सरकारी अधिकारी मैडम की चुत गांड चोदी- 1

लेडी ऑफिसर सेक्सी कहानी हिंदी में पढ़ें कि कैसे एक मैडम ने मुझसे सम्पर्क करके मेरे साथ दोस्ती की. इस दोस्ती का उद्देश्य सेक्स का मजा लेना था.

दोस्तो, मैं सूरज हूँ. आप लोगों ने मेरी पहली देसी सेक्स कहानी
पड़ोसन भाभी को मदमस्त चोदा
को खूब प्यार दिया है.

कुछ पाठकों ने कहने की कोशिश की है कि मैं उन्हें भी चुदाई का मजा दिलवा दूँ … या उनको अपनी सैटिंग का नम्बर दे दूँ.

मैंने उन्हें बताया कि ये सब मेरे और मेरे ऊपर विश्वास करने वालों के बीच की बात है जो मैं किसी को भी नहीं बता सकता हूँ, चाहे जो भी हो जाए.

आज मैं फिर से उसी पहली कहानी से जुड़ी एक सच्ची सेक्सी कहानी हिंदी में लेकर आया हूँ.

हुआ यूं कि मेरी पिछली देसी सेक्स कहानी को पढ़ कर एक औरत ने मुझे मेल किया.
वो महिला लखनऊ में सरकारी नौकरी में एक अच्छी पोस्ट पर कार्यरत है.

मैडम ने पूछा था कि क्या मैंने सच में इतनी सारी लड़कियों के साथ सेक्स किया है.
जवाब में मैंने लिखा- जी हां.

तो उसने बोला- आपको किसी तरह का कोई बीमारी का डर नहीं लगता?
मैंने बोला- मैं पूरी सावधानी से ही काम करता हूँ, तो डर किस बात का. आप मुझसे वो पूछिए, जो जानना चाहती हैं.

वो बोली कि कहीं किसी को पता चल गया तो?
इस पर मैंने कहा- जी नहीं, आप गलत सोच रही हैं … जैसी मेरी इज्जत है, वैसे ही मैं दूसरों की भी इज्जत बनाए रखने की कोशिश करता हूँ. मैं किसी भी सूरत में सामने वाले की गोपनीयता को किसी के भी सामने उजागर नहीं करता हूँ, चाहे जो भी हो जाए.

मेरी बात सुनकर शायद मैडम की हिम्मत बंधी और अब वो बोली- ठीक है, मैं आपको बाद में बताती हूँ.

मैं उनके ‘बाद में बताती हूँ …’ का इन्तजार करने लगा मगर उस वक्त उसने मुझे कुछ भी नहीं लिखा.
मैंने भी पूछने पर ज्यादा जोर नहीं दिया.

फिर 15 दिन बाद उसका एक मेल आया.
उसमें उसने मुझसे पूछा था- तुमने मुझे कोई मेल क्यों नहीं किया?

मैंने बोला- आपने लिखा था कि बताती हूँ, फिर आपका कभी मेल नहीं आया. मुझे लगा कि जब आपको कोई इंटरेस्ट ही नहीं हैं, तो मैं क्यों आपको परेशान करूं.

इस बात से पता नहीं, उसको क्या समझ में आया, वो बोली- तुम सही कह रहे थे, तुम पर विश्वास किया जा सकता है.

ऐसे हमारी बात आगे बढ़ी. फिर दो दिन बाद उसने मेरा नम्बर मांगा तो मैंने दे दिया.

दूसरे दिन मेरे मोबाइल पर फोन आया कि तुमने मेरा नम्बर किसको किसको दे दिया है, कल से दिन रात अलग अलग अनजान नम्बरों से फोन आ रहे हैं.

मैंने पूछा कि आप कौन हो और आपको किससे बात करनी है?
मगर अभी वो अपने बारे में न बता कर मुझसे वही सब बातें बोले जा रही थी.

मुझे गुस्सा आ गया तो मैंने फोन काट दिया.

थोड़ी देर में फिर उसी नम्बर से फोन आया.
मैं फोन उठा कर कुछ बोलने ही वाला था कि उधर से आवाज आई कि तुम दूसरे टेस्ट में भी पास हो गए.

मैं समझ गया कि फोन पर ये वही ईमेल वाली औरत है.

अब उसने मुझे अपना नाम संगीता (बदला हुआ नाम) बताया. हम दोनों ने बातें करना शुरू कर दीं.

संगीता का दिल मुझसे लग गया था तो वो मुझसे रात में काफी देर देर तक बातें करने लगी थी.

चूंकि दिन में तो वो ड्यूटी पर रहती थी, इसलिए उसका फोन रात को ही मेरे पास आता था.

धीरे धीरे हम दोनों ने सेक्स की भी बातें करनी शुरू कर दी थीं.

