने कहा- चंदा रानी, इस मौके का इंतज़ार मैं कई दिनों से कर रहा था. आज वह पल आ गया है कि तुझे रंडी बनाकर तेरी चुदाई करूँ.
अंकल ने मेरा इरादा समझा और स्माइल करके माहौल में मेरा वेलकम किया, बोले- रवि, ये शिकार मेरा है. क्यों ना आज थ्रीसम करें और तेरी मम्मी को रंडी बनाएं.
मैंने कहा- जरूर अंकल.
फिर अंकल बोले- रवि बेटा, मैं तेरी मम्मी का जबरदस्त फैन हूँ. जब भी मेरे सामने इसका रसीला बदन, भारी-भरकम बड़े-बड़े चूचे, पिंक कलर की कचौड़ी सी फूली चूत और मोटी गदराई सी गांड हो, तो भला कोई इसको चोदे बिना कैसे रह सकता है.
तभी मेरी मम्मी ने अपनी कमर हिला कर लंड को पेलने की सी गुजारिश की.
तो अंकल हंस कर मेरी मम्मी से बोले- हां मेरी प्यारी सी चंदा … अब मेरा लंड तेरी चूत में जाने के लिए फड़फड़ा रहा है. देख रवि, तेरी मम्मी को जितना चोदो … उतना ही इसको ज्यादा चोदने का मन करता है. ऐसी औरत घर में थी, वह भी सील पैक जैसी. तेरे बाप ने इस चूत को कोरा छोड़ दिया.
मैंने अपने लौड़े को सहलाते हुए जवाब दिया- कोई बात नहीं अंकल, वह काम आज मैं पूरा कर दूँगा.
अंकल बोले- ओके. तो अब तू अपनी मम्मी के मुँह में अपना लंड देकर इसकी आवाजें बंद कर … मैं तेरी माँ की चूत पेलता हूँ.
मैंने अपना लंड निकाला.
मेरा 6 इंच का काफी मोटा है.
सबसे कमाल की बात यह है कि यह गोरा है.
मम्मी मेरे लंड को देख को देखती रह गईं.
मैंने अपनी स्टेप मॅाम के मुँह में अपना लंड भर दिया और उनके सिर को लंड की ओर खींच लिया ताकि वे मेरे लंड को मज़े से चूस सकें.
अंकल ने कहा- साली रांड मचलती बहुत है. जरा ज़ोर से पकड़ ना!
मैंने मम्मी के बालों की चोटी को अपने हाथ में लपेटा ताकि वे हिल ना सकें.
अब वाकयी में वे हिल भी नहीं पा रही थीं.
अंकल ने लंड को चुत में सैट किया और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया.
उनका पूरा लंड मेरी मम्मी की चुत में समा गया.
मम्मी की आंखों से आंसू बहने लगे थे, उन्हें काफ़ी दर्द हो रहा था.
लंड पेल देने के कुछ देर बाद अंकल ने धीरे-धीरे मम्मी की चूचियां मसलीं और चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी.
उन्होंने जोर-जोर से झटके लगाना शुरू कर दिया.
तभी मम्मी ने मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और चिल्लाने लगीं- उई माँ … मैं मर जाऊंगी … आह आह.’
मैंने झट से उनके मुँह को बंद किया और वे कराहती रहीं.
अंकल का लंड काफी लंबा था.
वह मेरी मम्मी की चूत से होता हुआ उनके पेट तक पहुँच रहा था, जो पेट पर साफ नजर आ रहा था.
कुछ देर की चुदाई के बाद अब मम्मी का मचलना थोड़ा शांत हो गया था.
यह देख कर अंकल ने अब और जोर-जोर से लंड पेलना शुरू कर दिया था.
उस वक्त मेरी मम्मी की चुदाई बहुत तेज रफ्तार से हो रही थी.
मैंने उनके मुँह से लंड निकाला.
वे मुझे एक रंडी की तरह नजर आ रही थीं.
मेरी मम्मी मुझे कामुक नजरों से देख रही थीं.
अंकल के लंड से चुदाई में उनकी चूचियां हवा में झूल रही थीं.
