मॅाम Xxx हिंदी चुदाई कहानी में मैं PG में रहकर पढ़ रहा था। मेरी मॉम और मकान मालिक की फोन पर बात होने लगी। लेकिन जब मुझे पता लगा, बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी।
दोस्तो, मेरा नाम मनीष यादव है।
मेरे घर में मेरी मम्मी और बहन भी हैं।
मेरे पिताजी अक्सर काम से बाहर ही रहते हैं।
मम्मी घर में ही रहती है और घर संभालती है।
वे नौकरी वगैरह करने बाहर नहीं जाती है।
अभी मैं पटना में रहकर पढ़ाई कर रहा हूं।
मैं एक लॉज में रहता हूं.
आज मैं आपको एक खास सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूं.
अपनी मॅाम Xxx हिंदी चुदाई कहानी मैंने किसी को अब तक नहीं बताई है।
मेरी मम्मी की उम्र 42 साल है और नाम अनीता है। मॉम काफी गोरी, और लम्बी है।
उनका शरीर काफी भरा हुआ और मांसल है।
उनकी चूचियों और गांड का उभार देखकर कोई भी पागल हो सकता है।
उनके इसी बदन के कारण एक दिन मैंने कुछ ऐसा नजारा देखा जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
जैसा कि मैंने बताया कि मैं एक लॉज में रहता हूं।
लेकिन यह बात तब की है जब मैं इससे पहले वाले लॉज में रहता था, अब मैंने कमरा बदल लिया है।
तो मेरे कमरे का मालिक एक 60 साल का बुड्ढा था। वो दूसरे समुदाय से था।
उसे सब शाह जी कहते थे.
उम्र भले ही 60 की हो लेकिन शरीर से अभी भी अच्छा था और बूढ़ा नहीं दिखता था।
वह मेरे बगल वाले रूम में ही रहता था।
ऊपर वाले फ्लोर पर और लड़के रह रहे थे।
मॉम मेरा बहुत ख्याल रखती थी और दिन में दो बार तो फोन आ ही जाता था।
एक दिन मैं गुस्से में था और मैंने मॉम को भी सुना दिया कि मुझे बार-बार फोन करके परेशान न किया करे।
फिर बाद में जब शांत हुआ तो मॉम को सॉरी बोला।
मॉम बोली- कोई बात नहीं बेटा, लेकिन मुझे तेरी फिक्र रहती है, मगर मैं अब तुझे परेशान नहीं करूंगी।
मैंने कहा- कोई बात नहीं मॉम, आप मेरे मकान मालिक का नम्बर ले लो, अगर कुछ पूछना है और मैं फोन न उठाऊं तो उनसे पूछ लिया करो, वो पास वाले रूम में ही रहते हैं।
अब कुछ जरूरी काम होता तो मॉम मकान मालिक के पास फोन कर लेती थी।
एक रात की बात है जब मैं खाना बना रहा था।
मकान मालिक आया और फोन देकर बोला- तुम्हारी मम्मी का फोन है, बात कर लो।
मैं मॉम से बात करने लगा।
मॉम काफी खुश लग रही थी।
मुझे भी अच्छा लगा मॉम की ये खुशी देखकर।
लेकिन जब मैंने कॉल का टाइम देखा तो यह कॉल एक घंटे से ऊपर जा चुकी थी।
मैं तो सन्न रह गया! सोच में पड़ गया कि चक्कर क्या है?
फिर मैं कॉल काटने के बाद चेक करने लगा।
फोन में कॉल रिकॉर्डिंग ऑन था।
यानि कॉल रिकॉर्ड भी हुई होंगी।
मकान मालिक को फोन चलाने का ज्यादा ज्ञान नहीं था।
मुझे पता था कि उसको सिर्फ कॉल करना आता है और गूगल पर पोर्न वीडियो देखना आता है, क्योंकि मैं अक्सर उसका फोन चेक कर लिया करता था।
मैं सारे कॉल डिटेल देखने लगा।
मॉम और मकान मालिक घंटों एक दूसरे से बातें करते थे।
मुझे अब गलती का अहसास हुआ कि मैंने गलत इंसान का नम्बर मॉम को दे दिया।
मकान मालिक ने मेरी मॉम को पटा लिया था।
मैं उनकी रिकॉर्डिंग के कुछ अंश यहां पर आपको बता रहा हूं।
मॉम- हैलो।
शाह जी- हां, कौन?