एक दिन मैंने पूछा- तुम्हारी चूचियों की साइज़ क्या है?
वो बोली- मेरे बहुत बड़े बड़े हैं.

मैंने फिर से पूछा- तुम्हारी गांड!
वो बोली- वो भी बड़ी है.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारे घर में कौन कौन है?
वो बोली- इधर सिर्फ मैं ही रहती हूं और एक नौकरानी है बस!

मैं बोला- तो मैं आ जाऊं तुम्हारी सब चीजों की नाप लेने को?
वो बोली- जब मुझे तुमको बुलाना होगा, तो बुला लूंगी.

इस तरह से हम दोनों एक दूसरे से सेक्स की मजेदार बातें करते और एक दूसरे को गर्म कर देते.

अब तो नहाते वक्त खाते वक्त सोते वक्त, यहां तक कि जब वो बाथरूम में जाती थी, तब भी उसकी सुसु की आवाज भी मेरे कान में आने लगी थी.

एक दिन सुबह ही संगीता का कॉल आया कि तैयारी कर लो और रात की ट्रेन पकड़ कर लखनऊ चले आओ.

मैं सारे दिन लखनऊ जाने की तैयारी करता रहा और पूरा रेडी होकर रात की ट्रेन पकड़ कर 3 बजे सुबह लखनऊ पहुंच गया.

सुबह होने के बाद मैंने उसको फोन किया तो उसने मुझे अपने घर का एड्रेस दे दिया.

मैं उस एड्रेस पर जब पहुंचा तो दंग रह गया.
वो किसी रईस की हवेली थी.

मैंने बाहर से ही फोन किया, तो वो बोली कि दरवाजा खुला है, अन्दर आकर दरवाजे को अन्दर से लॉक कर देना.

मैंने ऐसा ही किया.

जब मैं अन्दर गया, तो एक औरत लाल साड़ी में मेरा इंतज़ार कर रही थी.

उसे देख कर मैं हतप्रभ रह गया.
क्या बताऊं भाई उसके बारे में …

वो एक मस्त गदराई हुई हसीन माल लग रही थी. उसके गीले हुए बिखरे बाल और गोरे गोरे गाल बिजली सी गिरा रहे थे.
उसका चुस्त ब्लाउज उसकी 34 इंच साइज़ की चूचियों को दबोचे हुआ था.
चूचियों के नीचे उसका 30 इंच का गोरा सपाट पेट था और बीचों बीच में गहरी नाभि थी.

मेरी नजरें थोड़ा और नीचे आईं तो उसकी 36 इंच की गांड पर नाभि के नीचे बंधी लाल साड़ी देख कर मेरा मन तो कर रहा था कि इसे अभी के अभी पटक कर इस पर चढ़ जाऊं और शुरू हो जाऊं.
लेकिन मैंने किसी तरह से अपने आपको कंट्रोल कर लिया था … मगर मेरा मादरचोद लंड मानने को राजी नहीं था. साला पूरा टाइट होकर उसको सेल्यूट कर रहा था.

उस मादक माल ने भी ये बात नोटिस कर ली थी.

उसने मेरे करीब आकर मेरे सिर के बालों को सहलाते हुए कहा- आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?

उसका हाथ मेरे बालों को सहला रहा था तो मेरा कलेजा हलक के बाहर आने लगा था.

वो मेरा हाथ पकड़ती हुई बोली- चलो, अन्दर कमरे में चलते हैं.
हम दोनों कमरे में अन्दर चले गए.

उसने मुझे बाथरूम की तरफ इशारा करते हुए कहा- पहले तुम फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं चाय लाती हूँ.

मैं फ्रेश होकर निकला, तब तक चाय रेडी थी.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारी नौकरानी कहां है?
वो बोली कि मैंने उसे दो दिन के लिए उसकी मम्मी के घर भेज दिया है.

मैंने पूछा- और ऑफिस?
वो बोली कि मैंने ऑफिस से भी दो दिन की छुट्टी ले रखी है.

मैंने आंख दबा कर पूछा- क्यों?
वो इठला कर बोली- मैं दो दिन आराम करूंगी.

मैंने धीरे से बोला- मैं आराम करने दूंगा तब न!
शायद उसने ये बात सुन ली और हंसती हुई बोली- हां, तभी तो दो दिन की छुट्टी ली है.

इतना कहते ही मैं उठा और उसके पास जाकर बोला- तो चलो फिर मज़े करते हैं.
वो बोली- मैं तो कबसे तैयार बैठी हूँ.

मैंने पूछा- कोई डिस्टर्ब तो नहीं करेगा ना?
उसने बोला- किसी को पता ही नहीं है कि मैं अन्दर हूँ. सबको पता है कि मैं ड्यूटी पर गई हूँ.