मैंने अपनी मम्मी के एक निप्पल को मसलना शुरू किया.
वे मेरी हरकत से मजा लेने लगीं, पर जब मैंने जोर जोर से उनके निप्पल को उमेठना शुरू किया तो वे दर्द से भरी आवाज निकालने लगी थीं.
वे बोलीं- आह धीरे कर न आह … अब मींजता ही रहेगा क्या … चूसेगा नहीं!
यह सुनते ही मैंने मम्मी की चूचियों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मैं उनके एक दूध को मसल रहा था और दूसरे को मींज रहा था.
इससे उन्हें काफी मजा आता महसूस हो रहा था और अच्छा लग रहा था- रवि … आह और जोर से चूस … अपनी मम्मी का दूध निकाल दे … चूस बेटा चूस!
अंकल करीब आधे\ घंटे से मम्मी की चुदाई कर रहे थे.
अब मम्मी की चूत ढीली हो चुकी थी और लौड़े को आसानी से चचोरने लगी थी.
मम्मी अंकल के हर झटके पर मचल रही थीं और मेरा लंड मजे से चूस रही थीं.
मैंने मम्मी के दोनों निप्पलों को पकड़ा और उन्हें मसलने लगा. इस हरकत से मम्मी और भी मस्त हो गईं.
वे अपने हाथों से अपनी चूचियों को मसल रही थीं और पूरे मजे से लौड़े को चूसते हुए मेरे गोटे सहला रही थीं.
मैंने अपने लंड से मम्मी का मुँह पूरा भर रखा था जिससे उनके मुँह से आह आह की आवाज़ तक नहीं निकल रही थी.
फिर अंकल ने मम्मी की चूत से अपना लंड निकाला और मुझे इशारा किया.
मैंने अपना लंड मुँह से निकाला और अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुँह में भर दिया.
फिर उन्होंने मम्मी से कहा- डॉगी बन जा रांड साली.
मम्मी जल्दी से खड़ी होकर डॉगी स्टाइल में आ गईं और अंकल का गीला लंड मज़े से चूसने लगीं.
जल्दी ही मम्मी ने कुतिया बनकर अंकल के लंड का पूरा पानी चाट लिया था.
मम्मी की नंगी गांड देखकर मेरा लंड अब फड़फड़ाने लगा था, उनकी चूत में जाने को मचल रहा था.
मैं मम्मी की गांड की ओर घूमा और उसमें अपनी एक उंगली डाल दी.
वे मुड़कर मुझे देखने लगीं, तभी अंकल ने उनके बाल खींच कर उन्हें अपनी तरफ किया और उनके मुँह को चोदना शुरू कर दिया.
अब मैंने मम्मी की गांड में अपनी दूसरी उंगली डाली, तो वे मचलने लगीं.
वे मुड़ना चाह रही थीं, मगर अंकल ने उनके बाल नोंचकर पकड़ रखे थे, जिससे वे हिल भी नहीं पा रही थीं.
मैंने अपनी दोनों उंगलियां अन्दर-बाहर की, अब वे और मचलने लगी, मगर कुछ कर नहीं सकती थीं क्योंकि उनका मुँह लंड से भरा था.
अंकल मम्मी के मुँह को चोद रहे थे.
मम्मी की गांड से गजब की खुशबू आ रही थी, जो मुझे मदहोश कर रही थी.
मैंने मम्मी की मोटी गांड पर चांटे मारे, तो वे अपनी गांड हिलाकर अपना दर्द जताने लगी थीं.
फिर मैंने जोर से मम्मी के एक चूतड़ पर जोर की चमाट मारी, मम्मी की मीठी आह निकलने को हुई मगर लंड के कारण निकल न सकी.
तभी अंकल ने मुझे बेल्ट दे दी.
मैंने बेल्ट से मम्मी की गांड पर जोर-जोर से चमाट मारना शुरू कर दीं.
अंकल चिल्लाए- बहुत बढ़िया … मार साली कुतिया को … मार और जोर-जोर से मार!
मैंने बेल्ट से लगातार 15-20 बार चमाटें मारी, इससे मेरी मम्मी की गांड अब उछलने लगी थी.