मॉम- मैं मनीष की मम्मी बोल रही हूं, मनीष से बात करा देंगे क्या?
शाह जी- हां, क्यों नहीं! लेकिन आपका स्वीट नाम क्या है?
मॉम- जी?
शाह जी- वो मैं कह रहा था मनीष तो अभी पढ़ने गया है जी!
मॉम- आप मनीष के मकान मालिक हो न?
शाह जी- हां, वैसे आपकी आवाज बहुत प्यारी है!
मॉम- हम्म … और आप मुझे बहुत चालू किस्म के इंसान लग रहे हो।
शाह जी- अजी क्या करें, अकेले बैठे बैठे मन भी तो नहीं लगता अब!
मॉम- हां, बात तो आपकी भी ठीक है, मैं भी बोर हो जाती हूं घर में अकेली।
शाह जी- अच्छा, तो मैं आपकी बोरियत दूर कर दूं क्या?
मॉम- जी?
शाह जी- आपका नाम क्या है जी?
मॉम- अनीता!
शाह जी- बहुत प्यारा नाम है, आपकी तो ‘वो’ (चूत) भी बहुत प्यारी होगी!
मॉम- वो? वो क्या …
शाह जी- हां मतलब आपकी मुस्कान … आपकी मुस्कान भी बहुत प्यारी होगी।
मॉम- आप तो मुझे बदमाश लग रहे हो।
शाह जी- नहीं जी, ऐसा कुछ नहीं, आप चाहें तो कभी आकर देख लें, आइए कभी पटना, आपके सारे वहम दूर हो जाएंगे। बहुत ख्याल रखता हूं मैं आपके बेटे का! आप आकर देखें एक बार।
मॉम- हम्म … आऊंगी एक दिन!
तो दोस्तो, यह उनकी पहली रिकॉर्डिंग थी।
अब कुछ दिन बाद इनके वीडियो कॉल भी होने लगे थे।
आगे की बात भी आपको बताता हूं जो इनके बीच हुई, और जब मुझे पता चला कि बता कहां तक बढ़ चुकी थी।
शाह जी- हैलो अनीता जी, कैसे हो आप?
मॉम- जी बस, आपकी दुआ से अच्छी हूं।
शाह जी- अच्छा जी। मैंने तो दुआ में आपको मांगा था, आप तो नहीं आए मिलने!
मॉम- मुझसे मिलकर क्या करोगे आप?
शाह जी- वही, जो सब करते हैं।
मॉम- सब क्या करते हैं?
शाह जी- एक दूसरे को बांहों में भरते हैं, किस करते हैं, और फिर आगे भी बहुत कुछ करते हैं।
मॉम- धत्त, आप तो बहुत बदमाश हो।
शाह जी- आप कभी पटना आओ, मैं आपको चिड़ियाघर घुमाकर लाऊंगा।
मॉम- वहां क्या है, शेर, बाघ तो मैं बहुत देख चुकी हूं।
शाह जी- लेकिन ये शेर नहीं देखा होगा आपने, एक मौका इस शेर को भी दो, आप जैसी शेरनी की खातिरदारी करने का!
मॉम- हम्म, ठीक है, देखती हूं कभी।
शाह जी- हां, चलिए कभी मेरे साथ। आपको पेड के पीछे ले जाऊंगा, जहां पर असली चिड़िया दिखाऊंगा।
मॉम- छी, वहां तो आजकल के बच्चे बहुत गंदी-गंदी चीजें करते हैं।
शाह जी- क्यों आपका मन नहीं करता क्या कुछ ऐसा करने का?
मॉम- हम्म …
शाह जी- तो कभी आइए, आपको खुश कर दूंगा।
मॉम- अच्छा जी, ठीक है तो कल आ रही हूं बेटे के रूम पर!
शाह जी- सच! फिर तो मजा आ जाएगा। दोपहर में मनीष लाइब्रेरी में चला जाता है, पूरा दिन वहीं रहता है, तो हम खूब एक दूसरे के साथ टाइम बिताएंगे।
मॉम- पागल हो गए हो क्या आप … बहुत बेशर्म हो … अब फोन मेरे बेटे को दो, चलो!