मैंने ‘वाह वाह …’ करते हुए उसको कसके जकड़ लिया और उसकी गोरी गोरी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ ऐसे खींचा कि वो पूरी मेरे ही ऊपर आ कर गिर गयी.
मैं उसके अंगों को सहलाने लगा, उसकी नंगी पीठ से होते हुए कमर तक … और गांड तक हाथ फेरा.

फिर मैंने अपना हाथ उसके पीछे से साड़ी के अन्दर डाल कर उसके ठोस चूतड़ों को कसके दबा दिया.

ऐसा करते ही उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और मस्ती से चूसने लगी.
मैंने भी उसका साथ दिया.

लगभग 20 मिनट की किसिंग के बाद वो बोली- मेरे बेडरूम में चलो न!

मैंने उसको अपनी गोद में ऐसे उठाया कि उसकी चूचियां मेरे होंठों से टकरा रही थीं.
ब्लाउज के ऊपर से ही मैंने उसकी चूचियों को चाटना शुरू कर दिया.

उसके शानदार बेडरूम में जाते ही ऐसा लगा, जैसे कोई हिल स्टेशन वाली ठंडी जगह पर पहुंच गए हों.
मगर कमरे के अन्दर की ठंडी हवा हम दोनों के गर्म हो चुके जिस्मों को मानो जला रही थी.

मैंने जैसे ही उसे बेड पर लिटाया, उसने हाथ बढ़ा कर बटन दबा दिया जिससे बड़ी लाइट बंद हो गई और कमरे की लाइट हल्की लाल रंग की ऑन हो गयी.
मतलब अब सब कुछ लाल लाल ही दिख रहा था.

मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके सारे बदन को चूमने लगा. उसकी गर्दन को चूमा, उसकी चूचियों को अपनी ठोड़ी से रगड़ते हुए चूमा.
फिर पेट को और उसकी नाभि को अपनी जीभ से कुरेदने लगा.
उसकी नाभि से मस्त सुगंध आ रही थी तो मेरा मन उसकी नाभि को खा जाने का कर रहा था.

मैं नीचे आया और उसके पैरों से धीरे धीरे साड़ी को ऊपर हटाने लगा.
उसकी संगमरमर सी टांगों को सहलाना शुरू किया तो वो सिहरने लगी और उसका बदन कंपकंपाने लगा.

जब मैंने उसकी साड़ी को और ऊपर उठाया तो उसने शर्म से अपने पल्लू से अपना मुँह ढक लिया.

मैंने उसकी चिकनी जांघों को खूब चूमा और वो भी अपनी जांघों के बीच में मुझे दबा कर मजा लेने लगी.

फिर मैंने ऊपर आकर उसे किस किया और धीरे धीरे उसका लाल ब्लाउज खोला, तो देखा कि उसने अन्दर भी लाल रंग की ब्रा ही पहनी हुई थी.
मैंने ब्रा के ऊपर से ही पूरी ताकत से उसकी दोनों चूचियों को खूब मसला.

वो मीठी आह भरती हुई बोली- उन्ह … थोड़ा प्यार से मसलो न … मेरी चूचियां तुम्हारे प्यार की भूखी हैं. इन्हें चूम कर भी प्यार करो न!

मैंने उसकी नशीली आंखों में झांकते हुए उसकी ब्रा को खोल कर एक तरफ रख दिया.
फिर जैसे ही दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा, वो मादक आवाज में सिसियाने लगी.

जब मैंने एक थन को चूसना शुरू किया तो वो और तेज़ी से सिसकारी लेने लगी.
उसकी आवाज तेज आ रही थीं मगर वहां पर उसकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं था.

उसकी इन गर्म आवाजों को सुन कर मैं और भी जोश में आ गया और झट से उसकी साड़ी को उसके जिस्म से अलग कर दिया.

उसने भी मुझे कसके पकड़ लिया और बोली- मैं भी तुम्हारे शरीर से खेलना चाहती हूं.

मैंने उसका एक दूध मसलते हुए कहा- बेशक खेलो जान!

वो उठी और उसने अपना पेटीकोट उतार दिया. फिर मेरी शर्ट और पैन्ट और मेरी गंजी तक उतार दी.

उसने मुझे धक्का देते हुए लिटा दिया और मेरे बदन से लिपट कर मुझे चूमने और काटने लगी.
उसी पल उसने झट से मेरी अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को मसला और उसे बाहर निकाल कर खूब अच्छे से चूसने लगी.

दोस्तो, इस सरकारी महिला अधिकारी की सेक्स कहानी को अगले भाग में पूरा लिखूँगा.
मैंने न केवल उसकी चुत चोदी बल्कि गांड भी खोल दी.

कहानी का अगला भाग आपको अपने लंड चुत को झाड़ने के लिए मजबूर कर देगा.
बस अब आप जल्दी से मुझे इस सेक्सी कहानी हिंदी में मेल लिख दें.

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