अंकल ने मम्मी के मुँह को अपने हाथों से दबोच लिया था और वे उनकी पीठ पर बैठ से गए थे.
मम्मी की गोरी-गोरी गांड लाल-लाल टमाटर के जैसी हो गई थी. गांड पर बेल्ट के निशान पड़ गए थे.
मैंने मम्मी की गांड के छेद पर थूक लगाया और अपना लंड सटा दिया.
वे इतनी जोर से मचलीं कि खड़ी होने की कोशिश करने लगीं.
तभी अंकल ने उनकी पीठ पर बैठकर उन्हें कंट्रोल किया.
अंकल ने गुस्से में उसकी गांड पर लगातार 5-6 जोरदार झापड़ दे मारे.
अंकल की उंगलियों में अंगूठी थी, जिससे मार और तेज लग रही थी.
फिर अंकल ने मेरी मम्मी की गांड पर तेल लगाया.
तेल से मम्मी की गांड चमक रही थी.
अंकल मम्मी की गांड को थपथपाते हुए बीच-बीच में जोर से झापड़ लगा रहे थे.
ऐसा लग रहा था जैसे अंकल आज मम्मी को बाजारू रंडी बनाकर ही छोड़ेंगे.
मैंने जोर से झटके के साथ आधा लंड मम्मी की गांड में घुसा दिया.
वे जोर से चिल्लाईं- उउउई माँ, मैं मर गई. मेरा बेटा … आह मेरी गांड फाड़ देगा आज … आहह … आआहह रवि थोड़ा धीरे कर बेटा … मैं तेरी मम्मी हूँ.
तभी अंकल ने मम्मी की आधी लटकी ब्रा से खींच कर उन्हें कुछ इस तरह से अपने लौड़े से लगाया कि उनकी चुत में लंड घुस गया.
‘उई माँ… मैं तो मर जाऊंगी छोड़ दो नरेश उई माँ … मैं मर गई!’
वे जोर-जोर से चिल्लाने लगीं.
पोर्न मॅाम फक में वे दर्द के मारे मचल रही थीं और अंकल की पीठ को अपने नाखूनों से नोंचकर खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं.
‘नरेश अपना लंड निकालो … मेरी चुत फट रही है!’ मेरी मम्मी अंकल से दया की भीख माँग रही थीं.
अंकल बड़े बेरहमी से पेल रहे थे.
‘चुप रंडी … आज तुझे बचाने कोई नहीं आएगा. मेरे अन्दर इतने दिनों से जो तूने आग लगाई है, आज उसको तेरी चूत का भोसड़ा करके ही शांत करूँगा!’
अब तक मम्मी संभल चुकी थीं.
अब उन्हें अपना बचाव करना मुश्किल लग रहा था.
अंकल को मम्मी की चूत सख्त होती महसूस हो रही थी.
यह महसूस करते ही अंकल ने मम्मी की दोनों टांगों को अपनी कमर पर लिया और एक तेज झटका दे मारा.
मम्मी की फिर से चीख निकल गई- उई माँ … उई माँ … आह उफ्फ … मेरी चूत … फट रही है … बहुत दर्द हो रहा है नरेश … अआ.’
अंकल और मैं दोनों लोग मम्मी की चुत गांड की मां चोदते रहे.
कुछ देर बाद अंकल का लंड झड़ने को हुआ, उन्होंने चुत से लंड निकाला और मेरी मम्मी के मुँह में दे दिया.
मम्मी ने लपक कर लंड चूसना चालू कर दिया.
अंकल ने वीर्य की पिचकारियां मारना शुरू की, तो मम्मी उनके सारे वीर्य को खाती चली गईं.
यह तो शुरुआत थी.
उसके बाद मम्मी को मैंने और अंकल न जाने कितनी बार चोदा होगा.
रात को मम्मी मेरे साथ ही सोती हैं और मैं उनकी चूत गांड मजे से लेता रहता हूँ.
दोस्तो, यह एक सच्ची सेक्स कहानी है, आपको कैसी लगी पोर्न मॅाम फक स्टोरी … प्लीज जरूर बताएं.
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