शाह जी- ओके जानू।
तो दोस्तो, सही समय पर मुझे पता चल गया कि अगले दिन मॉम मेरे पास रूम पर आने वाली थी। तो अगले दिन जब मैं पढ़ाई करके वापस रूम पर लौटा तो मॉम मकान मालिक के रूम पर पहुंची हुई थी।
मैंने मॉम को गौर से देखा।
वे बहुत सेक्सी लग रही थी।
मुझे देखते ही मॉम बोली- आ गया तू, आ जा। तेरे मकान मालिक तो बहुत अच्छे हैं, खुद ही मुझे स्टेशन से यहां तक लेकर आए हैं, कोई परेशानी नहीं होने दी।
मुझे उस बुड्ढे की हरकत पर बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने मॉम को कुछ नहीं जाहिर किया।
मॉम ने उस दिन काली साड़ी पहनी थी और वो भी नाभि के नीचे बांधी हुई थी।
उनकी गहरी नाभि साफ चमक रही थी।
मॉम की यह तैयारी देखकर मुझे लगने लगा था कि आज मकान मालिक मॉम की जरूर लेगा।
मुझे बुरा लग रहा था क्योंकि लॉज के दूसरे लड़के भी मॉम को घूरकर जा रहे थे क्योंकि उनको शायद ये नहीं पता था कि वो मेरी ही मम्मी है।
फिर वो बोली- ठीक है, तुम अपने रूम में आराम कर लो, मैं यहीं पर आराम कर लेती हूं। तेरे मकान मालिक ने स्पेशल यह जगह मुझे दी है ठहरने के लिए ताकि तुझे पढ़ाई में परेशानी न आए।
मैंने अपने रूम में आने लगा तो मकान के एक दूसरे लड़के ने मुझे आकर कहा- आ जा, तुझे कुछ नजारा दिखाते हैं।
मैं समझ नहीं पाया उसकी बात ये लोग क्या कर रहे थे ऊपर!
फिर जब मैं गया तो देखकर दंग रह गया।
उन्होंने मकान मालिक के रूम में कैमरे फिट किए हुए थे और लैपटॉप पर सारा नजारा देख रहे थे।
मॉम आराम से लेटी हुई थी।
मैंने पूछा- ये कैमरा कैसे लगा दिया?
वो बोले- मकान मालिक का एसी ठीक करने गए थे। उसी में फिट कर दिया।
मुझे तो उनकी बातों पर यकीन ही नहीं हुआ।
अब वो बुड्ढा आया और मॉम के बगल में लेट गया।
मॉम बोली- ये आप क्या कर रहे हैं?
शाह जी- अरे अनीता जी … आप तो जानकर भी अनजान बन रही हैं, आपको तो पता ही है मैं आपको कितना पसंद करता हूं। बस दे दो आज … मेरी जान … मना मत करो। चिड़ियाघर में भी तो लड़का-लड़की को चुदाई करते देख चुकी हैं आप, आपका मन नहीं करता हम भी कुछ ऐसा ही करें!
मॉम- धत्त, बदमाश हो आप!
इधर रूम में सारे लड़के मेरी मॉम को देख अपना लंड सहलाने लगे।
एक ने कहा- क्या माल है!
मुझे बहुत बुरा लग रहा था और गुस्सा भी आ रहा था लेकिन मैं किसी को यह भी नहीं बता सकता था कि यह मेरी ही मॉम है।
वे दोनों किस करने लगे.
मकान मालिक ने मॉम की साड़ी को खोल दिया और मॉम के बदन को चूमने लगा।
फिर उसने मॅाम का पेटीकोट और ब्लाउज भी उतार दिया और चूचियों को जोर जोर से पीने लगा।
धीरे-धीरे यह नजारा अब मुझे भी गर्म कर रहा था।
अब शाह जी ने मम्मी की नाभि में जीभ डाल दी और चूसने लगा।
मॉम का चेहरा एकदम से वासना से भर गया; वे गर्म होने लगी।
शाह जी ने अब अपने कपड़े भी उतार फेंके।
उसका बड़ा सा लंड अब मॉम के सामने था।
वह आगे आकर मॉम के होंठों पर लंड को रगड़ने लगा।
मॉम भी उसके जिस्म पर हाथ फिरा रही थी।
बुड्ढे ने बदन काफी मेंटेन किया हुआ था अभी।
मॉम को उसकी मर्दानगी पसंद आ रही थी।
फिर उसने लंड को मॉम के मुंह में दे दिया और वे चूसने लगी।
शाह जी अब जोर जोर से मुंह को चोदने लगा।
वह मॉम के सिर को पकड़ कर धक्के लगा रहा था।
शाह जी के मुंह से आह्ह … आह्ह करके आवाजें आ रही थीं और उसे लंड चुसवाने में बड़ा मजा रहा था।
कुछ देर तक चुसवाने के बाद उसने लंड निकाल दिया और मॉम को सीधी लेटा लिया।
फिर उसने मॉम की पैंटी उतारी और टांगों से बाहर कर दी।
पीठ के बल लेटा कर उसने मॉम की दोनों टांगें अपने कंधों पर रखवा लीं।
मॉम की क्लीन, गोरी चूत देखकर सभी लड़के पागल हो रहे थे और सब तेजी से मुठ मारने लगे।
अब शाह जी ने मॉम की चूत पर थूका और लंड से रगड़ने लगा।
मॉम की आह्ह … करके सिसकारी निकल गई।
लगता था कि मॉम को भी लंड लेने की बहुत प्यास थी।
फिर एक-दो मिनट रगड़ने के बाद वो मॉम की चूत पर मुंह लगाकर चूत को जीभ से चाटने लगा।
मॉम पागल सी हो गई और मकान मालिक के सिर को चूत पर दबाने लगी।
कुछ मिनट चूत चाटने के बाद उसने एक बार फिर से अपने लंड को मॉम की चूत पर रख दिया।
इससे पहले मॉम कुछ सोच पाती शाह जी ने धक्का देकर मॉम की चूत में लंड घुसा दिया।
चूत गीली होने के कारण लंड सट् से फिसल कर अंदर समा गया।
धक्के के साथ ही मॉम के मुंह से दर्द भरी आह्ह … निकल गई।
मेरा मकान मालिक अब मॉम की चुदाई करने लगा।
दोनों को ही मजा आने लगा और दोनों के मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।
फिर वह बीच में ही मॉम के बूब्स को चूसने लगा।
वह मॉम के निप्पलों को दांतों से काट रहा था जिससे मॉम जोर से सिसकार जाती थी।
मेरी मॉम की चुदाई का नजारा लैपटॉप पर देखते हुए रूम के सारे लड़के अपना लौड़ा हिला रहे थे जिनमें मैं भी शामिल था।
अब एकदम से वो हुआ जो मैंने कभी नहीं सोचा था।
एक लड़के ने मेरी गांड को हाथों से पकड़ कर अपना लंड उसमें दबा दिया।
मैं गुस्से में आ गया और वहां से जाने लगा।
लेकिन उन लोगों ने मुझे रोक लिया।
अब देखा कि मॉम शाह जी के लंड को चूत से बाहर निकाल रही थी लेकिन शाह जी रुक नहीं रहा था।
वह लगातार मॉम की चूत को पेले जा रहा था।
उसने फिर दूसरी पोजीशन बदली और मॉम की चुदाई करने लगा।
चोदते हुए मॉम को गालियां भी दे रहा था- आह्ह अनीता … रंडी … आह्ह क्या चूत है तेरी … आह्ह चुद साली … आह्ह मजा आ रहा है ना तुझे चुदने में!
मॉम भी बस लंड के मजे लिए जा रही थी और कुछ नहीं बोल रही थी।
ऐसे ही लगभग आधे घंटे तक उसने मॉम को चोदा।
फिर दोनों थक कर लेट गए।
लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं हुई।
कुछ देर बाद वे दोनों फिर शुरू हो गए।
उस दिन मॉम कई बार चुदी।
सब लड़कों ने मेरी मॅाम Xxx हिंदी चुदाई की फिल्म पूरी देखी।
लेकिन उनको मैंने ये पता नहीं चलने दिया कि वो मेरी मॉम है।
इससे पहले कि उनको पता चलता, मैंने अपना रूम वहां से बदल लिया।
लेकिन वो बुड्ढा मकान मालिक आज भी मेरी मम्मी की चुदाई करता है।
वह उसे कहीं-कहीं बुलाता रहता है बाहर, और फिर जमकर चुदाई करता है।
अब तो मॉम की चुदाई देख देखकर मेरा भी मन मॉम को चोदने का करने लगा है।
मैं क्या करूं दोस्तो, आप ही बताओ।
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